म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट कैसे करे – आसान हिन्दी में बेहतरीन आर्टिकल्स की एक शुरुआती गाइड
म्युचुअल फंड इन्वेस्टमेंट हर एक इन्वेस्टर के बीच काफ़ी लोकप्रिय हैं । जिसका कारण है इससे मिलने वाले फायदे। इसके कईं फायदों में से कुछ सबसे महत्वपूर्ण फ़ायदे नीचे दिए हैं, जो इन्वेस्टर्स को अपनी ओर खींचते है और जिसकी वजह से –
- इन्वेस्टर्स कितनी भी राशि के साथ शुरुआत कर सकते हैं ( 500 जितना कम भी )
- इन्वेस्टर्स, अलग-अलग स्टॉक्स और डेट,गोल्ड जैसे इंस्ट्रूमेंट्स में इन्वेस्ट कर सकते हैं
- हर महीने ऑटोमेटेड इन्वेस्मेंट्स शुरू कर सकते हैं (SIP)
- डीमैट अकाउंट खोले बिना भी इन्वेस्ट कर सकते हैं
शुरुआती इन्वेस्टर्स के लिए इस म्युचुअल फंड इन्वेस्टमेंट गाइड में हमने कुछ आर्टिकल्स को आपके लिए चुना है। जो म्युचुअल फंड को समझने में और कैसे इन्वेस्ट करना शुरू करें, इसमें आपकी मदद करेंगे। हम सुझाव देंगे कि आप इस पेज को बुकमार्क कर लें ताकि आप इन आर्टिकल्स को अपनी सुविधा के अनुसार कभी भी पढ़ सकें।
1.म्युचुअल फंड्स की जानकारी
अगर आप म्युचुअल फंड्स और उसके प्रकारों के बारे में पहले से जानते हैं, तो आप सीधे अगले सेक्शन पर जा सकते है । ये 5 आर्टिकल्स, म्युचुअल फंड्स और उसके प्रकारों के बारे में सारी ज़रूरी जानकारी देंगे । हम टैक्स सेविंग फंड्स पर भी एक विशेष आर्टिकल दे रहे हैं।
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और ये कैसे काम करते ETF में निवेश करने के क्या फ़ायदे हैं हैं?
- म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करना बनाम डायरेक्ट इक्विटी
- . म्युचुअल फंड्स के फायदे और नुकसान
- टैक्स सेविंग(ईएलएसएस) फंड्स
2.म्युचुअल फंड्स का एक पोर्टफ़ोलियो बनाना
म्युचुअल फंड्स ETF में निवेश करने के क्या फ़ायदे हैं में इन्वेस्ट करने का सही तरीका है – सबसे पहले इसका पोर्टफोलियो बनाना । एक पोर्टफोलियो, म्युचुअल फंड का एक समूह होता है। यह आपको अपने इन्वेस्टमेंट के लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करेगा। आपका सारा रिटर्न् आपके पूरे पोर्टफोलियो पर टिका होता है, ना कि किसी एक विशेष फंड पर। इस सेक्शन में, हम यह सीखेंगे कि म्युचुअल फंड पोर्टफोलियो कैसे तैयार किया जाता है।
- पोर्टफोलियो इन्वेस्टिंग क्या है कैसे तैयार किया जाए
- अपने पोर्टफोलियो के लिए सही म्युचुअल फंड चुनना
- म्युचुअल फंड को कब बेचें
3.म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करना
कईं शुरुआती इन्वेस्टर्स म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करने की प्रक्रिया को मुश्किल मानकर उसमें इन्वेस्ट करने से कतराते हैं। ये आर्टिकल्स ऐसे ही शुरुआती इन्वेस्टर्स को म्युचुअल फंड को समझने में और इन्वेस्टमेंट शुरू करने में मदद करेंगे।
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और ये म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करने के लिए ज़रूरी क्यों है (SIP) के द्वारा इन्वेस्ट करना
4.कुछ और महत्वपूर्ण जानकारियाँ
