What is Bitcoin | बिटकॉइन क्या हैं ?
हर देश की अलग अलग मुद्राए होती है जैसे हम भारत में रुपया उपयोग करते है. अमेरिका के लोग डालर को मुद्रा बिटकॉइन की शुरुआत? का रूप देते है. उसी प्रकार Bitcoin भी एक currency यानी की मुद्रा है लेकिन यह देश की मुद्राओ से थोड़ी भिन्न है. इसका वास्तविक कोई रूप नहीं है. इसे छुआ या देखा नहीं जा सकता. ये एक Digital Currency है या हम इसे crypto currency भी कह सकते है.इसका लेनदेन कंप्यूटर नेटवर्क के माध्यम से होता है.
इसका उपयोग ऑनलाइन शोपिंग इत्यादि के लिए किया जा सकता है. इसकी अलग बात यह है की ये मुद्रा किसी विशेष देश के लिए नहीं है बल्कि हर जगह मान्य है इसमें किसी भी सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं है. यहाँ तक की , जिस इंसान ने इस मुद्रा का आविष्कार किया उसकी भी पर्याप्त कोई जानकारी नहीं है जिसे यकीन के साथ कहा जा सके.
बिटकॉइन कैसे काम करता है ..
अगर आप किसी व्यक्ति को रुपया ट्रान्सफर करना चाहते है तो आपके रूपये का हिसाब बैंक रखती है और वही सारे लेन देन करवाती है. लेकिन Bitcoin पर किसी बैंक का नियंत्रण नहीं है. यह बिटकॉइन की शुरुआत? PEER TO PEER NETWORK पर आधारित है. जिसमे आप और दूसरा व्यक्ति डायरेक्ट लेन देंन करता है.
जिस तरह बैंक अकाउंट होता है , उसी तरह Bitcoin के लिए Digital Wallet होता है. बैंक अकाउंट की तरह ही Alphanumeric character में address होता है. जिसका उपयोग करके ही लेन देन सम्भव है.
बिटकॉइन की शुरुआत कैसे हुयी ..
Bitcoin की शुरुआत सातोषी नकामोतो नामक व्यक्ति ने की जो पेशे से Software इंजिनियर है. लेकिन Bitcoin के अविष्कारक के बारे में पुख्ता जानकारी किसी के पास नहीं है. शुरुआत में Bitcoin का उद्देश्य मुद्रा के रूप में चलना नहीं बल्कि ये साबित करना था की पैसे का लेनदेन बिना बैंक के भी किया जा सकता है. जिसके बाद Bitcoin ने एक डिजिटल करेंसी का रूप ले लिया.
बिटकॉइन का महत्त्व व् उद्देश्य ..
Bitcoin किसी भी प्रकार के लेनदेन का सुरक्षित तेज व सस्ता तरीका है. इसका उपयोग एक देश से दुसरे देश में पैसे भेजने में किया जाता है. मुद्रा के रूप में पैसा भेजने पर समान्यता बहुत समय लगता है और बैंक को कमीशन भी देना होता है. जबकि Bitcoin द्वारा किया गया लेनदेन सेकंड्स में होता है साथ ही फीस भी मामूली है.
Bitcoin में किये गये Transaction Encrypted होते है जिसके कारण यह process सुरक्षित रहता है. साथ ही Bitcoin का उपयोग अब शोपिंग इत्यादि में भी निरंतर बढ़ रहा है.
बिटकॉइन का मूल्य कैसे बदलता है ..
कोई भी व्यक्ति Bitcoin को ऑनलाइन खरीद या बेच भी सकता है. अन्य मुद्रा की तरह Bitcoin में भी उतार चड़ाव आते है. दरअसल विश्व में Bitcoins की संख्या पहले से ही निश्चित है.इसका बिटकॉइन की शुरुआत? कोई नियंत्रण करने वाला नहीं है बाकी मार्किट की तरह ही इसमें भी डिमांड सप्लाई के आधार पर ही दाम घटते बढ़ते है. Bitcoin के कई सारे exchange बने हुए है जहा पर Bitcoin ट्रेड होते है.
