e₹-R रिटेल डिजिटल रुपी ▪️ भारतीय रिजर्व बैंक का पहला पायलट प्रोजेक्ट ▪️ लीगल टेंडर के रूप में एक डिजिटल टोकन ▪️ ग्राहकों और व्यापारियों सहित क्लोज्ड यूजर ग्रुप्स में चुनिंदा स्थानों को शामिल करता है ▪️ कागज़ी मुद्रा और सिक्कों के मूल्यों में होता है जारी #DigitalRupee pic.twitter.com/XmHRwEZVwO— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) December 2, 2022

Cryptocurrency और digital Currency में क्या अन्तर है ?

दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम बात करने वाले हैं Cryptocurrency और digital Currency में क्या अन्तर है ? और कैसे काम करती है इसको देश मे किस प्रकार से देखा जा रहा है। दोस्तों आये दिन हम Crypto currency के बारे में चर्चा करते रहते है और Crypto currency पर कई सारे नियम भी बनाये जा रहे कई देश इसको लीगल मैन रहे हैं तो कई देश इसको लीगल मानने को तैयार नही है।

इंडिया में भी Cryptocurrency पर काफी बिबाद देखने को मिला है। इंडिया में Crypto currency को करेंसी नही मन जा रहा है और इंडिया में इसको वर्चुअल डिजिटल एसेट का नाम दिया जा रहा है। आज के इस आर्टिकल में हम इन्हीं सब चीजों के बारे में चर्चा करने वाले हैं। दोस्तों क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों का मानना है कि यदि सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स लगाती है तो इसका सीधा सा मतलब यह है कि क्रिप्टोकरेंसी को भारत में बैन नही किया जायेगा परन्तु इसका इसका मतलब यह बिल्कुल भी नहीं है कि इसे कानूनी वैद्यता प्राप्त हो जाएगी।

Cryptocurrency क्या है?

Cryptocurrency भी एक डिजिटल currency की तरह ही होती है जो कि world wide काम करती है Crypto currency Decenterlalized System पर कार्य करती है जिसका मतलब यह है कि crypto currency पर किसी भी देश का या फिर किसी भी ऐजेंसी का कोई कंट्रोल नही होता है और Crypto currency पर किसी भी देश या राष्ट्र की अर्थव्यवस्था से कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

यह कोड और पासवर्ड के द्वारा इनक्रिप्टेड होती है जिससे इसको कंट्रोल करने बहुत मुश्किल है यह ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी पर आधारित है इसलिए यब किसी एक सर्वर पर स्टोर नही होती है इसको मल्टीपल सर्वर पर स्टोर किया जाता है। Cryptocurrency ब्लोकचेन टेक्नोलॉजी पर कार्य करने वाली एक virtual currency है और Cryptography के द्वारा इसके Transactions के रिकॉर्ड रखे जाते हैं।

Cryptocurrency के उदाहरण

  • Bitcoin
  • Yearn finance
  • Ethereum
  • Maker
  • Bitcoin cash
  • Binance coin
  • Compound
  • Doge
  • Litecoin
  • Ripple

digital Currency क्या है?

सबसे पहले समझते हैं कि डिजिटल करेंसी होती क्या है तो दोस्तों डिजिटल करेंसी RBI (भारतीय रिजर्व बैंक) द्वारा जारी की गई मुद्रा का इलेक्ट्रॉनिक रूप है यह सिर्फ डिजिटल वॉलेट में स्टोर होती है, इसका कोई फिजिकल रूप नहीं होता है। डिजिटल करेंसी को आप सिर्फ अपने वॉलेट में रख सकते हैं, कही पर भी पेमेंट कर सकते हैं, किसी को ट्रांसफर कर सकते हैं परन्तु आप इसको बैंक में नही ले सकते हैं क्योंकि RBI डिजिटल करेंसी के मूल्य की कीमत के फिजिकल करेंसी नही छापेगी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट 2022 – 23 के दौरान घोषणा की और बताया की (Digital Assets) डिजिटल पर भारत मे अब 30 प्रतिशत का टैक्स देना होगा, जिसमे Cryptocurrency और डिजिटल मुद्रा कहाँ स्टोर कर सकते हैं NFT शामिल हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह भी घोषणा की है की RBI (रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया) जल्दी ही अपनी डिजिटल मुद्रा को लांच करने वाला है। जिसको (CBDC) सेंट्रल बैंक digital currency कहा जा रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक के मुताबिक अगले वित्तीय वर्ष तक डिजिटल करेंसी को लांच किया जा सकता है जिसपर काफी तेजी से कम चल रहा है।

digital Currency के फायदे

आने वाले समय में डिजिटल करेंसी का उपयोग बहुत अधिक बढ़ जाएगा और हमारी इस लाइफ में डिजिटल करेंसी के कई सारे फायदे जो कि निम्नलिखित हैं-

