” किसी समुदाय अथवा समाज के उपर्युक्त नियमन के लिए अथवा जीवन में सही आचरण के लिए सत्ता द्वारा बनाए गए नियम ही सन्नियम है।” – Oxford English Dictionary
व्यापारिक सन्नियम क्या हैं | What Is Business Law In Hindi
व्यापारिक सन्नियम ( Business / Commercial Law ) के बारे में समझने से पहले आपको ‘व्यापारिक’ तथा ‘सन्नियम’ का अर्थ जानना होगा । साधारण शब्दों में व्यापारिक शब्द ‘व्यापार’ से लिया गया है जिसका अंग्रेजी Business होता हैं।
बिजनेस से आश्य किसी ना किसी कार्य में व्यस्त रहना होता है । व्यवसाय लाभ कमाने के उद्देश्य से ही स्थापित किया जाता है।
उदाहरण के लिए रिलायंस एक बड़ी कंपनी है यह पेट्रोल से लेकर 4G डाटा नेटवर्क, Jio Mall , Mart , Ajio Jio Tv (पोस्ट लिखते समय) तक बहुत सारे सामानों का उत्पादन करती है जिसे आप और हम मिलकर उस वस्तु का उपयोग/ उपभोग करते हैं इस पूरे प्रक्रिया में कंपनी हम से लाभ कमाती है जिसको ‘व्यवसाय’ Business कहा जाता हैं।
सन्नियम क्या हैं?
सन्नियम अर्थात कानून (Law) राज्य द्वारा समाज में शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए मनुष्य के आचरणों तथा व्यवहारों को व्यवस्थित, नियमित एवं नियंत्रित करने के उद्देश्य से राज्य द्वारा जो नियम तथा उप नियम बनाए जाते हैं उन्हें ही “सन्नियम” (Law) कहा जाता हैं।
बदलते हुए समय के अनुसार सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में सन्नियम को अलग-अलग व्यक्तियों के द्वारा अलग-अलग रूपों में देखा गया है।
उदाहरण के लिए यदि सामान्य व्यक्ति के लिए यह पालन किए जाने वाले नियमों का समूह है तो वकील के लिए जीवन यापन का साधन । न्यायाधीश के लिए निर्देशात्मक सिद्धांत है। समाजशास्त्री के लिए यदि सामाजिक नियंत्रण का आधार है तो विधायकों के लिए यह वह सन्नियम है जिसे उन्होंने बनाया है।
सच तो यह हैं कि सन्नियम आज हमारे जीवन का एक अनिवार्य अंग बन चुका है जिसको कदम कदम पर हमें पालन करना पड़ता हैं।
” किसी समुदाय अथवा समाज के उपर्युक्त नियमन के लिए अथवा जीवन में सही आचरण के लिए सत्ता द्वारा बनाए गए नियम ही सन्नियम है।” – Oxford English Dictionary
सन्नियम के बारे में विभिन्न व्यक्तियों के द्वारा अपना अलग-अलग मत दिया गया है जो कि नीचे इस प्रकार से दिए गए हैं –
न्यायमूर्ति सालमण्ड – सन्नियम से आशय राज्य द्वारा मान्य एवं प्रयुक्त उन सिद्धांतों के समूह से हैं जिनको व न्यायिक प्रशासन के लिए उपयोग में लाता है। –
Austin – सन्नियम आचरण के वह नियम है जो प्रभुसत्ता द्वारा प्रभावित एवं प्रवर्तित किए जाते हैं। –
व्यापारिक सन्नियम क्या हैं?
