क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के फायदे
कई क्रिप्टोकरेंसीज निवेश के पारंपरिक माध्यम की तुलना में बेहतर रिटर्न दे देती हैं. कई लोगों ने पिछले साल इससे काफी अधिक पैसे बनाए. तब इसमें Bull Run देखने को मिला था. अप्रैल, 2020 में एक Bitcoin की कीमत 6,640 डॉलर पर थी और पिछले साल अप्रैल में एक बिटक्वाइन की कीमत 65,000 डॉलर पर पहुंच गई. इस तरह एक साल में ही लोगों को जबरदस्त मुनाफा हुआ.
अब इस देश में क्रिप्टोकरेंसी को मिला कानूनी दर्जा, जानिए और कौन से देश में है ये लीगल
मध्य अमेरिका के देश अल सल्वाडोर में सात सितंबर से क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े कानून लागू हो जाएंगे. देश में हालिया पास कानूनों पर लीगल टेंडर तैयार हो चुका है. देश की संसद में राष्ट्रपति नायब बुकेले की तरफ से क्रिप्टोकरेंसी को अपनाने के प्लान को मंजूरी मिल गई है. इसके बाद यह पहला देश बन गया है जहां पर बिटक्वॉइन को लीगल टेंडर के तौर पर अपनाया जाएगा. माना जा रहा है कि जल्द ही पैराग्वे भी इसे कानूनी रूप दे सकता है.
अल सल्वाडोर में महंगी हुई प्रॉपर्टी
राष्ट्रपति बुकेले ने सोमवार को ऐलान किया था कि देश की कानूनी मुद्रा बन जाने के बाद इस पर कोई कैपिटल क्या लीगल हो जाएगी क्रिप्टो करेंसी? गेन्स टैक्स नहीं लगाया जाएगा. देश में क्रिप्टो एंटरप्रेन्योर को तुरंत स्थायी तौर पर रहने की अनुमति दी जाएगी. राष्ट्रपति के इस ऐलान के बाद अल-सल्वाडोर में प्रॉपर्टी की कीमतें बढ़ गई हैं. दुनिया के कुछ देशों में बिटक्वॉइन को पहले ही कानूनी मान्यता मिल चुकी है. एक नजर डालिए ऐसे ही कुछ देशों के पर जहां पर क्रिप्टोकरेंसी लीगल है.
भारत
भारत सरकार की तरफ से क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अभी नियम या फिर गाइडलाइंस जारी करनी हैं. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने साल 2020 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के उस सर्कुलर को मानने से इनकार कर दिया था जिसमें क्रिप्टोकरेंसी पर आधारित ट्रांजेक्शन को प्रतिबंधित करने के लिए बैंकों को आदेश दिए गए थे. सुप्रीम कोर्ट के आदेश का ट्रेडर्स ने स्वागत किया था. मगर आरबीआई ने बैंकों को आदेश दिया था कि वो नियतों के तहत ही इसे पर सारी प्रक्रिया करें जैसे कि केवाईसी, एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग, वित्तीय आतंकवाद. साथ ही साथ ही आरबीआई ने साल 2002 के प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट का पालन करने क लिए भी कहा था.
क्या क्रिप्टो करेंसी लीगल हो गई? समझें Crypto Currency पर सरकार के फैसले के मायने
अब भारत में डिजिटल करेंसी से होने वाली कमाई पर 30 प्रतिशत टैक्स लगाया जाएगा. इसे ऐसे समझा जा सकता है कि अब अगर कोई व्यक्ति किसी डिजिटल करेंसी में 100 रुपये निवेश करता है और उसे इस पर 10 रुपये का फायदा होता है, तो उन 10 रुपये में से 3 रुपये उसे टैक्स के रूप में सरकार को देने होंगे.
- क्या क्रिप्टो करेंसी लीगल हो गई?
- कितनी मजबूत भारत की अपनी क्रिप्टो करेंसी? क्या लीगल हो जाएगी क्रिप्टो करेंसी?
- डिजिटल रुपए के पीछे मोदी की सोच?
