Best VWAP Intraday Strategy कैसे उपयोग करें?
इस ब्लॉग में VWAP Intraday Strategy पर प्रकाश डालेंगे। जो हमारे शिक्षार्थियों को शेयर बाजार में लाभ प्राप्त करने में मदद कर सकती हैं। शेयर बाजारों में स्थिति बनाए रखने के लिए धैर्य और उचित तकनीक की आवश्यकता होती है।
लेकिन कभी-कभी लोग अपनी भावनाओं को नियंत्रित नहीं कर पाते हैं। जिसके कारण वे शेयर बाजार में नुकसान (Loss) करते हैं।
बाजार के संरचना (Structure) को समझना
VWAP Intraday Strategy के रणनीतियों के बारे मे जानने से पहले हम बाजार के संरचना (Structure) को समझेंगे।
आइए,पहले शेयर मार्केट के संरचना के 4 चरणों को समझें:
बाजार को चार चरणों में विभाजित किया जा सकता है – चरण 1 संचय चरण यह उस तरह का है जहां मार्केट ना तो ऊपर जाता है और ना ही नीचे आता है। यह किसी सीमा (Range) में घूमता रहता है।
इसके बजाय, हम चरण 2 अपट्रेंड पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। यदि हम एक अपट्रेंड में हैं, तो ही मार्केट में खरीदने के बारे में सोचना चाहिए।
जब मार्केट अपने अपट्रेंड को खत्म करता है तो फिर से रेंज में में स्थापित हो जाता है।
इसे चरण तीन कहते है। इस चरण में भी बाजार बग़ल (sideways) में मुड़ना शुरू हो जाता है, और चरण 4 में, बाज़ार में गिरावट आती है जहां व्यापारियों को खरीदने की स्थिति से बचना चाहिए और बेचने की स्थिति में चले जाना चाहिए।
यह बाजार के मुख्य रूप से चार चरण होते हैं।
बाजार संरचना के बारे में समझने के बाद, आइए हम VWAP Indicator पर चर्चा करें:
- Supertrend Best Intraday Trading Strategy
VWAP क्या है?
VWAP का फुल फॉर्म Volume-Weighted-Average-Price है। मूल्य (Volumes), मात्रा(weighted) और समय (Time), यह VWAP के मूल्य घटक हैं। Time बहुत ही महत्वपूर्ण है। क्योंकि सभी व्यक्ति अलग-अलग टाइम पर ट्रेड करते हैं। VWAP Intraday Strategy का उपयोग करके कुछ लोग swing Traders हैं तो कुछ लोग scalper पर हैं और कुछ लोग Intraday Traders भी हैं।
अब हम प्राइस पर आते हैं, सबसे पहले हमें यह देखना होता है की कौन मार्केट को चला रहा है। मतलब की मार्केट में ज्यादा लोग खरीदारी कर रहे हैं या फिर बेचने की स्थिति में है।
अगर अधिकतर लोग मार्केट में खरीदारी करेंगे तो मार्केट ऊपर की तरफ जाएगा। इसके विपरीत, अगर अधिकतर लोग बेचेंगे तो मार्केट नीचे की तरफ जाना शुरु कर देगा।
वहीं अगर, लोग ना तो खरीद रहे हैं और ना ही बेच रहे हैं तो मार्केट एक रेंज में घूमता रहेगा।
इंट्राडे में VWAP का उपयोग करके खरीदने की रणनीति।
जब मार्केट ऊपर जा रहा है तो, हम एक मिनट की समय सीमा (Timeframe) देखेंगे। और अगर प्राइस VWAP के ऊपर है तो हम मार्केट में कभी भी बेचने की कोशिश नहीं करेंगे।
इस समय मार्केट में हमेशा खरीदने का अवसर देखेंगे।
जब मार्केट किसी रेंज को ऊपर की तरफ तोड़ता है तभी हम खरीदेंगे। और स्टॉप लॉस किसी छोटे स्विंग के नीचे रखेंगे।
इस तरह से हम VWAP का उपयोग करके इंट्राडे में ट्रेडिंग कर सकते हैं।
इंट्राडे में VWAP का उपयोग करके बेचने की रणनीति।
इस रणनिती में कोई अंतर नहीं है, यह उपरोक्त रणनीति के विपरीत है।
