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IND vs BAN 2nd ODI: उमरान मलिक ने 151 किमी स्पीड से उखाड़ा नजमुल होसैन का स्टंप, देखें VIDEO

IND vs BAN: बांग्लादेश के खिलाफ दूसरे वनडे में उमरान मलिक ने अपनी गेंदों की रफ्तार से समां बांधा. इस दौरान उन्होंने नजमुल होसैन को 151 किमी रफ्तार वाली गेंद पर बोल्ड कर दिया.

By: ABP Live | Updated at : 07 Dec 2022 03:39 PM (IST)

India vs Bangladesh 2nd ODI: रॉ स्प्रेड बनाम जीरो स्प्रेड खाता भारत और बांग्लादेश के बीच दूसरा वनडे शेर-ए-बांग्ला स्टेडियम मीरपुर ढाका में खेला जा रहा है. इस मुकाबले में उमरान मलिक की गेंदों में गति, आक्रामकता और सटीकता देखने को मिली. उन्होंने अपनी गेंदों से शाकिब अल हसन को काफी परेशान किया. इसके बाद उमरान ने 151 किमी प्रति रॉ स्प्रेड बनाम जीरो स्प्रेड खाता घंटा की स्पीड से नजमुल होसैन शांतो का विकेट उखाड़ दिया. उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है. उमरान इस मुकाबले में कुलदीप सेन की जगह खेल रहे हैं. उन्हें पहले वनडे की प्लेइंग इलेवन में मौका नहीं मिला था.

151 की स्पीड से नजमुल को किया बोल्ड

उमरान मलिक को बांग्लादेश के खिलाफ जैसे ही प्लेइंग इलेवन में मौका मिला तो उन्होंने अपनी छाप छोड़ी. मेजबान टीम के सीनियर बल्लेबाज शाकिल अल हसन को उमरान की गेंदें खेलने में काफी परेशानी हुई. उनकी एक बाउंसर शाकिब के पीठ पर लगी. उसे के बाद एक गेंद उनके हेल्मेट पर भी लगी. इस तरह उन्होंने अपना पहला ओवर मेडन फेंका. इसके बाद उन्होंने अपने अगले ओवर नजमुल होसैन शांतो को बोल्ड कर दिया. उमरान ने जिस गेंद पर नजमुल का विकेट उखाड़ा उसकी गति 153 किमी प्रति घंटा थी.

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करो या मरो वाला मुकाबला

बांग्लादेश के खिलाफ खेला जा रहा दूसरे वनडे भारत के लिए करो या मरो वाला मैच है. सीरीज में बने रहने के लिए टीम इंडिया के यह मैच हर हाल में जीतना है. अगर बांग्लादेश यह मैच जीतता है तो वह सीरीज भी जीत जाएगा. 4 दिसंबर को ढाका में ही खेले पहले मैच में मेजबानों ने भारत पर एक विकेट से सनसनीखेज जीत दर्ज की थी. इससे पहले 2015 की वनडे सीरीज में बांग्लादेश ने अपनी सरजमीं पर भारत को 2-1 से हराया था. तब एमएस धोनी टीम इंडिया के कप्तान थे. मौजूदा समय में बांग्लादेश तीन मैचों की सीरीज में 1-0 से आगे है.

यह भी पढ़ें:

Published at : 07 Dec 2022 03:39 PM (IST) Tags: India Vs Bangladesh Umram Malik हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Sports News in Hindi

रॉ स्प्रेड बनाम जीरो स्प्रेड खाता

बुरा अनुभव

बुरा अनुभव

22,218 पेसो से अधिक का नुकसान हुआ है। वे मुझसे कहते हैं कि मेरा भुगतान कभी नहीं आया। वे सिर्फ मुझे ठगने की कोशिश करते हैं। मैंने भी देखा और वे ऑपरेशन भी शुद्ध नकली हैं। मुझे अपने मामले का समाधान चाहिए

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Darwinex

एक्सपोज़र 22,218 पेसो से अधिक का नुकसान हुआ है। वे मुझसे कहते हैं कि मेरा भुगतान कभी नहीं आया। वे सिर्फ मुझे ठगने की कोशिश करते हैं। मैंने भी देखा और वे ऑपरेशन भी शुद्ध नकली हैं। मुझे अपने मामले का समाधान चाहिए

