माइनर्स को उनके इस काम के लिए बिटकॉइन मिलते हैं, और ये बिटकॉइन एल्गोरिदम के जरिए अपनेआप जेनरेट होते हैं। इसके बाद ब्लॉकचेन हर बिटकॉइन ट्रांजैक्शन का रिकॉर्ड दर्ज करता है और ये सार्वजनिक होते हैं।
RBI Digital Currency: आरबीआई जल्द लॉन्च करने जा रहा अपने डिजिटल करेंसी का पायलट प्रोजेक्ट!
By: ABP Live | Updated at : 18 Nov 2022 07:36 PM (IST)
प्रतिकात्मक फोटो ( Image Source : Getty )
RBI Digital Currency: आरबीआई जल्द ही अपने डिजिटल करेंसी (CBDC) को रोलआउट कर सकता है. आरबीआई का डिजिटल करेंसी सभी प्रकार के पेमेंट सिस्टम के साथ इंटरऑपरेबल होगा. नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया डिजिटल करेंसी के लिए प्लेटफॉर्म को तैयार कर रहा और ये यूपीआई प्लेटफॉर्म के समान होगा. आरबीआई चाहता है कि सभी बैंक रिटेल सीबीडीसी को 10,000 से लेकर 50,000 यूजर को ऊपर पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर टेस्ट करें.
पूरे बैंकिंग सिस्टम को जोड़ा जाएगा
फिलहाल एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक , एचडीएफसी बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक इस ट्रायल प्रोजेक्ट में हिस्सा ले रहे पर बाद में पूरे बैंकिंग सिस्टम तो इसके साथ जोड़ा जाएगा.
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Published at : 18 Nov 2022 07:30 PM (IST) Tags: NPCI CBDC RBI DIGITAL CURRENCY हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। जानें वर्चुअल करंसी की दुनिया को For more related stories, follow: Business News in Hindi
Budget 2022: क्रिप्टोकरेंसी पर कंफ्यूजन, क्या सरकार ने लगा दिया टैक्स? जानें पूरी कहानी
सरकार क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन बिल लाने में तो विफल रही है, लेकिन वर्चुअल डिजिटल असेट (Virtual digital asset) पर टैक्स लगाने जा रही है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण (Budget 2022) में वर्चुअल डिजिटल असेट से होने वाली आय पर 30 फीसद टैक्स लगाने का ऐलान किया है. वर्चुअल डिजिटल असेट को टैक्स के दायरे में लाने के लिए एक निश्चित सीमा से अधिक के लेनदेन पर इस असेट जानें वर्चुअल करंसी की दुनिया को पर एक फीसदी टीडीएस (TDS) भी काटा जाएगा. वर्चुअल डिजिटल असेट से होने वाले किसी भी घाटे को लाभ के साथ सेट-ऑफ नहीं किया जा सकेगा.
क्या कहा एक्सपर्ट ने
अंशुमान तिवारी ने कहा, ये क्रिप्टो पर टैक्स इसलिए नहीं है क्योंकि सरकार से क्रिप्टो को अभी कानूनी मान्यता नहीं है, ऐसे में सरकार बिना कानूनी मान्यता के टैक्स नहीं लगा सकती है. अगर ऐसा होता है तो कानूनी रूप से भी अजीब बात सी होगी. जो फाइनेंस बिल का प्रोविजन है उसमें डिजिटल/वर्चुअल करेंसी की परिभाषा बताई गई है. उसमें यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि टैक्स नॉन फंजिबल टोकन्स (NFT) पर लागू होगा. NFT भी धीरे-धीरे आ रहे हैं जिसमें बहुत सारे दिग्गज और आर्टिस्ट अपनी कला का वैल्यूएशन करते हैं और उसे डिजिटल एसेट्स बनाकर सेल करते हैं. वो एक्सक्लूसिव एसेट होती है.