बिटकॉइन का मूल्य तेजी से क्यों बढ़ा ..
दरअसल Bitcoin को लोग भविष्य की currency मान रहे है जिसके कारण काफी लोग इसकी ओर आकर्षित है. पहले से ही Bitcoin की संख्या निर्धारित होने के बावजूद इसकी डिमांड मार्किट में बढती जा रही है जिसकी वजह से Bitcoins का मूल्य बढ़ता जा रहा है.
हालाकि Bitcoin एक जोखिम भरा सौदा भी हो सकता है जिसके पीछे का कारण है की कई देशो की सरकारे इस इन्टरनेट based मुद्रा को नहीं माना है. ऐसे में इसका मूल्य कब नीचे गिर जाए कुछ कहा नहीं जा सकता.
क्या बिटकॉइन को खरीदना क़ानूनी है ..
यह अभी एक गंभीर विषय है की यदि आप Bitcoin खरीद या बेच रहे है तो क़ानूनी रूप से यह सही है या नहीं क्युकी अभी इसे भारत सरकार ने मान्यता नहीं दी है. लेकिन भारत में लोग इसका व्यवसाय इसलिए कर रहे है क्युकी सरकार ने किसी भी तरह की रोक भी नहीं लगाई है. RBI भी इस सम्बन्ध में पहले ही आगाह कर चुकी है.
भारत में बिटकॉइन कैसे खरीदे ..
भारत में Bitcoin को ऑनलाइन खरीदने के लिए बहुत सी exchange कंपनिया है. जिनमे Zebpay मुख्य है जो एंड्राइड एप्प भी उपलब्ध कराती है जिसे आप सीधे बैंक अकाउंट से सीधे लिंक कर सकते है.
What is Bitcoin in Hindi | BitCoin kya hai | बिटकॉइन में भारी गिरावट का कारण क्या है?
BitCoin kya hai
BitCoin kya hai: बिटकॉइन एक प्रकार की विकेन्द्रीकृत या वर्चुअल करेंसी या डिजिटल मुद्रा है। जिसका अर्थ होता है कि यह किसी विशिष्ट देश या बैंक से संचालित नहीं होता है। यह ब्लॉकचैन या Pear-to-Pear मॉडल पर आधारित है। कम्प्यूटर नेटवर्किंग पर आधारित भुगतान हेतु इसे विकसित किया गया। इसका विकास सातोशी नकामोतो नामक एक अभियन्ता ने किया है। सातोशी का यह छद्म नाम है।
Table of Contents
BitCoin kya hai (बिटकॉइन क्या है?)
Bitcoin एक डिजिटल करेंसी है। जो पुरी तरह से मुक्त रुप से कार्य करती है। इस पर किसी देश या केन्द्रीय बैंक का हस्तक्षेप नहीं होता है। यह पूरी तरह से वर्चुअल करेंसी है। इसे हम इस तरह से समझ सकते है कि जैसे बैंक में जमा किया हुआ पैसा ऑनलाइन माध्यम से उपयोग में लेते है। दोनों में यह अंतर है कि बिटकॉइन किसी देश या केंद्रीय बैंक द्वारा रेगुलेट नहीं किया जाता है, वही बैंकों में जमा पैसा किसी देश या केन्द्रीय बैंक द्वारा रेगुलेट किया जाता है।
Bitcoin बिटकॉइन की शुरुआत? की शुरुआत कब हुई?