5
सरकार लेगी TDS
इसके अलावा डिजिटल करेंसी के हर एक ट्रांजैक्शन (Transaction) पर अलग से एक प्रतिशत TDS सरकार को देना होगा. मान लीजिए, किसी व्यक्ति ने किसी डिजिटल करेंसी में निवेश किया हुआ है. ये निवेश उसका Asset है. अब अगर ये व्यक्ति इस Asset को किसी और को ट्रांसफर करता है, तो उसे अलग से उस Asset की कुल कीमत पर 1% के हिसाब से TDS चुकाना होगा. TDS का मतलब होता है Tax deduction at source. यानी वो टैक्स, जो किसी Source पर लगाया जाता है. जैसे आपको हर महीने मिलने वाली तनख्वाह पर सरकार जो टैक्स लेती है, क्या लीगल हो जाएगी क्रिप्टो करेंसी? क्या लीगल हो जाएगी क्रिप्टो करेंसी? वो TDS होता है. यानी कुल मिलाकर सरकार डिजिटल करेंसी को एक इनकम Source मान रही है और इसकी कमाई पर 30 प्रतिशत टैक्स भी लगा दिया गया है.
बहुत सारे लोगों के मन में ये सवाल है कि क्या सरकार ने डिजिटल करेंसी पर टैक्स लगा कर इसे लीगल कर दिया है? तो इसका जवाब हां और नहीं दोनों में है. दरअसल, सरकार केवल उसी डिजिटल करेंसी को लीगल यानी वैध मान रही है, जो करेंसी Reserve Bank of India द्वारा जारी की जाएगी. इसका मतलब ये हुआ कि अभी जो Crypto Currency है, जैसे Bitcoin, उसे डिजिटल करेंसी नहीं माना जाएगा. बल्कि उसे डिजिटल Asset माना जाएगा. अगर आपको ये सब जटिल लग रहा है तो इसे ऐसे समझिए कि आप जो सोना खरीदते हैं या जो आपका घर है, वो आपके Assets हैं. यानी आपकी सम्पत्ति है, क्या लीगल हो जाएगी क्रिप्टो करेंसी? ना कि ये करेंसी है. ठीक इसी तरह Crypto Currency भारत सरकार के लिए एक Asset होगी, और इस पर लोगों से टैक्स वसूला जाएगा. इसलिए अगर आप ये सोच रहे हैं कि Bitcoin जैसी डिजिटल करेंसी को लीगल मान लिया गया है तो ये तकनीकी तौर पर बिल्कुल सही नहीं होगा. हालांकि, लोग इसमें निवेश कर सकेंगे.
टैक्स के पीछे ये है सरकार की मंशा
अभी अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, Netherlands और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में डिजिटल करेंसी पर इसी तरह से वहां की सरकारें टैक्स लगाती हैं, जिसकी वजह से इन देशों में इस करेंसी को लीगल यानी वैध माना जाता है. हालांकि कुछ देशों में इस पर अपवाद की भी स्थिति है. भारत सरकार के इस फैसले के पीछे एक बड़ी वजह ये हो सकती है कि, हमारे देश में जितने लोगों ने Crypto Currency में निवेश किया है, वो देश की आबादी का लगभग 8 प्रतिशत हैं. इन लोगों ने अपने 70 हजार करोड़ रुपये इस समय ऐसी Digital Currency के रूप में दांव पर लगाए हुए हैं. पूरी दुनिया में Crypto Currency का इस्तेमाल करने के मामले में भारतीय सबसे आगे हैं. सरल शब्दों क्या लीगल हो जाएगी क्रिप्टो करेंसी? में कहें तो ये 30 प्रतिशत टैक्स, सीधे तौर पर 70 हजार करोड़ रुपये के निवेश को एक गारंटी देगा और हो सकता है कि भारत में इसका इस्तेमाल बढ़ जाए. दूसरी बात, सरकार ये जानती है कि उसके इस फैसले के बाद लोग डिजिटल करेंसी में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित होंगे. इसलिए उसने एक और विकल्प तैयार किया है.
भारत में क्रिप्टो करेंसी legal हैं या illegal क्या भारत में क्रिप्टोकरेंसी प्रतिबंध है.
