Bitcoin को करेंसी के रूप में मान्यता देने का कोई प्रस्ताव नहीं: FM निर्मला सीतारमण

केंद्र सरकार ने डिजिटल करेंसी पर कानून बनाने की दिशा में काम शुरू कर दिया है

Cryptocurrency Bill 2021: केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने कहा है कि भारत सरकार पूरे देश में क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (Bitcoin) लेनदेन की संख्या और मात्रा पर डेटा इकट्ठा नहीं करती है। साथ ही यह भी कहा कि भारत में बिटकॉइन को करेंसी के रूप में मान्यता देने का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है।

न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, वित्त मंत्रालय ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में कहा कि भारत सरकार बिटकॉइन लेनदेन पर डेटा एकत्र नहीं करती है। साथ ही कहा कि देश में बिटकॉइन को करेंसी के रूप में मान्यता देने का कोई प्रस्ताव नहीं है।

आपको बात दें कि केंद्र की मोदी सरकार ने डिजिटल करेंसी (Cryptocurrency) पर कानून बनाने की दिशा में काम शुरू कर दिया है।

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संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित विधेयक पेश कर सकती है जिसमें निजी क्या बिटकॉइन का निवेश किया जाना चाहिए क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने तथा आरबीआई द्वारा जारी डिजिटल मुद्रा को विनियमित करने के लिये ढांचा तैयार करने की बात कही गई है।

लोकसभा के बुलेटिन के अनुसार, संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान निचले सदन में पेश किए जाने वाले विधेयकों की सूची में क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल करेंसी विनियमन विधेयक 2021 सूचीबद्ध है। इस विधेयक में भारतीय रिजर्ब बैंक (RBI) द्वारा जारी आधिकारिक डिजिटल करेंसी के सृजन के लिए एक सहायक ढांचा सृजित करने की बात कही गई है।

इस प्रस्तावित विधेयक में भारत में सभी तरह की निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने की बात कही गई है। हालांकि, इसमें कुछ अपवाद भी है, ताकि क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित टेक्नोलॉजी क्या बिटकॉइन का निवेश किया जाना चाहिए एवं इसके उपयोग को प्रोत्साहित किया जाए। भारत में अभी क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग के संबंध में न तो कोई प्रतिबंध है और न ही कोई नियमन की व्यवस्था है।

इस पृष्ठभूमि में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी महीने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी और संकेत दिया था कि इस मुद्दे से निपटने के लिए सख्त विनियमन संबंधी कदम उठाए जाएंगे।

हाल के दिनों में काफी संख्या में ऐसे विज्ञापन आ रहे हैं जिसमें क्रिप्टोकरेंसी में निवेश में काफी फायदे का वादा किया गया और इनमें फिल्मी हस्तियों को भी दिखाया गया। ऐसे में निवेशकों को गुमराह करने वाले वादों को लेकर चिंता व्यक्त की जा रही क्या बिटकॉइन का निवेश किया जाना चाहिए थी।

पिछले सप्ताह वित्त मामलों पर संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष एवं बीजेपी सांसद जयंत सिन्हा ने क्रिप्टो एक्सचेंजों, ब्लाकचेन एवं क्रिप्टो आस्ति परिषद (बीएसीसी) के प्रतिनिधियों क्या बिटकॉइन का निवेश किया जाना चाहिए एवं अन्य लोगों से मुलाकात की थी और इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि क्रिप्टो करेंसी को प्रतिबंधित नहीं किया जाना चाहिए बल्कि इसका नियमन किया जाना चाहिए।

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First Published: Nov 29, 2021 1:28 PM

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Bitcoin पर वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण का बड़ा बयान! कहा- देश में क्रिप्‍टोकरेंसी को नहीं देंगे मुद्रा की मान्‍यता

निर्मला सीतारमण

अगर आप दुनिया की सबसे प्रचलित क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (Cryptocurrency Bitcoin) में निवेश करते हैं तो आपको बड़ा झटका लग स . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : November 29, क्या बिटकॉइन का निवेश किया जाना चाहिए 2021, 15:42 IST

नई दिल्ली. अगर आप दुनिया की सबसे प्रचलित क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (Bitcoin) में निवेश करते हैं तो आपको बड़ा झटका लग सकता है. दरअसल, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने सोमवार को संसद के शीतकालीन सत्र (Parliament Winter Session) के दौरान लोकसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा क्या बिटकॉइन का निवेश किया जाना चाहिए कि बिटकॉइन को भारत में करेंसी के रूप में मान्यता देने का कोई प्रस्ताव नहीं है. साथ ही बताया कि भारत सरकार बिटकॉइन के लेनदेन का कोई डेटा कलेक्ट नहीं करती है.

संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार क्रिप्टोकरेंसी संबंधी विधेयक पेश करेगी
वहीं, संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) से संबंधित विधेयक पेश कर सकती है, जिसमें निजी क्रिप्टोकरेंसी को बैन करने और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की संभावित डिजिटल करेंसी (RBI Digital Currency) को रेगुलेट करने के लिए ढांचा तैयार करने की बात कही गई है. लोकसभा के बुलेटिन के अनुसार, संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान निचले सदन में पेश किए जाने वाले विधेयकों की सूची में क्रिप्टोकरेंसी और आधिकारिक डिजिटल करेंसी रेग्‍युलेशन बिल 2021 लिस्टेड है.

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मोदी सरकार (Modi Government) की ओर से पेश किए जाने वाले इस विधेयक में आरबीआई की संभावित डिजिटल करेंसी के लिए सहायक ढांचा तैयार करने की बात भी कही गई है. प्रस्‍तावित विधेयक में भारत में सभी तरह की प्राइवेट क्रिप्‍टोकरेंसी पर पाबंदी लगाने की बात कही गई है. हालांकि, कुछ मामलों में छूट भी दी जा सकती है ताकि क्रिप्‍टोकरेंसी से जुड़ी टेक्‍नोलॉजी और इसके इस्‍तेमाल को बढ़ावा दिया जा सके.

पीएम मोदी ने क्रिप्‍टोकरेंसी के मुद्दे पर की थी बैठक
क्रिप्टोकरेंसी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने इसी महीने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी. इस बैठक में संकेत दिया गया था कि इस मुद्दे से निपटने के लिए सख्त रेगुलेशन बनाए जाएंगे. हाल के दिनों में काफी ऐसे विज्ञापन आ रहे हैं, जिसमें क्रिप्टोकरेंसी में निवेश में काफी फायदे का वादा किया गया. इनमें फिल्मी हस्तियों को भी दिखाया गया है. ऐसे में निवेशकों को गुमराह करने वाले वादों को लेकर चिंता जताई जा रही थी.

पाबंदी के बजाय रेगुलेट की जानी चाहिए क्रिप्‍टोकरेंसी
पिछले सप्ताह वित्त मामलों पर संसद क्या बिटकॉइन का निवेश किया जाना चाहिए की स्थायी समिति के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद जयंत सिन्हा (Jayant Sinha) ने क्रिप्टो एक्सचेंज, बीएसीसी के प्रतिनिधियों और विशेषज्ञों से मुलाकात की थी. इस मुलाकात के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि क्रिप्टोकरेंसी को बैन नहीं किया जाना चाहिए बल्कि इसे रेगुलेट किया जाना चाहिए. बता दें कि इस समय पर क्रिप्टोकरेंसी को लेकर देश में कोई बिल नहीं है और न ही इस पर बैन लगा हुआ है.

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डिजिटल टोकन को रेगुलेट करने की तैयारी: रिजर्व बैंक ने शुरू की कवायद, क्रिप्टो करेंसी के कारोबार को मिल सकती है मंजूरी

देर-सबेर ही सही, भारत में क्रिप्टो करेंसी को शर्तों और नियमों के साथ मंजूरी मिल सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 2 नवंबर को क्रिप्टो करेंसी कारोबार से जुड़े अहम लोगों के साथ मीटिंग की थी। इसके बाद केंद्र सरकार ने शनिवार को RBI और दूसरी एजेंसियों के साथ इस बारे में बैठक की है।

जानकारी के मुताबिक, RBI ने बहुत ही शॉर्ट नोटिस पर यह बैठक बुलाई थी। 2 नवंबर को बुलाई गई बैठक में RBI के वरिष्ठ अधिकारी, तीन क्रिप्टो एक्सचेंज के अधिकारी, क्रिप्टो ब्रोकर और इंडिया टेक के अधिकारी शामिल हुए। इन सभी ने क्रिप्टो पर एक व्हाइट पेपर तैयार किया था। ऐसा माना जा रहा है कि चीन में भले ही क्रिप्टो पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा है, पर भारत में कुछ नियंत्रण और शर्तों के साथ इसे मंजूरी मिल जाएगी।