BitCoin kya hai: वर्तमान में दुनिया भर में बिटकॉइन काफी लोकप्रिय है। इसका आविष्कार सातोशी नकामोतो नामक एक अभियन्ता ने 2008 में किया था और 2009 में ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप में इसे जारी किया गया था। जब बिटकॉइन जारी किया गया था तब इसकी कीमत बहुत कम थी। आप इसे 3 US$ में एक बिटकॉइन खरीद सकते थे।
BitCoin kya hai
Bitcoin Price Table, 2010-2022 (Yearly)
BitCoin में गिरावट के कारण
क्रिप्टोकरेंसी में गिरावट लगातार जारी है। बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन में बीते कुछ दिनों से बड़ी गिरावट देखने को मिली है। बीते गुरुवार क्रिप्टोकरेंसी में लगभग 21.5% तक की गिरावट दर्ज की गयी है।
जोखिम वाले निवेश में क्रिप्टोकरेंसी में भारी मात्रा में गिरावट दर्ज की गयी है। सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन में बीते 7 दिनों में लगभग 21.5 फीसदी की गिरावट देखी गयी है। जिससे कि लोग क्रिप्टो में निवेश करने से बच रहे है। BitCoin kya hai
बता दे कि इस साल के शुरुआत में बिटकॉइन अपने उच्चतम स्तर से 61 फीसदी टुट गया था। जो बीते 30 मार्च को 48,243 डॉलर प्रति बिटकॉइन देखने को मिला था। पिछले कुछ दिन से यानि जून मे से इसमें और भी गिरावट दर्ज की गयी है। शुक्रवार को 8.84 फीसदी गिरावट के साथ 21,337 डॉलर प्रति यूनिट पर आ गया है।
क्रिप्टोकरेंसी में गिरावट का कारण क्या है?
क्रिप्टोकरेंसी में यह गिरावट वैश्विक बाजार में उथल-पुथल के कारण हुई है। कोरोना काल में लगे लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था में गिरावट आयी थी। जिसका असर अब क्रिप्टोकरेंसी पर देखने को मिल रहा है। दूसरा कारण यूक्रेन और रूस के युद्ध के कारण वैश्विक स्तर पर फूड और तेल बाजारों में तेजी देखने को मिला है। इसके अलावा बढ़ती महंगाई तथा हाल ही में फेडरल बैंक द्वारा की गई ब्याज दरों में वृद्धि के कारण हुआ है।
Q. बिटकॉइन क्या है कैसे काम करती है?
Ans: बिटकॉइन एक प्रकार की विकेन्द्रीकृत या वर्चुअल करेंसी या डिजिटल मुद्रा है। जिसका अर्थ होता है कि किसी विशिष्ट देश या बैंक से संचालित नहीं होता है। यह ब्लॉकचैन या Pear-to-Pear मॉडल पर आधारित है।
Q. बिटकॉइन का मालिक कौन है?
Ans: BitCoin का कोई मालिक नहीं है। इसका विकास सातोशी नकामोतो नामक एक अभियन्ता ने किया है।
Q. क्या भारत में बिटकॉइन लीगल है?
Ans: भारत ने अभी तक कोई इस प्रकार की नोटिस नहीं जारी की है। लेनिक इस वर्ष यानि 2022 में एक प्रस्ताव पेश किया था जिसे कैबिनेट नें मान्यता दे दी है। इस पर 30 फीसदी टैक्स लगना की बात की गयी है।
मुझे उम्मीद है कि अगर आपको मेरे द्वारा दी गई जानकारी पसंद आई हो तो आप कमेंट बॉक्स में अपनी राय जरूर दें। अगर आप जानना चाहते हैं कि बिटकॉइन कैसे खरीदें तो कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें। तो अगले पोस्ट में इसकी जानकारी जरूर दूंगा।
डिस्क्लेमरः इस पोस्ट में दी गयीय सभी जानकारी एक सामान्य जानकारी है। इस किसी अर्थशास्त्री या प्रोफेसर के तौर पर न ले। इसमें वित्तीय जोखिम है कृपया अपनी समझदारी से निवेश करें।
GainBitcoin – भारत का सबसे बड़ा बिटकॉइन स्कैम, जिसमें पैसे लगाने वालों को कुल मिलाकर मिला 1 लाख करोड़ तक धोखा
GainBitcoin की शुरुआत 2015 में हुई थी और इसका मास्टरमंद अमित भारद्वाज था। हालांकि इस स्कैम खबर पहले आ चुकी है, लेकिन अब ये और बड़ा रूप ले रहा है। हाल ही सामने आयी रिपोर्ट से पता चला है कि इस बिटकॉइन मार्केटिंग स्कीम में लगभग 1 लाख लोगों ने पैसे लगाए, जिन्हें कुल मिलाकर 1 ट्रिलियन, यानि लगभग 1 लाख करोड़ तक नुक्सान हुआ है।
Gainbitcoin घोटाला
ये एक पोंज़ी मार्केटिंग स्कीम है। इस स्कीम के मास्टरमाइंड अमित भरद्वाज के साथ सात लोग थे, जो दुनिया भर में इसे चला रहे थे। इस स्कीम में लोगों को यह कहकर आकर्षित किया जाता था कि ये एक आकर्षक स्कीम है जिसमें आप पैसा बिटकॉइन की शुरुआत? लगाएंगे तो 18 महीनों तक उसका 10% रिटर्न मिलेगा। यानि अगर आप 10,000 रूपए लगाते हैं, तो आपको 18 महीनों तक हर महीने 1000 रूपए मिलेंगे। इसी ऑफर के चलते, जिन लोगों को क्रिप्टो करेंसी का ज़्यादा पता नहीं है, उन्होंने इसमें काफी निवेश किया।
GainBitcoin क्रिप्टोकोर्रेंसी स्कैम की जांच में क्या हुआ ?
