News18 हिंदी 03-11-2022 News18 Hindi

Technical Analysis- 1st Post (Introduction & Basics – In Hindi)

टेक्निकल एनालिसिस पर पहली पोस्ट में आपका स्वागत है 🙂 । मेरे हिसाब से, ट्रेडिंग के लिए यह सबसे अच्छा टूल है। आज मैं आपके साथ टेक्निकल एनालिसिस के बारे में एक बुनियादी विचार साझा करुँगी। उदाहरण के लिए: – टेक्निकल एनालिसिस क्या है? आपको यह क्यों इस्तेमाल करना चाहिए? ट्रेडिंग में इसका इस्तेमाल कैसे करना चाहिए? और टेक्निकल एनालिसिस की मूल बातें (प्राइस, वॉल्यूम, ओपन इंटरेस्ट)। तो चलिए शुरू करें!!

टेक्निकल एनालिसिस क्या है?

यह अतीत मार्केट के डेटा, मुख्य रूप से प्राइस और वॉल्यूम के अध्ययन के द्वारा प्राइसिस की दिशा की भविष्यवाणी की विधि है।

आपको यह क्यों इस्तेमाल करना चाहिए?

आपको इसका इस्तेमाल प्राइसिस के पूर्वानुमान लगाने के लिए करना चाहिए। यह प्राइस मूवमेंट के संदर्भ में भविष्य में क्या होने जा रहा है, के बारे में एक स्पष्ट तस्वीर देता है, क्योंकि-

  • एक मार्केट के वर्तमान ट्रेंड की चलते रहने की ज़्यादा संभावना है और रिवर्स होने की कम → प्राइसिस हमेशा डायरेक्शनली मूव करते हैं, जैसे, अप, डाउन, या साइडवेज़ (फ्लैट) और कुछ कॉम्बिनेशंस।
  • इतिहास खुद को दोहराता है → अतीत में जो हुआ वह फिर से होगा क्योंकि मानव व्यवहार और साथ ही मानव साइकोलॉजी कभी नहीं बदलती।

ट्रेडिंग में इसका इस्तेमाल कैसे करें?

यह ट्रेडिंग में बहुत सी विधि लगा कर प्रयोग किया जाता है, साथ ही टूल्स और तकनीक लगाकर, जिनमे से एक टेक्निकल इंडीकेटर्स(लीडिंग और लैगिंंग), ओवेरलेज़ और कॉन्सेप्ट्स के साथ चार्ट का इस्तेमाल होता है। चार्ट के प्रयोग से हम प्राइस पैटर्न और मार्केट ट्रेंड की पहचान, टेक्निकल इंडीकेटर्स और मूविंग एवरेज के अध्ययन और कुछ संरचनाओं जैसे लाइन ऑफ़ सपोर्ट, रेजिस्टेंस, चैनल्स और अधिक अस्पष्ट संरचनाओं जैसे फ्लैग इत्यादि को देख सकते हैं और उनका फायदा उठा सकते हैं। इन इंडीकेटर्स का प्रयोग एक एसेट(शेयर) ट्रेंडिंग है या नहीं इसके आँकलन की मदद करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, और अगर ऐसा है, तो इसकी दिशा और निरंतरता की संभावना पता लगाने के लिए किया जाता है। हम प्राइस/वॉल्यूम इनडाईसिस और मार्केट इंडीकेटर्स के बीच संबंधों को भी देखते हैं।

टेक्निकल एनालिसिस की मूल बातें (प्राइस, वॉल्यूम और ओपन इंटरेस्ट)

प्राइस– यह किसी शेयर के लिए भुगतान की सबसे अधिक राशि, या इसे खरीदने के लिए दी जाने वाली सबसे न्यूनतम राशि है।

वॉल्यूम– वॉल्यूम एक कारोबारी दिन में ट्रेडिंग गतिविधियों और कॉन्ट्रैक्ट्स की कुल मात्रा के आदान-प्रदान को दर्शाती है। वॉल्यूम जितनी अधिक होगी उतना ही हम मौजूदा ट्रेंड के रिवर्स होने की बजाय जारी रहने की उम्मीद कर सकते हैं। वॉल्यूम हमेशा प्राइस से आगे चलती है।

