Bank New Rule 2023: सभी बैंको के लिए नया नियम देशभर मे लागू होगे सरकार का बडा ऐलान-Very Useful
Bank New Rule : 1 जनवरी से सरकारी और निजी बैंकों में बड़ा बदलाव होने जा रहा है, ऐसे में सभी बैंक नए साल से जल्द ही अपना नया नियम जारी करने की तैयारी कर रहे हैं , अगर आप किसी बैंक की सेवा का लाभ उठा रहे हैं, या आप एटीएम कार्ड, क्रेडिट कार्ड, ऋण, वित्त, बीमा जैसे कई बैंकों की सेवाओं का उपयोग कर रहे हैं। तो यह जानकारी आपके लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकती है।
Bank New Rules
एचडीएफसी बैंक निजी क्षेत्र में सबसे बड़ा बदलाव करने जा रहा है, जिसमें लाखों ग्राहकों को इस नई योजना और बदलाव के बारे में जानने की जरूरत है। भारत के कुछ निजी और सरकारी बैंकों में क्रेडिट कार्ड के नियमों में बड़ा बदलाव होने जा रहा है , यह बदलाव नए साल से इंटरनेट से पैसे कमाने के लिए जरूरी चीजें लागू हो जाएगा। बैंक ने क्रेडिट कार्ड के रिवॉर्ड पॉइंट और फी स्ट्रक्चर में बदलाव करने का फैसला किया है।
आने वाले बदलावों में एक महीने के लिए ग्रोसरी ट्रांजैक्शंस पर रिवॉर्ड पॉइंट्स लागू होंगे और कई अन्य तरीकों से भी रिवॉर्ड्स बनाए जा सकते हैं, आपको रेंट पेमेंट, फ्लाइट और होटल बुकिंग आदि कई चीजों पर रिवॉर्ड पॉइंट्स मिलेंगे।
Bank New Rule 2023
Bank Reward कैसे मिलेगा
- इसके अलावा किराए के भुगतान पर कोई रिवार्ड प्वाइंट नहीं मिलेगा।
- किराए पर 1 जनवरी से पेमेंट करने पर 1 फीसदी एक्सट्रा चार्ज|
- सरकारी ट्रांजैक्श न पर कुछ खास कार्ड्स पर ही रिवॉर्ड प्वाइंट मिलेंगे।
- एजुकेशन से जुड़े ट्रांजैक्शन पर भी रिवॉर्ड प्वाइंट्स सीमित किए गए हैं।
निष्कर्ष – Bank New Rule 2023
इस तरह से आप अपना Bank New Rule 2023 क कर सकते हैं, अगर आपको इससे संबंधित और भी कोई जानकारी चाहिए तो हमें कमेंट करके पूछ सकते हैं |
दोस्तों यह थी आज की Bank New Rule 2023 के बारें में सम्पूर्ण जानकारी इस पोस्ट में आपको Bank New Rule 2023 , इसकी सम्पूर्ण जानकारी बताने कोशिश की गयी है |ताकि आपके Bank New Rule 2023 से जुडी जितने भी सारे सवालो है, उन सारे सवालो का जवाब इस आर्टिकल में मिल सके |
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Exclusive: यूनिकॉर्न पर लगा अनुचित प्रीमियम, स्टार्टअप्स को पहुंचा रहा नुकसान, बोले TiE फाउंडर
भारत इस समय दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी स्टार्टअप कैपिटल बन गया है. यहसं यूनिकॉन कंपनियों की संख्या 100 के पार हो चुकी है. पर मौजूदा वक्त में इस सेक्टर का क्या हाल है, इस पर टेक उद्यमी और The Indus Entrepreneurs के फाउंडर मेंबर कंवल रेखी ने टीवी9 के राकेश खार के साथ विशेष बातचीत की.