मार्केट में सेल करने के लिए भी एक मिनट का टाइम फ्रेम लेना चाहिए।
जब मार्केट विवेक के नीचे रहेगा तब हमें हमेशा सेल करना चाहिए। मार्केट विवाह के नीचे होने पर कभी भी खरीदना नहीं चाहिए।
इसमें भी, जब मार्केट किसी रेंज को नीचे की तरफ तोड़ेगा, तो हमें सेल करना चाहिए। और इसके समीप वाले स्विंग पर Stop Loss लगाना चाहिए।
VWAP Intraday Strategy दिशानिर्देश।
VWAP भी मूवींग एवरेज (Moving Average) की तरह दिखता है। जिस तरह से जब मार्केट 50-Day मूविंग एवरेज के ऊपर जाता है तो हम इसे अपट्रेंड मार्केट Swing Trading Strategy उपयोग करने का क्या फायदा होता है कहने लगते हैं।
इसी तरह से छोटे टाइम फ्रेम पर जब मार्केट VWAP के ऊपर होता है तो हम इसे अब ट्रेंड मार्केट मान लेते हैं।
एक बार जब प्रतिरोध टूट जाता है, तो कोई अपना स्टॉप-लॉस सेट कर सकता है और देख सकता है कि कोई नया चलन सामने आता है या नहीं। लेकिन, फिर से, यह उस लंबी अवधि की समय सीमा के साथ संरेखित होता है, इसलिए उन तटस्थ अवधियों को पहचानने में मूल्य है।
निष्कर्ष (Conclusion):
हमें उम्मीद है कि आपको यह ब्लॉग जानकारीपूर्ण लगा होगा और शेयर मार्केट की दुनिया में इसकी अधिकतम क्षमता का उपयोग करेंगे। इसके अलावा, इस ब्लॉग को अपने परिवार और दोस्तों के साथ साझा करके और वित्तीय साक्षरता फैलाने के हमारे मिशन में हमारी मदद करके कुछ प्यार दिखाएं।
जानिए क्या होती है स्विंग ट्रेडिंग? क्या हैं इसके फायदे
Swing Trading: बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद आपको स्टॉक या इंडेक्स की सही दिशा का पता लगवाने में मदद करना होता है.
- nupur praveen
- Publish Date - August 31, 2021 / 12:52 PM IST
म्युचुअल फंड निवेश के मामले में भले ही काफी लोगों को अट्रैक्टिव लगते हों, लेकिन पुरानी धारणाओं के कारण लोग उनसे दूर रहना पसंद करते हैं. अगर आपने भी शेयर बाजार में हाल ही में शुरुआत की है तो स्विंग ट्रेडिंग आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है. स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) उन ट्रेडिंग टेक्निक्स में से एक है, जिसमें ट्रेडर 24 घंटे से ज्यादा समय तक किसी पोजीशन को होल्ड कर सकता है. इसका उद्देश्य प्राइस ऑस्कीलेशन या स्विंग्स के जरिए निवेशकों को पैसे बनाकर देना होता है. डे और ट्रेंड ट्रेडिंग में स्विंग ट्रेडर्स कम समय में अच्छा प्रॉफिट बनाने के लिए स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) का विकल्प चुनता है. स्विंग ट्रेडिंग टेक्नीक में ट्रेडर अपनी पोजीशन एक दिन से लेकर कई हफ्तों तक रख सकता है.
यहां पर स्विंग ट्रेडिंग के जरिये एक ट्रेडर का लक्ष्य छोटे-छोटे प्रॉफिट के साथ लॉन्गर टाइम फ्रेम में एक बड़ा प्रॉफिट बनाने का होता है. जहां लॉन्ग टर्म निवेशकों को मामूली 25% लाभ कमाने के लिए पांच महीने तक इंतजार करना पड़ सकता है. वहीं स्विंग ट्रेडर हर हफ्ते 5% या इससे ज्यादा का भी प्रॉफिट Swing Trading Strategy उपयोग करने का क्या फायदा होता है बना सकते हैं बहुत ही आसानी से लॉन्ग टर्म निवेशकों को मात दे सकता है.