Darwinex

UnionPay निकासी नहीं आती है

UnionPay निकासी नहीं आती है

मैंने 3 नवंबर को US$500 की निकासी के लिए आवेदन किया था, और यह 15 नवंबर के बाद से नहीं आया है। मैंने सबसे पहले उनकी ग्राहक सेवा को एक ईमेल भेजा और कहा कि चीनी ग्राहक सेवा उपलब्ध नहीं है। बाद में, मैंने इसे अंग्रेजी में भेजा और सीधे उत्तर नहीं दिया। मुझे समझ नहीं आ रहा है कि क्या हो रहा है, क्या यह बंद होने वाला है? ऋण से मुकर जाना

Darwinex

एक्सपोज़र मैंने 3 नवंबर को US$500 की निकासी के लिए आवेदन किया था, और यह 15 नवंबर के बाद से नहीं आया है। मैंने सबसे पहले उनकी ग्राहक सेवा को एक ईमेल भेजा और कहा कि चीनी ग्राहक सेवा उपलब्ध नहीं है। बाद में, मैंने इसे अंग्रेजी में भेजा और सीधे उत्तर नहीं दिया। मुझे समझ नहीं आ रहा है कि क्या हो रहा है, क्या यह बंद होने वाला है? ऋण से मुकर जाना

कौन सा ब्रोकर अधिक विश्वसनीय है?

आप चार कारकों की जाँच करके ब्रोकर की विश्वसनीयता और विश्वसनीयता का निर्धारण कर सकते हैं:

1.विदेशी मुद्रा दलाल परिचय。

2.क्या exness, darwinex की लेन-देन लागत और व्यय कम हैं?

3.कौन सा ब्रोकर सुरक्षित है?

4.कौन सा ब्रोकर बेहतर ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म प्रदान करता है?

इन चार कारकों के आधार पर हम तुलना कर सकते हैं कि कौन सा विश्वसनीय है. हमने कारणों को इस प्रकार विभाजित किया है:

क्या exness, darwinex की लेन-देन लागत और व्यय कम हैं?

विभिन्न ब्रोकरों में लेनदेन लागतों की तुलना करने के लिए, हमारे विशेषज्ञ लेनदेन-विशिष्ट शुल्क (जैसे स्प्रेड) और गैर-व्यापारिक शुल्क (जैसे निष्क्रियता शुल्क और भुगतान लागत) का विश्लेषण करते हैं।

exness और darwinex कितने सस्ते या महंगे हैं, इसकी व्यापक समझ प्राप्त करने के लिए, हमने पहले मानक खातों के लिए सामान्य शुल्क पर विचार किया। exness पर, EUR/USD मुद्रा जोड़ी के लिए औसत स्प्रेड 0.1 पिप्स है, जबकि darwinex पर स्प्रेड -- है।

exness, darwinex के बीच कौन सा ब्रोकर सुरक्षित है?

हमारे शीर्ष दलालों की सुरक्षा का निर्धारण करने के लिए, हमारे विशेषज्ञ कई कारकों पर विचार करेंगे.इसमें शामिल है कि ब्रोकर के पास कौन से लाइसेंस हैं और इन लाइसेंसों की विश्वसनीयता क्या है। हम दलालों के इतिहास पर भी विचार करते हैं, क्योंकि लंबी अवधि के दलाल आमतौर पर नए दलालों की तुलना में अधिक विश्वसनीय और भरोसेमंद होते हैं

exness को साइप्रस CYSEC,दक्षिण अफ्रीका FSCA,सेशेल्स FSA द्वारा नियंत्रित किया जाता है. darwinex को यूनाइटेड किंगडम FCA द्वारा नियंत्रित किया जाता रॉ स्प्रेड बनाम जीरो स्प्रेड खाता है

exness, darwinex के बीच कौन सा ब्रोकर बेहतर ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म प्रदान करता है?

