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भारतीय मुद्रा का अंतरराष्ट्रीयकरण: रिजर्व बैंक ने रुपये में विदेशी व्यापार की अनुमति दी

अजय बग्गा ने बताया कि जब भारत के पास विदेशी मुद्रा भंडार बहुत ज्यादा नहीं था, उस वक्त रूस ने हमें यह सुविधा दे रखी थी. रूस के साथ हमारा कारोबार रुपये में होता था. अगर सामने वाला देश रुपये में व्यापार करने के लिए तैयार हो जाता है, तो यह भारत के लिए अच्छी बात होगी.

रिजर्व बैंक ने रुपये में विदेशी व्यापार की अनुमति दी

भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने रुपये में वैश्विक कारोबारी समुदाय की बढ़ती दिलचस्पी को देखते हुए बैंकों को भारतीय मुद्रा (Indian Currency) में आयात एवं निर्यात (Import and Export) के लिए अतिरिक्त इंतजाम करने का निर्देश दिया है. इसे भारतीय मुद्रा के अंतरराष्ट्रीयकरण के रूप में देखा जा रहा है. बाजार के एक्सपर्ट अजय बग्गा (Ajay Bagga) ने कहा कि अगर दुनिया के अन्य देश रुपये को इतना महत्व दे रहे हैं, तो आने वाले दिनों में रुपये में मजबूती आने की उम्मीद है.

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विदेशी मुद्रा भंडार और स्वर्ण भंडार में इस बार भी दर्ज हुई बढ़त

Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। देश में जमा होने वाले विदेशी मुद्रा भंडार और स्वर्ण भंडार जमा के आंकड़े समय-समय पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) जारी करता आया हैं। इस साल इन आंकड़ों में ज्यादातर गिरावट ही देखने को मिलती रही है। इस साल की शुरुआत में 2 बार बढ़त के बाद इसमें लगातार गिरावट बनी हुई है।वहीँ, पिछली बार दर्ज हुई बढ़त के बाद इस बार इसमें फिर से बढ़त दर्ज हुई है। इसके अलावा यदि स्वर्ण भंडार की बात की जाए तो उसका हाल भी कुछ कुछ विदेशी मुद्रा भंडार जैसा ही रहा है। इस बार RBI द्वारा जारी हुए आंकड़ो के मुताबिक, विदेशी मुद्रा भंडार और स्वर्ण भंडार दोनों में बढ़त दर्ज हुई है।

RBI के ताजा आंकड़े :

भारतीय रिजर्व बैंक (विदेशी मुद्रा व्यापार में भारत RBI) द्वारा शुक्रवार को जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 11 नवंबर 2022 को समाप्त सप्ताह में 14.73 अरब डॅालर बढ़कर 544.72 अरब डॅालर पर पहुंच गया है। जबकि, 4 नवंबर को खत्म हुए सप्ताह में 529.99 अरब डॅालर पर था। उससे पिछले सप्ताह यानी 28 अक्टूबर 2022 को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 6.56 अरब डॉलर बढ़कर 561.08 अरब डॉलर पर पहुंच गया था।विदेशी मुद्रा भंडार में यह बढ़त लगभग लगातार दर्ज हो रही है,गिरावट के बाद पहली बार बढ़त दर्ज हुई। उस समय दर्ज हुई बढ़त से पहले दर्ज हुई गिरावट पर विदेशी मुद्रा भंडार 2 साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया था।

गोल्ड रिजर्व की वैल्यू :

बताते चलें, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारत के गोल्ड रिजर्व की वैल्यू में भी पिछले कुछ समय से गिरावट दर्ज की गई थी, वहीं, अब समीक्षाधीन सप्ताह में गोल्ड विदेशी मुद्रा व्यापार में भारत रिजर्व की वैल्यू 2.64 अरब डॅालर बढ़कर 39.70 अरब डॅालर पर जा पहुंची हैं। रिजर्व बैंक ने बताया कि, आलोच्य सप्ताह के दौरान IMF के पास मौजूद भारत के भंडार में मामूली वृद्धि हुई। बता दें, विदेशी मुद्रा संपत्तियों (FCA) में आई गिरावट के चलते विदेशी मुद्रा भंडार में भी गिरावट दर्ज होती है, लेकिन अब जब FCA में बढ़त दर्ज हुई है तो विदेशी मुद्रा भंडार भी बढ़ा है। RBI के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी मुद्रा परिस्थितियों में बढ़त दर्ज होने की वजह से कुल विदेशी विनिमय भंडार में बढ़त हुई है और विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां, कुल विदेशी मुद्रा भंडार का एक अहम भाग मानी जाती है।

आंकड़ों के अनुसार FCA और SDR :

रिजर्व विदेशी मुद्रा व्यापार में भारत बैंक (RBI) के साप्ताहिक आंकड़ों पर नजर डालें तो, विदेशीमुद्रा परिसंपत्तियां, कुल विदेशी मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा होती हैं। बता दें, विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में बढ़त होने की वजह से मुद्रा भंडार में बढ़त दर्ज की गई है। FCA को डॉलर में दर्शाया जाता है, लेकिन इसमें यूरो, पौंड और येन जैसी अन्य विदेशी मुद्रा सम्पत्ति भी शामिल होती हैं। आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा आस्तियां (FCA) 11.8 अरब डॅालर बढ़कर 482.53 अरब डॅालर रह गई है।

क्या है विदेशी मुद्रा भंडार ?