स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग में अंतर
शुरुआत के दिनों में नए निवेशकों को स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) और डे ट्रेडिंग एक ही लग सकते हैं, लेकिन जो स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग को एक दूसरे से अलग बनाता है वो होता है टाइम पीरियड. जहां एक डे ट्रेडर अपनी पोजीशन चंन्द मिनटो से ले कर कुछ घंटो तक रखता है वहीं एक स्विंग ट्रेडर अपनी पोजीशन 24 घंटे के ऊपर से ले कर कई हफ्तों तक होल्ड कर सकता है. ऐसे मे बड़े टाइम फ्रेम में वोलैटिलिटी भी कम हो जाती है और प्रॉफिट बनाने की सम्भावना भी काफी अधिक होती है जिसके कारण ज्यादातर लोग डे ट्रेडिंग की अपेक्षा स्विंग ट्रेडिंग करना पसंद करते हैं.
स्विंग ट्रेडिंग टेक्निकल इंडीकेटर्स पर निर्भर करती है. टेक्निकल इंडीकेटर्स का काम मार्किट में रिस्क फैक्टर को कम करना और बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद आपको स्टॉक या इंडेक्स की सही दिशा का पता लगवाने में मद्दत करना होता है. जब आप अपने निवेश को किसी विशेष ट्रेडिंग स्टाइल पर केंद्रित करते हैं तो यह आपको राहत भी देता है. और साथ ही साथ आपको मार्किट के रोज़ के उतार-चढ़ाव पर लगातार नजर रखने की भी जरुरत नही पड़ती है. आपको सिर्फ अपनी बनाई गई रणनीति को फॉलो करना होता है.
स्विंग ट्रेडिंग से जुड़े कुछ जरूरी टर्म्स
स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) में अक्सर इस्तेमाल किए जाने वाले कुछ शब्दों में एंट्री पोइंट, एग्जिट पॉइंट और स्टॉप लॉस शामिल हैं. जिस प्वाइंट पर ट्रेडर अलग अलग टेक्निकल इंडिकेटर की सहायता से खरीदारी करते है उसे एंट्री प्वाइंट कहा जाता है. जबकि जिस प्वाइंट पर ट्रेडर अपनी Swing Trading Strategy उपयोग करने का क्या फायदा होता है ट्रेड पोजीशन को स्क्वायर ऑफ करते हैं. उसे एग्जिट प्वाइंट के रूप में जाना जाता है. वही स्टॉप लॉस जिसे एक निवेशक के नुकसान को सीमित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. ऐसा प्वाइंट होता है जहाँ आप अपने रिस्क को सीमित कर देते है. उदाहरण के लिए जिस कीमत पर आपने स्टॉक खरीदा था. उसके 20% नीचे के लिए स्टॉप-लॉस ऑर्डर सेट करना आपके नुकसान को 20% तक सीमित कर देता है.
कितने टाइप के होते है स्विंग ट्रेडिंग पैटर्न
स्विंग ट्रेडर्स अपनी निवेश रणनीति तैयार करने के लिए बोलिंगर बैंड, फिबोनाची रिट्रेसमेंट और मूविंग ऑसिलेटर्स जैसे ट्रेडिंग टूल्स का उपयोग करके अपने ट्रेड करने के तरीके बनाते हैं. स्विंग ट्रेडर्स उभरते बाजार के पैटर्न पर भी नजर रखते हैं जैसे
– हेड एंड शोल्डर पैटर्न
– फ्लैग पैटर्न
– कप एंड हैंडल पैटर्न
– ट्रेंगल पैटर्न
– मूविंग एवरेज का क्रॉसओवर पैटर्न
भारत में सबसे लोकप्रिय स्विंग ट्रेडिंग ब्रोकरों में एंजेल ब्रोकिंग, मोतीलाल ओसवाल, आईआईएफएल, ज़ेरोधा, अपस्टॉक्स और शेयरखान शामिल है.
Swing Trading क्या है - स्विंग ट्रेडिंग कैसे करें?
Swing Trading क्या है? इसे कैसे करे? अगर आप भी यह जानना चाहते हैं। तो आज हम आपको इस लेख में swing trading के बारे में अधिक से अधिक जानकारी देने का प्रयास करुगा। आज अगर आप भी पार्ट टाइम ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो स्विंग ट्रेडिंग आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
इसमें कमाएं गए छोटे छोटे प्रॉफिट आपको साल के अंत में एक अच्छा रिटर्न देता है। आयिये तो फिर पहले जानते हैं कि स्विंग ट्रेडिंग क्या होता है?