यह समाज के लोगों की व्यापारिक क्रियाओं से संबंधित हैं। यह कानून की वह शाखा है जो कि विभिन्न व्यापारिक अथवा व्यवसायिक लेन-देनों से संबंधित व्यापार में लागू होती हैं।
इस प्रकार से – व्यापारिक सन्नियम व्यापारियों के लिए स्पष्टीकरण से आश्य उन समस्त वैधानिक नियमों, परिनियमों, अधिनियमों एवं उप नियमों से है जो व्यवसाय के संचालन को नियमित एवं नियंत्रित करने के उद्देश्य से प्रत्यक्ष रूप में लागू होते हैं।
व्यापारिक सन्नियम नियम के अंतर्गत वे नियम शामिल है जो व्यापारियों बैंकरों तथा व्यवसायियों के साधारण व्यवहारों पर लागू होते हैं और जो संपत्ति के अधिकारों एवं वाणिज्य में संलग्न व्यक्तियों के संबंधों से संबंधित हैं। – Prof. A.K. Sen
यह सन्नियम उन सारे नियमों का समूह है जिसमें व्यापारिक संबंधों तथा सभ्य समाज में रहने वाले मानव की Commercial क्रियाओं से संबंधित सिद्धांतों का समावेश हो। – M.J. Sethna
व्यापारिक सन्नियम की वह शाखा का नाम है जो सामान्यतः व्यापारिक लेन-देन में उत्पन्न हुए विवादों पर लागू होते हैं। – Venktesan
उपर्युक्त परिभाषा को अध्ययन करने के पश्चात इस निष्कर्ष पर पहुंचा गया है कि व्यापारिक अथवा वाणिज्यिक सन्नियम सरकार द्वारा निर्धारित उन नियमों से है व्यापारियों के लिए स्पष्टीकरण व्यापारियों के लिए स्पष्टीकरण जो कि व्यापारिक अथवा वाणिज्य क्रियाओं को नियमित एवं नियंत्रित करते हैं इन नियमों के द्वारा व्यापार या वाणिज्य में संलग्न व्यक्तियों के बीच हुए व्यवहार से उत्पन्न कर्तव्यों अधिकार एवं दायित्वों को निश्चित किया जाता है।
निर्यात का क्या मतलब है
निर्यात एक देश में उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं को दूसरे देश में बेचने की अवधि को संदर्भित करता है। माल के निर्यात को निर्यात के देश और आयात के देश दोनों में सीमा शुल्क अधिकारियों की भागीदारी की आवश्यकता होती है। एक व्यक्ति द्वारा संभाला गया सभी लेनदेन निर्यातक के रूप में जाना जाता है
आयात निर्यात के बीच अंतर क्या है
एक्सपोर्ट का मतलब है कि स्वदेश में निर्मित वस्तुओं और सेवाओं को बाहरी बाजार में बेचना जबकि आयात देश में विदेशी वस्तुओं और सेवाओं को लाना है।
निर्यात विश्लेषण
अप्रैल 2015 में, भारत का निर्यात 22050 USD मिलियन था। मई 2015 में यह 22050 USD मिलियन से बढ़कर 22346.75 USD मिलियन हो गई। 1957 से 2015 के बीच भारत में निर्यात औसतन 4303.66 USD मिलियन, 2013 के मार्च में 30541.44 USD मिलियन के सभी उच्च स्तर तक पहुंच गया और एक रिकॉर्ड कम 1958 के जून में 59.01 USD मिलियन। मूल रूप से भारत में निर्यात भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा रिपोर्ट किया गया है। हालांकि, कई वस्तुओं में भारत का u2019 का निर्यात मई 2015 में गिर गया था। उदाहरण के लिए, चावल का निर्यात मई 2014 में 14.6% था, जबकि अन्य अनाज का निर्यात 77.7% था। दूसरी तरफ, लौह अयस्क, जवाहरात और गहने का निर्यात क्रमशः 86% और 12.9% गिर गया।
हाल के वर्षों में, भारत एशिया में सबसे अधिक परिष्कृत उत्पाद निर्यातकों में से एक बन गया है, जो कुल निर्यात का लगभग 20 प्रतिशत पेट्रोलियम उत्पादों के साथ है।
निर्यात की आवश्यकता
- विदेशी मुद्रा अर्जित करने के लिए निर्यात आवश्यक है। यह केवल विदेशी मुद्रा के बारे में नहीं है; यह किसी देश की आर्थिक स्थिति में भी सुधार करता है।
- विचारों और सांस्कृतिक ज्ञान के मुक्त आदान-प्रदान से एक कंपनी के लिए व्यापार के अवसर खुलते हैं।
- एक निर्यातक भी माल निर्यात करके मौसमी उत्पादों की मांग की कमी से सुरक्षित हो जाता है।