  1. डिजिटल करेंसी के अधिक उपयोग से कैशलेस पेमेंट को बढ़ाबा मिलेगा जिससे कागज की खपत में कमी आएगी।
  2. डिज़िटल करेंसी के उपयोग से ट्रांजेक्शन में ट्रांसपरेंसी डिजिटल मुद्रा कहाँ स्टोर कर सकते हैं आएगी और टैक्स की चोरी को रोक जा सकेगा।
  3. डिजिटल करेंसी के उपयोग से महामारी के समय इंफेक्शन से बचे रहेंगे।
  4. डिजिटल करेंसी के उपयोग में आने से करेंसी डिजिटल मुद्रा कहाँ स्टोर कर सकते हैं छापने की कॉस्ट में बचत होगी।

digital Currency के उदाहरण

दोस्तों यदि हम बात करें डिजिटल करेंसी के उदाहरण की तो डिजिटल करेंसी का उपयोग वॉलेट कैश के रूप में होता है जैसे कि आपके Paytm वॉलेट में उपस्थित पैसा, phonepe वॉलेट में उपस्थित पैसे, amazon pay में उपस्थित पैसे या फिर किसी भी वॉलेट में उपस्थित पैसे डिजिटल करेंसी के रूप में होते हैं, उनसे आप कोई भी सर्विस ले सकते हैं यह पैसा आप हर प्रकार से यूज़ कर सकते हैं परन्तु फिजिकल रूप में प्राप्त नहीं कर सकते हैं।

Cryptocurrency और digital Currency में क्या अन्तर है

Cryptocurrency और digital Currency में क्या अन्तर है

दोस्तों यदि हम बात करे Cryptocurrency और digital Currency में क्या अंतर है तो इसका सबसे बड़ा अंतर यह है कि Cryptocurrency पूरी तरह से decentralized system पर कार्य करती है जिस कारण इसपर किसी भी देश या एजेंसी का कंट्रोल नहीं होता है जबकि digital Currency पूरी तरह से Centerlized system पर कार्य करती है और यह किसी भी देश या सेंट्रल एजेंसी के कंट्रोल में होती है।

इसका दूसरा अंतर यह है कि Crypto currency का डेटा ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी के अलग अलग सर्वर पर स्टोर होता है जबकि digital Currency का डेटा गवर्मेन्ट सर्वर पर स्टोर होता है। Crypto currency इनक्रिप्टेड रहती है जबकि digital Currency इनक्रिप्टेड नही होती है।


Difference between Cryptocurrency and digital Currency in hindi

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Digital Rupee Kya hai? | डिजिटल रुपया कैसे काम करता है और यह बिटकॉइन से कितना अलग है? समझें

Digital Rupee Kya hai? | डिजिटल रुपया कैसे काम करता है और यह बिटकॉइन से कितना अलग है? समझें

Digital Rupee: बजट 2022 में वित्तमंत्री ने Digital Rupee को बढ़ावा देने की बात कही है। ऐसे में आइए समझते है कि Digital Rupee Kya Hai (What is Digital Rupee in Hindi) यह कैसे काम काम करता है? (How does Digital Rupee work?) और क्या यह बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी से अलग है?

