गुड़गांव में ऑस्ट्रेलिया, कनाडा वीजा और इमिग्रेशन कंसल्टेंट्स
वाई-एक्सिस वीजा और इमिग्रेशन उद्योग में एक दुर्जेय नाम है। हमारे दिल्ली कार्यालयों में प्राप्त प्रतिक्रिया और प्रशंसा से उत्साहित होकर, वाई-एक्सिस ने प्रतिष्ठित डीएलएफ साइबर सिटी में अपना गुड़गांव कार्यालय स्थापित किया। आज, हम गुड़गांव में अग्रणी इमिग्रेशन सलाहकारों में गिने जाते हैं।
पता: ग्राउंड फ्लोर, सबवे से सटे, बिल्डिंग 10 टॉवर ए, डीएलएफ साइबर सिटी, डीएलएफ फेज 2, गुड़गांव-122002
फोन: +91 7670 800 001
ई - मेल: गुड़गांव@y-axis.com
समय: सोम से शनिवार - सुबह 10 विदेशी मुद्रा व्यापार गुरुग्राम बजे से शाम 6.30 बजे तक
गुड़गांव में एक कॉर्पोरेट पार्क, डीएलएफ साइबर सिटी को दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में आईटी गतिविधि का एक प्रमुख केंद्र माना जाता है। अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे और एक असाधारण कार्यबल के एक विजयी संयोजन के साथ, वाई-एक्सिस गुड़गांव में एक विश्वसनीय वीजा सलाहकार बन गया है।
वाई-एक्सिस गुड़गांव वीजा और आव्रजन उद्योग से संबंधित सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है। गुड़गांव में वीजा एजेंटों की हमारी क्षमता में, हम निम्नलिखित से संबंधित सेवाएं प्रदान करते हैं - विदेशों में अध्ययन, विदेशों में प्रवास, विदेशों में निवेश, विदेशों में काम करना, और विदेशों में जाना।
वाई-एक्सिस गुड़गांव द्वारा दी जा रही प्रमुख सेवाएं
गुड़गांव में सबसे अच्छी पीआर एजेंसियों में से एक के रूप में, वाई-एक्सिस गुड़गांव को गुड़गांव में आव्रजन सलाहकारों की तलाश करने वाले लोगों से कई प्रश्न मिलते हैं।
किसी भी दिन, हमारे पास कई छात्र और/या उनके माता-पिता हमारे गुड़गांव कार्यालय में स्टडी ओवरसीज से संबंधित विकल्पों का पता लगाने के लिए आते हैं। हम गुड़गांव में अग्रणी शिक्षा सलाहकार हैं।
गुड़गांव में प्रतिष्ठित विदेशी शिक्षा सलाहकारों में से एक की क्षमता में, हम वीजा और आप्रवासन से संबंधित कई सेवाएं प्रदान करते हैं।
वाई-एक्सिस हमेशा मुफ्त परामर्श प्रदान करता है, जिसमें खरीदारी करने की कोई बाध्यता नहीं है।
हम सबसे उपयुक्त पाठ्यक्रम अनुशंसाएँ बनाने में भी विशेषज्ञ हैं। विदेशों में अध्ययन के लिए बहुत सारे विकल्प उपलब्ध होने के कारण, यह छात्रों के साथ-साथ उनके माता-पिता के लिए भी काफी भारी हो सकता है। 23 वर्षों के अनुभव के साथ, Y-Axis के पास आपको सही दिशा में ले जाने के लिए समय-सिद्ध तरीके हैं।
किसी भी विश्वविद्यालय के साथ हमारी कोई साझेदारी या टाई-अप नहीं है। हमारे द्वारा दी गई सलाह निष्पक्ष है और आपके सर्वोत्तम हितों को ध्यान में रखते हुए। विभिन्न प्रकार के छात्रों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए, हम प्रदान करते हैं
- सिंगल कोर्स करियर काउंसलिंग
- 3-पाठ्यक्रम करियर परामर्श
- 5-पाठ्यक्रम करियर परामर्श
- 8-पाठ्यक्रम करियर परामर्श
- 10-पाठ्यक्रम करियर परामर्श
अपनी पूरी क्षमता का दोहन करने के लिए सही पाठ्यक्रम और विश्वविद्यालय का चयन करना महत्वपूर्ण है।
आपको प्रवेश के लिए तैयार करने के अलावा, वाई-एक्सिस स्नातक स्तर की पढ़ाई के बाद रोजगार के अवसरों को विकसित करने पर भी काम करता है। हमारी कैम्पस रेडी पहल विशेष रूप से यूएसए, यूके, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और यूरोप पर लक्षित है।
गुड़गांव में प्रमुख विदेशी शिक्षा सलाहकारों में से एक के रूप में, वाई-एक्सिस आपको शुरू से अंत तक छात्र वीजा सेवाएं प्रदान करता है। आवश्यक अनुभव और विशेषज्ञता के साथ, हम आपके वीजा और आव्रजन प्रक्रिया को यथासंभव सुव्यवस्थित बनाते हैं। पूरी प्रक्रिया के दौरान एक समर्पित सलाहकार आपके साथ रहेगा।