विदेशी मुद्रा भंडार देश के रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा रखी गई धनराशि या अन्य परिसंपत्तियां होती हैं, जिनका उपयोग जरूरत पड़ने पर देनदारियों का भुगतान करने में किया जाता है। पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार एक स्वस्थ अर्थव्यवस्था के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। इसका उपयोग आयात को समर्थन देने के लिए आर्थिक संकट की स्थिति में भी किया जाता है। कई लोगों को विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी का मतलब नहीं पता होगा तो, हम उन्हें बता दें, किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के लिए विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी अच्छी बात होती है, इसमें करंसी के तौर पर ज्यादातर डॉलर होता है, यानि डॉलर के आधार पर ही दुनियाभर में कारोबार किया जाता है। बता दें, इसमें IMF में विदेशी मुद्रा असेट्स, स्वर्ण भंडार और अन्य रिजर्व शामिल होते हैं, जिनमें से विदेशी मुद्रा असेट्स सोने के बाद सबसे बड़ा हिस्सा रखते हैं।

विदेशी मुद्रा भंडार के फायदे :

विदेशी मुद्रा भंडार से एक साल से अधिक के आयात खर्च की पूर्ति आसानी से की जा सकती है।

अच्छा विदेशी मुद्रा आरक्षित रखने वाला देश विदेशी व्यापार का अच्छा हिस्सा आकर्षित करता है।

यदि भारत के पास भुगतान के लिए पर्याप्त विदेशी मुद्रा उपलब्ध है तो, सरकार जरूरी सैन्य सामान को तत्काल खरीदने का निर्णय ले सकती है।

विदेशी मुद्रा बाजार में अस्थिरता को कम करने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार की प्रभाव पूर्ण भूमिका होती विदेशी मुद्रा व्यापार में भारत है।

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भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 204 मिलियन USD की वृद्धि

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भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि: रिजर्व बैंक ने सोने की संपत्ति (gold assets) के मूल्य में वृद्धि की सूचना दी है, जो 7 अक्टूबर को समाप्त हुए सप्ताह में 204 मिलियन अमरीकी डॉलर से बढ़कर 532.868 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया है।

पिछले रिपोर्टिंग वीक के दौरान, कुल भंडार 4.854 बिलियन अमरीकी डॉलर से घटकर 532.664 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया। ।

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ा: प्रमुख बिंदु

  • कुल विदेशी भंडार 30 सितंबर को समाप्त हुए पिछले सप्ताह के 4.854 बिलियन अमेरिकी डॉलर से घटकर 532.664 बिलियनअमेरिकी डॉलर हो गया।
    विदेशी मुद्रा भंडार कई हफ्तों से विदेशी मुद्रा व्यापार में भारत कम हो रहा है क्योंकि केंद्रीय बैंक अपने धन का उपयोग रुपये को ज्यादातर अंतरराष्ट्रीय घटनाओं के दबाव से बचाने के लिए करता है।
    अक्टूबर 2021 में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 645 बिलियन अमेरिकी डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया।
    भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के साप्ताहिक सांख्यिकीय पूरक के अनुसार, 7 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में, विदेशी मुद्रा संपत्ति (FCA), कुल भंडार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा 1.311 बिलियन अमरीकी डॉलर घटकर 471.496 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया।
    FCA, जो डॉलर के संदर्भ में व्यक्त किए जाते हैं, यूरो, पाउंड और येन जैसे विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गैर-अमेरिकी मुद्राओं की सराहना या मूल्यह्रास के प्रभाव को ध्यान में रखते हैं।
    विशेष आहरण अधिकार (SDR) 155 मिलियन अमरीकी डॉलर बढ़कर 17.582 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया, जबकि गोल्ड होल्डिंग 1.35 बिलियन अमरीकी डॉलर बढ़कर 38.955 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गई।
    RBI के अनुसार, इसने 7 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह के लिए कुल भंडार में वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
    शीर्ष बैंक के आंकड़ों के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ देश की आरक्षित स्थिति समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान 10 मिलियन अमरीकी डालर बढ़कर 4.836 बिलियन अमरीकी डालर हो गई।

विदेशी मुद्रा भंडार क्या है?