Digital Rupee in Hindi: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitaraman) ने अपने केंद्रीय बजट 2022 (Budget 2022) के भाषण के दौरान क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित कुछ प्रमुख घोषणाएं कीं, विशेष रूप से क्रिप्टो इनकम पर नया टैक्स लेने की बात कही गई। अधिकांश लोग यह देखने के लिए उत्सुक थे कि क्या क्रिप्टोकरेंसी अपनी छाप बनाती है, लेकिन सरकार अपनी डिजिटल रुपया (Digital Rupee) मुद्रा की घोषणा करके एक नई दिशा में चली गई है।

सरकार द्वारा कहा गया है कि Digital Rupee इस साल के अंत तक उपलब्ध होगा। इसे सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) कहते हुए, घोषणा में कहा गया है कि डिजिटल रुपया (Digital Rupee) डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा डिजिटल मुद्रा कहाँ स्टोर कर सकते हैं देगा। तो Digital Rupee Kya hai? (What is Digital Rupee in Hindi), यह कैसे काम करता है (How does Digital Rupee work?) और क्या यह बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी से अलग है? इसे आसानी से समझने के लिए आगे पढ़ना जारी रखें।

Digital Rupee Kya hai? | What is Digital Rupee in Hindi

Digital Rupee मूल रूप से रेगुलर करेंसी का डिजिटल रूप है जिसका उपयोग हम दैनिक लेनदेन के लिए करते हैं। डिजिटल मुद्रा के माध्यम से आप अपने पैसे को डिजिटल रूप से स्टोर कर सकते है। Digital Rupee ब्लॉकचेन तकनीक द्वारा संचालित है जो मुद्रा प्रबंधन को सस्ता बनाता है, जिससे सरकार भविष्य में कम नोट छाप सकती है। चूंकि करेंसी डिजिटल रूप से ऑपरेट होती है तो इसका जीवनकाल भी बढ़ता है, क्योंकि आप Digital Rupee को नष्ट नहीं कर सकते हैं या उसे खो नहीं सकते है।

डिजिटल रुपया कैसे काम करेगा | How does Digital Rupee work?

भले ही Digital Rupee ब्लॉकचेन तकनीक द्वारा संचालित होगा लेकिन इसकी निगरानी केंद्रीय निकाय द्वारा की जाएगी, जो विभिन्न कारणों से मुद्रा में अस्थिरता को रोकता है। चूंकि डिजिटल रुपया फिएट मुद्रा (Fiat Currency) का एक और रूप है, इसलिए यह डिजिटल भुगतान को एक नए स्तर पर ले जाने की संभावना है। हम अभी भी नहीं जानते हैं कि सरकार Digital Rupee को सिस्टम में कैसे डालने की योजना बना रही है।

क्या डिजिटल रुपया बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरंसी से अलग है?

Digital Rupee में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के सभी ब्लूप्रिंट हैं। यह ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है और भविष्य के लिए फिजिकल करेंसी पर निर्भरता को कम करने का प्रयास डिजिटल मुद्रा कहाँ स्टोर कर सकते हैं करता है। हालांकि बिटकॉइन पर किसी भी गवर्निंग बॉडी का अधिकार नहीं है, फ्रॉड होने की स्थिती में आपकी रक्षा न के बराबर है। बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी उसी आधार पर बनाई गई है। लेकिन जब Digital Rupee की बात आती है, तो नियंत्रण की स्थिति भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पास होती है, जो अन्य बैंकिंग संस्थाओं के साथ अपना नेटवर्क स्थापित करेगा।

हम Digital Rupee के बारे में तब और जानेंगे जब सरकार अधिक जानकारी प्रदान करेगी, जो वित्त वर्ष 2022-23 के अंत से पहले होने वाला है।

RBI Digital Rupee Scheme: आरबीआई ने डिजिटल रुपया योजना के लिए किया इन 8 बैंकों का चयन, ग्राहकों को मिलेंगी ये सुविधाएं

RBI Digital Rupee Scheme:फोनपे जैसे अन्य डिजिटल वॉलेट ऐप के समान, उपयोगकर्ता मोबाइल फोन और अन्य उपकरणों पर एक डिजिटल वॉलेट के साथ लेनदेन कर सकते हैं। ऐप्स को भाग लेने वाले बैंकों के माध्यम से भी परिचालित किया जाएगा।

RBI Digital Rupee Scheme: आरबीआई ने डिजिटल रुपया योजना के लिए किया इन 8 बैंकों का चयन, ग्राहकों को मिलेंगी ये सुविधाएं

