चलिए अब जानते हैं कि स्टॉप लॉस ऑर्डर क्या होते हैं? दोस्तों स्टॉप लॉस शब्द में दो शब्द आपको साफ-साफ दिखाई दे रहे होंगे पहला है Stop जिसका मतलब होता है रोकना और दूसरा Loss जिसका मतलब होता है नुकसान यानी कि stop-loss order का मतलब हुआ ऐसा आर्डर जो नुकसान या लॉस को रोकता है

Stop Loss क्या है और इसको ट्रेडिंग करते समय STOP LOSS कैसे लगाए? सही तरीके से कैसे लगाए?

आज हम यहां शेयर मार्केट में चाहे वो Intraday Trading हो,Swing Trading या फिर Futures and Options Trading हो उन सभी में Stop Loss कैसे लगाए और कोन से prise पर लगाए जिससे उसकी accuracy बढ़ जाए।

Note: अगर आप यह सोच रहे है की यह पढ़ने के बाद कभी भी मेरा Stop Loss hit नही होगा तो यह गलत है, क्युकी Stop Loss भी एक मार्केट का हिस्सा है जो कभी न कभी तो hit होगा।

हम शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करते समय STOP LOSS कैसे लगाए? बस इतना ही कर सकते है की हमारे Stop Loss को ऐसी जगह पर लगाए जिससे वह अच्छी Accuracy के साथ बाजार में आगे आने वाले समय में बना रहे।

Stop Loss क्या होता है?

जैसे हम किसी शेयर को खरीदते है उसको Buy prise और बेचते है उसको Sell prise कहते है, ऐसे ही अगर हमारे अनुमान से नीचे/ऊपर अगर शेयर का भाव चला जाए तो हम हमारे Risk Reword Ratio के अनुसार किसी Prise पर अपना Loss को सीमित करते है उसी Prise को Stop Loss कहते है।

आसान भाषा में कहे तो शेयर मार्केट में Trade के दौरान अपने LOSS को सीमित करने वाली prise को Stop Loss कहते है।

Stop Loss से शेयर या F&O trading में हम होने वाले भरी नुकसान से बच सकते है और अपना पैसे को बचा सकते है।

कई ट्रेडर बिना Analysis के कोई भी Prise को Stop Loss prise बना लेते है जोकि गलत है, और वह काफी ज्यादा Loss करते है।

स्टॉप-लॉस ऑर्डर को परिभाषित करना

स्टॉप लॉस अर्थ को ब्रोकर के पास खरीदने के लिए या स्टॉक के एक विशिष्ट मूल्य पर पहुंचने के बाद दिए गए ऑर्डर के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। स्टॉप-लॉस ट्रेडिंग करते समय STOP LOSS कैसे लगाए? ऑर्डर की पूरी अवधारणा को किसी के नुकसान को सीमित करने के लिए डिज़ाइन किया गया हैइन्वेस्टर सुरक्षा स्थिति पर।

उदाहरण के लिए, यदि आप स्टॉप-लॉस ऑर्डर को 10% कम कीमत पर सेट करते हैं, तो जिस कीमत पर आपने स्टॉक खरीदा है, वह आपके नुकसान को 10% तक सीमित कर सकता है।

स्टॉप लॉस ऑर्डर कैसे दें?

अनिवार्य रूप से, यह एक स्वचालित व्यापार आदेश है जो एक निवेशक ब्रोकरेज को देता है। एक बार जब स्टॉक की कीमत एक विशिष्ट स्टॉप प्राइस पर गिर जाती है, तो व्यापार निष्पादित हो जाता है। इस तरह के स्टॉप-लॉस ऑर्डर मूल रूप से उस नुकसान को सीमित करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं जो एक निवेशक को किसी पोजीशन पर हो सकता है।

उदाहरण के लिए, मान लीजिए कि आप एक निश्चित कंपनी के 10 शेयरों पर एक लंबी स्थिति के मालिक हैं और आपने उन्हें रुपये की कीमत पर खरीदा है। 300 प्रति शेयर। अब शेयर रुपये पर कारोबार कर रहे हैं। 325 प्रत्येक। जिस तरह आप भविष्य में मूल्य वृद्धि में भाग ले सकते हैं, आप इन शेयरों को जारी रखने का निर्णय लेते हैं।