ओपन इंटरेस्ट– ओपन इंटरेस्ट प्रत्येक दिन के अंत में मार्केट पार्टिसिपेंट्स द्वारा आयोजित बकाया ठेके की कुल संख्या है। यह वायदा बाजार में धन का प्रवाह मापती है। ओपन इंटरेस्ट बढ़ने का मतलब है की नया पैसा मार्केट में आ रहा है। परिणामस्वरुप जो भी वर्तमान ट्रेंड है (अप, डाउन, साइडवेज़), वह जारी रहेगा। ओपन इंटरेस्ट में गिरावट का मतलब है कि मार्केट ट्रेंड समाप्त हो रहा है, और दर्शाता है कि वर्तमान प्राइस ट्रेंड (अप, डाउन, साइडवेज़) बदलने की संभावना है या खत्म होने की संभावना है।

प्रचलित प्राइस ट्रेंड, वॉल्यूम और ओपन इंटरेस्ट के बीच के रिश्ते को निम्न तालिका द्वारा संक्षेप किया जा सकता है: –

शेयर बाजार में कमाना है पैसा, तो सीख लीजिए ये दो तरह के ज्ञान.

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News18 हिंदी 03-11-2022 News18 Hindi

नई दिल्ली. शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले इसकी पर्याप्त समझ होनी चाहिए. किसी भी स्टॉक को खरीदने के लिए उसके बारे में अच्छे से अध्ययन करना होता है और यह दो तरीकों टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस के जरिए किया जाता है. लेकिन, आम निवेशक को इसके बारे में ज्यादा समझ नहीं होती है लेकिन बाजार में सक्रिय रूप से काम करने वाले निवेशक और मार्केट एक्सपर्ट्स इसकी गहरी समझ रखते हैं. हालांकि, टेक्निकल और फंडामेंटल टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है एनालिसिस की समझ विकसित करना ज्यादा मुश्किल नहीं है.

आइये जानते हैं कि आखिर टेक्निकल और फंटामेंटल एनालिसिस क्या है और कैसे इसके बारे में समझ विकसित करके शेयर बाजार में सक्रिय निवेशक के तौर पर काम किया जा सकता है. इन दोनों तरीकों से आप शेयर की कीमत का सही अनुमान और भविष्य से जुड़ी संभावनाओं के बारे में पता लगा सकते हैं, साथ ही स्टॉक कब खरीदें और कब बेचें, यह निर्णय लेने में भी आपको मदद मिलेगी.

क्या है टेक्निकल एनालिसिस?

टेक्निकल एनालिसिस में किसी भी शेयर के चार्ट को देखकर उसकी डेली, वीकली और मंथली मूवमेंट और प्राइस के बारे में जानकारी हासिल की जाती है. चार्ट के जरिए सबसे शेयर के सपोर्ट और रेजिस्टेंस देखा जाता है. यहां सपोर्ट से मतलब है कि स्टॉक कितनी बार किसी एक खास भाव से ऊपर की ओर गया है. ज्यादातर एनालिस्ट सपोर्ट लेवल पर ही खरीदी की सलाह देते हैं.

वहीं, रेजिस्टेंस का मतलब है कि कोई स्टॉक कितनी बार किसी एक भाव से फिर से नीचे की ओर लौटकर आया है. अगर कोई शेयर अपने रेजिस्टेंस को तोड़कर ऊपर की ओर जाता है तो इसे ब्रेकआउट कहते हैं यानी कि अब शेयर का भाव और बढ़ेगा. इसके विपरीत, यदि स्टॉक सपोर्ट लेवल को तोड़ देता है तो उसके नीचे जाने की संभावना ज्यादा रहती है.

टेक्निकल एनालिसिस में अहम इंडिकेटर

टेक्निकल एनालिसिस में इंडिकेटर अहम टूल्स होते टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है हैं. दरअसल ये शेयर की मूवमेंट को लेकर अहम संकेत देते हैं. इनमें मूविंग एवरेज, RSI, MACD, सुपर ट्रेंड और बोलिंजर बैंड समेत कई इंडिकेटर्स शामिल हैं. हर इंडिकेटर का अपना महत्व है लेकिन शेयर बाजार में सक्रिय ज्यादातर निवेशक मूविंग एवरेज, MACD और RSI इंडिकेटर को अहम मानते हैं.