Swing Trading क्या है? - Swing Trading In Hindi
Swing Trading एक ऐसी ट्रेडिंग रणनीति है। जहा पर ट्रेडर्स शेयर को एक दिन से ज्यादा के लिए खरीदते हैं और थोड़े समय तक होल्ड करने के बाद बेच देते हैं। ट्रेडर्स शेयर को थोड़े दिनों तक इसी उम्मीद से होल्ड करते हैं ताकि उन्हें कुछ प्रॉफिट हो सके। आमतौर पर यह समय कुछ दिन या कुछ हफ्ते हो सकते हैं।
Swing Traders किसी भी स्टॉक का संभावित स्विंग का एक हिस्से को कैप्चर करने की कोशिश करता है। यानी मतलब यह हुआ कि एक स्विंग ट्रेडर बाजार या किसी भी स्टॉक के प्राइस का एक तरफा मूवमेंट को कैप्चर करने की कोशिश करता है। बाजार या स्टॉक का एक तरफा मूवमेंट को इसी उम्मीद से कैप्चर करने की कोशिश करता है कि उसे कुछ परसेंट का प्रॉफिट होगा। लेकिन अगर बाजार ठीक उसके उलट चला जाता है तो स्विंग ट्रेडर्स अपने नुकसान को बुक करने के बाद मार्केट से बाहर निकल जाता है। स्विंग ट्रेडिंग में हासिल किए गए छोटे छोटे मूवमेंट का लाभ वार्षिक में एक अच्छा रिटर्न बन जाता है।
एक अच्छा स्विंग ट्रेडर opportunity को ढूंढने के लिए टेक्निकल एनालिसिस और कभी कभी फंडामेंटल एनालिसिस का उपयोग करता है। साथ ही चार्ट के माध्यम से market trend और patterns का विश्लेषण करता है।
Swing Trading कैसे काम करती है?
Swing Trader किसी भी स्टॉक को खरीदने से पहले मार्केट का ट्रेंड, शेयर कि कीमत में उतार-चढ़ाव, ट्रेडिंग चार्ट में बनने वाले पैटर्न का विश्लेषण करता है। आमतौर पर swing traders लार्ज-कैप शेयरों यानी कि उन शेयरों पर विश्लेषण करते हैं जिसमें ट्रेडिंग Swing Trading Strategy उपयोग करने का क्या फायदा होता है अधिक होती है।
अन्य प्रकार के ट्रेडिंग से ज्यादा swing trading में risk ज्यादा होता है। इसमें आमतौर से gap risk शामिल होता है। यदि मार्केट के बंद होने के बाद कोई अच्छी खबर आती हैं तो स्टॉक के प्राइस मार्केट खुलने के बाद अचानक बढ़ जाते हैं। ठीक इसका उल्टा भी हो सकता है। मार्केट के बंद होने के बाद कोई बुरी खबर आती हैं। तो मार्केट खुलने के बाद स्टॉक के प्राइस में भारी गैप डाउन देखने को मिलता हैं। इस तरह के रिस्क को overnight risk कहा जाता है।
स्विंग ट्रेडिंग के फायदे क्या है? - Advantages Of Swing Trading In Hindi
अन्य ट्रेडिंग प्रकार की तरह swing trading के भी कुछ फायदे और नुकसान होते है। आइए पहले स्विंग ट्रेडिंग के advantages जानते हैं।
1. स्विंग ट्रेडिंग में स्टॉक को कुछ दिनों या कुछ हफ्ते तक होल्ड किया जाता है। इसलिए Intraday के मुकाबले लाइव मार्केट में ज्यादा समय रहने की जरूरत नहीं होती है।
2. Swing Trading, ट्रेडर्स को बाजार के sideways होने पर एक अच्छा रिटर्न देता है।
3. स्विंग ट्रेडिंग उन लोगो के लिए सबसे अच्छा है जो जॉब या बिज़नेस करते हैं। यानी कि स्विंग ट्रेडिंग को पार्ट टाइम किया जा सकता है।
4. Intraday के मुकाबले, स्विंग ट्रेडिंग में स्ट्रेस लेवेल कम होता है।
5. स्विंग ट्रेडिंग में छोटे छोटे रिटर्न्स वार्षिक में एक अच्छा रिटर्न बन जाता है।
6. Intraday के मुकाबले स्विंग ट्रेडिंग आसान होती हैं। आपको सिर्फ टेक्निकल एनालिसिस आना चाहिए।