RBI Digital Rupee Scheme: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने प्रतिभागियों की एक छोटी संख्या के साथ एक डिजिटल रुपया पायलट परियोजना शुरू की है। परियोजना के दो चरण के कार्यान्वयन में भाग लेने के लिए केंद्रीय बैंक द्वारा आठ बैंकों को चुना गया है। आरबीआई द्वारा जारी किए गए टोकन के रूप में डिजिटल मुद्रा कानूनी कागज और सिक्का डिजिटल मुद्रा कहाँ स्टोर कर सकते हैं नकद के बराबर है और इसका उपयोग खुदरा डिजिटल रुपये का प्रतिनिधित्व करने के लिए किया जा सकता है। ई-मुद्रा भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा पेपर मनी और सिक्कों के समान डिजिटल मुद्रा कहाँ स्टोर कर सकते हैं डिजिटल मुद्रा कहाँ स्टोर कर सकते हैं मूल्यवर्ग में जारी की जाएगी, और बैंक डिजिटल मुद्रा को उसी तरह वितरित करेंगे जैसे वे भौतिक मुद्रा के वितरण के लिए उपयोग करते हैं।

ग्राहक ऐसे कर सकेंगे इस्‍तेमाल

फोन-पे जैसे अन्य डिजिटल वॉलेट ऐप के समान, उपयोगकर्ता मोबाइल फोन और अन्य उपकरणों पर एक डिजिटल वॉलेट के साथ लेनदेन कर सकते हैं। पेटीएम, जी-पे सहित डिजिटल मुद्रा लेनदेन डिजिटल मुद्रा कहाँ स्टोर कर सकते हैं केवल आरबीआई की डिजिटल रुपया योजना में भाग लेने वाले बैंकों द्वारा प्रदान किए गए डिजिटल वॉलेट के माध्यम से किया जा सकता है। ऐप्स को भाग लेने वाले बैंकों के माध्यम से भी परिचालित किया जाएगा। सहयोगी बैंकों द्वारा प्रदान किए गए और उपयोगकर्ताओं के मोबाइल फोन या उपकरणों पर रखे गए डिजिटल वॉलेट के माध्यम से, उपयोगकर्ता ई-रुपये के साथ लेनदेन करने में सक्षम होंगे।

इन बैंकों को किया गया है शामिल

पहले चरण में, भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक देश भर के चार अलग-अलग स्थानों से भाग लेंगे। दूसरे चरण में बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक को जोड़ा जाएगा।

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इन शहरों में पायलट प्रोजेक्‍ट

मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु, भुवनेश्वर, अहमदाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, कोच्चि, लखनऊ, पटना और शिमला को पायलट चरण में शामिल किया जाएगा।

e₹-R

रिटेल डिजिटल रुपी

▪️ भारतीय रिजर्व बैंक का पहला पायलट प्रोजेक्ट

▪️ लीगल टेंडर के रूप में एक डिजिटल टोकन

▪️ ग्राहकों और व्यापारियों सहित क्लोज्ड यूजर ग्रुप्स में चुनिंदा स्थानों को शामिल करता है

▪️ कागज़ी मुद्रा और सिक्कों के मूल्यों में होता है जारी

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— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) December 2, 2022

e₹-R

रिटेल डिजिटल रुपी

▪️ बैंकों द्वारा वितरित

▪️ प्रतिभागी बैंकों द्वारा पेश किए गए डिजिटल वॉलेट द्वारा लेनदेन और मोबाइल फोन पर जमा होगा

▪️ फिजिकल कैश जैसी विशेषताएं: भरोसेमंद, सुरक्षिता और तय निपटान pic.twitter.com/tAv9J6cV8c

— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) December 2, 2022

डिजिटल मुद्रा- ‘डिजिटल रुपया’ परआरबीआई की बड़ी घोषणा

नई दिल्ली । भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने डिजिटल मुद्रा- ‘डिजिटल रुपया’ को लेकर बड़ी घोषणा की है। आरबीआई ने कहा है कि वह एक दिसंबर को खुदरा डिजिटल रुपये (e₹-R) के लिए पहली खेप लॉन्च करेगी। E₹-R एक डिजिटल टोकन के रूप में होगा। यह कानूनी निविदाओं का प्रतिनिधित्व भी करेगा।

आरबीआई ने यह भी बताया कि डिजिटल रुपया उसी मूल्यवर्ग में जारी किया जाएगा, जिसमें वर्तमान में कागजी मुद्रा और सिक्के जारी किए जाते हैं।