भारतीय स्टार्टअप्स (Indian Start-Ups) का इन दिनों कैसा हाल है? 2021 के उत्साहजनक उछाल के बाद, जब भारत ने 100 यूनिकॉर्न (Unicorns In India) मार्क को पार कर लिया, तो अब मौजूदा कैलेंडर साल में इस सेक्टर में चौतरफा गिरावट देखी गई है. मुनाफा कम हो रहा है, वैल्यूएशन अच्छे नजर नहीं आ रहे हैं और फंडिंग की स्थिति भी खराब है. आखिर क्या चीज गलत हो रही है? इस बारे में टेक उद्यमी और द इंडस एंटरप्रेन्योर्स (TiE) के फाउंडर मेंबर कंवल रेखी ने कई बातों को उजागर किया. आखिर क्या कहा उन्होंने…
कंवल रेखी का कहना है कि केंद्र सरकार ने यूनिकॉर्न्स पर “अनुचित प्रीमियम” अपनाया है. इससे देश में स्टार्टअप इकोसिस्टम को बहुत नुकसान हो रहा है. उनका कहना है कि सरकार के अलावा, उद्यमी, निवेशक और पूरा वैल्यूचेन भी इंटरनेट से पैसे कमाने के लिए जरूरी चीजें मौजूदा “फंडिंग की कमी” के लिए जिम्मेदार है.
1987 में NASDAQ पर लिस्ट कराई कंपनी
कंवल रेखी ने 1987 में NASDAQ पर स्मार्ट ईथरनेट कार्ड निर्माता कंपनी एक्सेलन को लिस्टेड कराया था. ऐसा करने वाले वह पहले सिलिकॉन वैली-वेस्ड भारतीय-अमेरिकी हैं. वह अभी वेंचर कैपिटल फर्म इन्वेंटस कैपिटल पार्टनर्स के प्रबंध निदेशक और सह-संस्थापक हैं.
दिग्गज एंजेल निवेशक, जो हाल ही में भारत में थे, ने TV9 नेटवर्क से विस्तार से बात की. उन्होंने बताया कि स्टार्टअप स्पेस में क्या कमी है. उन्होंने प्रमुख शेयरहोल्डरों के मानसिकता में परिवर्तन की वकालत की.
स्टार्टअप की समस्या का कारण सरकार भी
रेखी कहते हैं, “समस्या का एक कारण सरकार है जिसने यूनिकॉर्न की स्थिति पर बहुत अधिक प्रीमियम लगाया है. एक यूनिकॉर्न काल्पनिक आंकड़ा है और हमें याद रखना चाहिए कि वैल्यूएशन बदलता रहता है.” रेखी का कहना है कि उन्होंने डलास में एक भारतीय दूतावास पर यूनिकॉर्न लहर देखी, जहां सफलता को यूनिकॉर्न के आधार पर आंका गया.
हालांकि, केंद्र सरकार का कहना है कि भारत में स्टार्टअप्स की सफलता दर बाकी दुनिया की तुलना में अपेक्षाकृत अधिक है. स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 16 जनवरी, 2016 को स्टार्टअप इंडिया पहल की शुरुआत की और एक कार्ययोजना भी बनाई गई.
स्टार्टअप की सफलता सिर्फ ‘यूनिकॉर्न’ स्टेटस नहींं
TiE के संस्थापक का नुस्खा यह है कि यूनिकॉर्न का मौजूदा स्टेटस “बहुत स्मार्ट पैमाना” नहीं है. यह पूछे जाने पर कि कौन सी चीज वैल्यूएशन को सही तरह से दर्शाती है, उनका तर्क है, “स्टार्टअप की सफलता की कहानी बताने के लिए वैल्यूएशन के बजाए अन्य कारक भी जिम्मेदार होते हैं.”
रेखी के लिए मौजूदा मॉडल, जहां निवेशक एक आइडिया विशेष में पैसा लगा रहे हैं, त्रुटिपूर्ण है. वह कहते हैं, “बुनियादी समस्या यह है कि आपके पास निवेशक हैं जो उद्यमियों को पैसे दे रहे हैं और उन्हें बढ़ाने के लिए कह रहे हैं. पॉजिटिव इकनॉमिक यूनिट के निर्माण पर किसी का ध्यान नहीं है. यदि आप हर बार बेचने पर नुकसान सहते हैं तो यह एक सुखद स्थिति नहीं है. यूनिट इकनॉमिक्स बहुत जरूरी है.”
स्टार्टअप्स का मुनाफा कमाना बेहद जरूरी
बेहतर मॉडल विकसित करने के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, “मौजूदा वैल्यूएशन जुटाए गए पैसे पर आधारित हैं. हमें ऐसी कंपनियां बनाने की जरूरत है जो अधिक मजबूत और लाभदायक हों और बाजार उनकी वैल्यूएशन तय करे.”