जब हमारे विशेषज्ञ ब्रोकरों की समीक्षा करते हैं, तो वे अपना खाता खोलेंगे और ब्रोकर के ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से ट्रेड करेंगे. यह उन्हें प्लेटफॉर्म की गुणवत्ता, उपयोग में आसानी और कार्य का व्यापक मूल्यांकन रॉ स्प्रेड बनाम जीरो स्प्रेड खाता करने में सक्षम बनाता है

exness ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म प्रदान करता है जिसमें Pro,Zero,Raw Spread,Standard और ट्रेडिंग किस्म Forex currency pairs, metals, cryptocurrencies, energies, indices, stocks शामिल हैं. darwinex ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म प्रदान करता है जिसमें Stocks Darwin,Futures Darwin,Classic और ट्रेडिंग किस्म 200 US stocks शामिल हैं

Electricity bill: बिजली बिल के नाम पर साइबर ठगी, ऑनलाइन लुटेरों का नेटवर्क पूरे भारत में फैला, रहें अलर्ट

Cyber Crime: आईएफएसओ यूनिट स्पेशल सेल ने बीएसईएस (BSES) बिजली बिल को अपडेट करने के बहाने नागरिकों को ठगने वाले साइबर जालसाजों के एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है.

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Electricity bill: बिजली बिल के नाम पर साइबर ठगी, ऑनलाइन लुटेरों का नेटवर्क पूरे भारत में फैला, रहें अलर्ट

Electricity bill Cyber fraud: बिजली का बिल भरने के लिए ऑनलाइन मोड का सहारा आजकल ज्यादातर लोग इस्तेमाल कर रहे हैं. लेकिन ऑनलाइन होती इस दुनिया में साइबर फ़्रॉड या फिर ऑनलाइन ठग भी ऐक्टिव रहने लगे हैं. आप भी ऑनलाइन बिजली का बिल भरते समय या उस से जुड़ी कोई समस्या को सुलझाने से पहले इस खबर को पढ़ लीजिए. क्योंकि अब बिजली बिल से जुड़ा काम आपका अकाउंट भी खाली कर सकता है.

भोले-भाले लोग हो रहे थे शिकार

आईएफएसओ यूनिट स्पेशल सेल ने बीएसईएस (BSES) बिजली बिल को अपडेट करने के बहाने नागरिकों को ठगने वाले साइबर जालसाजों के एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है. ये ठग लोगों को पहले खुद message भेजते हैं कि उनका बिजली बिल सिस्टम में अपडेट नहीं किया गया है और आज रात तक उनका बिजली कनेक्शन काट दिया जाएगा. भोले-भाले लोग जिनको यह message आता है वो इसे असली मान लेते हैं. इस डर से कि उनका बिजली का कनेक्शन रात में काट दिया जा सकता है. कॉल आने पर ठग बिजली अधिकारी बन कर बात करता है. ये जालसाज या तो बैंक खाते की डिटेल लेता है या रिमोट एक्सेस सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करवाता है.

नेटवर्क पूरे भारत में फैला

एक बार जानकारी बताने के बाद, धोखेबाज रिमोट एक्सेस सॉफ़्टवेयर का उपयोग करके पीड़ितों के खाते से धोखाधड़ी से अपने खातों में राशि ट्रांसफर कर देता है. इस मामले में अब तक 65 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. ये देश भर में चल रहे एक बड़े मॉड्यूल का भंडाफोड़ है, जिसमें सिम कार्ड, खाता बनाने वाले, टेली-कॉलर, खाताधारक सभी शामिल हैं. जांच में पता चला कि यह नेटवर्क पूरे भारत में फैला हुआ है.

22 से अधिक शहरों में छापेमारी

पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ करने के लिए अलग-अलग टीमों का गठन किया गया है. इस प्रकार, जयपुर, इंदौर, लुधियाना, जामताड़ा, करमाटांड, गिरडीह, देवगढ़, धनबाद, कोलकाता, उत्तरी दिनाजपुर, मेदिनीपुर पश्चिम और पूर्व, 24 परगना, पश्चिम बंगाल, अहमदाबाद, गांधी नगर सहित देश के 22 से अधिक शहरों में छापेमारी की योजना बनाई गई थी. सूरत, मुंबई, कटिहार, बिहार और दिल्ली/एनसीआर आयोजित किए गए हैं. अभियान के दौरान कुल 56 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

इस ठगी में कितने किरदार?

