Put Option- पुट ऑप्शन

क्या होता है पुट ऑप्शन?
पुट ऑप्शन (Put Option) एक कॉन्ट्रैक्ट ऑप्शन ट्रेड रणनीतियां ऑप्शन ट्रेड रणनीतियां है जो ओनर को एक विशिष्ट समय सीमा के भीतर एक पूर्व निर्धारित कीमत पर किसी अंडरलाइंग सिक्योरिटी की विशिष्ट राशि को बेचने का अधिकार तो देता है, पर दायित्व नहीं देता। यह पूर्व निर्धारित कीमत जिस पर पुट ऑप्शन का बायर बेच सकता है, स्ट्राइक प्राइस कहलाती है। पुट ऑप्शन स्टॉक्स, करेंसी, बॉन्ड, कमोडिटी, फ्यूचर्स और इंडेक्स सहित विभिन्न अंडरलाइंग एसेट ट्रेड होते हैं। पुट ऑप्शन का विपरीत कॉल ऑप्शन हो सकता है जो होल्डर को निर्दिष्ट कीमत पर, ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट की समाप्ति की तारीख को या पहले अंडरलाइंग को खरीदने का अधिकार देता है।

मुख्य बातें
- पुट ऑप्शन, ऑप्शन के धारकों को एक विशिष्ट समय सीमा के भीतर एक पूर्व निर्धारित कीमत पर किसी अंडरलाइंग सिक्योरिटी की विशिष्ट राशि को बेचने का अधिकार तो देता है, पर दायित्व नहीं देता।

- पुट ऑप्शन स्टॉक्स, करेंसी, कमोडिटी, फ्यूचर्स और इंडेक्स सहित एसेट की व्यापक रेंज में उपलब्ध होते हैं।

- पुट ऑप्शन कीमतों पर अंडरलाइंग एसेट की कीमत में बदलाव, ऑप्शन स्ट्राइक प्राइस, समय के नुकसान, ब्याज दरों और अस्थिरता का प्रभाव पड़ता है।

- पुट ऑप्शन की वैल्यू बढ़ती है, जब अंडरलाइंग एसेट की कीमतों में कमी आती है, अंडरलाइंग एसेट की कीमतों में बढ़ोतरी होती है जब ब्याज दरों में गिरावट आती है।

पुट ऑप्शन किस प्रकार काम करता है?
पुट ऑप्शन अधिक मूल्यवान बन जाता है जब अंडरलाइंग एसेट की कीमतों में कमी आती है। इसके विपरीत, पुट ऑप्शन अपनी वैल्यू खो देता है जब अंडरलाइंग एसेट की कीमतों ऑप्शन ट्रेड रणनीतियां में वृद्धि होती है। जब इसका प्रयोग किया जाता है तो पुट ऑप्शन अंडरलाइंग एसेट में एक शॉर्ट पोजिशन उपलब्ध कराते हैं, इसकी वजह से आम तौर पर उनका उपयोग हेजिंग के उद्देश्य से डाउनसाइड प्राइस एक्शन पर स्पेकुलेट करने के लिए किया जाता है। निवेशक पुट ऑप्शन का उपयोग जोखिम-प्रबंधन रणनीति, जिसे प्रोटेक्टिव पुट के नाम से जाना जाता है, में करते हैं। इस रणनीति का उपयोग निवेश बीमा के एक रूप में किया जाता है। इसका उपयोग यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि अंडरलाइंग एसेट में नुकसान विशेष राशि से अधिक न हो।

ऑप्शन ट्रेडिंग में अब मुनाफा होगा ऑटोमैटिक, जानिए क्या हैं ट्रेडिंग एपीआई के फायदे

Trading ऑप्शन ट्रेड रणनीतियां API ऐसे टूल्स होते हैं जो ट्रेडिंग सिस्टम के साथ संपर्क बनाने में आपकी मदद करते हैं और आपके लिए automatic trading सिस्टम तैयार करते हैं। इसके साथ आप अल्गो ट्रेंडिग की दुनिया में कदम रख सकते हैं।

नई दिल्ली, ब्रांड डेस्क। कैसा हो कि आपके सामने ऐसा जरूरी काम आ जाए जिसकी वजह से आप चाहकर भी बाजार पर लगातार नजर नहीं रख पाएं, लेकिन वहीं आपको पूरी उम्मीद भी हो कि इसी समय में बाजार में कमाई का ऐसा मौका भी मिलेगा जिसका इंतजार आपको कई दिनों से था। ऐसे में आप क्या करेंगे. अपना जरूरी काम छोड़ेंगे. या फिर कमाई का मौका, या फिर किसी दूसरे से अपनी रणनीति साझाकर टेंशन में रहेंगे कि वो सही समय पर कदम उठा पाता है या नहीं।

Stock Market Investment: What is Demat Account and Trading Account

यकीन मानिए, आपको इसमें से कुछ करने की जरूरत नहीं है। अपना काम निपटाइए और अपनी रणनीति पर अमल होते देखिए वो भी पूरी तरह से automatic. स्वागत है आपका Trading API की दुनिया में।