गुड़गांव में अच्छी तरह से स्थापित शिक्षा सलाहकारों में से एक होने के नाते, वाई-एक्सिस आपको एक प्रभावशाली स्टेटमेंट ऑफ पर्पस (एसओपी) के साथ बाहर खड़े होने में मदद करता है। आपके एसओपी के स्वर की पहचान करते हुए, यदि आवश्यक हो, तो वाई-एक्सिस आपके लिए एसओपी भी लिखता है, इसे आपकी विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुसार अनुकूलित करता है।
कंसीयज या आपके लिए की गई सेवाएं भी प्रदान की जाती हैं। वाई-एक्सिस में, हम समझते हैं कि वीज़ा और आप्रवासन प्रक्रिया हम में से अधिकांश के लिए काफी कठिन हो सकती है। हम कंसीयज सेवाएं प्रदान करते हैं जो आपके लिए अन्य संबंधित कार्यों का ध्यान रखती हैं।
जब आप प्लेन में चढ़ते हैं तो हमारी सेवाएं यूं ही नहीं रुक जातीं। हमारी कंसीयज सेवाओं के एक भाग के रूप में, अन्य सेवाओं के साथ, हम नए देश में आपके लिए एक अंतर्राष्ट्रीय सिम कार्ड की व्यवस्था करेंगे। विदेशी मुद्रा सहायता और टैवेल बीमा भी प्रदान किए जाते हैं।
वाई-एक्सिस आईईएलटीएस/टीओईएफएल/जीआरई/सैट/जीमैट/पीटीई के लिए कोचिंग भी प्रदान करता है। वाई-एक्सिस के साथ, आप कहीं भी, कभी भी कक्षा में भाग ले सकते हैं। हमारे पास पियर्सन और ब्रिटिश काउंसिल से विश्व स्तरीय कोचिंग सामग्री है।
हम आपके व्यस्त कार्यक्रम के अनुकूल कोचिंग प्रदान करते हैं। अपनी सुविधा के अनुसार, आप क्लासरूम टीचिंग, लाइव स्ट्रीमिंग, प्राइवेट ट्यूटर के साथ वन टू वन कोचिंग, नाइट क्लासेस या अर्ली मॉर्निंग क्लासेस में से चुन सकते हैं। हम गुड़गांव में सर्वश्रेष्ठ आईईएलटीजी कोचिंग प्रदान करने में गर्व महसूस करते हैं। हम टेस्ट स्लॉट बुकिंग में भी सहायता करते हैं।
Y-Axis जॉब सर्च सर्विसेज भी प्रदान करता है जो आपको करियर के बेहतरीन अवसरों के संपर्क में आने में मदद करता है।
वाई-एक्सिस और गुड़गांव - कई लोगों को उनके विदेशी सपने को साकार करने में मदद करना
गुड़गांव में अग्रणी पीआर एजेंसियों में से एक के रूप में विशेषज्ञता वाले गुड़गांव में वीजा सलाहकार के रूप में हमें प्राप्त होने वाली सामान्य पूछताछ में गुड़गांव में ऑस्ट्रेलिया के आव्रजन सलाहकार और गुड़गांव में कनाडा के आव्रजन सलाहकार शामिल हैं।
600 अरब डॉलर से ज्यादा विदेशी मुद्रा रखने वाला दुनिया का 5 वां देश बना भारत, रूस से है बस इतना पीछे
बीते एक साल में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 100 अरब डॉलर का इजाफा हुआ है। पिछले साल 5 जून को भारत ने विदेशी मुद्रा में में 500 अरब डॉलर का आंकड़ा पार किया था। जिसके बाद से लगातार भारत की विदेशी पूंजी में इजाफा देखने को मिल रहा है।
कोरोना काल में बढ़ा विदेशी निवेश (Image: Pixabay)
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 600 अरब डॉलर को पार करने के साथ रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गया है। भारत अब उन देशों के क्लब में शामिल हो गया है जिनके पास 600 अरब डॉलर से ज्यादा फॉरेक्स रिजर्व है। वैसे भारत के मुकाबले चीन के पास 5 गुना और जापान के पास दो गुना विदेशी मुद्रा भंडार है। वहीं रूस से भारत काफी कम अंतर से पीछे है , जिसे देश काफी जल्दी पीछे छोड़ सकता है। वहीं टॉप थ्री में पहुंचने के लिए भारत को थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता है। तीसरे पायदान पर स्विट्जरलैंड है , जिसके पास एक हजार अरब डॉलर से ज्यादा का विदेशी मुद्रा भंडार है। जानकारों की मानें तो भारत के विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ने का कारण विदेशी निवेशकों का लगातार भारतीय बाजार में निवेश है।