निर्यात जोखिमों को फैलाने और स्थानीय बाजार पर निर्भरता को कम करके अपने व्यापार का विस्तार करने का एक लाभदायक तरीका है। एक शोध से पता चलता है कि निर्यातक कंपनियां गैर-निर्यात कंपनियों की तुलना में अधिक लाभदायक हैं। यह नए विचारों, विपणन तकनीकों और व्यवसाय में अपने प्रतिस्पर्धियों को प्रतिस्पर्धा करने के तरीकों को उजागर करता है। ये सभी चीजें घरेलू बाजारों में भी प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता में सुधार करती हैं। यदि आपके पास एक सीमित घरेलू बाजार है, तो आपको निर्यात के बारे में सोचना चाहिए कि लगभग एक चौथाई नए निर्यातक वैश्विक पैदा हुए हैं।
निर्यात कारोबार ने बाद में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि को बढ़ावा दिया। भारत से निर्यात किए जाने वाले प्रमुख उत्पाद हैं:
चमड़े के सामान:भारत अन्य देशों में चमड़े के उत्पादों के निर्यात के लिए सबसे बड़ा निर्यातक देश है। भारत विदेशों में दैनिक उपयोग के लिए विभिन्न चमड़े के उत्पादों का निर्यात करता है जैसे वॉलेट, कुंजी धारक, नोटबुक, कुंजी के छल्ले।
चिकित्सा उपकरण:चिकित्सा उपकरणों ने गुणवत्ता और विविधता के सर्वश्रेष्ठ खाते के लिए विदेशों में अपना स्थान बनाया है। इन उपकरणों में शोषक धुंध, सर्जिकल कैप और सर्जिकल फेस मास्क शामिल हैं। भारत के प्रमुख उत्पादों जैसे कि बेबी इनक्यूबेटर, एयर आयनाइज़र, और डिजिटल इमेजिंग सॉफ्टवेयर 2019s आदि के बीच चिकित्सा उपकरणों के कुछ निर्यात उत्पादों को भी महत्व मिला है।
कपड़ा सामान:कपड़ा सामान भी प्रमुख उत्पाद हैं जो भारत से निर्यात किए जाते हैं। इन उत्पादों में अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारी मांग के कारण भारत में बड़े घरों द्वारा निर्मित महिलाओं के साथ-साथ महिलाओं के लिए डिजाइनर वस्त्र भी शामिल हैं।
निर्यात को चार श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है जो निम्नानुसार हैं:
डीम्ड एक्सपोर्ट्स
डीम्ड एक्सपोर्ट्स से तात्पर्य उन सभी लेन-देन से है जिसमें माल को भारत में माल के प्राप्तकर्ता द्वारा बनाया जाता है। आवश्यक यह है कि भारत में इस तरह के सामान का निर्माण किया जाना चाहिए। निर्यात की यह श्रेणी भारत सरकार के निर्यात आयात नीति (EXIM) द्वारा शुरू की गई है।
व्यापारिक माल निर्यात
इस प्रकार का निर्यात सभी भौतिक वस्तुओं के निर्यात को दर्शाता है। उदाहरण के लिए, रेडीमेड वस्त्र, इंजीनियरिंग के सामान, फर्नीचर, कला के कार्य आदि।
सेवा निर्यात
सेवा निर्यात माल निर्यात के बिल्कुल विपरीत है। यह माल के निर्यात को संदर्भित करता है जो भौतिक रूप में मौजूद नहीं है, जो पेशेवर, सामान्य या तकनीकी सेवाएं हैं। सेवा निर्यात के उदाहरणों में कंप्यूटर सॉफ़्टवेयर, मनोरंजन या तकनीकी परामर्श सेवाओं आदि का निर्यात शामिल है।
परियोजना निर्यात
प्रोजेक्ट एक्सपोर्ट से तात्पर्य किसी अन्य देश में किसी व्यावसायिक फर्म द्वारा प्रोजेक्ट की स्थापना से है। इस परियोजना को सामान्य रूप से असतत समय, वित्तीय और तकनीकी प्रदर्शन लक्ष्यों के साथ 2018non- रूटीन, गैर-दोहराव और एकबारगी उपक्रम के रूप में परिभाषित किया गया है। इसे u2019 के रूप में देखा जाता है जिसे वैज्ञानिक रूप से विकसित कार्य योजना के रूप में एक विशिष्ट अवधि के भीतर एक विशिष्ट उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए तैयार किया गया है। समय।
भारत-ब्रिटेन FTA: क्या है समझौता और देश को कैसे होगा फायदा? विस्तार से जानें
What is India-UK Free Trade Agreement: द्विपक्षीय व्यापार 50 बिलियन (सेवाओं में लगभग 35 बिलियन और 15 बिलियन अन्य वस्तुओं में) है। भारत यूके का 12वां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है।
भारत और यूनाइटेड किंगडम(यूके) ने हाल ही में व्यापार और निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के लिए वार्ता फिर से शुरू की है। पांचवें दौर की वार्ता संपन्न हो चुकी है। एफटीए पर अक्टूबर तक हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौता आखिर क्या है और भारत के लिए इसका क्या अर्थ है।
मुक्त व्यापार समझौता क्या है?