मूविंग एवरेज इंडिकेटर के जरिए किसी भी स्टॉक के पिछले 5, 10, 20, 50, 100 और 200 दिन के एवरेज प्राइस का अध्ययन किया जाता है. अलग-अलग टाइम फ्रेम पर स्टॉक के भाव में बढ़त और गिरावट से तेजी व मंदी का अनुमान लगाया जाता है. वहीं, RSI यानी रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स एक ग्राफ के जरिए यह प्रदर्शित करता है कि शेयर में कितनी खरीदारी और बिकवाली हावी है.

फंडामेंटल एनालिसिस क्यों जरूरी?

फंडामेंटल एनालिसिस में किसी भी कंपनी के बिजनेस मॉडल और ग्रोथ स्टोरी का अध्ययन किया जाता है. इसमें मुख्य रूप से टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है कंपनी के फाइनेंशियल्स यानी आर्थिक आंकड़ों पर नजर डाली जाती है. इनमें P/E Ratio और P/B Ratio जैसे रेशियो को देखा जाता है. अगर प्राइस अर्निंग रेशियो की वैल्यू कम है तो इसका मतलब है कि इसमें ग्रोथ की काफी गुंजाइश है. वहीं, प्राइस टू बुक वैल्यू रेशियो कम है तो इसका मतलब हुआ कि स्टॉक अंडरवैल्यूड है.

फंडामेंटल एनालिसिस में कम्पनी की सम्पत्तियों तथा देनदारियों की अध्ययन करके कम्पनी की नेट वैल्यू निकाली जाती है. इसके आधार पर कम्पनी के स्टॉक की कीमत का अनुमान लगाया जाता है. इसमें कम्पनी की डिविडेंड पॉलिसी भी देखी जाती है. इस तरह की स्टडी से अंडरवैल्यूड कंपनियों के बारे में पता लगाया जा सकता है जिनके भविष्य में बेहतर प्रदर्शन करने की संभावना होती है.

कैसे सीखें टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस

टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस के बारे में जानने के बाद अब सवाल उठता है कि यह ज्ञान कहां से लिया या सीखा जाए. टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस के लिए कई बुक्स और इंटरनेट पर ऑनलाइन कंटेंट उपलब्ध है.

इसके अलावा आप नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सिक्योरिटी मार्केट (NISM) के जरिए शेयर मार्केट में बतौर रजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट एडवाइज के तौर पर काम करने के लिए कई कोर्सेस ज्वाइन कर सकते हैं. इनमें टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस से जुड़े विषयों को कवर किया जाता है.

Best 10 Technical Analysis : How to Use it In Investing

अच्छा परिणाम जल्दी आएगा इसलिए कम समय के लिए निवेश करना वह तो टेक्निकल एनालिसिस का उपयोग कितना हित में रहता है वह दूसरी समझना हो तो ऐसा कहा जा सकता है कि अगर किसी कंपनी के शेयर गाड़ी है तो उस कंपनी का फंडामेंटल उस गाड़ी का ईंधन होता है और टेक्निकल एनालिसिस उस गाड़ी का ड्राइवर होता है। चाहे जितनी अच्छी गाड़ी हूं परंतु उस में उपयोग होने वाले ईंधन की गुणवत्ता खराब हो तो गाड़ी ठीक तरह से चल नहीं सकती है | Technical Analysis

साथ ही अच्छा ड्राइवर ने हो तो गाड़ी ठीक तरह से चल भी नहीं सकती है अब गाड़ी का ईंधन जाने की सकारात्मक परिवार के आधार पर ऐसा कहा जा सकता है कि गाड़ी अच्छी तरह दूरी तय कर सकती है पर वह कितने जल्द दौड़ेगी कहां पर रुकेगी कहां से घूम कर फिर से आएगी रास्ते में कितने घुमाओ लेकर आगे चलेगी इसका आधार उसके टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है ड्राइवर को ही होता है। Technical Analysis

खटारा आपको फंडामेंटल एनालिसिस की मदद लेनी ही पड़ती है टेक्निकल जैसे कि ड्राइवर के आधार पर तो मर्सिडीज भी चलती है और खटारा भी चलती है जब खराब समय आता है तो मर्सिडीज में आप बैठे हो तकलीफ कम होती है और खटारा को दगा दे सकती है आपके साथ अनहोनी होने की संभावना ज्यादा होती है | Technical Analysis

