Govt Ecommerce Platform: सरकार बना रही 'देसी ऐमजॉन', UPI की तरह हर शख्स तक होगी पहुंच, जानें कैसे करेगा काम

Govt Ecommerce Platform: सरकार बना रही 'देसी ऐमजॉन', UPI की तरह हर शख्स तक होगी पहुंच, जानें कैसे करेगा काम

Govt Ecommerce Platform: सरकार तमाम ई-कॉमर्स कंपनियों को टक्कर देने के लिए अपना एक प्लेटफॉर्म ला रही है। दिल्ली एनसीआर, बेंगलुरु, भोपाल, शिलांग और कोयंबटूर, इन 5 शहरों में इसका पायलट प्रोजेक्ट भी शुरू हो गया है। ओएनडीसी के तहत खरीदार और विक्रेता को एक ही प्लेटफॉर्म पर होने की जरूरत नहीं है। सरकार को उम्मीद है कि यह भी यूपीआई (UPI) जैसी एक क्रांति लाने वाला कदम साबित होगा।

modi government working on open network for digital commerce platform, started pilot project in 5 cities

Govt Ecommerce Platform: सरकार बना रही 'देसी ऐमजॉन', UPI की तरह हर शख्स तक होगी पहुंच, जानें कैसे करेगा काम

इन 5 शहरों में पायलट प्रोजेक्ट शुरू

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ओएनडीसी को आज चुनिंदा उपभोक्ताओं, विक्रेताओं और लॉजिस्टिक प्रदाताओं के लिए शुरू किया गया। अभी दिल्ली एनसीआर, बेंगलुरु, भोपाल, शिलांग और कोयंबटूर में 150 खुदरा विक्रेताओं को जोड़ने का लक्ष्य है। इस पहल का उद्देश्य दो बड़ी बहुराष्ट्रीय ई-कॉमर्स कंपनियों के प्रभुत्व पर अंकुश लगाना है। ये कंपनियां देश के आधे से अधिक ई-कॉमर्स व्यापार को नियंत्रित करती हैं, बाजार तक पहुंच को सीमित करती हैं, कुछ विक्रेताओं को तरजीह देती हैं और आपूर्तिकर्ताओं के मार्जिन को कम करती हैं।

तेजी से चल रहा है काम

उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के अतिरिक्त सचिव अनिल अग्रवाल ने इस बारे में ब्योरा देते हुए कहा कि ओएनडीसी मानकों का एक समूह है, जिसे विक्रेता या लॉजिस्टिक प्रदाता या भुगतान गेटवे स्वैच्छिक रूप से अपना सकते हैं। इस समय 80 फर्में ओएनडीसी के साथ काम कर रही हैं और वे एकीकरण के विभिन्न चरणों में हैं। ये कंपनियां विक्रेता, खरीदार, लॉजिस्टिक या पेमेंट गेटवे के लिए अपने ऐप बना रही ईकामर्स प्लेटफार्म हैं।

कैसे काम करेगा ओएनडीसी?

ओएनडीसी के तहत खरीदार और विक्रेता को एक ही प्लेटफॉर्म पर होने की जरूरत नहीं है। वहीं दूसरे प्लेटफॉर्म्स पर कोई भी बिजनस ट्रांजेक्शन करने के लिए खरीदार और विक्रेता को एक ही प्लेटफॉर्म पर होना जरूरी होता है। इसके तहत बिजनस और ग्राहक अपने मर्जी के कोई भी प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर के ट्रांजेक्शन कर सकेंगे। ऐमजॉन, फ्लिपकार्ट, बिगबास्केट, ग्रोफर्स और जोमैटो जैसे तमाम प्लेटफॉर्म्स को DPIIT और QCI की तरफ से बनाए गए प्लेटफॉर्म पर रजिस्टर करना होगा।

EasyAsk अर्थ खोज समाधान हाइब्रिस ईकामर्स प्लेटफॉर्म में एकीकृत होता है

EasyAsk अर्थ खोज समाधान हाइब्रिस ईकामर्स प्लेटफॉर्म में एकीकृत होता है

ईज़ी एस्क, ऑनलाइन खोज समाधान के एक अग्रणी प्रदाता, ने आज के शुभारंभ की घोषणा की हाइब्रिस के लिए ईज़ीएस्क, एक नया समाधान जो एकीकृत करता है शब्दार्थ खोज सी में EasyAsk नेताइलेक्ट्रॉनिक वाणिज्यहाइब्रिस ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के साथ नेविगेशन और मर्चेंडाइजिंग। हाइब्रिस के लिए ईज़ीएस्क ईकामर्स राजस्व में महत्वपूर्ण वृद्धि को सक्षम करता है, ग्राहक रूपांतरण और व्यापार दक्षता।