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 4 जून को खत्म हुए सप्ताह में 6.842 अरब डॉलर का इजाफा हुआ। जिसके बाद भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 605.008 अरब डॉलर पहुंच गया। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के आंकड़ों के अनुसार विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति 7.362 अरब डॉलर बढ़कर 560.890 अरब डॉलर हो विदेशी मुद्रा व्यापार गुरुग्राम गईं। आपको बता दें कि 28 मई को हुए समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 5.271 अरब डॉलर का इजाफा लेकर 598.165 अरब डॉलर हो गया था।
गोल्ड रिजर्व में गिरावट : अगर गोल्ड रिजर्व की करें तो इस दौरान इसमें गिरावट देखने को मिली है। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार स्वर्ण भंडार 50.2 करोड़ डॉलर घटकर 37.604 अरब डॉलर पर आ गया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ में विशेष आहरण अधिकार 10 लाख डॉलर घटकर 1.513 अरब डॉलर रह गए हैं। वहीं , आईएमएफ के पास आरक्षित देश का भंडार भी 1.6 करोड़ डॉलर घटकर पांच अरब डॉलर रह गया।
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दुनिया के टॉप 5 देशों में शामिल : भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 600 अरब डॉलर होने के साथ ही दुनिया के टॉप देशों में शामिल हो गया है। जिनका विदेशी मुद्रा भंडार 600 अरब डॉलर या उससे ज्यादा है। भारत से आगे रूस , स्विट्जरलैंड , जापान और चीन हैं। जबकि दुनिया के तमाम अमीर देश जैसे सिंगापुर , जर्मनी , यूके , फ्रांस , इटली जैसे देशों को काफी पीछे छोड़ दिया है। अमरीका इस मामले में 21 वें पायदान पर है।
अभी लंबा है टॉप 3 का सफर : भले ही दुनियाभर विदेशी निवेश भारत में पूंजी लगा रहे हों और भारत की विदेशी पूंजी में इजाफा करने में मदद कर रहे हों , लेकिन टॉप थ्री की पोजिशन हासिल करने में भारत को अभी थोड़ा लंबा सफर तय करना पड़ सकता है। आंकड़ों को देखें तो तीसरे पायदान पर स्विट्जरलैंड है जिसके पास विदेशी मुद्रा भंडार 1070.369 अरब डॉलर विदेशी भंडार है। इसी रफ्तार के साथ भारत आगे बढ़ता है तो यहां तक पहुंचने में भारत को पांच साल तक का इंतजार करना पड़ सकता है।
चीन 5 गुना तो जापान दोगुना आगे : दुनिया मतें सबसे ज्यादा विदेशी मुद्रा भंडार रखने वाला चीन भारत के मुकाबले इस में मामले पांच गुना आगे हैं। चीन के पास मौजूदा समय में 3330.405 अरब डॉलर विदेशी मुद्रा भंडार है। जबकि एशिया का दूसरा सबसे सबसे संपन्न देश जापान के पास विदेशी विदेशी मुद्रा भारत से दोगुना से भी ज्यादा है। जापान के पास मौजूदा समय में 1378.467 अरब डॉलर विदेशी मुद्रा भंडार है। ऐसे में भारत को पहुंचने में ज्यादा समय लग सकता है।
रूस को जल्द छोड़ सकता है पीछे : वहीं बात रूस की करें तो भारत जल्द पीछे छोड़ सकता है। दोनों के बीच 192 मिलियन डॉलर का अंतर है। मौजूदा समय में रूस का विदेशी मुद्रा भंडार 605.200 अरब डॉलर है। अगर भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में यही तेजी जारी रहती है तो अगले सप्ताह के आंकड़ों में भारत रूस को पीछे छोड़ता दिखाई दे सकता है।
विदेशी मुद्रा भंडार में भारी गिरावट, 89.7 करोड़ डॉलर का झटका, 572.978 अरब डॉलर तक पहुंचा कोष
विदेशी मुद्रा भंडार में आई गिरावट का मुख्य कारण विदेशी मुद्रा आस्तियों का घटना है, जो कुल मुद्रा भंडार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
विदेशी मुद्रा भंडार में भारी गिरावट। (प्रतीकात्मक फोटो)
Foreign Exchange Reserves: देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आई है। विदेशी मुद्रा भंडार पांच अगस्त को समाप्त सप्ताह में 89.7 करोड़ डॉलर घटकर 572.978 अरब डॉलर रह गया। विदेशी मुद्रा व्यापार गुरुग्राम भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने यह जानकारी दी। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार इससे पहले 29 जुलाई को समाप्त सप्ताह के दौरान, विदेशी मुद्रा भंडार 2.315 अरब डॉलर बढ़कर 573.875 अरब डॉलर रहा था।