7. स्विंग ट्रेडिंग में डे ट्रेडिंग के मुकाबले कम noisy होता है।
स्विंग ट्रेडिंग के नुकसान क्या है? - Disadvantages Of Swing Trading In Hindi
1. स्विंग ट्रेडिंग में overnight और वीकेंड रिस्क शामिल रहेता है।
2. मार्केट का अगर किसी तरह से अचानक ट्रेंड बदल जाता है तो यहां काफी नुकसान हो सकता है।
3. स्विंग ट्रेडिंग में गैप रिस्क शामिल रहता है।
4. डे ट्रेडिंग के मुकाबले स्विंग ट्रेडिंग में रिटर्न्स कम मिलता है।
स्विंग ट्रेडिंग स्ट्रेटजी क्या है? - Swing Trading Strategy In Hindi
अभी तक आपने स्विंग ट्रेडिंग के बारे में बारीकी से अध्ययन किया है। अब हम आपको swing trading के को कैसे किया जाता है इसे करने के लिए कौन कौन सी strategy को आप सीख सकते हैं। इसके बारे में जानकारी दूंगा। तो फिर आइए जानते हैं।
स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्ट्रेटजी बनाने के लिए ट्रेडर्स कई प्रकार के इंडिकेटर्स और चार्ट पैटर्न का इस्तेमाल करते हैं। उनमें से कुछ पॉपुलर चार्ट पैटर्न और इंडिकेटर के बारे में नीचे बताया गया है।
Chart Patterns
- Head & Shoulder Patterns
- Cup & Handle Patterns
- Candlestick Patterns
- Triangle Patterns
- Double Top & Double Bottom Patterns
- Flag Patterns
- Triple Top & Triple Bottom Patterns
Indicators
- Simple Moving Average
- Exponential Moving Average
- Bollinger Band
- RSI (Relative Strength Index)
- MACD (Moving Average Convergence Divergence)
- Moving Average Crossover
- Pivot Support & Resistance
- Fibonacci Retracement
- VWAP (Volume Weighted Average Price)
- Stochastics
- SuperTrend
Swing Trading Strategy उपयोग करने का क्या फायदा होता है?
1. Swing Trading में अधिक फायदा या नुकसान होने की संभावना रहती है। यह स्ट्रेटजी स्विंग ट्रेडर्स को intraday में होने वाले उथल पुथल से दूर रखती है।
2. स्विंग ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी ट्रेडर्स का बढ़े ट्रेड पर ध्यान केंद्रित करती है।
3. ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी आपको बाजार में एंट्री और पोजिशन को square off करने का सही समय बताने की कोशिश करता है।
4. टेक्निकल पर आधारित होने के कारण आप स्पष्ट निर्णय ले सकते हैं।
निष्कर्ष
Swing Traders बाजार में अलग अलग तरीकों की स्ट्रेटेजी का प्रयोग करते हैं। यह सभी बताए गए चार्ट पैटर्न और इंडिकेटर्स आपको अपनी खुद की भी स्ट्रेटेजी बनाने में मदद करेगी। आप चाहे तो दो या इसे अधिक इंडिकेटर्स को मिलाकर एक स्ट्रॉन्ग स्ट्रेटेजी बना सकते हैं। अंत में यह याद रखना कि कोई भी स्ट्रेटेजी आपको 100% एक्यूरेट रिजल्ट नहीं दे सकता है। मेरे द्वारा लिखी गई यह पोस्ट सिर्फ आपको Swing trading kya hai? के बारे में विस्तार से जानकारी देने कि कोशिश की गई है। उम्मीद करता हूं कि यह पोस्ट आपको कुछ इंफॉर्मेशन जानकारी दे पाई होगी।
15% स्विंग ट्रेडिंग से हर महीने कमाए।
स्विंग ट्रेडिंग के लिए शेयर चुनते समय हमेशा ध्यान में रहे की उस शेयर में ये ३ चीजे हो.