म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करते समय कुछ ज़रूरी बातें है, जिनकी जानकारी हर शुरुआती इन्वेस्टर को होनी चाहिए । इन बातों को समझे बिना इन्वेस्ट करने से, रिटर्न्स पर काफ़ी बुरा असर पड़ सकता है।
- म्युचुअल फंड्स पर टैक्स
- म्युचुअल फंड्स से पैसे निकालने पर एग्ज़िट लोड
- म्युचुअल फंड्स का एक्सपेंस रेशो
- इन्वेस्टमेंट से जुड़ी भाषा की जानकारी
जहाँ म्युचुअल फंड्स की बात आती है वहाँ आमतौर पर लिस्ट में दिए गए इन शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है । हालाँकि शुरुआती इन्वेस्टर्स को इन सभी शब्दों को याद रखने की ज़रूरत नहीं है, आप किसी भी शब्द को सीखने के लिए, ग्लोसरी (डिक्शनरी) के तौर पर इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
फिजिकल गोल्ड से काफी बेहतर है गोल्ड ईटीएफ, जानें कैसे करें निवेश
किसी भी कंपनी के स्टॉक ETF में निवेश करने के क्या फ़ायदे हैं की तरह गोल्ड ईटीएफ नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर लिस्ट होते हैं और कारोबार करते हैं।
- गोल्ड को ग्लोबल एसेट क्लास माना जाता है।
- गोल्ड ईटीएफ फिजिकल गोल्ड से बेहतर माना जाता है।
- गोल्ड ईटीएफ को रिटेल निवेशकों के पोर्टफोलियो में जरूर शामिल किया जाता है।
नई दिल्ली। गोल्ड ईटीएफ एक एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) होता है, जिसका उद्देश्य घरेलू फिजिकल सोने की कीमत को ट्रैक करना है। मार्च की शुरुआत में सोना 56,000 रुपये के स्तर के करीब पहुंच गया था। इस हफ्ते अब तक सोने की कीमत करीब 1,500 रुपये प्रति 10 ग्राम नीचे आ चुकी है। अब सोने का दाम करीब तीन महीने के निचले स्तर पर है। अगर आप गोल्ड में निवेश करना चाहते हैं तो यह आपके लिए एक अच्छा मौका हो सकता है।
मौजूदा समय में कई कारण हैं जिसकी वजह से गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) गोल्ड में निवेश के पारंपरिक रूपों से बेहतर है, आइए जानते हैं कैसे-
- गोल्ड ईटीएफ में निवेशकों को मिलावट या शुद्धता की कोई चिंता नहीं होती।
- यह निवेशकों को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में उपलब्ध होता है। इसलिए इसके चोरी होने का कोई डर नहीं होता।
- निवेशक रियल टाइम में अपने निवेश मूल्यों को ट्रैक कर सकते हैं।
- गोल्ड ईटीएफ अत्यंत तरल होते हैं।
गोल्ड ईटीएफ में कैसे करें निवेश? (How to Invest in Gold ETF)
गोल्ड ईटीएफ ETF में निवेश करने के क्या फ़ायदे हैं में निवेश करने के लिए आपके पास एक डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग स्टॉक के लिए ऑनलाइन अकाउंट के साथ एक ट्रेडिंग अकाउंट होना चाहिए। आपको गोल्ड ईटीएफ का विकल्प चुनना होगा और अपने ब्रोकर के ट्रेडिंग पोर्टल से ऑनलाइन ऑर्डर करना होगा। ऑर्डर एक्सचेंज को भेजे जाते हैं जहां परचेज ऑर्डर को सेल ऑर्डर के साथ मैच किया जाता है और एक कंफर्मेशन आपको वापस भेज दिया जाता है।
डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए इन दस्तावेजों की होती है जरूरत
- पैन कार्ड
- पहचान का प्रमाण
- एड्रेस प्रूफ
