शेयर बाजार में नुकसान से बचने के टिप्स

शेयर बाजार में गिरावट का दौर खत्म, अगले 2 साल के नजरिए से निवेश करें शुरू: बसंत माहेश्वरी

बसंत माहेश्वरी का कहना है कि अगले 3 महीने से 2 साल तक के लिए बाजार में आईटी, फार्मा, एफएमसीजी जैसे सेक्टर निवेश किया जा सकता है

आईटी सेक्टर पर बसंत महेश्वरी की राय है कि बड़ी IT कंपनियों में ज्यादा रिटर्न की उम्मीद नहीं है। लेकिन मिडकैप IT शेयरों में अच्छा रिटर्न मिलेगा। ऊंचाई से मिडकैप IT शेयर 40 फीसदी तक फिसले हैं

दिग्गज निवेशक बसंत माहेश्वरी का ऐसा मानना है कि बाजार का बॉटम बनता दिख रहा है। आवाज़ की खास सीरीज Market Mentors में उन्होंने ये बात कही है। सीएनबीसी-आवाज़ के एक्जिक्यूटिव एडिटर नीरज वाजपेयी के साथ खास बातचीत में उन्होंने कहा है कि अगले 2 साल के नजरिए से निवेश करना शुरू किया जा सकता है।

इस खास बातचीत में Basant Maheshwari Wealth Advisors LLP के बसंत माहेश्वरी ने निवेशकों के लिए कई महत्वपूर्ण टिप्स दिए हैं। इनका मानना है कि बाजार में खरीदारी का ये सही मौका है। क्योंकि बाजार बॉटम आउट हो चुका है। 3 महीने से 2 साल तक के लिए बाजार में आईटी, फार्मा, एफएमसीजी जैसे सेक्टर निवेश किया जा सकता है।

1 से 2 साल के लिए निवेश का सही समय, बिना रिस्क रिटर्न संभव नहीं है

बाजार की गिरावट है पैसा बनाने का मौका: सही रणनीति अपनाकर आप भी कमा सकते हैं मुनाफा, एक्सपर्ट से जानें ऐसे में क्या करें

बाजार आज 1190 पॉइंट्स गिरा है। ये गिरावट आपके लिए पैसा कमाने का मौका हो सकता है। सही स्ट्रैटेजी आपको अच्छा पैसा कमा के दे सकती है। इस समय निवेशक की क्या स्ट्रैटेजी रहनी चाहिए ये जानने के लिए हमने 2 एक्सपर्ट- से बात की। आइए जानते हैं कि कैसे आप बाजार की गिरावट में पैसा कमाने का प्लान बना सकते हैं.

अनुशासन बनाए रखें
अरिहंत कैपिटल के वेल्थ हेड अभिषेक भट्‌ट कहते हैं कि पोर्टफोलियो में नाटकीय रूप से बदलाव करते रहने से जोखिम बढ़ता है। ऐसी आदत लंबी अवधि के लक्ष्यों पर नकारात्मक असर डाल सकती है। बेहतर छोटे निवेशकों के लिए बाजार में अच्छा मौका होगा कि बाजार में फौरी उतार-चढ़ाव को नजरअंदाज करें और अनुशासन बनाए रखें। यदि पोर्टफोलियो में बदलाव जरूरी लगे तो छोटे-छोटे बदलाव करें।

थोड़े-थोड़े शेयर खरीदें
बाजार में करेक्शन से ऐसे कई शेयरों की कीमत आकर्षक हो गई है, जो एक महीने पहले तक ओवरवैल्यूड थे। यह समय कम वैल्युएशन पर मिल रहे अच्छे शेयर खरीदने का है। हालांकि गिरावट कब थमेगी, कोई नहीं जानता। इसलिए हर गिरावट में थोड़े-थोड़े शेयर खरीदें। इससे एवरेजिंग हो जाएगी।

घबराहट में निर्णय न लें
हमेशा याद रखें कि अर्थव्यवस्था और बाजार का मिजाज चक्रीय होता है। जिस तरह तेजी का दौर आता है, वैसा ही गिरावट का दौर भी बन सकता है। जाहिर है, गिरावट वाले दौर में घबराकर बिकवाली करना अच्छी रणनीति नहीं होगी। अच्छे शेयर अक्सर लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न देते हैं।