याने के शेयर में एक अच्छी चाल हो ऊपर की तरफ या फिर निचे, जिसकी मदत से हम उस शेयर में ट्रेड कर सके।
याने के शेयर में buyers और sellers की संख्या ज्यादा हो, ताकि शेयर खरीदने में और बेचने में आसानी हो।
याने के जिस शेयर में आप स्विंग ट्रेडिंग करना चाहते हो उस कंपनी के fundamentals अच्छे हो।
आप हमेशा प्रयास कीजिये की आप स्विंग ट्रेडिंग के लिए Nifty 50 के शेयर ही चुने।
Nifty 50 में अच्छी volatility, Liquidity और अच्छे fundamental वाले शेयर्स होते हैं। जिससे आप के प्रॉफिट कमाने की संभावना बढ़ जाएगी।
तो इस प्रकार आप स्विंग ट्रेडिंग के लिए शेयर कैसे चुने ? यह आप जान पाए होंगे।
3 Swing Trading Strategy In Hindi
यहाँ पर ३ स्ट्रेटेजी हैं जो की आप स्विंग ट्रडिंग करते समय इनका उपयोग कर सकते हैं।
स्विंग ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी मूविंग एवरेज से।
- इस strategy में आप छाए तो Exponential Moving Average – EMA का इस्तेमाल कर सकते हैं या फिर Simple Moving Average – SMA का।
- Moving Average प्राइस जो मूव करता हैं उसका एवरेज होता हैं जैसे की ९,२१,५०,१००,२०० दिनों का।
- Moving Average एक ट्रेंड फॉलोविंग इंडिकेटर हैं। जिससे हमें पता चलता हैं की मार्किट या शेयर की चाल क्या हैं।
- अगर शेयर बाजार Uptrend या Downtrend में हो तो ही आप इस Moving Average स्विंग ट्रेडिंग स्ट्रेटर्जी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- मूविंग एवरेज से स्विंग ट्रेडिंग करने के लिए आप एक बार ऊपर दिए गए चित्र को ध्यान से देखे।
- ऊपर दिए गए चित्र में आप देख सकते हैं की जो लाल रेखा हैं वो 50 Day moving average हैं और जो नीली रेखा हैं 21 day Moving Average हैं।
- जब 21 day Moving Average लाल रेखा के ऊपर जाती हैं तब हम शेयर को buy करते हैं और नीली रेखा 50 Day moving average के निचे जाती हैं तो हम शेयर Sell करते हैं।
- आप जो चाहे उस दिन की मूविंग एवरेज का इस्तेमाल कर सकते हैं।
इस प्रकार से हम मूविंग एवरेज (EMA और SMA) का इस्तेमाल कर के आप शेयर मार्किट में स्विंग ट्रेडिंग कर सकते हैं।
स्विंग ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी सपोर्ट और रेसिस्टेंस।
- Support का मतलब होता हैं की निचे की तरफ सहारा मिलना और resistance का मतलम होता हैं की ऊपर की तरफ बाधा या रुकावट।
- Support से हमें पता चलता हैं की कोई शेयर कहा तक निचे आ सकता हैं और resistance से हमें पता चलता हैं की कोई शेयर कहा तक ऊपर जा सकता हैं।
- जब कोई शेयर एक ही दायरे में हो तब इस strategy का इस्तेमाल आप कर सकते हैं।
- इस image में आप देख सकते हैं की जो लाल रेखा हैं वो हैं सपोर्ट और जो हरी रेखा हैं वो हैं रेजिस्टेंस।
- इस image में शेयर सपोर्ट और रेजिस्टेंस के दायरे में हैं। जब शेयर सपोर्ट को छूता हैं तब वह ऊपर जाता हैं। और जब कोई शेयर ऊपर रेजिस्टेंस को छूता हैं तब निचे आता हैं।
- जब शेयर सपोर्ट को छूता हैं तब आपको buy करना हैं और जब शेयर resistance को छूता हैं तब आपको sell करना हैं।
इस प्रकार से हम Support & Resistance Strategy का इस्तेमाल कर के आप शेयर बाजार में स्विंग ट्रेडिंग कर सकते हैं।
स्विंग ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी Rising channel।
- Rising channel का मतलम होता हैं की कोई शेयर एक channel में ऊपर की तरफ जा रहा है।