बहुत सारे लोगों के मन में ये सवाल है कि क्या सरकार ने डिजिटल करेंसी पर टैक्स लगा कर इसे लीगल कर दिया है? तो इसका जवाब हां और नहीं दोनों में है. दरअसल, सरकार केवल उसी डिजिटल करेंसी को लीगल यानी वैध मान रही है, जो करेंसी Reserve Bank of India द्वारा जारी की जाएगी. इसका मतलब ये हुआ कि अभी जो Crypto Currency है, जैसे Bitcoin, उसे डिजिटल करेंसी नहीं माना जाएगा. बल्कि उसे डिजिटल Asset माना जाएगा. अगर आपको ये सब जटिल लग रहा है तो इसे ऐसे समझिए कि आप जो सोना खरीदते हैं या जो आपका घर है, वो आपके Assets हैं. यानी आपकी सम्पत्ति है, ना कि ये करेंसी है. ठीक इसी तरह Crypto Currency भारत सरकार के लिए एक Asset होगी, और इस पर लोगों से टैक्स वसूला जाएगा. इसलिए अगर आप ये सोच रहे हैं कि Bitcoin जैसी डिजिटल करेंसी को लीगल मान लिया गया है तो ये तकनीकी तौर पर बिल्कुल सही नहीं होगा. हालांकि, लोग इसमें निवेश कर सकेंगे.
Crypto की कमाई से दुबई में खरीदा घर, जानिए टैक्स अथॉरिटी आपको कैसे ले सकती है खोमचे में
नई दिल्ली: भारत के बहुत से रईस अब दुबई में घर खरीदने के लिए क्रिप्टो करेंसी की मदद ले रहे हैं. एमिरेट्स के लीडिंग रियल एस्टेट प्लेयर अब डिजिटल कॉइन स्वीकार कर रियल स्टेट के सौदे करने में जुटे हुए हैं. इस तरह के ट्रांजैक्शन दुबई में पूरी तरह वैध हैं. दुबई अपने आप को दुनिया की क्रिप्टो करेंसी कैपिटल बनाना चाहता है. लेकिन अगर आप उस देश के रहने वाले हैं जहां क्रिप्टो करेंसी वैध नहीं है या उस पर प्रतिबंध है और आप उस क्रिप्टो में कमाई के पैसे से दुबई में प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं तो आप कानूनी पचड़े में पड़ सकते हैं.
iPhone का भारत से बढ़ता निर्यात दे रहा सुखद संकेत, मार्च तक 800.5 अरब पर पहुंच सकते हैं आंकड़े
इस तरह की प्रॉपर्टी खरीदने वाले लोगों को यह पता नहीं है कि उनका पासपोर्ट, उनके परिवार के लोगों की जानकारी या जिनके नाम पर प्रॉपर्टी रजिस्टर हुई है उनकी जानकारी भारत के इनकम टैक्स अधिकारियों और एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट या प्रवर्तन निदेशालय को भेजी जा रही है. भारत क्या लीगल हो जाएगी क्रिप्टो करेंसी? के केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने क्रिप्टो करेंसी पर आंशिक प्रतिबंध लगाया हुआ है.
क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कितना सुरक्षित है? कितना है प्रॉफिट और क्या हैं रिस्क? यहां पढ़ें
लीगल स्टेटस के बारे में जानिए
वर्तमान में क्रिप्टोकरेंसी भारत और दुनिया के अधिकतर देशों में लीगल टेंडर नहीं है. इसकी वजह ये है कि इन क्वाइन्स को प्राइवेट तरीके से क्रिएट किया जा सकता है और इस बात को लेकर अभी स्पष्ट समझ विकसित नहीं हो पाई है कि इस करेंसी की वजह से किस तरह का बदलाव देखने को मिल सकता है. हालांकि, भारत में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश अवैध भी नहीं है. भारत में कई ऑनलाइन एक्सचेंज ऑपरेट कर रहे हैं, जिनके जरिए क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग और इंवेस्टमेंट किया जा सकता है.
कितना सुरक्षित है इसमें निवेश
अभी तक के ट्रेंड को देखा जाए तो क्रिप्टोकरेंसीज एक तरह से वोलाटाइल इंस्ट्रुमेंट हैं. इसका मतलब ये है कि इसमें काफी अधिक उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है. अगर आप गारंटीड रिटर्न के लिए इसमें पैसे लगाने की सोच रहे हैं तो फिर ये इंवेस्टमेंट विकल्प आपके लिए नहीं है. हालांकि, अगर आप जोखिम ले सकते हैं तो आप इस तथ्य को ध्यान में रख सकते हैं कि पिछले साल कुछ माह में ही एक Bitcoin की कीमत 30,000 डॉलर से 60,000 डॉलर पर पहुंच गई थी.
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 652