पोर्टफोलियो में विविधता लाएं
पोर्टफोलियो में विविधता अस्थिर बाजार छोटे निवेशकों के लिए बाजार में अच्छा मौका में निवेश की वैल्यू स्थिर रखने का अच्छा तरीका है। विविधता का मतलब है जोखिम उठाने की क्षमता और लक्ष्य के हिसाब से अलग-अलग एसेट में निवेश का बंटवारा करना। इसका फायदा यह है कि यदि एक एसेट (जैसे इक्विटी) में गिरावट आ रही हो तो उसी समय किसी दूसरे एसेट (जैसे सोने) में तेजी नुकसान को कम कर देगी।

निवेश को ट्रैक करते रहें
जब आप कई तरह के एसेट में निवेश करते हैं, तो हो सकता है कि सभी निवेश को नियमित रूप से ट्रैक नहीं कर रहे हों। ऐसे में बाजार का रुझान बदलने पर सटीक प्रतिक्रिया देना मुश्किल हो जाएगा। इसलिए यदि आप अपने निवेश को ट्रैक नहीं कर पा रहें तो एक विश्वसनीय वित्तीय सलाहकार की मदद लें।

नुकसान में न बेचें शेयर
पर्सनल फाइनेंस एक्सपर्ट और ऑप्टिमा मनी मैनेजर्स के संस्थापक व सीईओ पंकज मठपाल कहते हैं कि उतार चढ़ाव शेयर बाजार का स्वाभाव है। निवेशकों को शेयर बाजार में आई गिरावट से घबराना नहीं चाहिए। अगर आपने शेयर बाजार में पैसा लगा रखा है और इसमें आपको अभी नुकसान हुआ है तो भी आपको नुकसान में अपने शेयर बेचने से बचना चाहिए। क्योंकि लॉन्ग टर्म में मार्केट में रिकवरी की उम्मीद है। ऐसे में अगर आप अपने शेयर्स को लम्बे समय के लिए होल्ड करते हैं तो आपको नुकसान होने की उम्मीद कम हो जाएगी।

संयम रखना जरूरी
शेयर बाजार अपने ऊपरी स्तरों से काफी गिर गया है लेकिन फिर भी यदि निवेशक अभी निवेश करना चाह रहे हों तो उन्हें एक मुश्त निवेश करने की बजाय किस्तों में करना चाहिए। इससे शेयर बाजार से सम्बंधित उतार चढ़ाव का जोखिम थोड़ा काम हो जाता है। आप थोड़ा संयम रखकर गिरते बाजार में भी फायदा कमा सकते हैं।

शेयर बाजार में नुकसान से बचने के टिप्स, स्टाॅक मार्केट में होने वाली गलतियां

शेयर बाजार में नुकसान से बचने के टिप्स, Stock Market Investment Tips, शेयर बाजार में पैसा कैसे कमाए

शेयर बाजार में नुकसान से बचने के टिप्स

Share Market Investment Tips: यह बात बिल्कुल सही है कि शेयर बाजार में काफी ज्यादा पैसा कमाया जा सकता हैं, मगर साथ ही शेयर बाजार में काफ़ी ज़्यादा पैसा गंवाने की संभावना भी बनी रहती हैं। जिसके चलते अधिकतर लोग इसमें पैसा कमाने की जगह पैसा गवां बैठते हैं। खासकर नये व छोटे निवेशकों को शेयर बाजार की समझ कम होने के कारण उन्हें नुकसान उठाना पड़ता हैं।

स्टाॅक मार्केट में करोड़ों अरबों की पूंजी छोटे निवेशकों के लिए बाजार में अच्छा मौका है लेकिन, इन पैसों को कमाना इतना आसान नहीं है जितना हमें लगता हैं। शेयर बाजार में अधिकतर लोग बहुत जल्दी करोड़पति बनने के बारे में सोचते हैं। लेकिन उनकी यह सोच बिल्कुल गलत हैं। शेयर बाजार से जरूर करोड़पति बना जा सकता हैं, मगर कुछ ही दिनों में ऐसा हो पाना नामुमकिन हैं। शेयर बाजार में यदि सही तरीके से निवेश नहीं किया जाता है तो कुछ ही दिनों में निवेश किये गये पैसे डूब जाते हैं। तथा अपनी जमा पूंजी भी गवां बैठते हैं।