- Rising channel से ट्रेडिंग करने के लिए आप ऐसा शेयर चुनिए जो की Uptrend में हो।
- इस image में आप देख सकते हैं की जो लाल रेखा हैं वो हैं सपोर्ट और जो हरी रेखा हैं वो हैं रेजिस्टेंस और जो शेयर हैं वो एक चैनल में ऊपर की तरफ जा रहा हैं।
- हमें इस strategy का इस्तेमाल करने के लिए २ trendline खिंचनी होगी ऊपर की तरफ और एक चैनल बनाना हैं।
- जब शेयर हरी रेखा को छूता हैं तब आप Buy करे और जब शेयर लाल रेखा को छूता हैं तब आप Sell करे।
- इस प्रकार से हम Moving Average, Support & Resistance, Rising Channel इन ३ strategy का इस्तेमाल कर के आप शेयर बाजार में स्विंग ट्रेडिंग कर सकते हैं।
इस प्रकार ऊपर दी गई ३ स्विंग ट्रेडिंग strategy इया स्विंग ट्रेडिंग टिप्स से आप ट्रेड कर सकते हैं।
निष्कर्ष
आशा हैं की आप को स्विंग ट्रेडिंग क्या हैं ? उसके फायदे, स्विंग ट्रेडिंग के कुछ स्ट्रेटेजी इत्यादि जान पाए होंगे।
Swing Trading की practice करने के लिए आप Tradingview.com पर जा सकते हैं।
अगर आप को यह जानकारी पसंद आयी हो तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर कीजिए और कमेंट करके हमें अपना Feedback दे।
Swing Trading Strategies PDF
आप ऊपर दिए गए Swing Trading Strategies का PDF हिंदी में download कर सकते हैं।
स्विंग ट्रेडिंग क्या हैं ?
अगर किसी शेयर को खरीद के उसे १ दिन से १ महीने तक हम ट्रेड करते हैं तो उसे हम swing trading कहते हैं।
स्विंग ट्रेडिंग के लिए कोनसा time frame चुने ?
स्विंग ट्रेडिंग करने के लिए आप ३० मिनट से लेके ४ घंटे time frame देख सकते हैं।
Swing trading में कितने return की अपेक्षा करे ?
५ % से १५ % आने के बाद आप अपना प्रॉफिट बुक कर ले।
स्विंग ट्रेडिंग शेयर कैसे चुने ?
स्विंग ट्रेडिंग के लिए शेयर के Volatility, Liquidity, Fundamental अच्छे होने चाहिए।
Swing trading for beginners
स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) एक ट्रेडिंग तकनीक है जिसका उपयोग व्यापारी स्टॉक खरीदने और बेचने के लिए करते हैं जब संकेतक भविष्य में एक ऊपर (सकारात्मक) या नीचे (नकारात्मक) प्रवृत्ति की ओर इशारा करते हैं, जो रात भर से लेकर कुछ हफ्तों तक हो सकता है। स्विंग ट्रेडों का लक्ष्य एक बड़े समग्र रुझान के भीतर अंतरिम चढ़ाव और उच्च को खरीदने और बेचने पर पूंजीकरण करना है।
व्यापारी तकनीकी संकेतकों का उपयोग यह निर्धारित करने के लिए करते हैं कि क्या विशिष्ट शेयरों में गति है और खरीदने या बेचने का सबसे अच्छा समय है। अवसरों का लाभ उठाने के लिए, व्यापारियों को अल्पावधि में लाभ कमाने की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए शीघ्रता से कार्य करना चाहिए।
स्विंग ट्रेड्स कैसे काम करता है? (How does Swing Trading Works)
स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) सुरक्षा की कीमत में ऊपर और नीचे “स्विंग” को भुनाने का प्रयास करती है। Swing Trading Strategy उपयोग करने का क्या फायदा होता है व्यापारियों को एक बड़े समग्र रुझान के भीतर छोटी चाल पर कब्जा करने की उम्मीद होती है। स्विंग ट्रेडर्स का लक्ष्य बहुत सी छोटी जीत हासिल करना है जो महत्वपूर्ण रिटर्न में जोड़ते हैं। उदाहरण के लिए, अन्य व्यापारी २५% लाभ अर्जित करने के लिए पांच महीने तक प्रतीक्षा कर सकते हैं, जबकि स्विंग व्यापारी साप्ताहिक ५% लाभ अर्जित कर सकते हैं और लंबे समय में अन्य व्यापारियों के लाभ से अधिक हो सकते हैं।