हालाँकि, दूसरी ओर, आप अब तक अर्जित किए गए लाभों को खोना भी नहीं चाहते हैं। चूंकि आपने अभी तक शेयर नहीं बेचे हैं, इसलिए आपके लाभ की वसूली नहीं होगी। एक बार जब वे बिक जाते हैं, तो वे बन जाते हैंवास्तविक लाभ. कंपनी के डेटा की एक संक्षिप्त समीक्षा के बाद, आप यह तय कर सकते हैं कि कीमतों में गिरावट के मामले में शेयरों को रखना या बेचना है या नहीं।

स्टॉप-लॉस ट्रेडिंग के लाभ

शुरू करने के लिए, स्टॉप-लॉस ट्रेडिंग के महत्वपूर्ण लाभों में से एक यह है कि इसे लागू करने के लिए एक बम खर्च नहीं होता है। एक नियमित कमीशन तभी लिया जाएगा जब स्टॉक स्टॉप-लॉस मूल्य पर पहुंच गया हो, और स्टॉक को बेचना होगा।

यहां निर्णय लेना भावनात्मक प्रभावों से पूरी तरह मुक्त है। चूंकि स्टॉप-लॉस ऑर्डर स्टॉक को एक और मौका ट्रेडिंग करते समय STOP LOSS कैसे लगाए? नहीं देता है, इसलिए नुकसान की राह की ओर जाना संभव विकल्प नहीं होगा।

इस ट्रेडिंग के साथ, लगभग कोई भी रणनीति काम कर सकती है। हालाँकि, केवल तभी जब आप इस बात से अवगत हों कि किसी एक के साथ कैसे रहना है और आप अपने दिमाग से अधिक काम करते हैं; अन्यथा, स्टॉप-लॉस ऑर्डर बेकार के अलावा कुछ नहीं होगा।

साथ ही, आपको हर दिन स्टॉक के प्रदर्शन पर नजर रखने की जरूरत नहीं है। यदि आप किसी और चीज़ में व्यस्त हैं या छुट्टी पर हैं तो यह बेहद सुविधाजनक हो जाता है।

Stop loss Kaise Kaam Karta Hai?

जैसे कि अगर हमने एक stock बाय कर रखा है तो हम उस पर सेलिंग स्टॉपलॉस आर्डर लगा सकते हैं अगर हमने पहले से stock sell किया हुआ है तो हम उस पर buying side पर आर्डर लगा सकते हैं

दोस्तों स्टॉप ऑर्डर एक नॉर्मल बाय ऑर्डर से थोड़ा अलग होता है नॉर्मल बाय ऑर्डर को हम सिर्फ मॉडल की तरह ही लगाते हैं हमें ऑर्डर लगाते समय ऑर्डर में trigger price करना होता है और जब trigger price पर मार्केट पर जाता है तो हमारा स्टॉप लॉस order एक्टिवेट होकर मार्केट में चला जाता है

स्टॉप लॉस order लगाने के लिए सबसे पहले हमें यह डिसाइड करना होता है कि हम अपना स्टोर पर आर्डर को मार्केट order की तरह लगाना चाहते हैं या लिमिट ऑर्डर की तरह अपने स्टाफ order को मार्केट order की तरह लगाएंगे तो हमें उस order में बसे strike प्राइस सेट करना होगा और हमें stock को ऐसे SLM स्टॉक मार्केट कहते हैं

Buying स्टॉप लॉस ऑर्डर कैसे लगाया जाता है ?