ऐसे में इन्वेस्टर्स को पता होना चाहिए कि शेयर बाजार मे नुकसान से बचने के टिप्स (छोटे निवेशकों के लिए बाजार में अच्छा मौका Share Market Investment Tips) क्या हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए इस पेज में ऐसे कुछ मुख्य कारकों के बारे में बताया गया हैं, जिन्हें ध्यान में रखकर शेयर बाजार में होने वाले नुकसान से बचा जा सकता हैं।

दूसरों के कहने पर निवेश ना करें

अधिकतर रिटेल इन्वेस्टर्स यह गलती करते हैं कि वह किसी दूसरे के सुझाव पर शेयर बाजार में निवेश करते हैं। निवेशकों को ऐसी गलती करने से बचना चाहिए। आप जिस भी कंपनी के शेयरों में निवेश करना चाहते हैं, उसके बारे में पूरी जानकारी लेना चाहिए। इसके बाद यदि कंपनी का कारोबार अच्छा हैं और भविष्य में और बहतर होने की संभावना हैं तो उस कंपनी में निवेश करना फायदेमंद हो सकता हैं। अन्यथा बिना जानकारी के निवेश करना वित्तीय हानि पहुंचा सकता हैं।

सस्ते भाव वाले शेयरों में ना फंसे

रिटेल इन्वेस्टर्स कई बार सस्ते भाव वाले शेयरों के चक्कर में पैनी स्टाॅक के शेयर खरीद लेते हैं। उन्हें लगता हैं कि आने वाले समय में इनका भाव बढ़ेगा मगर परिणाम इसक उल्टा होता हैं। पैनी स्टाॅक में एक साथ बहुत ज्यादा गिरावट देखने को मिलती हैं। जिससे निवेश की गई रकम डूब जाती हैं।
छोटे व रिटेल इन्वेस्टर्स को सस्ते शेयरों के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए बल्कि कंपनी की ग्रोथ को प्राथमिकता देकर स्टाॅक का चुनाव करना चाहिए। यह बात भी ध्यान में रखनी चाहिए कि शेयरों का भाव, मिलने वाले रिटर्न को प्रभावित नहीं करता हैं। इसलिए शेयर महंगा हो या सस्ता, कंपनी की ग्रोथ को देखकर ही शेयर खरीदने चाहिए। जब अच्छे स्टाॅक का शेयर प्राइस कम हो तब खरीदारी करने का अच्छा मौका होता हैं। उस समय पर अच्छे शेयर भी कम कीमत पर मिल जाते हैं।

बाजार के उतार चढ़ाव को स्वीकार करें

शेयर बाजार से हमेशा समान रिटर्न की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। उतार चढ़ाव का होना बाजार का नियम हैं। अधिकतर रिटेल निवेशक उस समय निवेश का फैसला करते हैं जब बाजार में उछाल आता हैं, मगर ऐसा करना सही नहीं होता हैं। शेयर बाजर में गिरावट होने पर निवेश के मौके ढूंढने चाहिए। ताकि बाजार की गिरावट का फायदा मिल सके। शेयर बाजार में गिरावट के समय अच्छे शेयरों को कम दाम में खरीदा जा सकता हैं और जैसे ही बाजार में उछाल आता हैं तो मुनाफे के साथ शेयरों की बिकवाली की जा सकती हैं। इस तरह से बाजार में आई गिरावट भी आपको मुनाफा दिला सकती हैं।

सारा पैसा एक ही स्टाॅक में ना लगाएं

यदि आप सारी जमा पूंजी को किसी एक ही स्टाॅक में लगा देते हैं तो ऐसा करने पर आपको काफी बढ़ा नुकसान उठाना पड़ सकता हैं। क्योंकि एक स्टाॅक में सारा पैसा लगाकर आप सिर्फ एक स्टाॅक से रिटर्न मिलने के मौहताज हो जाते हैं। और यदि उस स्टाॅक का प्रदर्शन निराशाजनक रहता हैं तो आपको नुकसान भुगतना पड़ सकता हैं। इसलिए अपनी जमा पूंजी को एक ही स्टाॅक में लगाने से बचना चाहिए।