पांच अगस्त को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में आई गिरावट का मुख्य कारण विदेशी मुद्रा आस्तियों का घटना है जो कुल मुद्रा भंडार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
आरबीआई के शुक्रवार को जारी किये गये भारत के साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) 1.611 अरब डॉलर घटकर 509.646 अरब डॉलर रह गयी।
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डॉलर के संदर्भ में व्यक्त एफसीए में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी इकाइयों की सराहना या मूल्यह्रास का प्रभाव शामिल किया जाता है। 5 अगस्त को समाप्त सप्ताह में सोने का भंडार 671 मिलियन डॉलर बढ़कर 40.313 बिलियन डॉलर हो गया।
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 4.6 करोड़ डॉलर बढ़कर 18.031 अरब डॉलर हो गया। जबकि आईएमएफ में रखे देश का मुद्रा भंडार 3 मिलियन घटकर 4.987 बिलियन हो गई, जैसा कि आंकड़ों से पता चलता है।
RBI ने विदेशी मुद्रा लेनदेन पर जारी किए दिशानिर्देश, जनवरी 2023 से आएंगे प्रभाव में
केंद्रीय बैंक के परिपत्र के अनुसार ये निर्देश एक जनवरी, 2023 से प्रभाव में आएंगे. आरबीआई ने कहा कि किसी भी इकाई का जोखि . अधिक पढ़ें
- भाषा
- Last Updated : October 11, 2022, 22:01 IST
नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मंगलवार को किसी भी यूनिट के पर्याप्त सुरक्षा उपाय किए बगैर विदेशी मुद्रा में लेन-देन को लेकर विदेशी मुद्रा व्यापार गुरुग्राम बैंकों के लिये संशोधित दिशानिर्देश जारी किया है. इस पहल का मकसद विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में अत्यधिक उतार-चढ़ाव से होने वाले नुकसान को कम करना है. आरबीआई इकाइयों के जोखिम से बचाव के उपाए किए बिना उस विदेशी मुद्रा में लेन-देन (यूएफसीई) के मामले में बैंकों विदेशी मुद्रा व्यापार गुरुग्राम के लिये समय-समय पर दिशानिर्देश जारी करता रहा है, जो बैंकों से कर्ज के रूप में लिये गये हैं.
केंद्रीय बैंक के परिपत्र के अनुसार ये निर्देश एक जनवरी, 2023 से प्रभाव में आएंगे. आरबीआई ने कहा कि किसी भी इकाई का जोखिम से बचाव के कदम उठाये बिना विदेशी मुद्रा में लेन-देन चिंता का विषय रहा है. यह न केवल व्यक्तिगत इकाई के लिये बल्कि पूरी वित्तीय व्यवस्था के लिये चिंता की बात होती है.
जिन इकाइयों ने विदेशी मुद्रा में लेन-देन के लिये जोखिम से बचाव के उपाए नहीं किये हैं, उन्हें विदेशी विनिमय दरों में अत्यधिक उतार-चढ़ाव के दौरान काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है. इस नुकसान से संबंधित इकाई का बैंकों से लिये गये कर्ज चुकाने की क्षमता प्रभावित होगी और चूक की आशंका बढ़ेगी. इससे पूरी वित्तीय प्रणाली की सेहत पर असर पड़ेगा.
आरबीआई ने प्राथमिक डीलरों को एकल आधार पर उपयोगकर्ताओं को विदेशी मुद्रा बाजार की सभी सुविधाएं प्रदान करने की अनुमति भी दे दी है. रिजर्व बैंक की तरफ से यह कदम मुद्रा जोखिम प्रबंधन के लिए ग्राहकों को व्यापक सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से उठाया गया है. वर्तमान में एकल प्राथमिक डीलरों (SPD) को सीमित उद्देश्यों के लिए विदेशी मुद्रा व्यापार की अनुमति मिली हुई है. देश में फिलहाल सात एसपीडी और 14 बैंक प्राथमिक डीलर हैं.
आरबीआई ने मंगलवार को जारी परिपत्र में कहा, ‘‘एसपीडी को प्रथम श्रेणी अधिकृत डीलरों की तरह उपयोगकर्ताओं को विदेशी विदेशी मुद्रा व्यापार गुरुग्राम मुद्रा बाजार की सभी सुविधाएं प्रदान करने की अनुमति देने का निर्णय लिया गया है. यह अनुमति नियमों और अन्य दिशानिर्देशों के अधीन है.’’
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