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इसलिए निवेश का निर्णय लेने से पहले फंडामेंटल एनालिसिस के आधार पर अच्छी गुणवत्ता वाले शेर को अलग निकाल कर रख लीजिए उसके बाद टेक्निकल एनालिसिस द्वारा प्रिंट सुधार की शुरुआत और उसके तेजी आदि महत्वपूर्ण परी बलों को स्पष्ट करने के बाद ही निवेश करना चाहिए सस्ते मिलने वाले शहर के पीछे कभी नहीं तोड़ना चाहिए हमेशा गुणवत्ता पर अधिक जोर देना चाहिए। Technical Analysis

टेक्निकल एनालिसिस (Technical Analysis) :-

विविध शहर के चार्ट के आधार पर जो अभ्यास किया जाता है उसे टेक्निकल एनालिसिस कहते हैं ऐसे चार्ट किसी नक्शे की तरह से कार्य करते हैं आप गाड़ी लेकर चल पड़े और अनजान रास्ते पर नक्शा लिए बगैर निकल ले तो गुम हो जाने का डर और गलत रास्ते पर जाने का डर अत्यधिक रहता है| Technical Analysis

उसी तरह से चार्ट के अभ्यास के बगैर निवेश क्या तुम्हें अंधेरे में गोली चलाने के बराबर होता है टेक्निकल एनालिसिस किसी भी शहर में कैसी स्थिति में उसका चित्र आपके सामने खड़ा हूं टाइमिंग करने में आपको मदद करता हूं जो लोग खास करके कब सामने वाले निवेश के कम कालावधी के ट्रेडर्स के उनके चार्ट का व्यस बहुत ही महत्वपूर्ण होता है।

दीर्घकाल अवधि के निवेश में जब तक महत्व का स्तर परिपूर्ण होता है तब तक उसमें नजर आने वाले कम कालावधी का उतार-चढ़ाव की अवगणना की जा सकती है। पर कम कालावधी के ट्रेडर के लिए जरूरी है कि उन्हें खबर होनी चाहिए कि गिरावट का सपोर्ट कहां पर है और चढ़ाव का रेजिस्टेंस कहां पर है। यह सभी जानकारी चार्ट पर से हासिल की जा सकती है जो चार्ट के आप स्वयं की समझी जाती है।

टेक्निकल एनालिसिस पर ही अधिक जोर क्यों दिया जाता है.

आप ने हाल ही में देखा है उस तरह से कंपनी के फंडामेंटल्स के आधार पर निवेश करना भी जोखिम भरा हो सकता है कंपनियां झूठा मुनाफा होकर गलत निर्णय नहीं लिया जाएगा इस बात का ध्यान रखना चाहिए समझने की बात यह है कि फंडामेंटल चाहे जितने अच्छे दिखते हो पर उसमें जो कठिनाई होती है उसका अंदाजा तो ज्यादातर जाट ही हमको देते हैं

आप किसी भी समय किस शहर के भाव में कितनी बढ़त हो सकती है गिरावट कहां पर सपोर्ट ले सकती है बढ़त के बाद कौन से स्तर पर रजिस्टेंस आ सकता है भाव में बढ़त की और कितनी संभावना है वगैरह चार्ट और उसमें निर्माण होने वाले रचनाओं के एनालिसिस पर से जाना जा सकता है ऐसे विविध परी बलों को साथ लेकर उसके आधार पर मिलने वाले खरीदी अथवा बिक्री के सिग्नल के फायदे से अनुकरण किया गया हो तो दीर्घ काल अवधि में अच्छा फायदा ही होता है |

चाट का उपयोग किस लिए किया जाता है.?

चार्ट हमें सक्षम चित्र के स्वरूप में किसी भी शहर में क्या हो रहा है इसकी जानकारी हमारे सामने पेश करता है।

चार्ट के अभ्यास के बगैर निवेश करना यानी नक्शे के बिना अनजान देश में घूमने के समान होता है|

जाट के अभ्यास आपको हर कोई शेयर किसी भी समय में ऐतिहासिक दृष्टि से टॉप पर है या बॉटम पर ओवरबॉट टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है है या ओवरसोल्ड यह बगैरा बातें आपको स्पष्ट करने में मदद करते हैं|

जाट के अभ्यास आपको हर कोई शेयर किसी भी समय में ऐतिहासिक दृष्टि से टॉप पर है या बॉटम पर ओवरबॉट है या ओवरसोल्ड यह बगैरा बातें आपको स्पष्ट करने में मदद करते

चाट का उपयोग टाइमिंग करने के लिए होता है यह तकरीर कम कल अवधि के निवेशकों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता

Technical Analysis in hindi.