KYC फ्रेमवर्क और अवैध लेन-देन की संभावनाओं पर चर्चा
इस मीटिंग में KYC फ्रेमवर्क और अवैध लेन-देन की आशंकाओं पर भी चर्चा हुई। मनी लॉन्ड्रिंग की चिंता के अलावा, यदि क्रिप्टो का वॉल्यूम वक्त के साथ बढ़ता है तो RBI संभावित वित्तीय अस्थिरता के बारे में भी चिंतित है। भारत में करीब 2 करोड़ निवेशकों के पास 4-5 अरब डॉलर के क्रिप्टो के सिक्के रखने का अनुमान है। वैसे अब केवल बिटकॉइन ही नहीं, हजारों क्रिप्टो करेंसी हैं। यदि क्रिप्टो की सप्लाई बढ़ती रहती है, तो कुछ स्तर पर यह मॉनिटरी पॉलिसी के लिए चुनौती भी हो सकती है।

इंडस्ट्री में कई लोग चाहते हैं कि क्रिप्टो करेंसी को सिर्फ भारत में जो एक्सचेंज हैं, उनसे ही खरीदा जाए। बैंकों की तरह इन एक्सचेंज को FDI (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) के लिए 74% तक की अनुमति दी जानी चाहिए। क्रिप्टो की आड़ में फंड के लेन-देन पर भारत के बाहर भी कई रेगुलेटर्स की ओर से आवाज उठाई गई है।

नियम लागू करना आसान नहीं है
एक बैंकर ने कहा कि क्रिप्टो से जुड़े नियम लागू करना आसान नहीं है। इसके लिए हार्डवेयर में सभी क्रिप्टो होल्डिंग्स के डिस्क्लोजर की जरूरत होगी। उन्हीं कारोबार को इजाजत दी जाएगी, जिनकी निगरानी की जा सकती है। इंडस्ट्री यह चाहती है कि क्रिप्टो को करेंट असेट के रूप में क्लासीफाई किया जाए न कि करेंसी के तौर पर, ताकि इसे आसानी से नकदी में बदला जा सके। साथ ही इंडस्ट्री यह भी उम्मीद कर रही क्या बिटकॉइन का निवेश किया जाना चाहिए है कि सरकार और RBI कुछ अन्य मुद्दों पर छाए संशय के बादल साफ करे।

कई सारी बातों पर होगा फोकस

  • इस मुद्दे से जुड़ी अहम बातों में यह है कि क्या इससे हुए फायदे को कैपिटल गेन या बिजनेस इनकम मानकर इस पर टैक्स लगाया जाना चाहिए।
  • क्या विदेशी एक्सचेंज और अन्य सेलर्स से क्रिप्टो खरीद में होने वाली धांधली विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) का उल्लंघन होगा और क्रिप्टो को कौन रेगुलेट करेगा?
  • चूंकि भारत में फाइनेंशियल रेगुलेटर कई हैं, जैसे बीमा के लिए IRDAI, म्यूचुअल फंड और शेयर बाजार के लिए सेबी, बैंकिंग और अन्य पेमेंट के लिए रिजर्व बैंक। इसलिए यह अभी तय नहीं है कि इसे कौन रेगुलेट करेगा।

एक्सचेंज केवल एक प्लेटफॉर्म है
करेंसी से जुड़े एक्सचेंज का कहना है कि वे खरीदार और विक्रेता से मेल कराने के लिए सिर्फ एक मंच हैं। क्रिप्टो की खरीद और सप्लाई नहीं करते हैं। हालिया नियमों के तहत अगर कोई विदेश से सिक्के लाकर अपने देश में बेचता है तो इसका आसानी क्या बिटकॉइन का निवेश किया जाना चाहिए क्या बिटकॉइन का निवेश किया जाना चाहिए से पता लगाना मुमकिन नहीं है।

क्रिप्टो की कीमतों में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव है। उदाहरण के तौर पर पिछले 24 घंटे में हुस्की नामक करेंसी की कीमत 67 हजार प्रतिशत बढ़ी है। इससे इसका मार्केट कैप 1.5 अरब डॉलर हो गया है। इससे पहले SQUID, शिबा और कोकोस्वैप की कीमतें भी इसी तरह से बढ़ी थीं।