इसमें लगभग 40 लोगों ने FIR भी दर्ज की है, जिनमें से महाराष्ट्र और पंजाब में 13 FIR की गयी हैं। लेकिन अब पुणे पुलिस ने GainBitcoin केस में 60,000 यूज़र आईडी ट्रेस की हैं, जिन्होंने इस स्कीम में अपनी मेहनत की कमाई लगाई थी।
पहले मुख्य आरोपी अमित भरद्वाज थे, लेकिन इस साल के शुरुआत में ही उनकी मौत हो गयी और ये सुई उनके भाई अजय भारद्वाज की तरफ घूम गयी है। ED का कहना है कि अजय के पास क्रिप्टो वॉलेट का पासवर्ड और यूज़रनेम है, जो उन्हें अब इस केस के जांच अधिकारी को दे देना चाहिए। अभी इसी महीने की शुरुआत में ED दिल्ली स्थित दफ्तर बिटकॉइन की शुरुआत? के साथ 6 जगहों पर छापेमारी की है, जहां कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और 1 लाख से अधिक निवेशकों से सम्बंधित कई कागज़ात भी ज़ब्त किये हैं।
ED के अनुसार, इस मार्केटिंग स्कीम में अमित भारद्वाज, अजय भारद्वाज, विवेक भारद्वाज, महेन्दर भारद्वाज सहित 7 लोगों ने मिलकर अलग-अलग क्रिप्टो वॉलेट में 80,000 से ज़्यादा बिटकॉइन इकट्ठा किये और इस समय इनकी कीमत 1 लाख करोड़ से ज़्यादा बिटकॉइन की शुरुआत? है।
अभी तक अजय भारद्वाज द्वारा क्रिप्टो वॉलेट के पासवर्ड, यूज़रनेम को शेयर नहीं किया गया है और सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अगले महीने फिर बुलाया इसी संदर्भ में कोर्ट बुलाया है। ED का कहना है कि अभी कुछ और क्रिप्टो वॉलेट ट्रेस नहीं हो पाए हैं, जिनका सम्बन्ध इन आरोपियों से है।
हालांकि सभी अधिकारी व सम्बन्ध दफ्तर अपना काम कर रहे हैं, लेकिन इतना तो तय है कि इस घोटाले में जिन लोगों ने निवेश किया था, अब उनका पैसा उन्हें शायद कभी वापस नहीं मिलेगा।
बिटकॉइन माइनिंग का क्या मतलब है
बिटकॉइन के बारे में आपको थोड़ा बहुत तो आइडिया होगा ही। ऐसे में आप यह भी जानते होंगे कि किस प्रकार से दिनों दिन Bitcoin का रेट बढ़ता ही जा रहा है, जिसके पास बिटकॉइन है वह बहुत ही जल्द अमीर बिटकॉइन की शुरुआत? होता जा रहा है। क्या आपने कभी इस बात पर विचार किया है, कि आखिर यह बिटकॉइन कहां से आता है और इसका Circulation अर्थात बिटकॉइन की माइनिंग किस प्रकार से होती है, इससे जुड़ी सभी जानकारी आपको आज हमारी इस ब्लॉग पोस्ट में मिल जाएगी।
बिटकॉइन क्या है ?