हर और कोई अपने बचत के पैसों को निवेश करके ज्यादा लाभ कमाना चाहता है। कोई लोग बैंक एफडी में पैसा लगाते हैं तो कोई म्यूचल फंड। कई स्टॉक को स्टॉक मार्केट में पैसा लगाता है स्टॉक मार्केट के लाभ को देखते हुए सभी लोग तो मार्केट में पैसा लगाना पसंद करते हैं।

स्टॉक मार्केट में जितने लोग पैसा लगाते हैं उसमें से 90% लोग नुकसान करते हैं और 10% लोग ही फायदा ले सकते हैं 90% लोगों को यह पता ही नहीं होता कि शेयर में कब खरीदारी करें किस भाव पर खरीदारी करें कितना शेयर खरीदे किस भाव के बेचे किस भाव पर खरीदे और मैक्सिमम लॉस हो तो कितना लॉस हो।

अगर ऊपर बताई गई बातों को का ज्ञान आपको आ गया तो आप शेयर मार्केट में अच्छा निवेश करके अच्छा टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है पैसा कमा सकते हैं। ऊपर बताई गई बातों को सीखने के लिए हमें Technical analysis पड़ता है।

Technical analysis के कई प्रकार होते हैं जिनमें चार्ट पेटर्न. कैंडलेस्टिक पेटर्न, और एडवांस टेक्निकल एनालिसिस का समावेश होता है। टेक्निकल एनालिसिस का इस्तेमाल ज्यादातर पोजीशनल ट्रेडिंग के लिए स्विंग ट्रेडिंग के लिए या फिर इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए किया जाता है। चलिए अब हम टेक्निकल एनालिसिस सीखना शुरू कर देते हैं।

कैंडलेस्टिक पेटर्न के प्रकार

ये भी एक Technical analysis का पार्ट है।कैंडलेस्टिक पेटर्न कई प्रकार के होते हैं उसमें से टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है हम जापानीस कैंडलेस्टिक पेटर्न का को अनालिसीस करना सीखेंगे।आप जिस कैंडल पैटर्न के बारेमे सिख ना चाहते है उस पर click कीजिए।

5)हैंगिंग मैन कैंडल

9)पिर्शिग लाइन कैंडल

10) डार्क क्लाउड कवर कैंडल

16) बिअरिस डोजी स्टार्ट कैंडल

17)डिसेंडिंग हंक कैंडल

18)हेमिंग इंजन कैंडल

चार्ट पैटर्न के प्रकार

ये भी एक Technical analysis का पार्ट है।हेलो दोस्तो चार्ट पेटर्न कई प्रकार टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है केहोते हैं. टेक्निकल एनालिसिस में जैसे कैंडलेस्टिक पेटर्न का महत्व होता है उतना ही महत्व चार्ट पेटर्न का होता है. चलिए हम चार्ट पेटर्न का टेक्निकल एनालिसिस कैसे करते हैं हम सीखते हैं.

1)डबल टॉप चार्ट पेटर्न

2)डबल बॉटम चार्ट पैटर्न

3)ट्रिपल टॉप चार्ट पैटर्न

4) ट्रिपल बॉटम चार्ट पैटर्न

5) हेड एंड शोल्डर्स चार्ट पैटर्न

6)इनवर्टेड हेड एंड शोल्डर चार्ट पेटर्न

7)राइजिंग वेज चार्ट पैटर्न

8)फॉलिंग बॉटम चार्ट पैटर्न

9)बंप एंड रन चार्ट पैटर्न

10)सिमिट्रिकल ट्रायंगल चार्ट पैटर्न

11) डिसेंडिंग ट्रायंगल चार्ट पैटर्न

12)रेक्टेंगल प्राइस चैनल चार्ट पैटर्न

13)फ्लैग एंड हैंडल चार्ट पैटर्न

14) कप एंड हैंडल चार्ट पैटर्न

दोस्तों इतने से ही Technical analysis खत्म नहीं हो जाता Technical analysis में अभी बहुत और बातें हैं जो आपकी जान ने जरूरत है। जो आपने यह सब सीख लिया तो आप बहुत अच्छे निवेशक बन पाएंग।अगर आप सभी चार्ट पेटर्न और कैंडल पैटर्न को डिटेल में समझना चाहते हैं कि वह क्या होता है आप कमेंट करके हमें बताइए हम आपको जरूर सिखाएंगे।

तकनीकी विश्लेषण क्या है वर्णन करें?