शनिवार को प्रधानमंत्री ने की थी मीटिंग
दो दिन पहले ही केंद्र सरकार ने देश में अवैध तरीके से चल रहे सभी क्रिप्टो एक्सचेंज के मसले पर क्या बिटकॉइन का निवेश किया जाना चाहिए मीटिंग की थी। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकियों के लिए टेरर फंडिंग और काला धन जमा करने वालों के लिए मनी लॉन्ड्रिंग का जरिया बने इन क्रिप्टो एक्सचेंज के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए कहा। शनिवार को PM ने इसे लेकर फाइनेंस मंत्रालय, RBI और गृह मंत्रालय के साथ बैठक की। इसमें मोदी ने साफ तौर पर पूछा कि क्रिप्टो करेंसी को रेगुलराइज करने के लिए कौन से कदम उठाए गए हैं।

क्रिप्टो करेंसी के मुद्दे पर हुई समीक्षा
बैठक में क्रिप्टो करेंसी क्या बिटकॉइन का निवेश किया जाना चाहिए और उससे जुड़े सभी मुद्दों की समीक्षा हुई। साफतौर पर यह तय किया गया कि क्रिप्टो करेंसी के नाम पर युवाओं को गुमराह करने वाली अपारदर्शी एडवर्टाइजिंग पर रोक लगाई जाए। बैठक में RBI, फाइनेंस मंत्रालय और गृह मंत्रालय की तरफ से देश-दुनिया के क्रिप्टो एक्सपर्ट्स से ली गई सलाह के बाद सामने आए मुद्दों पर बात की गई।

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने चेतावनी दी थी
दो दिन पहले ही RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने डिजिटल करेंसी को लेकर चेतावनी दी थी। उन्होंने इसे बेहद गंभीर विषय बताया था और जल्द ही कोई बड़ा कदम उठाए जाने की तरफ इशारा किया था। क्रिप्टो करेंसी पर शिकंजा कसने के लिए RBI और शेयर बाजार रेगुलेटर सेबी मिलकर एक फ्रेमवर्क तैयार कर रहे हैं।

3 नवंबर को किया गया था दावा
दरअसल 3 नवंबर को कई संगठनों और क्रिप्टो के कारोबारियों ने मिलकर एक अंग्रेजी समाचार पत्र में दो फुल पेज विज्ञापन दिया था। इसमें यह दावा किया था करोड़ों भारतीयों ने क्रिप्टो में 6 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया है। इसका रेगुलेशन किया जाता है। रेगुलेशन में इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IMAI) और अन्य हैं जो सेल्फ रेगुलेटरी बॉडी हैं।

​​​​​​​एडलवाइस म्यूचुअल फंड की सीईओ राधिका गुप्ता ने कहा कि फाइनेंशियल असेट्स को IMAI नहीं रेगुलेट कर सकता है। उन्होंने कहा कि यह पता नहीं है कि निवेशक बेस और सही साइज इंडस्ट्री की क्या है। अगर यह 6 लाख करोड़ रुपए का निवेश है तो इसे बहुत जल्दी से रेगुलेट किया जाना चाहिेए।

सेटलमेंट गाइड : जानिए, क्रिप्टोकरेंसी क्या है और क्या आपको इसमें निवेश करना चाहिए

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क्रिप्टोकरेंसी का नाम अपने ज़रूर सुना होगा लेकिन हो सकता है इसके बारे में आपको ज़्यादा जानकारी न हो। आज सेटलमेंट गाइड के इस अंश में हम समझेंगे कि आखिर क्रिप्टोकरेंसी है क्या और क्या आपको इसमें निवेश करना चाहिए।

मुख्य बातें :

  • क्रिप्टोकरेंसी बाइनरी कोड से बने डिजिटल टोकन का एक रूप है।
  • क्रिप्टोकरेंसी अनियमित हैं जिसका अर्थ है कि वह किसी भी प्राधिकरण, बैंक या वित्तीय संस्थान द्वारा नियंत्रित नहीं की जाती।
  • कुछ क्रिप्टोकरेंसी के ज़रिए आप न्यूनतम से शून्य लेनदेन शुल्क के साथ एटीएम से पैसे भी निकाल सकते हैं।
  • क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने के लिए स्कैमर्स लोगों को बरगला सकते हैं।

क्रिप्टोकरेंसी की 2000 के दशक में शुरुआत हुई और साइबर स्पेस में अपनी पहचान बनाने वाला पहला सिक्का था बिटकॉइन। कथित तौर पर, इसे सतोशी नाकामोतो ने बनाया था, जो एक व्यक्ति या कोई समूह हो सकता है लेकिन आज तक उसकी पहचान कभी सामने नहीं आई है।