की कंपनी है एसएपी 83 के बाद से 2009% की वार्षिक वार्षिक वृद्धि दर के साथ Hybris Software वाणिज्य उद्योग में सबसे तेजी से बढ़ती कंपनी है। हाइब्रिस ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म दुनिया में सबसे अधिक मान्यता प्राप्त कंपनियों में से कुछ, जिनमें से विभिन्न उपभोक्ता ब्रांड, वैश्विक बी 2 बी ब्रांड, दूरसंचार कंपनियां और डिजिटल उत्पाद और सॉफ्टवेयर, गेम, मीडिया और प्रकाशन में सामग्री कंपनियां हैं।

यह घोषणा रिश्ते को विस्तार देती है ईज़ीएस्क साथ एसएपी, व्यापार सॉफ्टवेयर और सॉफ्टवेयर से संबंधित सेवाओं में दुनिया के नेता। EasyAsk 2012 में अपनी स्थापना के बाद से SAP हाना ईकामर्स प्लेटफार्म कार्यक्रम के फोकस में भागीदारों में से एक रहा है।

"हम हाइब्रिस प्लेटफॉर्म के लिए ईज़ीएस्क की उपलब्धता की घोषणा करने और हाइब्रिस समुदाय के भीतर काम करने के लिए बहुत खुश हैं"क्रेग बैसिन, सीईओ, ईज़ीएस्क। “EasyAsk प्राकृतिक भाषा हाइब्रिस साइटों पर एक बेहतर ग्राहक अनुभव प्रदान करेगी, जिससे आगंतुकों को पहले पृष्ठ पर सही उत्पाद खोजने में मदद मिलेगी। «

हाइब्रिस के लिए ईज़ीएस्क सुविधाएँ

Hybri के लिए ईज़ी एस्ककी सेवाओं की पेशकश करेगा खोज, नेविगेशन और व्यापारिक शब्दार्थके आधार पर है प्राकृतिक भाषा, और ग्राहकों को निम्नलिखित क्षमताओं और लाभों को देते हुए हाइब्रिस ई-कॉमर्स साइटों में एकीकृत किया जाएगा:

  • समृद्ध प्राकृतिक भाषा आधारित खोजें जो ग्राहकों को लंबी पूंछ खोजों, वर्णनात्मक ग्रंथों या यहां तक ​​कि स्मार्टफोन और टैबलेट से ध्वनि इनपुट के साथ उत्पादों को तेजी से खोजने की अनुमति देंगी।
  • प्राकृतिक भाषा में "उत्पाद अवधारणाएं" बनाने की क्षमता, जो ग्राहक को उत्पाद सूची में आवश्यक रूप से उपयोग नहीं किए गए शब्दों का उपयोग करके अपने तरीके से खोज करने की अनुमति देगा।
  • "व्युत्पन्न विशेषताओं" के लिए समर्थन जो आपको उत्पाद कैटलॉग के पुनर्गठन की लागत और लागत के बिना मौजूदा उत्पाद जानकारी की नई श्रेणियों और विशेषताओं को बनाने की अनुमति देगा।
  • एक्शन और एक्शनेबल एनालिटिक्स जो कि एररटेलर्स को नए गो-टू-मार्केट अवसरों की पहचान करने और एक क्लिक के साथ ग्राहक अनुभव के आधार पर ईकामर्स प्लेटफार्म बदलाव करने में सक्षम बनाएगा।
  • मर्चेंडाइजिंग स्टडी का आसान उपयोग जो विक्रेताओं को प्रोन्नति का प्रबंधन करने और वास्तविक समय में प्रोन्नति के ईकामर्स प्लेटफार्म लिए क्रॉस-सेल, अप-सेल और अन्य उत्पाद संबंधों की गतिशील रूप से पहचान करने की अनुमति देता है।
  • अंतर्राष्ट्रीयकरण और पूर्ण स्थानीयकरण जो अंग्रेजी, जर्मन, डच, फ्रेंच, इतालवी, स्पेनिश और पुर्तगाली सहित विभिन्न भाषाओं और देशों में साइटों पर खोज, नेविगेशन और माल की एक साथ तैनाती की अनुमति देगा।