वर्चुअल डिजिटल असेट में क्रिप्टोग्राफिक के जरिये जनरेटेड कोई भी इंफोर्मेशन या कोड या नंबर या टोकन को शामिल किया गया है, जो एक डिजिटल रिप्रजेंटेशन प्रदान करता है. वर्चुअल डिजिटल असेट में एनएफटी को भी शामिल किया गया है. इतना ही नहीं वर्चुअल असेट को गिफ्ट के रूप में हासिल करने वाले को भी टैक्स देना होगा. निर्मला सीतारमण ने डिजिटल करेंसी को लेकर भी बड़ी घोषणा की है. आरबीआई 2022-23 में ब्लॉकचेन जानें वर्चुअल करंसी की दुनिया को और अन्य टेक्नोलॉजी पर आधारित डिजिटल करंसी लॉन्च करेगा. सरकार का मानना है कि इससे इकोनॉमी को बड़ा बूस्ट मिलेगा.
रिजर्व बैंक लाएगा सीबीडीसी
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी, आधिकारिक करेंसी का इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड या डिजिटल टोकन होगा. इसमें वित्तीय समावेश को बढ़ावा देने की क्षमता है. हालांकि यह करंसी का एक सेंट्रालाइज्ड फॉर्म है. ऐसे में नागरिकों की प्राइवेसी को लेकर सवाल उठ सकते हैं. फिलहाल सीबीडीसी डेवलपमेंट फेस में है और दुनियाभर के केंद्रीय बैंक इस पर विचार कर रहे हैं. सीबीडीसी लीगल टेंडर्स हैं और इन्हें बैंक जारी करेंगे.
भारत दुनिया में सबसे ज्यादा क्रिप्टो निवेशकों का देश है. डिस्कवरी प्लेटफॉर्म ब्रोकरचूजर के मुताबिक यहां 10.07 करोड़ क्रिप्टो निवेशक हैं. अमेरिका में 2.74 करोड़, रूस में 1.74 करोड़ और नाइजीरिया में 1.30 करोड़ क्रिप्टो ओनर्स हैं. अब अगर स्टॉक इनवेस्टर्स की बात करें तो भारत में बीएसई पर कुल रजिस्टर्ड निवेशक जानें वर्चुअल करंसी की दुनिया को 9.55 करोड़ हैं. जो क्रिप्टो ओनर्स की तुलना में कम हैं. भारत में कुल जनसंख्या के मामले में क्रिप्टो ओनर्स को देखें तो यह 7.30 फीसद है.
वर्चुअल करेंसी पर बाजार में पसोपेश
- 06 अप्रैल 2018,
- (जानें वर्चुअल करंसी की दुनिया को अपडेटेड 06 अप्रैल 2018, 6:48 PM IST)
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) ने 5 अप्रैल, 2018 को अपनी मौद्रिक नीति की घोषणा के साथ बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी (वीसी) के लेन-देन को लेकर फिर चेतावनी जारी कर दी कि इसका लेनदेन जोखिम भरा है और बैंक अपने स्तर पर इसकी ट्रेडिंग के लिए भुगतान की सुविधा न दें. ऐसे आदेश पहले भी आरबीआइ दे चुका है लेकिन हकीकत ये है कि उसने बिटकॉइन लेन-देन को अवैध घोषित नहीं किया है.
वीसी को लेकर सरकार और आरबीआइ के स्तर पर काफी असमंजस है जानें वर्चुअल करंसी की दुनिया को जिससे लोगों में भी भ्रम बना हुआ है. सरकार देश की वर्चुअल करेंसी भी लाना चाहती है लेकिन बाजार के मौजूदा कारोबार पर चेतावनी भी जारी कर रही है.
Jagran Trending: Metaverse की दुनिया में नहीं चलेगी नोर्मल करेन्सी, NFT और क्रिप्टो से होगा लेनदेन, जानें डिटेल
एनएफटी एक डिजिटल संपत्ति है जो कला संगीत और गेम जैसे इंटरनेट चीजों की प्रतिनिधित्व करती है जो ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी से बनाए गए एक प्रामाणिक प्रमाण पत्र के साथ है जो क्रिप्टोक्यूरेंसी को रेखांकित करता है। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से..