यह दो या दो से अधिक देशों के बीच उत्पादों और सेवाओं के आयात और निर्यात में रुकावटों को कम करने के लिए एक समझौता है। इसमें ऐसे टैरिफ, कोटा, सब्सिडी या प्रतिबंध को कम किया जाएगा जो सीमाओं के पार वस्तुओं और सेवाओं के आदान-प्रदान को सीमित कर सकता है। मुक्त व्यापार समझौता दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार की अनुमति दे सकता है। समझौते में सामान, सेवाएं, निवेश, बौद्धिक संपदा, प्रतिस्पर्धा, सरकारी खरीद और अन्य क्षेत्र शामिल हो सकते हैं।
यूके के साथ एफटीए से भारत को क्या फायदा होगा?
एफटीए गैर-टैरिफ बाधाओं को कम करने, विशेष रूप से तकनीकी बाधाओं को, तथा निवेशक को संरक्षण की बात करता है। कुछ शैक्षणिक योग्यताओं को संयुक्त रूप से मान्यता देने और स्वास्थ्य कर्मियों के लिए रूपरेखा समझौते पर पहले ही हस्ताक्षर किए जा चुके हैं। भारत व्यापारियों के लिए स्पष्टीकरण द्वारा समर्थित सौदे के लिए पैनल स्थापित किए हैं और भारतीय कानूनी सेवाओं की अनुमति दी है।
भारत का और किन देशों के साथ समझौता है?
अप्रैल 2022 तक, भारत के पास दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र और नेपाल, भूटान, थाईलैंड, सिंगापुर, जापान व मलेशिया सहित 13 एफटीए थे। 13 में पिछले पांच वर्षों के दौरान मॉरीशस, यूएई और ऑस्ट्रेलिया के साथ हुए समझौते भी शामिल हैं। छह सीमित व्यापार समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए हैं।
दोनों देशों का व्यापार स्तर क्या है?
द्विपक्षीय व्यापार 50 बिलियन (सेवाओं में लगभग 35 बिलियन और 15 बिलियन अन्य वस्तुओं में) है। भारत यूके का 12वां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। 2022 के अंत तक यूके के कुल व्यापार का 1.9 हिस्सा भारत का हो जाएगा। यूके भारत के लिए सातवां सबसे बड़ा निर्यात करने वाला देश है।
दोनों के लिए महत्वपूर्ण
एफटीए दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह समग्र व्यापार और निवेश को बढ़ावा देगा। जनवरी 2022 में बातचीत शुरू करने पर सहमत हुए। इसका उद्देश्य व्यापार और निवेश संबंधों को आगे बढ़ाना था। वार्ता का पांचवां दौर 29 जुलाई को संपन्न हुआ और उम्मीद है कि जल्द ही वार्ता पूरी हो जाएगी।
Acid Attack: कैट ने फ्लिपकार्ट के खिलाफ खोला मोर्चा, तुरंत कार्रवाई के लिए दिल्ली पुलिस कमिश्नर से लगाई गुहार
कैट ने कहा है कि अगर यह गलती किसी छोटे दुकानदार से हुई होती तो अब तक पुलिस उस पर केस दर्ज कर चुकी होती. उन्होंने कहा कि . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : December 16, 2022, 19:58 IST
हाइलाइट्स
कैट ने फ्लिपकार्ट के खिलाफ कार्रवाई के लिए किया दिल्ली पुलिस कमिश्नर का रूख.