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बिटकॉइन एक प्रकार से वर्चुअल करेंसी/ crypto currency है। इस मुद्रा का उपयोग इंटरनेट के माध्यम से लेन देन के लिए किया जाता है। इसकी सबसे पहले शुरुआत 2009 में हुई थी, चूंकि वर्तमान के समय में धीरे-धीरे यह बहुत अधिक लोकप्रिय होती जा रही है। बिटकॉइन की शुरुआत? अतः आज एक बिटकॉइन की कीमत लाखों रुपए के रूप मे आंकी जाने लगी है। दूसरे शब्दों में कहें तो अब इस करेंसी को भविष्य की करेंसी के रूप में देखा जा रहा है।
आप सभी को पता होगा की Crypto currency एक Decentralized currency होती है।इसका मतलब है कि किसी भी कंट्री/सरकार का इसपर कोई विशेषाधिकार नहीं होता है। अतः अब सवाल आता है इस करेंसी को कौन उत्पन्न करता है? बता दें बिटकॉइन के संचालन हेतु इसके डाटा को दुनिया के विभिन्न देशों में बैठे हजारों की संख्या में Miners कंट्रोल करने में जुटे होते हैं। यही वजह कि इसे Decentralized सिस्टम नाम से पुकारा जाता है।
बिटकॉइन माइनिंग क्या है ?
बिटकॉइन माइनिंग का नाम सुनते ही आप सोच में पड़ गए होगे कि क्या बिटकॉइन कोयले या हीरे की खानों से संबंध रखता है, अगर आप ऐसा सोचते हैं तो बता दें कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। बिटकॉइन माइनिंग का अर्थ सोने और हीरे की माइनिंग से कतई नहीं है। हालांकि दोनों की माइनिंग की प्रक्रिया एक दूसरे से काफी अलग है, जिस प्रकार से गोल्ड और डायमंड माइनिंग करने के लिए खुदाई की जाती है वैसे ही बड़े बड़े कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के जरिए बिटकॉइन को जेनरेट करने का कार्य करते है।
बिटकॉइन माइनिंग की प्रोसेस क्या है ?
- बिटकॉइन माइनिंग एक बहुत ही बड़ा प्रोसेस है,जिसकी वजह से यह एक व्यक्ति के द्वारा कंट्रोल नहीं किया जा सकता है। इसलिए इस काम को करने के लिए बहुत सारे लोगों की जरूरत पड़ती है। बहुत सारे लोगों द्वारा किए जाने के कारण इसे Decentralized system भी कहते हैं।
- अगर आपने बिटकॉइन के माध्यम से कभी किसी भी प्रकार का पेमेंट किया है। अर्थात अपने bitcoin वॉलेट के माध्यम से अपने किसी अन्य व्यक्ति के वॉलेट में बैलेंस को ट्रांसफर किया है तो बता दें इस कार्य में बिटकॉइन Miners अहम भूमिका निभाते है।
- उन्हीं के कारण आप सफलतापूर्वक ट्रांसफर कंप्लीट कर पाते हैं,यही नहीं Miners सारी डिटेल Block chain में सेव करने का जिम्मा भी उठाते हैं।
- बता दें लेनदेन के अलावा Bitcoin Miners बिटकॉइन जेनरेट करने का भी कार्य करते है।
बिटकॉइन माइनिंग कैसे करें?
