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Share Market in Hindi – शेयर बाजार क्या है ?
हर व्यक्ति का ख्वाब होता है कि उसका पैसा दुगना हो जाए जिससे वह अपनी जरूरत तथा ख्वाहिशें पूरी कर सके। पैसों को दुगना करने का एक माध्यम जनता के बीच शेयर बाज़ार क्या है बहुत प्रचलित है और वह शेयर मार्केट। शेयर का अर्थ हिस्सेदारी होता है।
शेयर मार्केट का अर्थ (Share Market in Hindi) वह स्थान जहां कंपनी के शेयर, म्यूचुअल फंड डिबेंचर्स तथा प्रतिभूतियां खरीदी एवं बेची जाती है। भारत में प्रमुख दो शेयर बाजार ( India’s Stock शेयर बाज़ार क्या है Market) बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (Bombay Stock Exchange) एवं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ( National Stock Exchange) है। सभी शेयर बाजार भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय शेयर बाज़ार क्या है बोर्ड (SEBI) के अंतर्गत काम करते हैं। BSE और NSE में शामिल कंपनियां अपने निवेशकों को 3 एवं 6 महीने तथा 1 साल के अंतराल में कंपनी को हुए मुनाफे के आधार पर निवेशकों को लाभ प्रदान करती है।
Share Market में शेयर्स कब खरीदें ?
शेयर बाजार में शेयर्स खरीदने पर आपको बेहतर रिटर्न मिलता है मगर इस मार्केट में जोखिम उतना ही है। शेयर मार्केट में निवेशकों द्वारा खरीदे गए शेयर्स पर लाभ तब प्राप्त होता है जब कंपनी को अधिक मुनाफा होता है यदि कंपनी घाटे शेयर बाज़ार क्या है में जाती है तो निवेशकों द्वारा लगाए गए पैसे पूरी तरह बर्बाद हो जाते हैं। इसीलिए शेयर बाजार में निवेश करने से पहले कंपनी के शेयर, शेयर बाजार की स्थिति तथा अपनी आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए निवेश करना चाहिए।
यदि शेयर बाजार में मंदी का माहौल है तो उस समय किसी भी कंपनी के शेयर खरीदना बेवकूफी होगी। जब शेयर मार्केट की स्थिति सही हो तब ही निवेशकों को कंपनी के शेयर खरीदने चाहिए। शेयर बाजार में अगर आप नए हैं तो आपको बड़ी राशि कंपनी के शेयर खरीदने में नहीं लगाने चाहिए क्योंकि हमने आपको बता दिया है कि इस मार्केट में जितना रिटर्न हो उससे ज्यादा जोखिम भी है इसीलिए शुरुआत में आपको न्यूनतम राशि के साथ शेयर खरीदनी चाहिए ताकि यदि कंपनी घाटे में जाए तो भी आपको इतना नुकसान ना हो जितना अन्य को होगा।
शेयर मार्केट में निवेश (Invest) कैसे करें?
शेयर मार्केट की स्थिति जांच लेने के बाद ही शेयर मार्केट में इन्वेस्ट (invest in share market in Hindi) करना चाहिए। वैसे तो लोगों में इस बात को लेकर मन में काफी सवाल रहते हैं कि कैसे शेयर मार्केट में पैसा लगाया जाए। शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने के लिए आपके पास सबसे पहले एक डिमैट अकाउंट होना चाहिए। यह वह अकाउंट होता है जहां पर आपके द्वारा शेयर मार्केट में लगाया गया पैसा मौजूद रहता है।
जब कंपनी को मुनाफा होता है तो आप का हिस्सा वह इसी डिमैट अकाउंट में भेजती है और यदि आपका सेविंग बैंक अकाउंट डिमैट अकाउंट के साथ जुड़ा हुआ होता है तो आप इस डिमैट अकाउंट की राशि को अपने सेविंग अकाउंट में ट्रांसफर कर सकते हैं। बाजार में ऐसे बहुत से ब्रोकर मौजूद है जो आपका डिमैट अकाउंट खोल सकते हैं। डिमैट अकाउंट खोलने के लिए आपके पास निवास स्थान का प्रमाण तथा पैन कार्ड होना आवश्यक है। इसके अलावा आप बैंक में जाकर भी अपना डिमैट अकाउंट खुलवा सकते हैं परंतु ब्रोकर से डिमैट अकाउंट खुलवाना ज्यादा लाभदायक होगा क्योंकि वह आपको शेयर बाजार की स्थितियों तथा कंपनियों के शेयर एवं अथॉरिटी के अनुसार ही आपको एक बेहतर कंपनी का सुझाव देगा। ब्रोकर को शेयर बाजार की स्थिति एवं गतिविधियों का ज्यादा ज्ञान एवं अनुभव होता है। वही बैंक केवल आपको डिमैट अकाउंट खोल कर देता है तथा वह किसी भी कंपनी की पुराने शेयर स्थिति, कंपनी की अथॉरिटी तथा कंपनी के अन्य संबंधित जानकारियों के बारे में खुलकर आपको नहीं बताएगी। इसीलिए ब्रोकर से पेमेंट अकाउंट खुलवाना सही है। आप इन दोनों तरीकों में से एक को अपनाकर शेयर बाजार में निवेश को अंजाम दे सकते हैं।
स्टॉक मार्केट क्या है | Stock Market Kya Hai ?