  • पहले बात करते हैं स्टॉक मार्केट ऑर्डर की, मान लेते हैं कि हमने ₹100 की प्राइस मैं buy किया है और हम इस पर ज्यादा से ज्यादा ₹3 तक ही loss उठाना चाहते हैंहमने शेर पहले से ही बाइ कर रखा है इसलिए हम sell order लगाएंगे इसीलिए हम अपने शहर के selling में जाएंगे वहां पर आर्डर टाइप में SLM करेंगे इसको करने के बाद वहां पर trigger प्राइस डालने का ऑप्शन होगा
  • दोस्तों क्योंकि हम अपना मैक्सिमम लॉस यहां पर ₹3 तक लिमिट करना चाहते हैं इसलिए हम 3 अप्रैल को ₹100 से ₹3 कम ₹97 सेट कर देंगे और आर्डर प्लेस कर देंगे
  • और जैसे ही हमारे शेयर की प्राइस कम होकर ₹97 आएगी हमारा स्टाफ नर्स आर्डर क्लियर हो जाएगा और एक सेल मार्केट रोड पर चला जाएगा और हमारा शेर हो जाएगा और हम ज्यादा होने से बच जाएंगे
  • दोस्तों short selling के बारे में आप सब तो जानते ही होंगे short selling का मतलब है कि पहले एक share को sell कर देना फिर बाद में उस share को खरीद लो
  • तो इसमें प्रॉफिट कैसे करा जाता है, तो देखो दोस्तों पहले हम महंगे दामों में शेयर को sell करते हैं जैसे ही शेयर का प्राइस कम होता है हम शेर को buy कर लेते हैं इसमें हमारा प्रॉफिट हो जाता है तो जानते हैं कि इसमें स्टॉप लॉस कैसे लगाया जाता है
  • आइए देखते हैं कि short selling में stop loss कैसे लगाते हैं? मान लीजिए हमने शेयर को ₹100 के प्राइस पर शार्ट कर रखा है और हम इस पर भी ज्यादा से ज्यादा ₹3 तक की लोन उठाना चाहते हैं क्योंकि share हमने पहले से sell कर रखा है तो इसलिए हम पाएंगे स्टॉप लॉस ऑर्डर लगाएंगे हम अपने share के buy ऑप्शन में जाएंगे वहां पर आर्डर टाइप में SLM सेट करेंगे इतना करने के बाद वहां पर Trigger प्राइस डालने का ऑप्शन आएगा
  • दोस्तों क्योंकि अपने मैक्सिमम लॉस ₹3 तक लिमिट करना चाहते हैं हम अपनी Trigger price को ₹100 से ₹3 ज्यादा जान 103 रुपय सेट कर देंगे और अपना आर्डर प्लेस कर देंगे इस तरह हमारा स्टॉक मार्केट हो जाएगा
  • जैसे ही हमारे शेयर की प्राइस बढ़ाकर ₹103 आएगी हमारा सॉफ्टवेयर आर्डर क्लियर हो जाएगा और एक भाई मार्केट पर चला जाएगा और हमारा शॉट किया शेयर बाय हो जाएगा और हम यहां भी ज्यादा लॉस होने से बच जाएंगे शेयर करते हैं

Stop loss, Target & Trailing S.L. क्या है ?

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stop loss का उपयोग अधिकतर scalping, Intraday या swing trading में किया जाता है जिससे बाजार के बड़े उतार-चढ़ाव में कोई बड़ा नुकसान होने से बचा जा सके, जबकी Investment अगर long time के लिए किया जाए तो ट्रेडिंग करते समय STOP LOSS कैसे लगाए? stop loss का कुछ खास महत्व नहीं होता है।

Example :

अगर हम Intraday में trading करते समय किसी xyz Company का share 470/- में खरीद लेते हैं तब हमें मार्केट के उतार-चढ़ाव से बहुत बड़ा नुकसान ना हो, इसके लिए हम stop loss लगाते हैं।

Target :

जिस प्रकार loss को कम करने के लिए stop loss लगाते हैं उसी प्रकार profit को भी fix करने के लिए Target लगाया जाता है।

मानलो कि हम XYZ company का Share 100/- में Buy किए अब अगर हम target मानलो 110/- का लगाते हैं, और market उतार-चढाव की वजह से 112/- तक गया तो हमारा profit 110/- पर ही book हो जाएगा और बाद में share फिर से गिरकर 100/- हो जाता है तब हमें 10/- का profit हो चुका रहेगा क्योंकी हमारा share 110/- में पहले ही बिक गया है।

अक्सर Intraday या scalping में ऐसा होता है कि market उपर जाकर वापस गिर जाता है। तो ऐसे में profit को fix करने के लिए target का use करते हैं।

Trailing stop loss :

अभी आपने पढ़ा Target के बारे में जिसमें हमारा profit fix हो जाता है लेकिन इसमें profit Unlimited हो सकता है और वो भी loss को Fix करते हुए। यानी की loss fix और profit Unlimited, तो चलिए समझते हैं की इसका उपयोग कैसे करना है ?