- पुराने समय में बिटकॉइन माइनिंग एक अच्छी रफ़्तार वाले कंप्यूटर के सी.पी.यु और वीडियो ग्राफ़िक्स कार्ड पर हो सकती थी कयोंकि उस समय बिटकॉइन माइनर्स बहुत कम थे। लेकिन आज बिटकॉइन माइनर्स की संख्या बढ़ने के साथ साथ इसकी माइनिंग करना थोड़ा कठिन हो चुका है।
- आजकल इसकी माइनिंग कस्टम बिटकॉइन ASIC चिप की मदद से की जा रही हैं क्योंकि इससे काफी लाभ प्राप्त कर सकते हैं। अगर हम ASIC चिप से कम रफ्तार वाले किसी हार्डवेयर का इस्तेमाल करते हैं तो उससे अधिक बिजली खर्च होती है जिसकी वजह से हमारा लाभ कम और नुकसान ज़्यादा होता है।
- बिटकॉइन की माइनिंग करने के लिए यह अधिक ज़रूरी है कि आप बिटकॉइन माइनिंग के लिए बने हार्डवेयर का ही इस्तेमाल करें। मार्किट में ऐसी कई कंपनियां है जो कि बिटकॉइन माइनिंग के लिए तैयार श्रेष्ठ हार्डवेयर की पेशकश करती हैं। Avalon इन में से एक कंपनी है।
- इसके अलावा आप बिटकॉइन की क्लाउड माइनिंग भी कर सकते हैं जिसमें आपको अपने कंप्यूटर को क्लाउड मायननर से कनेक्ट करना होता है। क्लाउड माइनिंग करने के लिए कई तरह के प्रोग्राम उपलब्ध है लेकिन CGminer और BFGminer इनमें से अधिक प्रसिद्ध प्रोग्राम हैं। ऐसे कई सॉफ्टवेयर भी हैं जिनसे आप बिटकॉइन माइनिंग कर सकते हैं।
बिटकॉइन के फायदे क्या है?
बिटकॉइन के फायदे निम्नलिखित हैं –
- बिटकॉइन में निवेश करके अच्छा रिटर्न पाने की संभावनाएं अपार होती है।
- क्रिप्टोकरेंसी का बाजार 24/7 खुला रहता है।
- बिटकॉइन में निवेश करने के लिए किसी भी तरह का पेपर वर्क नहीं करना पड़ता है।
- बिटकॉइन में निवेश करने पर पूरा कंट्रोल व्यक्ति के हाथ में होता है।
- बिटकॉइन में निवेश करके आप ग्रो कर रही कम्युनिटी का हिस्सा बन सकते हैं।
बिटकॉइन के नुकसान क्या है?
जहां बिटकॉइन के बहुत से फायदे हैं तो वहीं इसके कुछ नुकसान भी हैं, तो चलिए एक नजर इसके नुकसान पर डाल लेते हैं।
क्रिप्टोकरेंसी-बिटकॉइन आखिर है क्या? क्यों बन गई हैकर्स की पसंद?
मन में कई सवाल होंगे- ये बिटकॉइन, इथेरियम जैसी चीजें हैं क्या? हैकर्स की पसंद क्यों बन गए हैं? सबके जवब जानिए
हाल ही में पीएम मोदी के एक ट्विटर अकाउंट को हैकर्स ने हैक कर लिया और क्रिप्टोकरेंसी (बिटकॉइन) मांगने लगे. जुलाई में ट्विटर को एक बड़े क्रिप्टो हैक का सामना करना पड़ा था, जिसमें हाई-प्रोफाइल हस्तियों, राजनेताओं जैसे बराक ओबामा, एलन मस्क जैसी शख्सियतों के अकाउंट्स को हैक करके बिटकॉइन का प्रचार किया गया था.
पीएम मोदी के ट्विटर अकाउंट को हैक बिटकॉइन की शुरुआत? करते वक्त हैकर्स ने लिखा था-
मैं आप सभी से कोविड -19 के लिए पीएम नेशनल रिलीफ फंड में उदारतापूर्वक दान देने की अपील करता हूं, अब भारत क्रिप्टो करेंसी के साथ शुरुआत करेगा, कृपया दान करें.ईटीएच (इथेरियम).
बिटकॉइन के बाद इथेरियम मार्केट कैपिटल का दूसरा सबसे बड़ा क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफॉर्म है.
ऐसे में आपके मन में कई सवाल होंगे- ये बिटकॉइन, इथेरियम जैसी चीजें हैं क्या? हैकर्स बिटकॉइन की शुरुआत? की पसंद क्यों बन गए हैं? इनका रेगुलेशन कैसे होता है. एक-एक करके इन सवालों के जवाब तलाशेंगे.
वर्चुअल या क्रिप्टो करेंसी का मतलब क्या है ?