अगर इसे शाब्दिक अर्थ में कहा जाये तो शेयर बाजार ( Stock Market ) किसी सूचीबद्ध कंपनी में हिस्सेदारी खरीदने-और बेचने की जगह हैं। भारत में 2 प्रमुख शेयर बाजार है। पहला नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और दूसरा बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) |
NSE और BSE में ही सूचीबद्ध कंपनी के शेयर किसी ब्रोकर के माध्यम से खरीदे और बेचे जाते हैं। बाजार ( Stock Market) में बॉन्ड, म्यूच्यूअल फण्ड और डेरिवेटिव का भी व्यापार होता हैं।
शेयर खरीदने का क्या मतलब हैं | Share Buy Meaning ?
शेयर खरीदने का मतलब हैं किसी कंपनी में हिस्सा लेना। मान लीजिये कोई कंपनी जो NSE या BSE में सूचीबद्ध हैं। और उसने 100 शेयर जारी किया, और आप उसमे से 10 खरीद लिए यानि की आप उस कंपनी में 10% के साथ हिस्सेदार हैं। अगर अब कंपनी को लाभ होगा तो लाभ का 10% आपको होगा, अगर हानि होता हैं 10% का हानि आपका भी होगा। अब आपके मन में सवाल होगा की ये लाभ और हानि कैसे होगा तो इसका सीधा मतलब हैं की आपके खरीदे गये शेयर के दामों में बदलाव होगा।
शेयर बाजार में निवेश करने या शेयर खरीद-बिक्री के लिए डीमैट अकाउंट (Demat Account) होना जरुरी हैं, बिना Demat Account के शेयर बाजार में खरीद-बेच नहीं कर सकते हैं। डीमैट अकाउंट खोलने के बाद आप (NSE) और (BSE) में सूचीबद्ध किसी भी कंपनी का शेयर खरीद और बेच सकते हैं। डीमैट अकाउंट( Demat Account) से सम्बंधित जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें।
क्या होता है IPO?
चलिए अब जानते हैं IPO के बारे में। IPO का फुल फॉर्म Initial Public Offering है। कोई सी भी कंपनी जब पहली बार शेयर मार्केट में अपनी कंपनी को लिस्ट करती है तो उसे हम IPO कहते हैं। जब कोई कंपनी को बहुत मुनाफा होता है और उससे आगे बढ़ने के लिए capital की जरूरत है तो वह कंपनी या तो बैंक से लोन ले सकती है या शेयर मार्केट में IPO के द्वारा पैसे जमा कर सकती है अगर कंपनी बैंक से लोन लेगी तो उसे इंटरेस्ट देना पड़ेगा। जब कोई भी कंपनी शेयर मार्केट में IPO लाती है तो वह आम जनता से यह ऐलान करती है कि कुछ पैसों के बदले में कोई भी हमारी कंपनी की हिस्सेदारी ले सकता है। IPO के माध्यम से कंपनी के साथ-साथ आम लोग भी मुनाफा कमा सकते हैं, अगर कोई कंपनी मार्केट में अच्छा कर रही है, तो उसकी हिस्सेदारी लेने से लोगों को भी मुनाफा होगा। जिस कारण से वह लोग IPO की तरफ आकर्षित होते हैं।
SEBI क्या है ?