ज्यादा रिटर्न के चक्कर में ना रहें

एक बार अच्छा रिटर्न मिल जाने के बाद भी और ज्यादा रिटर्न की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। लगभग 10 से 12 प्रतिशत रिटर्न मिल जाने के बाद शेयरों को बेचा जा सकता हैं। कई बार और ज्यादा रिटर्न पाने के चक्कर में शेयरों को ना बेचना नुकसानदायक हो सकता हैं। क्योंकि कुछ समय बाद शेयर प्राइस कम हो सकता हैं। जिसके कारण फायदे की जगह नुकसान भी उठाना पड़ सकता हैं।
इससे बचने के लिए आप रिटर्न की एक सीमा रेखा बना सकते हैं जिसे हासिल करने पर तुरंत शेयर देना चाहिए।

एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें

सोशल मीडिया जैसे प्लेटफार्म पर चलने वाली अफवाहों में ना आकर अपने शेयर बाजार एक्सपर्ट की सलाह लेकर निवेश करना चाहिए। एक्सपर्ट की सलाह लेकर निवेश करने पर काफी हद तक नुकसान से बचा सकता हैं।
कई बार सोशल मीडिया पर आपको करोड़पति बनाने के सपने दिखाते हैं, जिसके चलते आप निवेश कर देते हैं। ऐसा करने से आपको बचना चाहिए।
यदि आप शेयर बाजार में किसी भी तरह के जोखिम से बचना चाहते हैं तो आप छोटे निवेशकों के लिए बाजार में अच्छा मौका एक्सपर्ट से सलाह लेकर निवेश करना चाहिए।

बाजार में उतार चढ़ाव के बीच निवेश का एक बेहतरीन मौका, जानें आपके काम की खबर

जो नए निवेशक विशेष रूप से जो एक छोटी राशि के साथ छोटे निवेशकों के लिए बाजार में अच्छा मौका एक इक्विटी फंड में एकमुश्त या एसआईपी शुरू करना चाहते हैं, उनके लिए भी मल्टी कैप फंड एक अच्छी पसंद हो सकती है क्योंकि उन्हें एक ही स्कीम में लार्ज, मिड और स्माल कैप तीनों तरह के म्यूचुअल फ़ंड का लाभ मिल सकता है.

By: एबीपी न्यूज | Updated at : 24 Apr 2021 03:44 PM (IST)

शेयर बाजार में तेजी हो या मंदी पर यह सवाल बहुत छोटे निवेशकों के लिए बाजार में अच्छा मौका आम है कि क्या यह निवेश के लिए सही समय है. कोरोना महामारी के दौर मे यह चिंता जायज भी है. पिछले साल भी करीब- करीब इस वक्त पर निवेशक बहुत घबराये हुए थे. नया इन्वेस्टमेंट तो दूर बहुत से निवेशकों ने तो पूंजी बाजार से अपना पूरा पैसा निकाल लिया था. लेकिन जिन निवेशकों ने हिम्मत करके निवेश किया उन्हें अच्छा मुनाफा मिला और जो निवेश नहीं कर पाये वो शायद अफ़सोस कर रहे होंगे. पिछले एक साल मे शेयर बाज़ार ने निवेशकों को जितना आकर्षक रिटर्न दिया निवेशकों को आने वाले एक साल में शेयर बाज़ार से वैसे रिटर्न की उम्मीद नहीं करनी चहिये लेकिन लंबे वक्त मे आकर्षक रिटर्न पाने की उम्मीद जरूर की जा सकती है.

देश और दुनिया में कोरोना की वैक्सीन का उत्पादन तेजी से बढ़ रहा है और शायद कुछ महीनो में करीब करीब सभी योग्य व्यक्तियों को वैक्सीन लग जाएगी. वैसे देखा जाए तो शेयर बाजार में निवेश के लिए हर समय सही समय है यदि शेयरों का चुनाव सही हो और निवेश का नजरिया लम्बा हो. हमने देखा है कि इक्विटी एक ऐसा एसेट क्लास है जो लम्बे समय में अच्छे रिटर्न दिलाने की क्षमता रखता है और आर्थिक लक्ष्यों को हासिल करने में मददगार साबित होता है.