गोल्ड ईटीएफ को किसी भी अन्य कंपनी के शेयर की तरह बीएसई और एनएसई के कैश सेगमेंट पर व्यापार किया जाता है। इसे बाजार की कीमतों पर खरीदा और बेचा जा सकता है। गोल्ड ईटीएफ खरीदने और बेचने में होने वाला खर्च फिजिकल गोल्ड की खरीद, बिक्री, स्टोरिंग, आदि में किए जाने वाले खर्चों की तुलना में काफी कम है।
(Disclaimer: यहां टाइम्स नाउ नवभारत द्वारा किसी भी योजना में निवेश की सलाह नहीं दी जा रही है। यह सिर्फ जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी योजना में निवेश करने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।)
Gold ETF investments: सोने में निवेश, गोल्ड ईटीएफ से निवेशकों की निकासी, हालांकि खातों की संख्या में वृद्धि
क्या है गोल्ड ईटीएफ, क्यों एक महीने में 457 करोड़ रुपये निकाल लिए निवेशक? यहां है इन सभी सवालों के जवाब
- Date : 12/08/2022
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जुलाई के महीने में गोल्ड ईटीएफ से निवेशकों ने बड़ी मात्रा में निकासी की है। लेकिन खातों की संख्या बढ़कर 46.43 लाख तक पहुँची। आखिर इसका क्या कारण है? जानते हैं गोल्ड ईटीएफ के बारे में।
Gold ETF: म्यूचुअल फंड उद्योग संगठन की रिपोर्ट के अनुसार पिछले महीने सोने में निवेश करनेवाले खाताधारकों की संख्या में वृद्धि हुई है। लेकिन साथ ही निवेशकों द्वारा निकासी भी की जा रही है। देखा गया है कि जुलाई के महीने में सोने में निवेश के लिए निवेशकों का रुझान कम हुआ है। ईटीएफ गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड के मुताबिक 2022 में जुलाई माह के ETF में निवेश करने के क्या फ़ायदे हैं दौरान ₹457 करोड़ निकाले गए हैं। लेकिन वहीं इसी महीने ईटीएफ फोलियो की संख्या में 37,500 की बढ़त भी हुई है। फोलियो की कुल संख्या अब 46.ETF में निवेश करने के क्या फ़ायदे हैं 43 लाख हो गई है। इस लेख में जानने की कोशिश करेंगे कि निवेशकों ने निकासी किन कारणों से की होगी।
म्यूचुअल फंड का हिस्सा है गोल्ड ईटीएफ
दरअसल गोल्ड ईटीएफ एक अच्छा विकल्प है यदि आप सोने में निवेश करना चाहते हों। यह म्यूचुअल फंड का हिस्सा है और इसकी खरीद यूनिट के हिसाब से की जाती है। इसमें शेयर की तरह ही कारोबार होता है। यूनिट बेचने पर निवेशक को सोने के मूल्य के बराबर रकम मिलती है, सोना नहीं मिलता। यह एक ग्राम सोने के जेवर खरीदने से सस्ता और अच्छा विकल्प है। एक ग्राम के जेवर, एक ग्राम सोने के यूनिट से कहीं अधिक महंगे होते हैं क्योंकि उस पर मेकिंग चार्ज का भी अतिरिक्त भुगतान ग्राहक को करना पड़ता है। गोल्ड ईटीएफ के निवेश में ऐसा कोई अतिरिक्त चार्ज भी नहीं है और इसमें चोरी का भी कोई डर नहीं है।
आखिर निवेशकों ने क्यों की निकासी
ऐसा माना जा रहा है कि
- शेयरों में तेजी होने के कारण उसका लाभ लेने की दृष्टि से निकासी की जा रही है।
- ब्याज की दरों में वृद्धि होने के कारण पीली धातुओं की कीमतों में कमी आई है जिसके कारण भी ईटीएफ से निकासी की गई। ETF में निवेश करने के क्या फ़ायदे हैं
- सोने की मांग और आपूर्ति पर रुपये में गिरावट का भी असर पड़ा है।