वर्चुअल या क्रिप्टो करेंसी एक तरह की डिजिटल करेंसी होती है, जिसे इनक्रिप्शन टेक्नोलॉजी की मदद से जेनरेट और रेगुलेट किया जाता है. इन करेंसी के क्रिएशन, निवेश, लेन-देन या फंड ट्रांसफर की प्रक्रिया में भारतीय रिजर्व बैंक या किसी भी दूसरे देश के बैंकिंग रेगुलेटर की प्रभावी भूमिका नहीं होती है. इन करेंसी पर न तो किसी देश की मुहर होती है और न ही इनके भुगतान के लिए किसी तरह की सॉवरेन यानी सरकारी गारंटी होती है.
दुनियाभर में बहुत सारी क्रिप्टो-करेंसी प्रचलित हैं, जिनमें बिटकॉइन सबसे मशहूर है.
उदाहरण से समझिए
गोल्ड एक धातु है जिसकी अपनी वैल्यू होती है. डॉलर कितना महंगा या सस्ता होगा यह अमेरिकी अर्थव्यवस्था की हालत पर निर्भर होता है.रुपए का वैल्यू हमारी अर्थव्यवस्था से जुड़ा है. पाउंड की सेहत यूके की अर्थव्यवस्था पर निर्भर जबकि येन का जापान की अर्थव्यवस्था पर. इसके अलग बिटकॉइन की कोई अपनी वैल्यू नहीं होती है. इसका इस्तेमाल सट्टेबाजी के लिए होता है, इसी आधार पर ही इसके दाम बढ़ते-घटते रहते हैं. ज्यादा सट्टेबाजी को ज्यादा उतार-चढ़ाव.
बिटकॉइन की 'हैसियत' बढ़ रही है?
बिटकॉइन के चार्ट पर नजर डालें तो अब बिटकॉइन में रिकवरी देखने को मिल रही है. 2019 की शुरुआत में अपना लो बनाने के बाद बिटकॉइन में निचले स्तरों पर अच्छी रिकवरी देखने को मिलली है. मार्च में चौतरफा बिकवाली के बीच बिटकान में भी बिकवाली देखने को मिली थे लेकिन जिस तरह शेयर बाजार में खासी रिकवरी देखने को मिली. वैसी ही रिकवरी बिटकॉइन में देखने को मिली है. मार्च में बिटकॉइन 4500 डॉलर के स्तरों से अब 12000 डॉलर के स्तरों पर पहुंच गया है. जुलाई और अगस्त के बिटकॉइन की शुरुआत? महीने में बिटकॉइन में गजब की तेजी देखने को मिली है.
देश में इसकी कानूनी ‘हैसियत’ क्या है?
देश में क्रिप्टोकरेंसी के कारोबार पर किसी भी तरह का बैन नहीं है. हालांकि, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा बैंकिंग प्रतिबंध लगाया गया है. राज्यसभा में इस संबंध में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए वित्त और कॉरपोरेट कार्य राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा था कि "वर्तमान में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े मसलों से निपटने के लिए अलग से कोई कानून नहीं है. इस प्रकार आरबीआई, प्रवर्तन निदेशालय, आयकर प्राधिकरण जैसे सभी संबद्ध विभाग और काननू का अनुपालन करवाने वाली एजेंसियां मौजूदा कानून के अनुसार कार्रवाई करती हैं."
हैकर्स की पसंद क्यों हैं?
2009 में लॉन्च हुए बिटकॉइन हैकर्स या साइबर अपराधियों को दो फायदे देते हैं. पहला कि ये एक डिसेंट्रलाइज्ड करेंसी की तरह काम करता है और इसमें बैंक या क्रेडिट कार्ड कंपनी जैसा कोई बिचौलिया नहीं होता और इस वजह से इस्तेमाल करने वाला गुमनाम रहता है. दूसरा बिटकॉइन को वर्चुअल वॉलेट्स में रख सकते हैं, जिनकी पहचान सिर्फ एक नंबर से होती है.
Twitter पर ‘भीड़’ जुटाने का नया फॉर्मूला-‘एक हाथ दे, एक हाथ ले’
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