मल्टी कैप फ़ंड एक अच्छी पसंद
कंपनियों के आकार के आधार पर, उनके इक्विटी शेयरों को लार्ज कैप, मिड कैप या स्माल कैप के रूप में वर्गीकृत किया जाता है. सामान्य तौर पर देखा गया है कि लार्ज कैप शेयर अक्सर कम जोखिम के साथ एक औसत गति से बढ़ते हैं, जबकि स्माल कैप अधिक जोखिम के साथ लंबे वक्त मे बेहतर रिटर्न दिलाने की क्षमता रखते हैं. एक सफल निवेश पोर्टफोलियो के लिए, स्थिरता और विकास का मिश्रण बहुत जरूरी है जो कि काफी हद तक एक डाइवर्सिफाइड मल्टी कैप फंड में है. पूंजी बाज़ार के रेग्युलेटर सेबी के दिशा निर्देशों के अनुसार मल्टी कैप फ़ंड का निवेश तीनों श्रेणी के शेयरों मे कम से कम 25-25 प्रतिशत होना आवश्यक है. जबकि शेष 25 प्रतिशत राशि को फ़ंड मैनेजर अपनी बुद्धिमता और परिस्थिति के अनुसार किसी भी श्रेणी के शेयरों मे निवेश कर सकते हैं. पूरी तरह से डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो होने के कारण मल्टी कैप फ़ंड विभिन्न परिस्थितियों मे एक औसत जोखिम के साथ अच्छा रिटर्न दिलाने की क्षमता रखते हैं.

कौन करें निवेश
शेयर बाज़ार मे छोटे वक्त में उतार चढ़ाव की संभावना अधिक रहती है जबकि लंबे वक्त में यह जोखिम काफी कम हो जाता है. निवेशकों को अपने लंबी अवधि के वित्तीय लक्ष्यों को हासिल करने के इरादे से इक्विटी मल्टी कैप फ़ंड में निवेश करना चाहिए. लंबी अवधि में एक अनुशासित तरीके से एसआईपी या एसटीपी के जरिये निवेश शेयर बाज़ार मे होने वाले उतार- चढ़ाव के जोखिम को और भी कम कर देता है. नए निवेशक विशेष रूप से जो एक छोटी राशि के साथ एक इक्विटी फंड में एकमुश्त या एसआईपी शुरू करना चाहते हैं, उनके लिए भी मल्टी कैप फंड एक अच्छी पसंद हो सकती है क्योंकि उन्हें एक ही स्कीम में लार्ज, मिड और स्माल कैप तीनों तरह के म्यूचुअल फ़ंड का लाभ मिल सकता है.

मल्टीकैप फंड के फायदे
आज के मल्टी कैप पहले के मुकाबले बहुत अलग हैं. नवंबर 2020 में सेबी द्वारा फ्लेक्सी कैप फ़ंड की नयी कैटेगरी शुरू किए जाने के बाद अधिकतर म्यूचुअल फ़ंड कंपनियों ने अपने मल्टी कैप फ़ंड को फ्लेक्सीकैप में तब्दील कर दिया और इस श्रेणी में कुछ ही फंड रह गए हैं. फ्लेक्सीकैप और मल्टी कैप फ़ंड दोनों के अपने अलग अलग फायदे हैं इसलिए अधिकांश म्यूचुअल फ़ंड कंपनियों के पास मल्टी कैप फ़ंड लांच करने की अच्छी गुंजाइश है.

आदित्य बिड़ला सन लाइफ म्यूचुअल फंड का एनएफओ लॉन्च
हाल ही में आदित्य बिड़ला सन लाइफ म्यूचुअल फंड ने भी मल्टी कैप फंड का एनएफओ लॉन्च किया है. यह एनएफओ 3 मई 2021 तक खुला रहेगा. स्कीम इंफॉर्मेशन डॉक्यूमेंट (एसाइडी) के अनुसार स्कीम में न्यूनतम 500 रुपए से निवेश की शुरुआत की जा सकती हैं. फ़ंड मैनेजर की कोशिश रहेगी कि आर्थिक तौर पर मजबूत कंपनियों के शेयरों को इस स्कीम के पोर्टफोलियो में शामिल किया जाये ताकि कम जोखिम के साथ लंबी अवधि मे निवेशको को अच्छा लाभ दिलाया जा सके, साथ ही पूरे सेक्टर को एक ही नजर से देखने की बजाय उस सेक्टर की एक विशिष्ट कंपनी की आर्थिक स्थिति और बिजनेस मॉडल पर ध्यान दिया जायेगा. समान्यतया ऐसा देखा गया है कि एक आर्थिक तौर पर मजबूत कंपनी बुरे हालातों में अच्छा प्रदर्शन करने की क्षमता रखती है जबकि एक कमजोर कंपनी अच्छे समय मे भी व्यवसाय में बढ़त बनाने मे असफल रह जाती है. यदि आपके जोखिम सहने की क्षमता अधिक है और आप पांच साल या उससे अधिक समय के लिए निवेश करना चाहते हैं तो इस फंड में निवेश करने पर विचार कर सकते हैं.