यह पूछने पर मुनाफे के लिए किस क्षमता की पहचान की जानी चाहिए, इस एंजेल निवेशक ने कहा “यह उद्यमी की क्षमता है. यह उसकी बैलेंस शीट है. उसे बदलना होगा.”
मौजूदा स्टार्टअप परिदृश्य का आकलन करते हुए, रेखी कहते हैं, “भारत एक युवा राष्ट्र है जहां बहुत सारे प्रतिभाशाली युवा हैं. वे अपने अवसर को बर्बाद नहीं करने वाले. हमें अपने उद्यमियों में विश्वास पैदा करना होगा. कुछ खराब लोग हैं, मार्केट को उन्हें बाहर निकाल देना चाहिए. गलत काम करने वालों को सजा देने का मार्केट का अपना तरीका है.”
यह मशहूर निवेशक भारत की विकास गाथा में दृढ़ विश्वास रखते हैं. वह लोकतंत्र को भारत की प्रमुख ताकत के रूप में देखते हैं और भारत को सहयोग देने के लिए अमेरिका का समर्थन करते हैं, क्योंकि दोनों देश एक निश्चित मूल्यों से जुड़े हुए हैं.
कंपनी खोलने से पहले क्या आपने उसका नाम सोच लिया है? नहीं तो इन पांच बातों का ख्याल जरूर रखें
कंपनी के लिए अक्सर ऐसा नाम तलाशना चाहिए जो बोलने में आसान हो और और उससे ये भी पता चलता हो कि कंपनी किस चीज का कारोबार करती है. यहां हम कुछ टिप्स बता रहे हैं जो कंपनी का नाम रखने में काम आ सकती है.
कंपनी के लिए सही नाम ढूंढना आपकी सफलता पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है. बिजनेस का नाम ऐसा होना चाहिए जो प्रोडक्ट या सर्विस से कनेक्ट होता हो. एक अच्छा नाम ब्रांड बनाने में मदद करता है. ये कस्टमर्स में भरोसा पैदा करता है और प्रोडक्ट को आसानी से पहचानने में मदद करता.
कंपनी के लिए अक्सर ऐसा नाम तलाशना चाहिए जो बोलने में आसान हो और और उससे ये भी पता चलता हो कि कंपनी किस चीज का कारोबार करती है. यहां हम कुछ टिप्स बता रहे हैं जो कंपनी का नाम रखने में काम आ सकती है.
कठिन स्पेलिंग वाले शब्दों को इंटरनेट पर ग्राहकों के लिए खोजना मुश्किल हो सकता है. नाम को बिल्कुल सिंपल रखना चाहिए.
नाम को हमेशा भविष्य सोचकर रखा जाना चाहिए. कल्पना कीजिए कि जेफ बेजोस जब केवल किताबों को ऑनलाइन बेचते थे तब वो अपने बिजनेस का नाम अमेजन के बजाय किताबों से जुड़ा रखते तो उन्हें परेशानी होती. इसलिए सीमित नाम से बचना चाहिए.
एक बार जब आप अपना पसंदीदा नाम निर्धारित कर लेते हैं, तो नाम को इंटरनेट पर अच्छे से सर्च करें. इससे आपको पता चल पाएगा कि कही कोई अन्य व्यक्ति पहले से तो उस नाम का इस्तेमाल नहीं कर रहा.
यह जानने के लिए कि क्या आप नाम के लिए ट्रेडमार्क ले सकते हैं इसे ट्रेडमार्क की वेबसाइट पर जाकर सर्च करें. कई फर्म्स ट्रेडमार्क प्रोवाइड कराने का भी काम करती है उनकी भी मदद ले सकते हैं.
5 या 10 नामों की लिस्ट बनाएं. अब इन्हें अपने दोस्तों, परिवार के सदस्यों और ट्रस्टेड कलीग्स के साथ शेयर करें और उनकी प्रतिक्रिया लें. कंपनी का नाम कैची भी होना चाहिए. ये भी सुनिश्चित करें कि आप नाम से व्यक्तिगत रूप से खुश हैं.