शेयर मार्केट में किसी भी प्रकार की भ्रष्ट गतिविधियों को रोकने के लिए और उसे रेगुलेट करने के लिए 1988 में Security and Exchange Board of India (SEBI) को स्थापित किया गया। ताकि भारत के लोगों का शेयर मार्केट पर भरोसा बना रहे। भारत के सभी बड़े Exchanges SEBI के अंदर ही काम करते हैं। जिन्हें SEBI की गाइडलाइंस द्वारा रेगुलेट किया जाता है। SEBI का मुख्यालय मुंबई में हैं और क्षेत्रीय कार्यालय नई दिल्ली चेन्नई कोलकाता और अहमदाबाद में है। SEBI की वर्तमान अध्यक्ष Ms. Madhabi Puri Buch हैं। SEBI के अध्यक्ष को केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किया जाता है। SEBI के पास इन तरह का अधिकार होता है।
- SEBI के पास स्टॉक एक्सचेंज इज के नियम व कानून बनाने का अधिकार होता है।
- SEBI किसी भी कंपनी एवं एक्सचेंज के लेखा अभिलेख की जानकारी ले सकता है।
- SEBI किसी भी कंपनी को कोई भी स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट होने से भी रोक सकता है।
- SEBI सभी स्टॉकब्रोकर्स के पंजीकरण को भी सँभाल सकता है।
कैसे करें शेयर बाजार में Trading या Investing?
पहले हम समझते हैं कि ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग में अंतर क्या है? जब हम किसी कंपनी की हिस्सेदारी एक लंबे समय के लिए खरीदते हैं, तो उसे हम स्टॉक इन्वेस्टिंग कहते हैं। जब कभी हम किसी कंपनी की हिस्सेदारी यह सोचकर खरीदते हैं कि कंपनी थोड़ा से भी मुनाफे में जाएगी तो हम उस शेयर को बेच शेयर बाज़ार क्या है देंगे। उसे हम स्टॉक ट्रेडिंग कहते हैं।
हमें शेयर बाजार में ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग करने के लिए एक Demat अकाउंट की जरूरत होती है। जैसे हम अपने बैंक अकाउंट में पैसे रखते हैं उस तरह ही हम Demat अकाउंट में हमारे द्वारा खरीदी हुई कंपनी की हिस्सेदारी या कंपनी के शेयर्स रखते हैं। एक Demat अकाउंट खुलवाने के बाद हम किसी कंपनी का तकनीकी विश्लेषण (Technical Analysis) और मौलिक विश्लेषण (Fundamental Analysis) करते हैं। फिर जिस कंपनी मैं मुनाफा होने की सबसे अधिक संभावना होती है हम उस कंपनी में इन्वेस्ट करते हैं या ट्रेड खोलते हैं। मगर हमें ट्रेड लेने से पहले या इन्वेस्टमेंट करने से पहले, इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि किसी कंपनी में उसके तकनीकी विश्लेषण (Technical Analysis) और मौलिक विश्लेषण (Fundamental Analysis) के बिना ट्रेड या इन्वेस्ट करने बहुत जोखिम भरा हो सकता है जिसमें हमें भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। ट्रेडिंग भी कई प्रकार की होती है जैसे कि –
कोई कंपनी BSE/NSE में कैसे लिस्ट होती है?
शेयर बाजार (Stock Market) में लिस्ट होने के लिए कंपनी को शेयर बाजार से लिखित समझौता करना पड़ता है. इसके बाद कंपनी पूंजी बाजार नियामक SEBI के पास अपने सभी जरूरी दस्तावेज जमा करती है. SEBI की जांच में सूचना सही होने और सभी शर्त के पूरा करते ही कंपनी BSE/NSE में लिस्ट हो जाती है.
स्टॉक बाजार या शेयर बाजार में बड़े रिटर्न की उम्मीद के साथ घरेलू के साथ-साथ विदेशी निवेशक (FII या FPI) भी काफी निवेश करते हैं.
स्टॉक मार्केट में होते हैं कई सेक्टर
स्टॉक मार्केट में अलग-अलग तरह के क्षेत्र होते हैं. ऑयल, रियल इस्टेट, बैंकिंग, कंज्यूमर गुड्स, मेटल, स्टील, पावर, संचार यह कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर निवेशक अपनी पसंद के अनुसार निवेश कर सकता है. अगर किसी निवेशक को अपनी पसंदीदा कंपनी चुननी है तो सबसे पहले उसे कंपनी के बारे में जानना होगा. बैलेंस सीट के साथ-साथ क्या है उस कंपनी का टर्नओवर उसके बारे में भी निवेशक को जानकारी हासिल करनी चाहिए.