इस लेख के लेखक पंकज मठपाल, सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर और ऑप्टिमा मनी मैनेजर्स के सीईओ हैं.

Published at : 24 Apr 2021 03:44 PM (IST) Tags: Mutual Funds NSE Investment Stock Market bse Stocks Multicap funds हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, छोटे निवेशकों के लिए बाजार में अच्छा मौका कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

गिरावट के इस दौर में शेयरों में पैसे लगाने का अच्‍छा है मौका, जानिए कहां बरतें सावधानी

गिरावट के इस दौर में शेयरों में पैसे लगाने का अच्‍छा है मौका, जानिए कहां बरतें सावधानी

नई दिल्‍ली, ज्योति रॉय। कैपिटल मार्केट अर्थव्यवस्था के विकास और फाइनेंशियल सिस्टम को बढ़ावा देने में मुख्य भूमिका निभाता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए मौजूदा समय में कैपिटल मार्केट में निवेश की कमी है और ऐसे कई बेहतरीन विकल्प उपलब्‍ध हैं, जिनका लाभ निवेशक उठा सकते हैं।

युवा और नए निवेशकों के लिए अभी स्टॉक मार्केट में निवेश का सबसे अच्छा समय है। अर्थव्यवस्था कोरोना वायरस के कारण हुए वैश्विक आर्थिक संकट से जूझ रही है, जिससे भारतीय बाजारों में करेक्शन का समय है। मेडिकल साइंटिस्ट का मानना है कि जैसे-जैसे हम गर्म मौसम की ओर बढ़ेंगे कोरोना वायरस की समस्या हल हो जाएगी। इससे कारण मौजूदा बाजार निवेशकों को एंट्री लेने का अच्छा अवसर दे रहा है।

जब हम पिछले कुछ दशक के बाजार पर नजर डालते हैं, तो हमें बाजार कई सफलता की कई कहानियां देखने को मिलती हैं। यहां तक कि 2009 के वित्तीय संकट के बाद से अब तक के छोटे अंतराल को भी देखें तो कई ऐसे स्मॉल व मिड कैप स्टॉक हैं, जिन्होंने लार्ज कैप बनने के दौरान कई गुना मुनाफा दिया है। यही बात हमें मूल प्रश्न की ओर ले जाती है कि स्टॉक मार्केट में पैसे कैसे लगाएं।

बजट सोच-समझकर तय करें

इसमें कोई दोराय नहीं है कि स्टॉक में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। इसीलिए जरूरी चीजों के लिए की गई बचत के पैसों का निवेश मार्केट में नहीं करना चाहिए। इसी प्रकार अपने बच्चों की पढ़ाई का फंड या अपनी डाउन पेमेंट के पैसों को मार्केट में न लगाएं। अपनी बचत के पैसों का हिसाब लगाएं और इन्हें विभिन्न विकल्पों में निवेश करें, जिनमें अलग-अलग प्रकार के जोखिम और रिटर्न हों। टेक्नोलॉजी यहां भी आपके काम आएगी। कई स्मार्टफोन एप्लीकेशन बजटिंग टूल के साथ आती हैं जो आपकी बचत को विभिन्न विकल्पों में निवेश की सलाह देती हैं और इस प्रकार और कम जोखिम लेते हुए अच्छा निवेश कर सकते हैं।

एग्जिट प्लान तैयार रखें

निवेशक एग्जिट प्लान तैयार न कर एक बड़ी गलती करते हैं। मार्केट से कब एग्जिट करना है, इसके बारे में पता न होने से निवेश का पूरा लाभ नहीं मिल पाता है। मार्केट हमेशा ही आकर्षित या भयभीत करेगा। इसके बावजूद अपनी योजना पर टिके रहें और जब आपको लगे कि आपके निवेश का उद्देश्य पूरा हो गया है तो एग्जिट करें।