बता दें कि इसकी वैल्यू कागजी नोटों के बराबर ही होगी। व्यक्ति इसे देकर कागजी नोट भी हासिल कर सकते हैं। रिजर्व बैंक ने डिजिटल करेंसी को दो कैटेगरी CBDC-W और CBDC-R में बांटा गया है। CBDC-W मतलब होलसेल करेंसी और CBDC-R का मतलब रिटेल करेंसी से है।

डिजिटल रुपया का डिस्ट्रीब्यूशन बैंकों के माध्यम से किया जाएगा। रिजर्व बैंक के अनुसार, यूजर्स मोबाइल फोन या डिवाइस में स्टोर बैंकों के डिजिटल वॉलेट से डिजिटल रूपी के जरिए लेन-देन कर सकते हैं। किसी दुकानदार को डिजिटल रूपी में भुगतान करना है, तो मर्चेंट के पास दिख रहे क्यूआर (QR) कोड्स के जरिए किया जा सकता है।

आरबीआई के पायलट प्रोजेक्ट में ये बैंक शामिल

इस पायलट प्रोजेक्ट में भाग लेने के लिए आठ बैंकों की पहचान की गई है। लेकिन पहले चरण की शुरुआत देश भर के चार शहरों में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के माध्यम से होगी। इसके बाद बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक को इस पायलट प्रोजेक्ट में शामिल किया जाएगा।

डिजिटल युग में एक और कदम, कल से ई-रुपया मुद्रा

नई दिल्ली: जहां केंद्र सरकार पिछले कुछ समय से देश में डिजिटल मनी को मुद्रा के रूप में बढ़ावा दे रही है, वहीं आरबीआई ने भारतीय मुद्रा रुपये को डिजिटल युग में ले जाने की दिशा में एक और कदम उठाया है। भारतीय रिजर्व बैंक ने 1 दिसंबर से खुदरा डिजिटल रुपये की शुरुआत की घोषणा की है। इस रिटेल डिजिटल रुपये से आम आदमी दुकानों में खरीदारी कर सकेगा। आरबीआई ने इस डिजिटल करेंसी को सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) नाम दिया है। आम लोगों को रिटेल में इस डिजिटल मुद्रा का उपयोग करने की अनुमति देने के लिए गुरुवार से चार शहरों में एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू होगा।

भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि पायलट प्रोजेक्ट के दौरान डिजिटल रुपये के निर्माण, वितरण और खुदरा इस्तेमाल की पूरी प्रक्रिया का परीक्षण किया जाएगा. पायलट प्रोजेक्ट में, देश के चार शहरों: दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में डिजिटल रुपये की मुद्रा पेश की जाएगी। उसके बाद दूसरे चरण में अहमदाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, कोच्चि, लखनऊ, पटना और शिमला जैसे शहरों में डिजिटल करेंसी लॉन्च की जाएगी।

आरबीआई के मुताबिक पायलट प्रोजेक्ट में चार बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक चार शहरों में रिटेल डिजिटल रुपये जारी करने का काम करेंगे. उसके बाद चार अन्य बैंक बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक भी इस परियोजना से जुड़ेंगे। इस तरह कुल 8 बैंक डिजिटल रुपये जारी करेंगे।

ये बैंक कागजी नोटों की तरह ही डिजिटल रुपयों को जारी करेंगे। डिजिटल वॉलेट के माध्यम से व्यक्ति से व्यक्ति या व्यक्ति से दुकानदार, व्यापारी के बीच वित्तीय लेन-देन किया जा सकता है। अगर कोई आम आदमी चीजों की खरीदारी के लिए डिजिटल रुपयों का भुगतान करना चाहता है तो वह क्यूआर कोड के डिजिटल मुद्रा कहाँ स्टोर कर सकते हैं जरिए कर सकेगा। इसके अलावा आम लोग डिजिटल रुपयों से एक-दूसरे से लेन-देन कर सकेंगे। उपयोगकर्ता इस डिजिटल पैसे को मोबाइल फोन या अन्य उपकरणों में बैंकों द्वारा प्रदान किए गए वॉलेट में स्टोर कर सकते हैं। इसके अलावा, इन डिजिटल रुपयों को रखने के लिए किसी बैंक खाते की आवश्यकता नहीं है। खास बात यह है कि इन डिजिटल रुपयों को वॉलेट में रखने पर बैंकों की ओर से कोई ब्याज नहीं दिया जाएगा। अभी ग्राहकों को बैंक खातों में कागजी नोट जमा करने पर ब्याज मिलता है।

