Forex Reserve: विदेशी निवेशकों की बिकवाली के चलते 3 हफ्ते में 11 अरब डॉलर घटा विदेशी मुद्रा भंडार

Foreign Exchange Reserves:विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आई है. इन तीन हफ्तों में विदेशी मुद्रा भंडार 10.785 बिलियन डॉलर घटकर 601.363 से 590.588 अरब डॉलर रह गया है.

By: ABP Live | Updated at : 24 Jun 2022 08:07 PM (IST)

Foreign Exchange Reserves: विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves) में गिरावट का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. वैश्विक कारणों ( Global Factors) के चलते भारतीय शेयर बाजार ( Indian Stock Market) में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की बिकवाली के चलते 17 जून को खत्म हुए हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves) में 5.87 अरब डॉलर की कमी आई है. ये लगातार तीसरा हफ्ता है जब विदेशी मुद्रा भंडार घटा है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने आंकड़े जारी कर इस बारे में जानकारी दी है. 3 सितंबर 2021 को भारत ने सबसे ज्यादा 642.45 अरब डॉलर विदेशी मुद्रा भंडार देखा था.

बीते तीन हफ्ते में विदेशी निवेशकों की बिकवाली के चलते विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आई है. इन तीन हफ्तों में विदेशी मुद्रा भंडार 10.785 बिलियन डॉलर घटकर 601.363 से 590.588 अरब डॉलर रह गया है. जानकारों के मुताबिक 2022-23 के अंत तक ग्लोबल कारणों के विदेशी निवेशकों द्वारा अपना निवेश वापस लेने के चलते विदेशी मुद्रा भंडार 565 अरब डॉलर रहने का अनुमान है. साल 2022 में 22 जून तक विदेशी निवेशकों ने 28.5 अरब डॉलर का निवेश भारत से वापस निकाल लिया है. अक्टूबर 2021 के बाद विदेशी मुद्रा भंडार में 40 अरब डॉलर की कमी आई है.

विदेशी पोर्टपोलियो निवेशकों के बिकवाली के चलते तो विदेशी मुद्रा भंडार घटा ही है साथ ही माना जा रहा है कि डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी को रेकने के लिए आरबीआई ने डॉलर बेचा है जिसके चलते विदेशी मुद्रा भंडार घटा है. एक डॉलर के मुकाबले रुपया फिलहाल 78.34 रुपये पर ट्रेड कर रहा है.

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Published at : 24 Jun 2022 08:07 PM (IST) Tags: RBI FPI foreign exchange reserves Foreign Portfolio investors हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine विदेशी मुद्रा निवेश विश्वास से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा बढ़ता विदेशी मुद्रा भंडार, जानें इसके 5 फायदे

देश का विदेशी मुद्रा भंडार 3.074 अरब डॉलर बढ़कर 608.081 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। इसके साथ ही भारत ने रूस को पीछे छोड़ते हुए विदेशी मुद्रा रखने वाले दुनिया के देशों में चौथे स्थान पर.

भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा बढ़ता विदेशी मुद्रा भंडार, जानें इसके 5 फायदे

देश का विदेशी मुद्रा भंडार 3.074 अरब डॉलर बढ़कर 608.081 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। इसके साथ ही भारत ने रूस को पीछे छोड़ते हुए विदेशी मुद्रा निवेश विश्वास विदेशी मुद्रा रखने वाले दुनिया के देशों में चौथे स्थान पर पहुंच गया है। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) और निजी निवेशकों द्वारा शेयर बाजार में रिकॉर्ड निवेश से विदेशी मुद्रा भंडार में उछाल आया है। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि यह सुस्‍त पड़ी भारतीय इकोनॉमी के लिए राहत की खबर है। आइए जानते हैं मुद्रा भंडार बढ़ने के मायने।

विदेशी मुद्रा भंडार के पांच बड़े फायदे

1. विदेशी मुद्रा भंडार का बढ़ना किसी देश की अर्थव्यवस्था में मजबूती का संकेते होता है। साल 1991 में देश को सिर्फ 40 करोड़ डॉलर जुटाने के लिए 47 टन सोना इंग्लैंड के पास गिरवी रखना पड़ा था। लेकिन मौजूदा स्तर पर, भारत के पास एक वर्ष से अधिक के आयात को कवर करने के लिए पर्याप्त मुद्रा भंडार है। यानी इससे एक साल से अधिक के आयात खर्च का बोझ उठाया जा सकता है।

2. बड़ा विदेशी मुद्रा रखने वाला देश विदेशी व्यापार को आकर्षित करता है और व्यापारिक साझेदारों का विश्वास अर्जित करता है। इससे वैश्विक निवेशक देश में और अधिक निवेश के लिए प्रोत्साहित हो सकते हैं।

3. सरकार जरूरी सैन्य सामान की तत्काल खरीदी का निर्णय भी ले सकती है क्योंकि भुगतान के लिए पर्याप्त विदेशी मुद्रा उपलब्ध है। इसके साथ कच्चा तेल, दूसरी जरूरी सामान की आयत में बढ़ा नहीं आती है।

4. अतिरिक्त विदेशी मुद्रा बाजार में अस्थिरता को कम करने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार प्रभावी भूमिका निभा सकता है।

5. विदेशी मुद्रा बढ़ने से आम लोगों को भी फायदा मिलता है। इससे सरकारी योजनाओं में खर्च करने के लिए विदेशी मुद्रा निवेश विश्वास पैसा मिलता है।

विदेशी मुद्रा भंडार का घटक

देशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा घटक विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति, बॉन्ड, बैंक जमा, सोना और वित्तीय एसेट होते हैं। भारत के मुद्रा भंडार में विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति 563.46 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। इसक साथ ही स्वर्ण भंडार बढ़कर 38.10 अरब डॉलर का हो गया। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास आरक्षित निधि 5.01 अरब डॉलर पर पहुंच गई है। इसके चलिते विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड 608.081 अरब डॉलर पर पहुंच गया है।

इस तरह बढ़ा मुद्रा भंडार

साल 1991 में भारत का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 1.2 अरब डॉलर था जो बीते 20 साल में बढ़कर 604.80 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। भारत का मौजूदा विदेशी मुद्रा भंडार देश के 15 महीने के आयात बिल को संभालने का मद्दा रखता है। लगातार बढ़ता विदेशी मुद्रा भंडार देश की मजबूत होती स्थिति का इशारा कर रहा है। वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि आगे भी यह रफ्तार बने रहने की उम्मीद है।

विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति

विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (१९९९) अथवा संक्षेप में फेमा पूर्व में विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम (फेरा) के प्रतिस्थापन के रूप में शुरू किया गया है । फेमा ०१ जून, २००० को अस्तित्व में आया । विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (१९९९) का मुख्य उद्देश्य बाहरी व्यापार तथा भुगतान को सरल बनाने के उद्देश्य तथा भारत में विदेशी मुद्रा बाजार के क्रमिक विकास तथा रखरखाव के संवर्धन के लिए विदेशी मुद्रा से संबंधित कानून को समेकित तथा संशोधन करना है । फेमा भारत के सभी भागों के लिए लागू है । यह अधिनियम भारत के बाहर की स्वामित्व वाली अथवा भारत के निवासी व्यक्ति के नियंत्रण वाली सभी शाखाओं, कार्यालयों तथा एजेन्सियों के लिए लागू है ।. और अधिक

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