- गोल्ड ईटीएफ की ओर निवेशकों का रुझान कम होने का कारण सोने की कम कीमत भी माना जा रहा है और इसके कारण निकासी की गई है।
निवेशकों को सलाह - जल्दबाजी में निर्णय न लें
“निवेशकों को घबराहट में या जल्दबाजी में गोल्ड ईटीएफ से निकासी नहीं करनी चाहिए,” यह कहना है आईआईएफएल के उपाध्यक्ष अनुज गुप्ता का। गुप्ता के अनुसार शेयरों में तेजी का लाभ लेने के लिए निकासी अभी नहीं करनी चाहिए। उन्हें उम्मीद है कि रूस-यूक्रेन के संकट और चीन-ताइवान के तनाव को देखते हुए सोने की कीमतों में उछाल आ सकता है। वहीं भारत में भी त्योहारों का समय आने वाला है। ऐसे में गोल्ड ईटीएफ में यदि निवेश किया जाए और यह निवेश बनाए रखा जाए तो यह सौदा मुनाफे वाला हो सकता है।
सोने के निवेश के किस विकल्प में कितना निवेश किया गया है
गोल्ड ईटीएफ में ₹20,038 करोड़ का निवेश है और ईएलएसएस में ₹1.47910 करोड़ का निवेश है। वहीं मल्टी कैप फंड में ₹59,303 करोड़ और मिड कैप फंड में ₹168,438 करोड़ का निवेश है। अगर लार्ज कैप फंड में कुल निवेश की बात की जाए तो यह ₹231,851 करोड़ है तो स्मॉल कैप फंड में ₹113,332 करोड़ और फोकस फंड में ₹99,933 करोड़ का निवेश है।
Gold ETF के बारे में जानकारी
Gold ETF: म्यूचुअल फंड उद्योग संगठन की रिपोर्ट के अनुसार पिछले महीने सोने में निवेश करनेवाले खाताधारकों की संख्या में वृद्धि हुई है। लेकिन साथ ही निवेशकों द्वारा निकासी भी की जा रही है। देखा गया है कि जुलाई के महीने में सोने में निवेश के लिए निवेशकों का रुझान कम हुआ है। ईटीएफ गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड के मुताबिक 2022 में जुलाई माह के दौरान ₹457 करोड़ निकाले गए हैं। लेकिन वहीं इसी महीने ईटीएफ फोलियो की संख्या में 37,500 की बढ़त भी हुई है। फोलियो की कुल संख्या अब 46.43 लाख हो गई है। इस लेख में जानने की कोशिश करेंगे कि निवेशकों ने निकासी किन कारणों से की होगी।
म्यूचुअल फंड का हिस्सा है गोल्ड ईटीएफ
दरअसल गोल्ड ईटीएफ एक अच्छा विकल्प है यदि आप सोने में निवेश ETF में निवेश करने के क्या फ़ायदे हैं करना चाहते हों। यह म्यूचुअल फंड का हिस्सा है और इसकी खरीद यूनिट के हिसाब से की जाती है। इसमें शेयर की तरह ही कारोबार होता है। यूनिट बेचने पर निवेशक को सोने के मूल्य के बराबर रकम मिलती है, सोना नहीं मिलता। यह एक ग्राम सोने के जेवर खरीदने से सस्ता और अच्छा विकल्प है। एक ग्राम के जेवर, एक ग्राम सोने के यूनिट से कहीं अधिक महंगे होते हैं क्योंकि उस पर मेकिंग चार्ज का भी अतिरिक्त भुगतान ग्राहक को करना पड़ता है। गोल्ड ईटीएफ के निवेश में ऐसा कोई अतिरिक्त चार्ज भी नहीं है और इसमें चोरी का भी कोई डर नहीं है।
आखिर निवेशकों ने क्यों की निकासी
ऐसा माना जा रहा है कि
- शेयरों में तेजी होने के कारण उसका लाभ लेने की दृष्टि से निकासी की जा रही है।
- ब्याज की दरों में वृद्धि होने के कारण पीली धातुओं की कीमतों में कमी आई है जिसके कारण भी ईटीएफ से निकासी की गई।
- सोने की मांग और आपूर्ति पर रुपये में गिरावट का भी असर पड़ा है।