द्वारका में हुए एसिड अटैक में तेजाब कथित तौर पर फ्लिपकार्ट से ही खरीदा गया था.
संघ का कहना है कि ऐसे मामलों में इन कंपनियों का ई-कॉमर्स लाइसेंस रद्द होना चाहिए.
नई दिल्ली. व्यापारियों के संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. दिल्ली के द्वारका में एक लड़की पर तेजाब से हमला (एसिड अटैक) किया गया था और खबरों की मानें तो ये तेजाब फ्लिपकार्ट से ही खरीदा गया था. इसके बाद से ही ई-कॉमर्स मंच विभिन्न एनजीओ और सरकारी प्राधिकरणों के निशाने पर आ गया है.
कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा से इस मामले का संज्ञान लेते हुए फ्लिपकार्ट के खिलाफ त्वरित कानूनी कार्रवाई शुरू करने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि फ्लिपकार्ट का तेजाब बेचना पूरी तरह अवैध है.
सरकार को सख्ती दिखाने की जरूरत
कैट के अध्यक्ष बी.सी. भरतिया ने कहा है, “अगर इसी तरह का काम किसी छोटे दुकानदार/किराना स्टोर मालिक से हुआ होता तो अब तक पुलिस उसके खिलाफ केस दर्ज कर चुकी होती. लेकिन, अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियां आए दिन कानून तोड़ रही हैं और बच जा रही हैं. सरकार को ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए नियमों को सख्त करना होगा और ऐसी गलतियों के लिए उनकी जवाबदेही तय करनी होगी.”
लगाया जाए भारी जुर्माना
कैट ने कहा है कि इन कंपनियों को आईटी अधिनियम के सेक्शन 79 के कारण बचने नहीं दिया जाना चाहिए जो डाटा इंटरमीडियरीज को सुरक्षा प्रदान करता है. सीएआईटी का कहना है कि ऐसी गलती होने पर इनका ई-कॉमर्स लाइसेंस व्यापारियों के लिए स्पष्टीकरण रद्द होना चाहिए और इन पर भारी जुर्माना लगना चाहिए. गौरतलब है कि उपरोक्त सेक्शन का जिक्र इसलिए किया गया है क्योंकि अमेजन और फ्लिपकार्ट के काम को ग्राहक व्यापारियों के लिए स्पष्टीकरण व विक्रेता के बीच बिचौलिये के रूप में देखा जाता है. हालांकि, सीएआईटी ने इसका भी विरोध किया है. उनका कहना है कि ये दोनों कंपनियां बिचौलिये जैसा व्यवहार नहीं व्यापारियों के लिए स्पष्टीकरण करती हैं. बकौल सीएआईटी, ये कंपनियां वेयरहाउसिंग, डिलीवरी, लॉजिस्टिक, पेमेंट सेटलमेंट आदि करती हैं और ये डाटा इंटमीडियरीज का काम नहीं है.
और भी संघों ने उठाई आवाज
सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी यानी सीसीपीए (CCPA) ने भी इस मामले पर संज्ञान लेते हुए फ्लिपकार्ट से स्पष्टीकरण मांगा है. फ्लिपकार्ट से अगले सात दिन में स्पष्टीकरण देने को कहा गया है. इससे पहले दिल्ली महिला आयोग ने दो ई-कॉमर्स कंपनियों को अपने मंचों के जरिये कथित रूप से तेजाब की बिक्री की अनुमति देने के लिये नोटिस जारी किया था.