आरबीआई ने कहा कि डिजिटल रुपये का मूल्य कागज के नोटों के मूल्य के समान होगा। आप चाहें तो बैंक में डिजिटल रूपए जमा करके भी कागजी नोट प्राप्त कर सकते हैं। आरबीआई ने डिजिटल मुद्रा को दो श्रेणियों में विभाजित किया है, जिसमें थोक के लिए सीबीडीसी-डब्ल्यू और खुदरा के लिए सीबीडीसी-आर शामिल हैं। आरबीआई ने कहा कि चूंकि सीबीडीसी के लिए वाणिज्यिक बैंक नहीं, बल्कि आरबीआई जिम्मेदार है, यह मौजूदा डिजिटल मुद्रा से अलग होगा।

आरबीआई ने कहा कि डिजिटल रुपये का उद्देश्य मौजूदा वित्तीय प्रणाली को बदलना नहीं है, बल्कि उपयोगकर्ताओं को अतिरिक्त सुविधा प्रदान करना है। तकनीक के इस युग में डिजिटल रुपया भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को और गति देगा और वित्तीय समावेशन को बढ़ाएगा। आज जब आम आदमी मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहा है, तो उसकी वित्तीय व्यवस्था तक पहुंच बढ़ेगी और भुगतान प्रणाली और अधिक कुशल बनेगी।

आरबीआई का यह कदम भारत की अर्थव्यवस्था को डिजिटल रूप में विकसित करने की दिशा में बहुत महत्वपूर्ण है। आरबीआई ने इससे पहले 1 नवंबर से होलसेल सेगमेंट के लिए डिजिटल रुपये की शुरुआत की थी। थोक खंड को प्रायोगिक आधार पर सरकारी प्रतिभूतियों में द्वितीयक बाजार वित्तीय लेनदेन को व्यवस्थित करने की अनुमति दी गई थी। अब रिटेल सेगमेंट में इस पायलट प्रोजेक्ट में मिले अनुभव के आधार पर अगले चरण में देश में इसकी मुद्रा का और प्रसार किया जाएगा।

दूसरे चरण में इन शहरों में कवरेज बढ़ेगा

अहमदाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, कोच्चि, लखनऊ, पटना और शिमला जैसे शहरों में डिजिटल करेंसी लॉन्च की जाएगी।

यह डिजिटल मुद्रा क्या है?

भारत की डिजिटल करेंसी क्रिप्टोकरेंसी नहीं है। दोनों को बनाने में ब्लॉकचेन तकनीक का इस्तेमाल जरूर होगा, लेकिन दोनों में फर्क है। एक तो इसे सेंट्रल बैंक यानी आरबीआई से मान्यता मिलेगी इसलिए यह भारत की मुद्रा रुपये का डिजिटल रूप होगा।

वर्तमान क्रिप्टो जैसे बिटकॉइन या एथेरियम या शिबू किसी भी देश के केंद्रीय बैंक द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं हैं। जिस तरह देशभर में 100 रुपये के नोट की कीमत एक जैसी है, उसी तरह करेंसी के डिजिटल रूप की वैल्यू भी तय और एक जैसी होगी। अभी भी हम पे-टीएम या फोन-पे या अन्य डिजिटल वॉलेट में इस तरह की डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल कर रहे हैं। क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड का भी डिजिटल रूप में उपयोग किया जा रहा है। लेकिन नकद नोट और सिक्के भी हैं। भविष्य में नोटों की जगह हो सकता है सिर्फ डिजिटल रुपये! केंद्र सरकार ने बजट 2022-23 में डिजिटल रुपये की घोषणा की। डिजिटल करेंसी धीरे-धीरे करेंसी नोट और सिक्कों की छपाई की लागत डिजिटल मुद्रा कहाँ स्टोर कर सकते हैं को कम कर देगी। डिजिटल मुद्रा का लाभ यह है कि प्रत्येक वित्तीय लेन-देन डिजिटल होगा जिससे उसकी निगरानी करना संभव होगा और उस पर कर संग्रह करना भी आसान होगा।

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