- गोल्ड ईटीएफ की ओर निवेशकों का रुझान कम होने का कारण सोने की कम कीमत भी माना जा रहा है और इसके कारण निकासी की गई है।
निवेशकों को सलाह - जल्दबाजी में निर्णय न लें
“निवेशकों को घबराहट में या जल्दबाजी में गोल्ड ईटीएफ से निकासी नहीं करनी चाहिए,” यह कहना है आईआईएफएल के उपाध्यक्ष अनुज गुप्ता का। गुप्ता के अनुसार शेयरों में तेजी का लाभ लेने के लिए निकासी अभी नहीं करनी चाहिए। उन्हें उम्मीद है कि रूस-यूक्रेन के संकट और चीन-ताइवान के तनाव को देखते हुए सोने की कीमतों में उछाल आ सकता है। वहीं भारत में भी त्योहारों का समय आने वाला है। ऐसे में गोल्ड ईटीएफ में यदि निवेश किया जाए और यह निवेश बनाए रखा जाए तो यह सौदा मुनाफे वाला हो सकता है।
सोने के निवेश के किस विकल्प में कितना निवेश किया गया है
गोल्ड ईटीएफ में ₹20,038 करोड़ का निवेश है और ईएलएसएस में ₹1.47910 करोड़ का निवेश है। वहीं मल्टी कैप फंड में ₹59,303 करोड़ और मिड कैप फंड में ₹168,438 करोड़ का निवेश है। अगर लार्ज कैप फंड में कुल निवेश की बात की जाए तो यह ₹231,851 करोड़ है तो स्मॉल कैप फंड में ₹113,332 करोड़ और फोकस फंड में ₹99,933 करोड़ का निवेश है।
ETF में करना है निवेश तो इसके साथ जुडे़ टैक्स के नियम को भी जान लीजिए
इक्विटी ETFs में 1 साल, जबकि नॉन-इक्विटी ETFsमें 3 साल की अवधि को शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन के तहत गिनती में लिया जाता है.
- Vijay Parmar
- Publish Date - October 24, 2021 / 12:07 PM IST
पेटीएम, पॉलिसीबाजार और ज़ोमैटो जैसे स्टार्टअप पहले ही भारत में सूचीबद्ध हो चुके हैं, जिससे टैक्स ब्रेक की तत्काल आवश्यकता कम हो गई है
Taxation in Exchange Traded Funds: आप एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) में निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं, तो आपको इसके साथ जुडे़ टैक्स के नियमों को भी समझ लेना चाहिए. आप गोल्ड ETF, इंडेक्स ETF, बॉन्ड ETF, करेंसी ETF, सेक्टर ETF आदि में निवेश कर सकते हैं. ETF दो तरीके के होते हैं, इक्विटी ETF और नॉन-इक्विटी ETF. इन्हें होल्डिंग अवधि के अनुसार भी वर्गीकृत किया जाता है और इन दोनों पर भी दूसरे इन्वेस्टमेंट एसेट की तरह टैक्स लागू होता है.
ETF क्या है?
म्यूच्युअल फंड स्कीम्स के यूनिट का व्यापार शेयर बाजार पर होता है तो ऐसे फंड को एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) कहा जाता है. ऐसे फंड की यूनिट्स शेयर बाजार पर लिस्ट होती हैं, फिर इन्हें वहां से खरीदा और बेचा जा सकता है. अधिकतम ETF इक्विटी-ओरिएंटेडे हैं और इनका न्यूनतम 65% फंड लिस्टेड इक्विटी शेयर्स में निवेश होता है. ऐसे ETF बैंक निफ्टी, निफ्टी50, मिड-कैप इंडेक्स इत्यादि इंडेक्स का प्रतिनिधित्व करते हैं.
टैक्सेशन का रूल
ETFs पर सिक्योरिटीज ट्रांजेक्शन टैक्स (STT) लगता है. इक्विटी-ओरिएंटेड और नॉन-इक्विटी ETFs को होल्डिंग पीरियड के आधार पर भी वर्गीकृत किया जाता है और लॉन्ग टर्म एवं शॉर्ट टर्म गेन होने पर टैक्स लगता है.