1. सिम कार्ड बेचने वाले

ये सिमकार्ड बेचने वाले वो हैं, जो नकली दस्तावेजों/धोखाधड़ी से मिले काग़ज़ों के ज़रिए फ़ोन पर text message भेजने और फ़ोन पर - टेली कॉल करने के लिए सिम कार्ड निकलवा लेते हैं.

2. खाताधारक

ये वे व्यक्ति हैं, जो या तो फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंक खातों की खरीद करते हैं या कमीशन के आधार पर उपयोग के लिए समाज के निचले तबके से बैंक खातों की खरीद करते हैं.

3. ई मित्र और उनके सहयोगी

धोखेबाजों के लिए पैसे निकालना या उसे आगे पहुंचाना करना मुश्किल है क्योंकि धोखाधड़ी खातों में ट्रान्स्फ़र किए पैसे एक समय के अंतराल में बैंक के माध्यम से फ्रीज भी करवाया जा सकता है. इस से बचने के लिए, उन्होंने ई-मित्र (बी2सी सेवाओं का उपयोग करने में लोगों की मदद करने के लिए सरकार की एक पहल, उदाहरण के लिए बिलों का भुगतान आदि) का सहारा लिया था.

4. टेली कॉलर

ये रैंडम नंबरों पर बल्क मेसेज भेजते हैं. जब भी आम जनता कॉल बैक करती है, वे बिजली अधिकारी के रूप में प्रतिरूपित करते हैं और अपने मोबाइल फोन में रिमोट एक्सेस सॉफ्टवेयर स्थापित करते हैं और बैंक खाते से राशि ट्रांसफर करते हैं.

ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर

New Zealand Vs India: भारत ने न्यूजीलैंड को दूसरे T20 मैच में हराया, 3 मैचों की सीरीज में 1-0 से आगे

New Zealand Vs India: भारत ने न्यूजीलैंड को दूसरे T20 मैच में हराया, 3 मैचों की सीरीज में 1-0 से आगे

शुभांकर म‍िश्रा

शुभांकर म‍िश्रा

  • नई दिल्ली ,
  • 20 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 5:46 PM IST

NZ के खिलाफ खेले गए दूसरे टी-20 मैच में टीम इंडिया की 65 रनों से जीत हुई है. सूर्यकुमार यादव ने मैच में शतक जड़ा. तीन टी-20 मैच की सीरीज में भारत 1-0 से आगे है, पहला मैच बारिश की वजह से धुल गया था. शुभांकर मिश्रा के साथ इस बुलेटिन में देखिए ये रिपोर्ट और अन्य बड़ी खबरें.

Team India won by 65 runs in the second T20 match played against NZ. Suryakumar Yadav scored a century in the match. India is ahead 1-0 in the three T20 match series, the first match was washed out due to rain. Watch this report and other top news in this bulletin with Shubhankar Mishra.

Electricity bill: बिजली बिल के नाम पर साइबर ठगी, ऑनलाइन लुटेरों का नेटवर्क पूरे भारत में फैला, रहें अलर्ट

Cyber Crime: आईएफएसओ यूनिट स्पेशल सेल ने बीएसईएस (BSES) बिजली बिल को अपडेट करने के बहाने नागरिकों को ठगने वाले साइबर जालसाजों के एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है.

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Electricity bill: बिजली बिल के नाम पर साइबर ठगी, ऑनलाइन लुटेरों का नेटवर्क पूरे भारत में फैला, रहें अलर्ट

Electricity bill Cyber fraud: बिजली का बिल भरने के लिए ऑनलाइन मोड का सहारा आजकल ज्यादातर लोग इस्तेमाल कर रहे हैं. लेकिन ऑनलाइन होती इस दुनिया में साइबर फ़्रॉड या फिर ऑनलाइन ठग भी ऐक्टिव रहने लगे हैं. आप भी ऑनलाइन बिजली का बिल भरते समय या उस से जुड़ी कोई समस्या को सुलझाने से पहले इस खबर को पढ़ लीजिए. क्योंकि अब बिजली बिल से जुड़ा काम आपका अकाउंट भी खाली कर सकता है.