विदेशी मुद्रा भंडार: रिजर्व के रूप में विदेशी मुद्राओं में केंद्रीय बैंक द्वारा आयोजित महत्वपूर्ण संपत्ति और विदेशी मुद्रा भंडार के रूप में जाना जाता है।
वे आम तौर पर मौद्रिक नीति निर्धारित करने और मुद्रा दर का समर्थन करने के लिए नियोजित होते हैं।
भारत में, विदेशी भंडार में आईएमएफ से सोना, डॉलर और एक निश्चित मात्रा में एसडीआर शामिल हैं।
वैश्विक वित्तीय और व्यापार प्रणाली में मुद्रा के महत्व को देखते हुए, अधिकांश भंडार आमतौर पर अमेरिकी डॉलर में संग्रहीत किए जाते हैं।
कुछ केंद्रीय बैंक अमेरिकी डॉलर में भंडार रखने के अलावा यूरो, ब्रिटिश पाउंड, जापानी येन या चीनी युआन में भी भंडार रखते हैं।

विदेशी मुद्रा भंडार: महत्व

  • विदेशी मुद्रा भंडार: अमेरिकी डॉलर सभी अंतरराष्ट्रीय लेनदेन के लिए मानक मुद्रा हैं, उन्हें भारत विदेशी मुद्रा व्यापार में भारत में आयात के लिए धन की आवश्यकता होती है।
    अधिक महत्वपूर्ण रूप से, उन्हें केंद्रीय बैंक की कार्रवाइयों में विश्वास को बढ़ावा देने और बनाए रखने की आवश्यकता होती है, जिसमें मौद्रिक नीति में कोई भी बदलाव या देशी मुद्रा का समर्थन करने के लिए विनिमय दरों में कोई हेरफेर शामिल है।
    यह विदेशी पूंजी प्रवाह में संकट से संबंधित अप्रत्याशित व्यवधान द्वारा लाई गई किसी भी भेद्यता को कम करता है।
    इस प्रकार, तरल विदेशी मुद्रा विदेशी मुद्रा व्यापार में भारत रखने से ऐसे प्रभावों से सुरक्षा मिलती है और यह आश्वासन मिलता है कि बाहरी झटके की स्थिति में, देश के आवश्यक आयातों का समर्थन करने के लिए अभी भी पर्याप्त विदेशी मुद्रा होगी।

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आरबीआई ने जारी की अलर्ट लिस्ट: इन 34 फॉरेक्स ट्रेडिंग ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को अवैध घोषित किया

आरबीआई ने 34 विदेशी मुद्रा व्यापार ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की लिस्ट जारी की है. लिस्ट जारी करते हुए आीबीआई ने कहा है कि कोई भी अनधिकृत ईटीपी पर विदेशी मुद्रा लेनदेन न करें

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gnttv.com

  • नई दिल्ली,
  • 11 सितंबर 2022,
  • (Updated 11 सितंबर 2022, 2:22 PM IST)

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अनाधिकृत इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (ETPs) से विदेशी मुद्रा लेनदेन को लेकर चेतावनी दी है. आरबीआई ने उन संस्थाओं की एक 'अलर्ट लिस्ट' जारी की है. जो विदेशी मुद्रा व्यापार में भारत न तो विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (फेमा) के तहत विदेशी मुद्रा में सौदा करने के लिए अधिकृत हैं और न ही अपनी वेबसाइट पर विदेशी मुद्रा लेनदेन के लिए इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म संचालित करने के लिए अधिकृत हैं.

एक विज्ञप्ति में, केंद्रीय बैंक ने कहा कि जारी की गई 'अलर्ट सूची' में ऐसी कंपनियों के नाम है जो आरबीआई द्वारा अधिकृत नहीं हैं. आरबीआई ने बताया कि फेमा के तहत केवल अधिकृत व्यक्तियों के साथ और कुछ उद्देश्यों के लिए ही विदेशी मुद्रा लेनदेन कर सकते हैं. सभी कंपनियों को केवल आरबीआई या मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों जैसे नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनएसई), बीएसई लिमिटेड और मेट्रोपॉलिटन स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड की तरफ से विदेशी मुद्रा में सौदा अधिकृत ईटीपी पर ही किया जाना चाहिए.

आरबीआई ने कहा कि जनता को एक बार फिर आगाह किया जाता है कि वे अनधिकृत ईटीपी पर विदेशी मुद्रा लेनदेन न करें या इस तरह के अनधिकृत लेनदेन के लिए धन जमा / जमा न करें. आरबीआई की तरफ से प्रतिबंधित 34 विदेशी मुद्रा व्यापार ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की पूरी लिस्ट यहां दी गई है.

फेमा के तहत अनुमत उद्देश्यों के अलावा या विदेशी मुद्रा व्यापार में भारत आरबीआई की तरफ से अधिकृत नहीं किए गए ईटीपी पर विदेशी मुद्रा लेनदेन करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

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