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Tawang faceoff: तवांग में हुई झड़प को लेकर विपक्ष ने केंद्र सरकार से मांगा स्पष्टीकरण, सदन से किया वॉकआउट
तवांग में हुई भारत-चीन के बीच झड़प को लेकर राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, जब उन्होंने हमें स्पष्टीकरण नहीं दिया तो विपक्षी दलों के सभी नेताओं ने वॉकआउट करने का फैसला किया।
Tawang faceoff: तवांग में हुई झड़प को लेकर विपक्ष ने केंद्र सरकार से मांगा स्पष्टीकरण, सदन से किया वॉकआउट
Highlights मामले में स्पष्टीकरण नहीं मिलने पर विपक्ष ने किया वॉकआउट खड़गे ने कहा- हम अपने देश की एकता और अखंडता के लिए एक साथ खड़े हैं ओवैसी बोले - प्रधानमंत्री मोदी चीन का नाम लेने से डर रहे हैं
नई दिल्ली: अरुणाचल प्रदेश के तवांग क्षेत्र में हुई भारत-चीन की झड़प को लेकर विपक्ष ने मंगलवार को केंद्र सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है। इस मुद्दे को लेकर विपक्ष ने सदन से वॉक आउट भी किया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, हमें सदन के नेता और राज्यसभा के उपसभापति ने कहा कि हमें स्पष्टीकरण का एक मौका दिया जाएगा लेकिन उन्होंने नहीं दिया और हमारी व्यापारियों के लिए स्पष्टीकरण बात सुनने को तैयार नहीं थे। यह देश के लिए अच्छा नहीं है।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता ने कहा, जब उन्होंने हमें स्पष्टीकरण नहीं दिया तो विपक्षी दलों के सभी नेताओं ने वॉकआउट करने का फैसला किया। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, हम अपने देश की एकता और अखंडता के लिए एक साथ खड़े हैं, हम अपने सैनिकों के साथ हैं। खड़गे ने कहा, उन्होंने (रक्षा मंत्री) अपना बयान पढ़ा और बाहर चले गए। वह किसी स्पष्टीकरण या चर्चा के लिए तैयार नहीं थे। इसका (राजीव गांधी फाउंडेशन एफसीआरए लाइसेंस रद्द करने का मुद्दा) कोई संबंध नहीं है।
Tawang faceoff | We were told by the Leader of the House and Deputy Rajya Sabha Chairman that we would be given a chance for clarification but they did not give it and were not ready to listen to us. This is not good for the country: Congress Pres & Rajya Sabha LoP M Kharge pic.twitter.com/lb7iuIXlp6
— ANI (@ANI) December 13, 2022
वहीं इस मुद्दे पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (एआईएमआईएम) पार्टी के अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सीधे प्रधानमंत्री मोदी पर सवाल किया। उन्होंने कहा, पीएम राजनीतिक नेतृत्व दिखाने में नाकाम रहे हैं। झड़प 9 दिसंबर को हुई थी और आप आज बयान दे रहे हैं। अगर मीडिया ने रिपोर्ट नहीं की होती, तो आप नहीं बोलते। सभी पक्षों को संघर्ष स्थल पर ले जाएं। एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा, पीएम चीन का नाम लेने से डर रहे हैं, उनकी सरकार चीन के बारे में बोलने से डर रही है।
PM is failing in showing political leadership. Clash happened on Dec 9 & you're making statement today. Had media not reported, you wouldn't have spoken. Take all parties to site of clash. PM scared of taking China's name, his govt scared of speaking about China: A Owaisi, AIMIM pic.twitter.com/KTADsLz1rE
— ANI (@ANI) December 13, 2022
इससे पहले तवांग क्षेत्र में हुए भारतीय सेना और पीएलए के बीच झड़प को लेकर केंद्र सरकार व्यापारियों के लिए स्पष्टीकरण की तरफ से केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारतीय सैनिकों के साथ आमना-सामना के दौरान चीन द्वारा भारत की एक इंच जमीन पर भी कब्जा नहीं किया गया है। भारतीय सैनिकों ने झड़प के दौरान अपार बहादुरी दिखाई और कुछ ही देर में चीनी सैनिकों को मुंहतोड़ जवाब दिया।
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