सोशल मीडिया से कमाना है पैसे तो चुने ये तीन करियर ऑप्शन
सोशल मीडिया टाइम पास करने का अच्छा ऑप्शन होता है. लेकिन आप इसकी मदद से पैसा भी कमा सकते हैं, आप सोशल मीडिया से संबंधित तीन करियर ऑप्शन (Social Media Career Option) को चुन सकते हैं
By रवि नामदेव On Dec 25, 2022 7 0
सोशल मीडिया टाइम पास करने का अच्छा ऑप्शन होता है. लेकिन आप इसकी मदद से पैसा भी कमा सकते हैं, आप सोशल मीडिया से संबंधित तीन करियर ऑप्शन (Social Media Career Option) को चुन सकते हैं और इन्हीं में अपना करियर बना सकते हैं. ये तीन करियर ऑप्शन कौन से हैं और आप इनमें अपना करियर कैसे बना सकते हैं इन सभी बातों के बारे में हम यहाँ जानने वाले हैं.
Social Media दुनिया में हमेशा से नहीं था. भारत मे इंटरनेट आने के भी कई सालों बाद सोशल मीडिया अस्तित्व में आया था क्योंकि उस समय इंटरनेट ही लोगों की पहुँच से दूर था. लेकिन अब सोशल मीडिया हर किसी की पहुँच में है. लगभग हर इंटरनेट यूजर का सोशल मीडिया के किसी न किसी प्लेटफॉर्म पर अकाउंट है.
आप रोजाना सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं और आपको ये बहुत अच्छा लगता है तो आप इसमें करियर भी बना सकते हैं. आजकल लोग सोशल मीडिया के माध्यम से अपना बिजनेस आगे बढ़ा रहे हैं, प्रमोशन कर रहे हैं, ऐसे में आप खुद अपना करियर सोशल मीडिया के जरिए बना सकते हैं.
सोशल मीडिया क्या है? (What is Social Media?)
सोशल मीडिया से करियर बनाने से पहले हमें ये जान लेना चाहिए कि सोशल मीडिया क्या होता है? सोशल मीडिया इंटरनेट प्लेटफॉर्म होते हैं जहां सभी लोगों को अपनी बात रखने का अधिकार होता है.
इन प्लेटफॉर्म पर आपके दोस्त, आपके काम से जुड़े लोग या आपके नजरिए के लोग जुड़े होते हैं. सभी अपनी-अपनी बाते फ़ोटोज़, विडिओ और टेक्स्ट के जरिए शेयर करते हैं और दूसरे लोगों तक पहुंचाते हैं. इन्हें ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कहा जाता है.
सोशल मीडिया से करियर कैसे बनाएं? (How to make career by social media?)
सोशल मीडिया चलाना बेहद आसान है, कोई भी सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर सकता है लेकिन इसमें करियर बनाने के लिए आपको सोशल मीडिया प्रोफेशनल बनना होता है जो एक सोशल मीडिया यूजर से काफी अलग होता है.
एक प्रोफेशनल सोशल मीडिया को मनोरंजन के लिए नहीं बिजनेस के लिए इस्तेमाल करता है. इस फील्ड में करियर बनाने के लिए आपको क्रिएटिव होने की जरूरत होती है.
इस फील्ड में अपना करियर बनाने के लिए कोई विशेष डिग्री की डिमांड नहीं की जाती है लेकिन इसके लिए आपको ग्राफिक डिज़ाइनिंग, विडिओ एडिटिंग और कंटेन्ट राइटिंग तीनों कार्य आना चाहिए. ये तीनों आपको आते हैं तो आप एक अच्छे सोशल मीडिया प्रोफेशनल बन सकते हैं.
चलिए अब उन करियर ऑप्शन के बारे में जानते हैं जिन्हें आप सोशल मीडिया के क्षेत्र में अपना सकते हैं.
1) कंटेन्ट क्रिएटर (Content Creator)
कंटेन्ट क्रिएटर का मतलब होता है कंटेन्ट लिखने वाला व्यक्ति. सोशल मीडिया पर जो फ़ोटोज़ शेयर किये जाते हैं, विडिओ बनाए जाते हैं उन सभी के लिए कंटेन्ट की जरूरत होती है.
जैसे फ़ोटोज़ पर कई बार खूबसूरत लाइन लिखी होती है, विडिओ में कुछ ऐसा कहा जाता है जो आपके मन को छू जाता है. इन सभी चीजों को लिखने का काम एक कंटेंट क्रिएटर का होता है.