माना कि हम किसी XYZ company का Share 100/- में Buy किए हैं और Stop loss 90/- का लगाए हैं। और उस share का price बढ़कर 110/- हो जाता है तब हम अपने पहले वाले stop loss को trail करके यानी की बढ़ा के 100/- कर लेंगे ।

अब यदि market फिर से गिरकर 100 या उससे नीचेजाएगा तो हमें कोई loss नहीं होगा लेकिन अगर market बिना गिरे लगातार बढ़ता जाता है तब हम stop loss को बार-बार trail करके आगे बढ़ाते रहेंगे ऐसे में हमारा loss नहीं होगा केवल profit ही होगा।

और market जितना बढ़ेगा उतना profit होता रहेगा और अंत मे हमारा stop loss हिट होगा, लेकिन फिर भी हम profit में ही रहेंगे। तो इस तरह ले हम trailing S.L. का Use कर सकते हैं।

इन 5 बातों का रखेंगे ध्यान तो Intraday Trading मे मिल सकता है बेहतर मुनाफा, जानिए कैसे

इन 5 बातों का रखेंगे ध्यान तो Intraday Trading मे मिल सकता है बेहतर मुनाफा, जानिए कैसे

लोग अक्सर कहते हैं कि शेयर बाजार से मोटा कमाया जा सकता है लेकिन ये इतना आसान भी नहीं है. हालांकि अगर आप बेहतर रणनीति बनाकर लॉन्ग टर्म में सोच कर निवेश करेंगे तो यहां से कमाई की जा सकती है. वहीं इक्विटी मार्केट में इंट्रा डे के जरिए कुछ घंटों में ही अच्छा पैसा बनाया जा सकता है. इंट्रा डे में डिलवरी ट्रेडिंग के मुकाबले पैसा जल्दी बनाया जा सकता है लेकिन इसके जोखि से बचने के लिए आपको बेहतर रणनीति, कंपनी के फाइनेंशियल और एक्सपर्ट की सलाह जैसी चीजों का ध्यान रखना होता है.

क्या है इंड्रा डे ट्रेडिंग

शेयर बाजार में कुछ घंटो के लिए या एक ट्रेडिंग सेशन के लिए पैसा लगाने को इंट्रा डे कहा जाता है. मान लिजिए बाजार खुलने के समय आपने एक शेयर में पैसा लगाया और देखा की आपको आपके मन मुताबिक मुनाफा मिल रहा है तो आप उसी समय उस शेयर को बेचकर निकल सकते है. इंट्रा डे में अगर आप शेयर उसी ट्रेंडिग सेशन में नही भी बेचेंगे तो वो अपने आप भी सेल ऑफ हो जाता है. इसका मतलब आपको मुनाफा हो या घाटा हिसाब उसी दिन हो जाता है. जबकि डिलवरी ट्रेडिंग में आप शेयर को जबतक चाहे होल्ड करके रख सकते हैं. इंट्रा डे में एक बात यह भी है कि आपको ब्रोकरेज ज्यादा देनी पड़ती है. हां लेकिन इस ट्रेडिंग की खास बात यह है कि आप जब चाहे मुनाफा कमा कर निकल सकते है.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

बाजार के जानकारों के मुताबिक शेयर बाजार में इंट्रा डे में निवेश करें या डिलिवरी ट्रेडिंग करें आपको पहले इसके लिए अपने आप को तैयार करना होता कि आप किसलिए निवेश करना चाहते हैं और आपका लक्ष्य क्या है. फिर इसके बाद आप इसी हिसाब से अपनी रणनीति और एक्सपर्ट के जरिए बाजार से कमाई कर सकते हैं. एंजल ब्रोकिंग के सीनियर एनालिस्ट शमित चौहान के मुताबिक इंट्रा डे में रिस्क को देखते हुए आपकी रणनीति बेहतर होनी चाहिए. इसके लिए आपको 5 अहम बाते ध्यान मं रखनी चाहिए.

डीमैट अकाउंट से कर सकते हैं ट्रेडिंग

अगर शेयर बाजार में ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको डीमैट अकाउंट और एक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होगा. आप ऑनलाइन खुद से ट्रेडिंग कर सकते हैं या ब्रोकर को ऑर्डर देकर शेयर का कारोबार कर सकते हैं. इंट्रा डे में किसी शेयर में आप जितना चाहे उतना पैसा लगा सकते हैं.

डिस्क्लेमर : आर्टिकल में इंड्रा डे ट्रेडिंग को लेकर ​बताए गए टिप्स मार्केट एक्सपर्ट्स के सुझावों पर आधारित हैं. निवेश से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.

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