डिजिटल मुद्रा क्रिप्टोग्राफी के सिद्धांत पर काम करती है, जहां डेटा की मदद से कोड द्वारा एक टोकन बनाया जाता है जो एक दूसरे से जुड़े ब्लॉकों में संग्रहीत होता है। इस प्रणाली को ब्लॉकचेन तकनीक के रूप में जाना जाता है।

ब्लॉकचेन तकनीक का आविष्कार 1980 के दशक में हुआ था। यह तकनीक पैसे को ट्रैक करने में कुशल साबित हुई है और इसने क्रिप्टोकरेंसी बाज़ार में काम कर रहे लोगों के बीच विश्वास हासिल कर लिया।

आपको बता दें कि एक क्रिप्टोकरेंसी कोई भी बना सकता है और इस प्रकार की करेंसी हजारों की तादाद में साइबर स्पेस में पाई जा सकती हैं। लेकिन इसमें कुछ सबसे लोकप्रिय हैं जैसे बिटकॉइन, एथेरियम और लिटकोइन।

As an employee in a business you shouldn't be using company computing time to earn cryptocurrency and that may lead to dismissal. Source: Getty Images

इन सिक्कों का उपयोग व्यापार, खरीद, भुगतान प्रणाली और निवेश के लिए किया जाता है।

बिटकॉइन जैसी कुछ क्रिप्टोकरेंसी के ज़रिए आप बहुत कम लेनदेन शुल्क के साथ एटीएम से पैसे भी निकाल सकते हैं

क्रिप्टोकरेंसी के साथ लाभ कमाने की बात आती है तो संभावनाएं अनंत होती हैं।

किसी ऐसे व्यक्ति के लिए जो निवेश में नया है और लाभ कमाने का एक आसान तरीका ढूंढ रहा है, उसे क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना आसान लग सकता है लेकिन बड़े फायदे जोखिम के साथ आते हैं। क्रिप्टोकरेंसी दुनिया भर में अनियंत्रित हैं, जिसका अर्थ है कि

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ब्लॉकचेन तकनीक इस तरह से बनाई गई है कि निवेशक सिक्कों के लेनदेन को विनियमित करने और बदलाव करने के लिए पूरी तरह ज़िम्मेदार हैं और यही क्रिप्टोकरेंसी को अविश्वसनीय बना सकता है। अब क्योंकि क्रिप्टोकरेंसी का कोई नियामक निकाय नहीं है, इसलिए कई निवेशकों ने इसमें घोटालों के कारण बड़ी रकम भी खोई है।

घोटालों और फ़िशिंग घोटालों से धोखा देना आसान है और ऑस्ट्रेलिया की सबसे बड़ी कंपनियों को भी वैध दिखने वाले स्कैमर ने भारी नुक्सान पहुंचाया है। क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने से पहले सावधान रहे और अधिक जानकारी के लिए www.

The blockchain technology was invented in the 1980s and has been proven to be a very reliable method of maintaining data. Source: Getty Images

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क्रिप्टो मार्केट में उथल-पुथल से Elon Musk ने बदला मन!, Tesla ने धड़ल्ले से की Bitcoins की बिक्री

इलेक्ट्रिक कार मैन्यूफैक्चरर ने फरवरी 2021 में इस बात का खुलासा किया था कि उसने Bitcoin में 1.5 अरब डॉलर का निवेश किया है. Tesla के इस खुलासे से दुनिया की सबसे बड़े इलेक्ट्रिक टोकन को काफी मजबूती मिली थी. Tesla ने बुधवार को कहा कि उसके डिजिटल एसेट्स की वैल्यू घटकर 21.8 करोड़ डॉलर पर आ गई.

bitcoin price

Tesla ने बुधवार को कहा कि उसके डिजिटल एसेट्स की वैल्यू घटकर 21.8 करोड़ डॉलर पर आ गई. कंपनी ने साथ ही बताया कि Bitcoin में गिरावट से दूसरी तिमाही में कंपनी की प्रॉफिटेबिलिटी पर भी असर देखने को मिला.

एलन मस्क ने कही ये बात

Tesla के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर एलन मस्क (Elon Musk) ने कंपनी के तिमाही नतीजों को लेकर कॉन्फ्रेंस कॉल पर कहा कि कंपनी ने अपनी कैश पोजिशन को मजबूत करने के लिए बिटकॉइन बेच दिए हैं. बकौल मस्क, कंपनी ने कोविड से जुड़े शटडाउन की वजह से पैदा हुई परिस्थितियों को देखते हुए ये कदम उठाया है. उन्होंने कहा कि बिक्री को 'Bitcoin को लेकर किसी भी तरह के निर्णय के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए.'

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