इस करियर ऑप्शन में एंट्री लेने के लिए आप कंटेन्ट राइटिंग से संबंधित कोई छोटा-मोटा कोर्स कर सकते हैं. लेकिन ध्यान रहे कि इसके लिए आपकी भाषा शैली अच्छी होनी चाहिए. आपको हिन्दी और इंग्लिश की अच्छी समझ होनी चाहिए. तभी आप इस क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर पाएंगे.
2) सोशल मीडिया एनालिस्ट (Social Media Analyst)
आजकल अधिकतर बिजनेस ऑनलाइन चल रहे हैं. किसी भी बिजनेस में ऑनलाइन ग्रोथ पाने के लिए Advertisement बहुत अच्छा ऑप्शन होता इंटरनेट से पैसे कमाने के लिए जरूरी चीजें है लेकिन Advertisement आपको तभी मदद करता है जब आप उसे सही तरीके से प्लान करते हैं.
इन सभी कार्यों के लिए सोशल मीडिया एनालिस्ट होता है जो सोशल मीडिया यूजर्स के बिहेवियर के आधार पर कुछ ऐसे एड तैयार करता है जो बिजनेस की ग्रोथ में मदद करते हैं. जैसे ऑनलाइन बिजनेस के लिए या फिर पॉलिटिकल पार्टी अपने प्रचार के लिए सोशल मीडिया एनालिस्ट हायर करती है.
3) सोशल मीडिया मैनेजर (Social Media Manager)
सोशल मीडिया के बिजनेस में सोशल मीडिया मैनेजर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. ये कंपनियों के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और उनके चैनल को सही तरीके से मैनेज करते हैं ताकि उनकी पहुँच अधिक से अधिक लोगों तक बनी रहे.
ये कंपनी को आगे ले जाने के लिए नए-नए प्रयास करते हैं. इनका मूल मकसद कंपनी के नाम को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाना होता है. इनके कार्य में PR, ऐडवरटाइजमेंट, मार्केटिंग और सोशल नेटवर्किंग के जरिए ऑर्गेनाइजेशन की जो सूचनाएं बाहर जाती हैं, उनमें समानता हो.
आप यदि इन तीनों में से किसी एक करियर ऑप्शन को चुनकर अपना करियर बनाना चाहते हैं तो इनसे संबंधित पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम, Masters in Business Analytics, Certificate programs, Diploma programs, Digital Marketing Certificate, Technical Writing Diploma जैसे कोर्स कर सकते हैं.
Women's Rights: महिलाओं को मिलते हैं ये 11 अधिकार, हम सबको जानना जरूरी
HR Breaking News (नई दिल्ली)। भारत सरकार ने महिलाओं को कई अधिकार (women rights) दिए हैं. लैंगिक समानता हो या नौकरी-चाकरी में पुरुषों के बराबर की हिस्सेदारी, गरिमा और शालीनता (rights of dignity) से जीने का अधिकार हो या ऑफिस-दफ्तर में उत्पीड़न (rights against harassment) से सुरक्षा, महिलाओं से जुड़े ऐसे कई अधिकार हैं जिनके बारे में हमें जरूर जानना चाहिए. भारत में लैंगिक समानता के आधार पर महिलाओं को मिले 11 अधिकारों के बारे में हम जानकारी लेंगे. आइए जानते हैं कि ये अधिकार कौन-कौन से हैं।
1-समान मेहनताना का अधिकार
इक्वल रिम्यूनरेशन एक्ट में दर्ज प्रावधानों के मुताबिक जब सैलरी, पे या मेहनताने की बात हो तो जेंडर के आधार पर भेदभाव नहीं कर सकते. किसी कामकाजी महिला को पुरुष की बराबरी में सैलरी लेने का अधिकार है।
2-गरिमा और शालीनता का अधिकार
महिला को गरिमा और शालीनता से जीने का अधिकार मिला है. किसी मामले में अगर महिला आरोपी है, उसके साथ कोई मेडिकल परीक्षण हो रहा है तो यह काम किसी दूसरी महिला की मौजूदगी में ही होना चाहिए।
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3-दफ्तर या कार्यस्थल पर उत्पीड़न से सुरक्षा