हाइब्रिस के लिए ईज़ीएस्क को परिसर या एक सॉफ्टवेयर-ए-ए-सर्विस (सास) पर तैनात किया जा सकता है। यह हाइब्रिस ग्राहकों के लिए अधिकतम लचीलापन प्रदान करता है, जो अपने हाइब्रिस सर्वर के पास साइट पर ईएएसएकेएस समाधान को लागू कर सकते हैं या सास के वातावरण में इजीएस्क को मज़बूती से तैनात कर सकते हैं।

EasyAsk के बारे में

EasyAsk उपयोगकर्ता को नवीन प्राकृतिक भाषा खोज सॉफ़्टवेयर के माध्यम से जानकारी प्राप्त करने का तरीका बदल रहा है। EasyAsk सॉफ़्टवेयर उत्पाद पारंपरिक खोज से बहुत आगे जाते हैं, जिससे उपयोगकर्ता आसानी से प्रश्न पूछ सकते हैं और अत्यधिक संबंधित परिणाम प्राप्त कर सकते हैं। बर्लिंगटन, मैसाचुसेट्स में मुख्यालय, और यूरोप में कार्यालयों के साथ, EasyAsk प्राकृतिक भाषा सूचना विश्लेषण और वितरण सॉफ्टवेयर में एक नेता है। द नॉर्थ फेस, सैमसोनाइट, कोल्डवॉटर क्रीक, लिलियन वर्नोन, अरामार्क, ट्रू वैल्यू, जर्नी, अन्ना शीट्स और हार्बर फ्रेट टूल्स जैसे ग्राहक दैनिक आधार पर अपने व्यवसाय और ई-कॉमर्स संचालन को चलाने के लिए ईज़ीएस्क सॉफ्टवेयर उत्पादों पर भरोसा करते हैं।

आप अधिक जानकारी पा सकते हैं Easyask.com .

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अमेजन-फ्लिपकार्ट को टक्कर देगा रिलायंस, जल्द ला रहा है सबसे बड़ा ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म

reliance soon to launch world biggest ecommerce platform

टेलीकॉम सेक्टर में धमाल मचाने के बाद अब मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ई-कॉमर्स सेक्टर में प्रवेश करने जा रही है। रिलायंस के रिटेल सेक्टर में प्रवेश करने के बाद देश में कार्यरत ई-कॉमर्स कंपनियां जैसे की अमेजन, स्नैपडील, फ्लिपकार्ट, मिंत्रा आदि को कड़ी टक्कर मिलने की उम्मीद है।

इस नए वेंचर के जरिए रिलायंस 3 करोड़ व्यापारियों को अपने साथ जोड़ेगी। हालांकि यह ऑनलाइन-ऑफलाइन वेंचर होगा, जिसके जरिए लोग किसी भी तरह से उत्पाद खरीद सकेंगे।

बनेगा सबसे बड़ा ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म

सोमवार को मेक इन उड़ीसा कॉन्क्लेव-2018 को संबोधित करते ईकामर्स प्लेटफार्म हुए रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा है कि कंपनी दुनिया का सबसे बड़ा ऑनलाइन-ऑफलाइन प्लेटफॉर्म तैयार कर रही है। अंबानी ने कहा कि हम हाइब्रिड, ऑनलाइन-टू-ऑफलाइन नए कॉमर्स प्लेटफॉर्म क्रिएशन में अपनी ग्रोथ देखते हैं।

अंबानी ने इस कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए कहा ‘रिलायंस लोगों की जिंदगी को आसान बनाने और ओडिशा की लघु और मध्यम उद्योगों के लिए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के एक्सेस के लिए काम कर रहा है।’

कंपनी लांच करेगी नई वेबसाइट, ऐप

इसके लिए कंपनी एक नई वेबसाइट और ऐप को भी लांच करेगी। इसके अलावा ऐप को जियो के सभी फीचर व स्मार्टफोन में भी डाला जाएगा। देश भर में जियो की सिम बेचने वाले सेंटर को भी डिलीवरी के लिए प्वाइंट बनाया जाएगा। अभी रिलायंस रिटेल मुंबई, पुणे और बंगलूरू में ट्रायल के तौर पर ई-कॉमर्स के जरिए ग्रोसरी बेच रही है।