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अगर आप बाजार में गंभीरता के साथ काम करते हैं और आपको अपनी रणनीतियों पर भरोसा है तो ये खास सुविधा आपके लिए ही है। 5paisa की मदद से बाजार में गंभीरता से ट्रेड करने वालों के लिए इस automatic रूट का इस्तेमाल अब काफी आसान हो गया है। जो न केवल ये सुनिश्चित करता है कि आपका कमाई का कोई भी मौका न छूटे..साथ ही ऑटोमैटिक तरीके से सौदे निपटा कर ये आपको उसी वक्त अगले ट्रेड के लिए रणनीतियां बनाने और रिसर्च करने का समय भी देता है।

5paisa के ये फीचर्स है ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए खास, देखें वीडियो-

क्या होते हैं ट्रेडिंग एपीआई

Trading API ऐसे टूल्स होते हैं जो ट्रेडिंग सिस्टम के साथ संपर्क बनाने में आपकी मदद करते हैं और आपके लिए automatic trading सिस्टम तैयार करते हैं। इसके साथ आप अल्गो ट्रेंडिग की दुनिया में कदम रख सकते हैं और अपनी manual trading को पूरी तरह से ऑटोमैटिक ट्रेडिंग में बदल सकते हैं। यानी आपको अपनी रणनीति के आधार पर सौदों की शर्तें तय करनी होती है।

API इन शर्तों के आधार पर एंट्री या एग्जिट के लिए मौके का इंतजार करते हैं और ऐसा मौका मिलते ही वो खुद ही सौदे पूरे कर देते हैं, भले ही आप सिस्टम पर बैठे हों या ऑप्शन ट्रेड रणनीतियां न बैठे हों। इसके साथ ही आपको बाजार के रियल टाइम या फिर पिछले आंकड़े लगातार ऑप्शन ट्रेड रणनीतियां मिलते हैं। आप इसके साथ अपने सौदों पर नजर रख सकते हैं और उनकी जानकारी पा ऑप्शन ट्रेड रणनीतियां सकते हैं। अगर आप ट्रेडिंग एपीआई के बारे में और जानकारी पाना चाहते हैं और इसका फायदा उठाना चाहते तो आप 5paisa एप डाउनलोड कर सकते हैं, वहां इससे जुड़ी सभी जानकारियां पा सकते हैं।

क्यों है 5paisa का ट्रेडिंग एपीआई खास?

5paisa का ट्रेडिंग एपीआई आपको कई सुविधाएं देता है और आपको तकनीक की मदद से ऑटोमेटेड ट्रेडिंग की दुनिया का हिस्सा बनाता है, लेकिन इसके लिए आपसे कोई शुल्क नहीं लिया जाता। 5paisa अल्गो ट्रेडिंग के लिए डेवलपर एपीआई का इस्तेमाल मुफ्त है। वहीं 5paisa डेवलपर एपीआई की मदद से बेहद आसानी के साथ आप अपने ऑर्डर बाजार में भेज सकते हैं, बाजार के आंकड़े और रिपोर्ट्स को रियल-टाइम देख सकते हैं।

डेवलपर्स एपीआई अल्गो ट्रे़डिंग सेटअप के लिए आने वाली अधिकांश चुनौतियों को हल करता है। 5paisa के साथ आप अपने ट्रेड को ऑटोमैटिक तरीके से पूरा कर सकते हो जिसमें आप खुद ही exit और entry की शर्ते तय कर सकते हैं। इसकी मदद से आपको पुराने आंकड़े, बाजार की जानकारियां और real-time data मिलता है।

कम जोखिम में ज्यादा फायदा पाने का आसान तरीका है ऑप्शन ट्रेडिंग से निवेश, ले सकते हैं बीमा

यूटिलिटी डेस्क. हेजिंग की सुविधा पाते हुए अगर आप मार्केट में इनवेस्टमेंट करना चाहते हैं तो फ्यूचर ट्रेडिंग के मुकाबले ऑप्शन ट्रेडिंग सही चुनाव होगा। ऑप्शन में ट्रेड करने पर आपको शेयर का पूरा मूल्य दिए बिना शेयर के मूल्य से लाभ उठाने का मौका मिलता है। ऑप्शन में ट्रेड करने पर आप पूर्ण रूप से शेयर खरीदने के लिए आवश्यक पैसों की तुलना में बेहद कम पैसों से स्टॉक के शेयर पर सीमित नियंत्रण पा सकते हैं।