इक्विटी ETF में लॉन्ग टर्म केपिटल गेन होने पर फ्लैट रेट से टैक्स चुकाना पड़ता है, वहीं नॉन-इक्विटी ETF में 10-20 फीसदी के रेट से टैक्स लगता है. इक्विटी ETF शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन पर 15 फीसदी के रेट से टैक्स लगता है.
इक्विटी-ओरिएंटेड ETF पर टैक्स
इक्विटी-ओरिएंटेड स्कीम्स इंडेक्स ETFs और इक्विटी ETFs हैं. इसमें शॉर्ट-टर्म (365 दिन से कम टाइम) कैपिटल गेन होता है तो 15% टैक्स और 4% सेस लगता है. यदि एक साल से ज्यादा वक्त तक यूनिट रखने पर कैपिटल गेन होता है तो 10% टैक्स (इंडेक्सेशन बेनिफिट के बिना) लगता है. यदि लॉन्ग टर्म में होने वाला कैपिटल गेन 1 लाख रुपये तक है तो उस पर टैक्स नहीं लगता.
नॉन-इक्विटी-ओरिएंटेड ETF पर टैक्स
गोल्ड ETFs, भारत बॉन्ड ETFs, डेट ETFs और इंटरनेशनल ETFs को नॉन-इक्विटी ETFs कैटेगरी में रखा गया है. इसमें तीन साल से कम समय तक निवेश बनाए रखने पर निवेशक को इसके मुनाफे पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस टैक्स देना पड़ता है. टैक्स की दर निवेशक के टैक्स स्लैब के अनुसार होती है. तीन साल से ज्यादा वक्त तक फंड में निवेश बनाए रखने पर निवेशक को इंडेक्सेशन का फायदा मिलता है. इसकी वजह यह है कि इसे लॉन्ग टर्म कैपिटल गेइन माना जाता है. बिना इंडेक्सेशन के 10% या इंडेक्सेशन बेनिफिट्स के साथ 20% टैक्स लगता है.
ऐसे मिलेगी टैक्स से छूट
आप मुनाफे की अमाउंट का उपयोग दो साल में रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी खरीदने के लिए करते है तो लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन पर टैक्स में छूट मांग सकते हैं. ऐसी एसेट को बेचने से होने वाले मुनाफे से तीन साल के अंदर रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी का निर्माण करवाते हैं तो भी टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं. अगर आपने लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन होने के एक साल पहले घर खरीद लिया है तो भी आप टैक्स में छूट का दावा कर सकते हैं.
अब सोने की तरह चांदी में भी होगा निवेश, जानें क्या है सिल्वर ईटीएफ और कैसे लगा सकते हैं इसमें पैसा
उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए अच्छी खबर है। भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए निवेश एक बेहतर विकल्प होता है। अक्सर लोग सोने में निवेश करते हैं लेकिन जल्द ही आप गोल्ड ईटीएफ की तरह चांदी में निवेश कर सकेंगे।
वाराणसी. उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए अच्छी खबर है। भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए निवेश एक बेहतर विकल्प होता है। अक्सर लोग सोने में निवेश करते हैं लेकिन जल्द ही आप गोल्ड ईटीएफ की तरह चांदी में निवेश कर सकेंगे। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल मैनेजमेंट म्यूचुअल फंड अगले हफ्ते देश का पहला सिल्वर एक्सचेंज यानी सिल्वर ईटीएफ लॉन्च करेगी। सब्सक्रिप्शन ऑफर पांच जनवरी को खुलेगा और 22 जनवरी को बंद होगा। अपनी आय को चांदी और चांदी से संबंधित उपकरणों में निवेश का मौका देती है। फिक्सिंग कीमतों से प्राप्त होने वाले घरेलू कीमतों में भौतिक चांदी के प्रदर्शन के अनुसार रिटर्न देना है।
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