इन ई-कॉमर्स कंपनियों को रिलायंस इंडस्ट्रीज वैसी ही पटखनी देने की योजना पर काम कर रही है, जैसे उसने जियो की लॉन्चिंग के बाद टेलिकॉम कंपनियों का किया था।

रिलायंस चीनी कंपनी अलीबाबा के मॉडल के तहत धमाका करने की सोच रहा है। प्लान के मुताबिक रिलायंस उन शहरों में अपने ई-कॉमर्स की सुविधा देगा, जिनकी आबादी 50 हजार से ज्यादा है। इसके लिए शहरों व गांवों में मौजूद छोटे दुकानदारों को भी भागीदार बनाया जाएगा। रिलायंस जियो के रिटेलर्स को भी अपने इसमें हिस्सेदारी देगी।

तीन साल में बनेगा सिरमौर

कंपनी के सूत्रों के अनुसार रिलायंस इस नई कंपनी के लांच होने के तीन साल बाद यानी 2022 तक ई-कॉमर्स मार्केट का भी लीडर बन जाएगा। ई-कॉमर्स वेंचर के जरिए रिलायंस मोबाइल फोन, कंज्यूमर इलेक्ट्रोनिक्स, किराना, फल-सब्जी सहित अन्य खाने-पीने का सामान ईकामर्स प्लेटफार्म बेचेगा।

मिलेगी उसी दिन डिलीवरी

रिलायंस का प्लान है कि वो देश के छोटे से छोटे शहरों में भी सामान का ऑर्डर मिलने के बाद उसी दिन या फिर 24 घंटे के अंदर डिलीवरी करेगा। ऐसा करने से लोग ज्यादा से ज्यादा सामान खरीदेंगे। लोगों को रिलायंस द्वारा मोबाइल फोन और इलेक्ट्रोनिक्स के सामान पर की गई एक्सक्लूसिव डील के बारे में भी पता चलता रहेगा।

टेलीकॉम सेक्टर में धमाल मचाने के बाद अब मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ई-कॉमर्स सेक्टर में प्रवेश करने जा रही है। रिलायंस के रिटेल सेक्टर में प्रवेश करने के बाद देश में कार्यरत ई-कॉमर्स कंपनियां जैसे की अमेजन, स्नैपडील, फ्लिपकार्ट, मिंत्रा आदि को कड़ी टक्कर मिलने की उम्मीद है।

इस नए वेंचर के जरिए रिलायंस 3 करोड़ व्यापारियों को अपने साथ जोड़ेगी। हालांकि यह ऑनलाइन-ऑफलाइन वेंचर होगा, जिसके जरिए लोग किसी भी तरह से उत्पाद खरीद सकेंगे।

बनेगा सबसे बड़ा ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म

सोमवार को मेक इन उड़ीसा कॉन्क्लेव-2018 को संबोधित करते हुए रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा है कि कंपनी दुनिया का सबसे बड़ा ऑनलाइन-ऑफलाइन प्लेटफॉर्म तैयार कर रही है। अंबानी ने कहा कि हम हाइब्रिड, ऑनलाइन-टू-ऑफलाइन नए कॉमर्स प्लेटफॉर्म क्रिएशन में अपनी ग्रोथ देखते हैं।

अंबानी ने इस कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए कहा ‘रिलायंस लोगों की जिंदगी को आसान बनाने और ओडिशा की लघु और मध्यम उद्योगों के लिए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के एक्सेस के लिए काम कर रहा है।’

कंपनी लांच करेगी नई वेबसाइट, ऐप

इसके लिए कंपनी एक नई वेबसाइट और ऐप को भी लांच करेगी। इसके अलावा ऐप को जियो के सभी फीचर व स्मार्टफोन में भी डाला जाएगा। देश भर में जियो की सिम बेचने वाले सेंटर को भी डिलीवरी के लिए प्वाइंट बनाया जाएगा। अभी रिलायंस रिटेल मुंबई, पुणे और बंगलूरू में ट्रायल के तौर पर ई-कॉमर्स के जरिए ग्रोसरी बेच रही है।