इसे सुनेंरोकेंतकनीकी विश्लेषण अथवा टेक्निकल एनालिसिस (अंग्रेज़ी: Technical analysis,) विभिन्न प्रतिभूतियों (सिक्योरिटीज) (जैसे शेयर आदि) का विश्लेषण करने की विधा है। इसकी सहायता से भविष्य में इनके मूल्यों के बढ़ने-घटने के बारे में अनुमान लगाया जाता है।

आधारभूत विश्लेषण से आप क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकेंआधारभूत विश्लेषण आर्थिक और वित्तीय घटकों के माध्यम से किसी परिसंपत्ति के आंतरिक मूल्य को खोजने का एक तरीका है। कई कारक हैं जिन्हें मौलिक विश्लेषक ध्यान देते हैं, जिसमें अर्थव्यवस्था और उद्योग की स्थिति सहित समष्टि अर्थव्यवस्था और साथ ही साथ कंपनी प्रबंधन संरचनाओं और दर्शन जैसे सूक्ष्म कारकों में भी ध्यान दिया जाता है।

मौलिक विश्लेषण और तकनीकी विश्लेषण क्या है?

इसे सुनेंरोकेंमौलिक विश्लेषण आमतौर पर एक दीर्घकालिक स्थिति व्यापारी के लिए सिफारिश की जाती है, जबकि तकनीकी विश्लेषण स्विंग व्यापारी या अल्पकालिक व्यापारी के लिए उपयुक्त है। जबकि तकनीकी विश्लेषण केवल पिछले आंकड़ों का विश्लेषण करता है, मौलिक विश्लेषण अतीत और भविष्य के विकास की संभावनाओं दोनों पर केंद्रित है ।

तकनीकी विश्लेषण डाउ सिद्धांत की व्याख्या क्या है?

इसे सुनेंरोकेंस्टॉक-मूल्य गतिविधि पर डाउ सिद्धांत एक तकनीकी विश्लेषण है जिसमें सेक्टर रोटेशन के टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है कुछ पहलु शामिल हैं। इस सिद्धांत को चार्ल्स एच. डाउ (1851-1902) द्वारा लिखित वॉल स्ट्रीट जर्नल के 255 संपादकीय से निकाला गया था, वे वॉल स्ट्रीट जर्नल के पत्रकार, संस्थापक और प्रथम सम्पादक थे और डाउ जोन्स एंड कंपनी के सह-संस्थापक थे।

वित्तीय विश्लेषण से क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकेंवित्तीय विश्लेषण एक फ़र्म की वित्तीय सुदृढ़ता एवं कमजोरियों को पहचानने का एक प्रक्रम है, जिसमें तुलन-पत्र तथा लाभ व हानि विवरण की मदों के बीच उचित संबंधों को देखा जाता है। एक वित्त प्रबंधक को निश्चित रूप से विश्लेषण के विभिन्न साधनों से सुसज्जित होना चाहिए ताकि फ़र्म के लिए विवेकपूर्ण निर्णय लिए जा सकें।

इसे सुनेंरोकेंतकनीकी विश्लेषण का मतलब होता है शेयर के भाव के चार्ट्स की समीक्षा करके भविष्य के उतार-चढ़ाव की जानकारी पता करना। तकनीकी विश्लेषण का मतलब होता है शेयर के भाव के चार्ट्स की समीक्षा करके भविष्य के उतार-चढ़ाव की जानकारी पता करना। यह समझना जरूरी है कि तकनीकी विश्लेषण पूरी तरह से शेयर की कीमतों पर आधारित होता है।

स्टॉक का तकनीकी विश्लेषण कैसे करें?

इसे सुनेंरोकेंस्टॉक के तकनीकी विश्लेषण स्पॉट मूल्य प्रवृत्तियों को पढ़ने के लिए चार्ट और ग्राफ का उपयोग करते है। एक चार्ट आपको मूल्य मूवमेंट की प्रवृत्ति के बारे में बहुत कुछ बताता है। टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है जहां स्टॉक की वर्तमान कीमत शीर्षक है, चार्ट के माध्यम से आसानी से अनुमान लगाया जा सकता है। रुझान अवधि और प्रकार के आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है।

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