Put Option- पुट ऑप्शन

क्या होता है पुट ऑप्शन?
पुट ऑप्शन (Put Option) एक कॉन्ट्रैक्ट है जो ओनर को एक विशिष्ट समय सीमा के भीतर एक पूर्व निर्धारित कीमत पर किसी अंडरलाइंग सिक्योरिटी की विशिष्ट राशि को बेचने का अधिकार तो देता है, पर दायित्व नहीं देता। यह पूर्व निर्धारित कीमत जिस पर पुट ऑप्शन का बायर बेच सकता है, स्ट्राइक प्राइस कहलाती है। पुट ऑप्शन स्टॉक्स, करेंसी, बॉन्ड, कमोडिटी, फ्यूचर्स और इंडेक्स सहित विभिन्न अंडरलाइंग एसेट ट्रेड होते हैं। पुट ऑप्शन का विपरीत कॉल ऑप्शन हो सकता है जो होल्डर को निर्दिष्ट कीमत पर, ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट की समाप्ति की तारीख को या पहले अंडरलाइंग को खरीदने का अधिकार देता है।

मुख्य बातें
- पुट ऑप्शन, ऑप्शन के धारकों को एक विशिष्ट समय सीमा के भीतर एक पूर्व निर्धारित कीमत पर किसी अंडरलाइंग सिक्योरिटी की विशिष्ट राशि को बेचने का अधिकार तो देता है, पर दायित्व नहीं देता।

- पुट ऑप्शन स्टॉक्स, करेंसी, कमोडिटी, फ्यूचर्स और इंडेक्स सहित एसेट की व्यापक रेंज में उपलब्ध होते हैं।

- पुट ऑप्शन कीमतों पर अंडरलाइंग एसेट की कीमत में बदलाव, ऑप्शन स्ट्राइक प्राइस, समय के नुकसान, ब्याज दरों और अस्थिरता ऑप्शन ट्रेड रणनीतियां का प्रभाव पड़ता है।

- पुट ऑप्शन की वैल्यू बढ़ती है, जब अंडरलाइंग एसेट की कीमतों में कमी आती है, अंडरलाइंग एसेट की कीमतों में बढ़ोतरी होती है जब ब्याज दरों में गिरावट आती है।

पुट ऑप्शन किस प्रकार काम करता है?
पुट ऑप्शन अधिक मूल्यवान बन जाता है जब अंडरलाइंग एसेट की कीमतों में कमी आती है। इसके विपरीत, पुट ऑप्शन अपनी वैल्यू खो ऑप्शन ट्रेड रणनीतियां देता है जब अंडरलाइंग एसेट की कीमतों में वृद्धि होती है। जब इसका प्रयोग किया जाता है तो पुट ऑप्शन अंडरलाइंग एसेट में एक शॉर्ट पोजिशन उपलब्ध कराते हैं, इसकी वजह से आम तौर पर उनका उपयोग हेजिंग के उद्देश्य से डाउनसाइड प्राइस एक्शन पर स्पेकुलेट करने के लिए किया जाता है। निवेशक पुट ऑप्शन का उपयोग जोखिम-प्रबंधन रणनीति, जिसे प्रोटेक्टिव पुट के नाम से जाना जाता है, में करते हैं। इस रणनीति का उपयोग निवेश बीमा के एक रूप में किया जाता है। इसका उपयोग यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि अंडरलाइंग एसेट में नुकसान विशेष राशि से अधिक न हो।

ऐसे जानिए ऑप्शन ट्रेडिंग से जुड़ी हर बात, होगा फायदा

Option Trading

पिछले कुछ सालों में हमने भारतीय डेरिवेटिव्स बाजार में ऑप्शन सेगमेंट की ट्रेडिंग गतिविधियों में तेज वृद्धि देखी है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) फ्यूचर और ऑप्शन (एफ एंड ओ) सेगमेंट में दैनिक कारोबार 4 लाख करोड़ को पार कर गई है और इस इंडेक्स में ऑप्शन का 80% से अधिक योगदान रहा है। यही कारोबार बैंक निफ्टी पर साप्ताहिक और मासिक समाप्ति के दिनों पर 10 लाख करोड़ से अधिक हो गया है। आजकल ऑप्शन सेगमेंट अपनी प्रोफ़ाइल के कारण अधिक लोकप्रिय हो गया है और यह 50 ओवर या टेस्ट सिरीज मैचों की तुलना में आईपीएल या टी-20 मैचों की लोकप्रियता की तरह ही लगता है। इस सेगमेंट में ट्रेडिंग गतिविधियाँ तेजी से बढ़ रही हैं क्योंकि यह सभी प्रकार के बाजार सेंटिमेंट्स का लाभ पाने का अवसर प्रदान करती है चाहे वह बुलिश, बियरिश, रेंज बाउंड या अत्यधिक अस्थिर हो। आइए पहले समझें कि ऑप्शन है क्या जो सभी को अपनी ओर आकर्षित करता है? नकद ऑप्शन ट्रेड रणनीतिऑप्शन ट्रेड रणनीतियां यां बाजार, जहाँ शेयर खरीदे या बेचे जाते हैं, के अलावा एक्सचेंज में एक ऐसा सेगमेंट भी होता है जहाँ इन शेयरों या इंडेक्स के भविष्य और विकल्प खरीदे या बेचे जाते हैं।

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