सबसे अच्छा प्रवेश या निकास बिंदु चुनने के लिए अधिकांश स्विंग व्यापारी दैनिक चार्ट (जैसे 60 मिनट, 24 घंटे, 48 घंटे, आदि) का उपयोग करते हैं। हालांकि, कुछ कम समय सीमा चार्ट का उपयोग कर सकते हैं, जैसे कि 4-घंटे या प्रति घंटा चार्ट।
स्विंग ट्रेड्स और डे ट्रेडिंग में अंतर (Swing Trading vs Day Trading)
स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) और डे ट्रेडिंग (Day Trading) कुछ मामलों में समान दिखाई देते हैं। दो तकनीकों को अलग करने वाला मुख्य कारक होल्डिंग पोजीशन टाइम है। Swing Trading Strategy उपयोग करने का क्या फायदा होता है जबकि स्विंग ट्रेडर्स रात भर से कई हफ्तों तक स्टॉक रख सकते हैं, दिन के कारोबार मिनटों के भीतर या बाजार बंद होने से पहले बंद हो जाते हैं।
दिन के व्यापारी रात भर अपनी स्थिति नहीं रखते हैं। अक्सर इसका मतलब यह होता है कि वे समाचार घोषणाओं के परिणामस्वरूप अपनी स्थिति को जोखिम में डालने से बचते हैं। उनके अधिक बार-बार होने वाले व्यापारिक परिणाम उच्च लेनदेन लागत में होते हैं, जो उनके मुनाफे को काफी कम कर Swing Trading Strategy उपयोग करने का क्या फायदा होता है सकते हैं। वे अक्सर छोटे मूल्य परिवर्तनों से लाभ को अधिकतम करने के लिए उत्तोलन के साथ व्यापार करते हैं।
स्विंग व्यापारियों को रातोंरात जोखिमों की अप्रत्याशितता के अधीन किया जाता है जिसके परिणामस्वरूप महत्वपूर्ण मूल्य परिवर्तन हो सकते हैं। स्विंग व्यापारी समय-समय पर अपनी स्थिति की जांच कर सकते हैं और महत्वपूर्ण बिंदुओं पर पहुंचने पर कार्रवाई कर सकते हैं। दिन के कारोबार के विपरीत, स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) को निरंतर निगरानी की आवश्यकता नहीं होती है क्योंकि ट्रेड कई दिनों या हफ्तों तक चलते हैं।
स्विंग ट्रेडिंग रणनीतियाँ (Swing Trading Strategies)
कार्रवाई योग्य व्यापारिक अवसरों की तलाश के लिए स्विंग व्यापारी निम्नलिखित रणनीतियों का उपयोग कर सकते हैं:
फाइबोनैचि रिट्रेसमेंट
व्यापारी समर्थन और प्रतिरोध (Support & Resistance) स्तरों Swing Trading Strategy उपयोग करने का क्या फायदा होता है की पहचान करने के लिए फिबोनाची रिट्रेसमेंट संकेतक का उपयोग कर सकते हैं। इस सूचक के आधार पर, वे बाजार में उलटफेर के अवसर पा सकते हैं। माना जाता है कि 61.8%, 38.2% और 23.6% के फाइबोनैचि रिट्रेसमेंट स्तर संभावित उलट स्तरों को प्रकट करते हैं। एक व्यापारी एक खरीद व्यापार में प्रवेश कर सकता है जब कीमत नीचे की प्रवृत्ति में होती है और ऐसा लगता है कि पिछले उच्च से 61.8% रिट्रेसमेंट स्तर पर समर्थन मिल रहा है।
टी-लाइन ट्रेडिंग
ट्रेडर्स ट्रेड में प्रवेश करने या बाहर निकलने के सर्वोत्तम समय पर निर्णय लेने के लिए चार्ट पर टी-लाइन का उपयोग करते हैं। जब कोई सुरक्षा टी-लाइन के ऊपर बंद हो जाती है, तो यह एक संकेत है कि कीमत में वृद्धि जारी रहेगी। जब सुरक्षा टी-लाइन के नीचे बंद हो जाती है, तो यह एक संकेत है कि कीमत में गिरावट जारी रहेगी।
जापानी कैंडलस्टिक्स
अधिकांश व्यापारी जापानी कैंडलस्टिक चार्ट का उपयोग करना पसंद करते हैं क्योंकि उन्हें समझना और व्याख्या करना आसान होता है। व्यापारिक अवसरों की पहचान करने के लिए व्यापारी विशिष्ट कैंडलस्टिक पैटर्न का उपयोग करते हैं।
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