नई दिल्ली, सौरभ वर्मा। मेटावर्स की एक वर्चुअल यानी आभाषी दुनिया होगी। इस वर्चुअल दुनिया में नॉर्मल करेंसी नहीं चलेगी। मेटावर्स वर्ल्ड की अपनी सेलेक्टेड करेंसीज होंगी। यह करेंसी ब्लॉकचेन बेस्ड होगी। जिस पर किसी देश या फिर सरकार का कंट्रोल नहीं होगा। साथ ही एक मेटवर्स से दूसरे मेटावर्स में आने जाने के लिए अगल-अलग करेंसी की जरूरत नहीं होगी। ऐसे में करेंसी एक्सचेंज नहीं कराना होगा। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर मेटावर्स में कैसी करेंसी काम करेंगी। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से.
NFT क्या है? What is NFT?
NFT यानी नॉन-फंजिबल टोकन एक तरह का डिजिटल एसेट है जिसे ना तो बदला जा सकता है और ना ही इंटरचेंज किया जा सकता है, क्योंकि इसमें जानें वर्चुअल करंसी की दुनिया को यूनिक गुण है। एनएफटी एक डिजिटल संपत्ति है जो कला, संगीत और गेम जैसे इंटरनेट चीजों की प्रतिनिधित्व करती है, जो ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी से बनाए गए एक प्रामाणिक प्रमाण पत्र के साथ है, जो क्रिप्टोक्यूरेंसी को रेखांकित करता है।
फंजिबल का जानें वर्चुअल करंसी की दुनिया को अर्थ है कि दो चीजें आपस में इंटरचेंजेबल हैं, जैसे कि 100 रुपये के नोट- मान लीजिए कि आपके पास 100 रुपये का एक नोट है। जानें वर्चुअल करंसी की दुनिया को इसे किसी दूसरे 100 रुपये के नोट से बदला जा सकता है, इसलिए यह फंजीबल असेट है।
एक नॉन फंजीबल टोकन (Non-fungible token) एक वित्तीय सुरक्षा है, जिसमें एक ब्लॉकचेन में संग्रहीत डिजिटल डेटा होता है, जो वितरित खाता (Distributed Ledger) का एक रूप है। एनएफटी का ownership ब्लॉकचैन में दर्ज किया जाता है, और मालिक द्वारा transfer (हस्तांतरित) किया जा सकता है, जिससे एनएफटी को बेचा और जानें वर्चुअल करंसी की दुनिया को जानें वर्चुअल करंसी की दुनिया को व्यापार किया जा सकता है।
जानें वर्चुअल करेंसी 'बिटकॉइन' की कैसे होती है माइनिंग
नई दिल्ली/टीम डिजिटल। सरकार की लाख मनाही के बाद भी लोगों का बिटकॉइन, रिपल और लाइटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरंसी की तरफ रुझान कम होता नजर नहीं हो रहा है। बात करते है आखिर कौन बनाता है ये बिटकॉइन और कैसे होती है इसकी माइनिंग। देश से लेकर दुनिया तक करंसी से अलग क्रिप्टो करंसी बैंक या एक कंसोर्शम जैसी कोई सेंट्रल अथॉरिटी प्रोड्यूस नहीं करती।
बिटकॉइन को माइनिंग रिग्स के नाम से जाने जानेवाले कंप्यूटर बनाते हैं। इस वर्चुअल करंसी को बनाने के लिए इन कंप्यूटर को जटिल समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसके बाद बिंटकॉइन आपके सामने आते है। इसकी शुरुआत 2 जनवरी 2009 में 50 कॉइन्स के साथ हुई थी। ये कॉइन्स हर दस मिनट में मैथमेटिकल फार्मूले से नए कॉइन से बैच तैयार होतें हैं। बता दें कि अगर आपके पास कंप्युटिंग की अधिक जानाकीर है तो, इन कॉइन्स की माइनिंग कोई भी कर सकता है
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