रिसर्च करें

शेयर मार्केट के बारे में सबकी अपनी अलग राय होती है और बेहतर व व्यावहारिक सुझाव हासिल करना मुश्किल होता है। इसीलिए निवेशक को अपनी रिसर्च करना आवश्यक हो जाता है। कंपनी के बारे में रिसर्च करते समय कुछ प्रमुख कारक जिन पर गौर किया जाना चाहिए, इस प्रकार हैं:

ग्रोथ और नॉन-साइक्लिकैलिटी का कॉम्बिनेशन

पूरे इकोनॉमिक व मार्केट में ग्रोथ एक प्रमुख कारक जो स्टॉक मार्केट में वैल्यू बनाता है। जहां मार्केट ग्रोथ को वैल्यू देता है वहीं ग्रोथ की निरंतरता ज्यादा बेहतर प्रीमियम देती है। स्टॉक मार्केट में लॉन्ग टर्म में बेहतर मुनाफा देने वाली अधिकतर कंपनियों की नॉन साइक्लिकैलिटी बिज़नेस में ग्रोथ बेहतर होती है। पारंपरिक कॉमोडिटी बिज़नेस जैसे स्टील, एल्युमिनियम या तेल में ऐसा मुनाफा कम ही होता है।

कम डेट और ज्यादा एसेट आधारित बिज़नेस मॉडल कमाई की कुंजी

मेटल, इंफ्रास्ट्रक्चर व यूटिलिटी जैसे सेक्टर में मल्टी छोटे निवेशकों के लिए बाजार में अच्छा मौका बैगर्स ढूंढना मुश्किल होता है क्योंकि इनके बिज़नेस मॉडल में ज्यादा कैपिटल की जरूरत होती है और डेट में इजाफा होता है और रिटर्न रेशियो कम मिलता है। ज्यादा डेट के कारण आर्थिक स्थिति खराब होने पर दिवालियापन का जोखिम ज्यादा होता है। यह जरूरी नहीं है कि जीरो डेट वाली कंपनियों को ही चुना जाए, क्योंकि थोड़ा उधार कंपनी की स्थिति को बेहतर बनाने में सहायक हो सकता है। वहीं दूसरी तरफ अत्यधिक उधार शेयरहोल्डर की पूरी वैल्यू खत्म कर सकता है।

कॉर्पोरेट गवर्नेंस के उच्च मानक

मार्केट बेहतर कॉर्पोरेट गवर्नेंस को हमेशा सराहता है और बेहतर प्रीमियम देता है। अच्छी कॉर्पोरेट गवर्नेंस वाली कंपनियों के कुछ प्रमुख लक्षण होते हैं:

छोटे शेयरहोल्डर्स को ध्यान में रखकर मैनेजमेंट रूपरेखा तय करती है। शेयरहोल्डर्स संबंधी जानकारी को जाहिर करने को लेकर उच्च मानक तय होते हैं। नारायण मूर्ति ने इस बात का बहुत अच्छा सार निकालते हुए कहा है “जब भी कोई संशय हो, सभी बातें सामने लाओ”।

जरूरी नहीं है कि अच्छी कंपनी खरीदने के लिए हमेशा अच्छा स्टॉक हो

लंबी विरासत वाली कोई बड़ी कंपनी जरूरी नहीं है कि हमेशा अच्छा स्टॉक हो। यह इसलिए क्योंकि कई बार कंपनी का प्राइज और फ्यूचर ग्रोथ इसकी वैल्यूएशन के साथ मेल नहीं खाते हैं। पीईजी रेशियो (पीई रेशो को सब्स्टेंशियल ग्रोथ से विभाजित करने पर) कंपनी की वैल्यूएशन और ग्रोथ की तुलना करने का आसान तरीका है।

खैर, इसके अलावा निवेशकों को अन्य मानकों पर भी ध्यान देने की जरूरत है, जैसे रिटर्न रेशियो और ब्रांड जो कंपनी की वैल्यूए्रशन तय करने में बड़ी भूमिका निभाती है। हालांकि, इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि ऊपर बताए गए पैरामीटर निवेशकों को मल्टी बैगर चुनने में हमेशा कारगर हैं, लेकिन ये ऐसी कंपनियों की छटनी करने में जरूर सहायक हैं, जिनमें निवेश करने से बचना चाहिए।

(लेखक डीवीपी इक्विटी रणनीतिकार, एंजेल ब्रोकिंग लिमिटेड हैं। प्रकाशित विचार उनके निजी हैं।)

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