किसी कंपनी के कामकाज, ऑर्डर मिलने या छिन जाने, नतीजे बेहतर रहने, मुनाफा बढ़ने/घटने जैसी जानकारियों के आधार पर उस कंपनी का मूल्यांकन होता है. चूंकि लिस्टेड कंपनी रोज कारोबार करती रहती है और उसकी स्थितियों में रोज कुछ न कुछ बदलाव होता है, इस मूल्यांकन के आधार पर मांग घटने-बढ़ने से उसके शेयरों की कीमतों में उतार-चढाव आता रहता है.
निवेश करते समय नए निवेशकों को शुरुआती दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. लेकिन जब वही निवेशक शेयर मार्केट को अच्छी तरह से समझने लगता है तब वह एक अनुभवी खिलाड़ी बन जाता है.
आप कैसे कर सकते हैं शेयर बाजार में निवेश की शुरूआत?
आपको सबसे पहले किसी ब्रोकर की मदद से डीमैट अकाउंट खुलवाना शेयर बाज़ार क्या है होगा. इसके बाद आपको डीमैट अकाउंट को अपने बैंक अकाउंट से लिंक करना होगा.
बैंक अकाउंट से आप अपने डीमैट अकाउंट में फंड ट्रांसफर कीजिये और ब्रोकर की वेबसाइट से खुद लॉग इन कर या उसे आर्डर देकर किसी कंपनी के शेयर खरीद लीजिये.
इस Account को आप बैंक से उसी प्रकार खोल सकते हैं जैसे आप किसी बैंक से सामान्य खाता खोलते हैं|
Demat और Trading Account खोलने के लिए आपको जिन डोक्यूमेंट्स की जरूरत होगी >>>
- PAN Card
- Address Proof
- Income Proof
- Cancel Cheque
- 2 Passport Size Photo
इसके बाद वह शेयर आपके डीमैट अकाउंट में ट्रांसफर हो जायेंगे. आप जब चाहें उसे किसी कामकाजी दिन में ब्रोकर के माध्यम से ही बेच सकते हैं.निवेश करने वाले व्यक्ति के सामने यह पहला सवाल होगा कि निवेश कैसे किया जाए ? सबसे पहले ये तय करें कि आप जो भी निवेश करना चाह रहे हैं, उसकी आपको जरूरत कब है क्योंकि इससे आप लंबी और छोटी अवधि के शेयरों का चुनाव कर सकते हैं. निवेश करने के लिए आप जिस कंपनी का शेयर लेंगे उसके बारे में आप अच्छी तरह से जानकारी कर लें. इसके लिए आप सलाहकारों की मदद ले सकते हैं. यह जरूरी नहीं है कि आप एक ही कंपनी में निवेश करें. एक से अधिक कंपनियों में भी निवेश कर सकते हैं.
What is Share Market in Hindi शेयर बाज़ार क्या है शेयर बाज़ार क्या है - शेयर बाजार क्या है?
What is Share Market in Hindi - दुनिया में पैसे कमाने का जरिया बहुत है, कुछ लोग job करके पैसे कमाते हैं तो कुछ लोग व्यापार यानि business करके पैसे कमाते हैं और कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अपने पैसे दाव पर लगा कर ढेर सारे पैसे कमाते हैं. पर ये लोग अपने पैसे कौन सी जगह पर दाव पर लगाते हैं, ऐसी कौन सी जगह है की जहाँ अपने पैसे दाव पर लगाने के बाद भी लोगों को मुनाफा होता है? वो जगह है share market यानि शेयर बाज़ार. Share Bazar के बारे में सभी ने सुना होगा मगर वहां क्या होता है इसका ज्ञान सभी को नहीं है.
1.Share Market और Stock Market एक ऐसा market है जहाँ बहुत से companies के shares ख़रीदे और बेचे जाते हैं. ये एक ऐसी जगह है जहाँ कुछ लोग या तो बहुत पैसे कमा लेते हैं या तो अपने सारे पैसे गवा देते हैं. किसी कंपनी का share खरीदने का मतलब है उस कंपनी में हिस्सेदार बन जाना. आप जितने पैसे लगायेंगे उसी के हिसाब से कुछ प्रतिशत के मालिक आप उस कंपनी के हो जाते हैं. जिसका मतलब ये है की अगर उस कंपनी को भविष्य में मुनाफा होगा तो आपके लगाये हुए पैसे से दुगना पैसा आपको मिलेगा और अगर घाटा हुआ तो आपको एक भी पैसे नहीं मिलेंगे यानि की आपको पूरी तरह से नुकसान होगा. जिस तरह Share market in Hindi में पैसे बनाना आसान है ठीक उसी तरह यहाँ पैसे गवाना भी उतना ही आसान है क्यूंकि stock market में उतार चढ़ाव होते रहते हैं.
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