भारतीय कानून के मुताबिक अगर किसी महिला के खिलाफ दफ्तर में या कार्यस्थल पर शारीरिक उत्पीड़न या यौन उत्पीड़न होता है, तो उसे शिकायत दर्ज करने का अधिकार है. इस कानून के तहत, महिला 3 महीने की अवधि के भीतर ब्रांच ऑफिस में इंटरनल कंप्लेंट कमेटी (ICC) को लिखित शिकायत दे सकती है।
4-घरेलू हिंसा के खिलाफ अधिकार
भारतीय संविधान की धारा 498 के अंतर्गत पत्नी, महिला लिव-इन पार्टनर या किसी घर में रहने वाली इंटरनेट से पैसे कमाने के लिए जरूरी चीजें महिला को घरेलू हिंसा के खिलाफ आवाज उठाने का अधिकार मिला है. पति, मेल लिव इन पार्टनर या रिश्तेदार अपने परिवार के महिलाओं के खिलाफ जुबानी, आर्थिक, जज्बाती या यौन हिंसा नहीं कर सकते. आरोपी को 3 साल गैर-जमानती कारावास की सजा हो सकती है या जुर्माना भरना पड़ सकता है।
5-पहचान जाहिर नहीं करने का अधिकार
किसी महिला की निजता की सुरक्षा का अधिकार हमारे कानून में दर्ज है. अगर कोई महिला यौन उत्पीड़न का शिकार हुई है तो वह अकेले डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज करा सकती है. किसी महिला पुलिस अधिकारी की मौजूदगी में बयान दे सकती है।
6-मुफ्त कानूनी मदद का अधिकार
लीगल सर्विसेज अथॉरिटीज एक्ट के मुताबिक बलात्कार की शिकार महिला को मुफ्त कानूनी सलाह पाने का अधिकार है. लीगल सर्विस अथॉरिटी की तरफ से किसी महिला का इंतजाम किया जाता है।
7-रात में महिला को नहीं कर सकते गिरफ्तार
किसी महिला आरोपी को सूर्यास्त के बाद या सूर्योदय से पहले गिरफ्तार नहीं कर सकते. अपवाद में फर्स्ट क्लास मजिस्ट्रेड के आदेश को रखा गया है. कानून यह भी कहता है कि किसी से अगर उसके घर में पूछताछ कर रहे हैं तो यह काम महिला कांस्टेबल या परिवार के सदस्यों की मौजूदगी में होना चाहिए।
8-वर्चुअल शिकायत दर्ज करने का अधिकार
कोई भी महिला वर्चुअल तरीके से अपनी शिकायत दर्ज कर सकती है. इसमें वह ईमेल का सहारा ले सकती है. महिला चाहे तो रजिस्टर्ड पोस्टल एड्रेस के साथ पुलिस थाने में चिट्ठी के जरिये अपनी शिकायत भेज सकती है. इसके बाद एसएचओ महिला के घर पर किसी कांस्टेबल को भेजेगा जो बयान दर्ज करेगा।
9-अशोभनीय भाषा का नहीं कर सकते इस्तेमाल
किसी महिला (उसके रूप या शरीर के किसी अंग) को किसी भी तरह से अशोभनीय, अपमानजनक, या सार्वजनिक नैतिकता या नैतिकता को भ्रष्ट करने वाले रूप में प्रदर्शित नहीं कर सकते. ऐसा करना एक दंडनीय अपराध है।
10- महिला का पीछा नहीं कर सकते
आईपीसी की धारा 354D के तहत वैसे किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी जो किसी महिला का पीछे करे, बार-बार मना करने के बावजूद संपर्क करने की कोशिश करे या किसी भी इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन जैसे इंटरनेट, ईमेल के जरिये मॉनिटर करने की कोशिश करे।
11-जीरो एफआईआर का अधिकार
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किसी महिला के खिलाफ अगर अधिकार होता है तो वह किसी भी थाने में या कहीं से भी एफआईआर दर्ज करा सकती है. इसके लिए जरूरी नहीं कि कंप्लेंट उसी थाने में दर्ज हो जहां घटना हुई है. जीरो एफआईआर को बाद में उस थाने में भेज दिया जाएगा जहां अपराध हुआ हो।
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