भोले-भाले लोग हो रहे थे शिकार

आईएफएसओ यूनिट स्पेशल सेल ने बीएसईएस (BSES) बिजली बिल को अपडेट करने के बहाने नागरिकों को ठगने वाले साइबर जालसाजों के एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है. ये ठग लोगों को पहले खुद message भेजते हैं कि उनका बिजली बिल सिस्टम में अपडेट नहीं किया गया है और आज रात तक उनका बिजली कनेक्शन काट दिया जाएगा. भोले-भाले लोग जिनको यह message आता है वो इसे असली मान लेते हैं. इस डर से कि उनका रॉ स्प्रेड बनाम जीरो स्प्रेड खाता बिजली का कनेक्शन रात में काट दिया जा सकता है. कॉल आने पर ठग बिजली अधिकारी बन कर बात करता है. ये जालसाज या तो बैंक खाते की डिटेल लेता है या रिमोट एक्सेस सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करवाता है.

नेटवर्क पूरे भारत में फैला

एक बार जानकारी बताने के बाद, धोखेबाज रिमोट एक्सेस सॉफ़्टवेयर का उपयोग करके पीड़ितों के खाते से धोखाधड़ी से अपने खातों में राशि ट्रांसफर कर देता है. इस मामले में अब तक 65 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. ये देश भर में चल रहे एक बड़े मॉड्यूल का भंडाफोड़ है, जिसमें सिम कार्ड, खाता बनाने वाले, टेली-कॉलर, खाताधारक सभी शामिल हैं. जांच में पता चला कि यह नेटवर्क पूरे भारत में फैला हुआ है.

22 से अधिक शहरों में छापेमारी

पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ करने के लिए अलग-अलग टीमों का गठन किया गया है. इस प्रकार, जयपुर, इंदौर, लुधियाना, जामताड़ा, करमाटांड, गिरडीह, देवगढ़, धनबाद, कोलकाता, उत्तरी दिनाजपुर, मेदिनीपुर पश्चिम और पूर्व, 24 परगना, पश्चिम बंगाल, अहमदाबाद, गांधी नगर सहित देश के 22 से अधिक शहरों में छापेमारी की योजना बनाई गई थी. सूरत, मुंबई, कटिहार, बिहार और दिल्ली/एनसीआर आयोजित किए गए हैं. अभियान के दौरान कुल 56 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

इस ठगी में कितने किरदार?

1. सिम कार्ड बेचने वाले

ये सिमकार्ड बेचने वाले वो हैं, जो नकली दस्तावेजों/धोखाधड़ी से मिले काग़ज़ों के ज़रिए फ़ोन पर text message भेजने और फ़ोन पर - टेली कॉल करने के लिए सिम कार्ड निकलवा लेते हैं.

2. खाताधारक

ये वे व्यक्ति हैं, जो या तो फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंक खातों की खरीद करते हैं या कमीशन के आधार पर उपयोग के लिए समाज के निचले तबके से बैंक खातों की खरीद करते हैं.

3. ई मित्र और उनके सहयोगी

धोखेबाजों के लिए पैसे निकालना या उसे आगे पहुंचाना करना मुश्किल है क्योंकि धोखाधड़ी खातों में ट्रान्स्फ़र किए पैसे एक समय के अंतराल में बैंक के माध्यम से फ्रीज भी करवाया जा सकता है. इस से बचने के लिए, उन्होंने ई-मित्र (बी2सी सेवाओं का उपयोग करने में लोगों की मदद करने के लिए सरकार की एक पहल, उदाहरण के लिए बिलों का भुगतान आदि) का सहारा लिया था.

4. टेली कॉलर

ये रैंडम नंबरों पर बल्क मेसेज भेजते हैं. जब भी आम जनता कॉल बैक करती है, वे बिजली अधिकारी के रूप में प्रतिरूपित करते हैं और अपने मोबाइल फोन में रिमोट एक्सेस सॉफ्टवेयर स्थापित करते हैं और बैंक खाते से राशि ट्रांसफर करते हैं.

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