इन ई-कॉमर्स कंपनियों को रिलायंस इंडस्ट्रीज वैसी ही पटखनी देने की योजना पर काम कर रही है, जैसे उसने जियो की लॉन्चिंग के बाद टेलिकॉम कंपनियों का किया था।

अलीबाबा के मॉडल पर होगा काम

reliance

रिलायंस चीनी कंपनी अलीबाबा के मॉडल के तहत धमाका करने की सोच रहा है। प्लान के मुताबिक रिलायंस उन शहरों में अपने ई-कॉमर्स की सुविधा देगा, जिनकी आबादी 50 हजार से ज्यादा है। इसके लिए शहरों व गांवों में मौजूद छोटे दुकानदारों को भी भागीदार बनाया जाएगा। रिलायंस जियो के रिटेलर्स को भी अपने इसमें हिस्सेदारी देगी।

तीन साल में बनेगा सिरमौर

कंपनी के सूत्रों के अनुसार रिलायंस इस नई कंपनी के लांच होने के तीन साल बाद यानी 2022 तक ई-कॉमर्स मार्केट का भी लीडर बन जाएगा। ई-कॉमर्स वेंचर के जरिए रिलायंस मोबाइल फोन, कंज्यूमर इलेक्ट्रोनिक्स, किराना, फल-सब्जी सहित अन्य खाने-पीने का सामान बेचेगा।

मिलेगी उसी दिन डिलीवरी

रिलायंस का प्लान है कि वो देश के छोटे से छोटे शहरों में भी सामान का ऑर्डर मिलने के बाद उसी दिन या फिर 24 घंटे के अंदर डिलीवरी करेगा। ऐसा करने से लोग ज्यादा से ज्यादा सामान खरीदेंगे। लोगों को रिलायंस द्वारा मोबाइल फोन और इलेक्ट्रोनिक्स के सामान पर की गई एक्सक्लूसिव डील के बारे में भी पता चलता रहेगा।

व्‍यापारी खुद शुरू करेंगे अपना ई-कॉमर्स जैसा प्‍लेटफॉर्म, किराना दुकानदार ले सकेंगे ऑनलाइन ऑर्डर

लोकल व्‍यापारियों का भी Flipkart, Amazon जैसा प्‍लेटफॉर्म आने वाला है. क्‍योंकि व्यापारियों के संगठन कनफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने जल्द एक राष्ट्रीय ई-कॉमर्स मार्केटप्लस शुरू करने का ऐलान किया है.

Traders राष्ट्रीय ई-कॉमर्स मार्केटप्लस शुरू करने का ऐलान किया है. (Reuters)

लोकल व्‍यापारियों का भी Flipkart, Amazon जैसा प्‍लेटफॉर्म आने वाला है. क्‍योंकि व्यापारियों के संगठन कनफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने जल्द एक राष्ट्रीय ई-कॉमर्स मार्केटप्लस शुरू करने का ऐलान किया है. कोरोना ईकामर्स प्लेटफार्म वायरस (Coronavirus) महामारी के बीच स्थानीय किराना दुकानदारों (Local Shopkeepers) की मदद के लिए यह ई-मार्केटप्लेस शुरू किया जा रहा है.

Cait के महासचिव प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि इस ई-मार्केटप्लेस के जरिये लोकल किराना स्टोर ऑनलाइन ऑर्डर लेकर ग्राहकों को उनके घर पर जरूरी सामान की आपूर्ति कर सकेंगे.

उन्होंने कहा कि इस राष्ट्रीय अभियान में DPIIT कैट के साथ मिलकर Supply chain में काम कर रही ईकामर्स प्लेटफार्म कंपनियों और Startups के प्रयासों के बीच तालमेल स्थापित कर Local किराना दुकानदारों को आनलाइन आर्डर लेने में मदद करेगा.

इस अभियान में DPIIT और कैट के अलावा अन्य प्रवर्तक Startup इंडिया, इन्वेस्ट इंडिया, ऑल इंडिया कंज्यूमर प्रोडक्ट डिस्ट्रिब्यूटर्स फेडरेशन और अवाना कैपिटल हैं.

कैट ने कहा कि इस E commerce पोर्टल पर देश के 7 करोड़ व्यापारियों को जोड़ने का लक्ष्य होगा. इसमें मैन्‍युफैक्‍चर्र, Distributor, Wholeseller और Retail Shopkeepers और ग्राहकों की Supply चेन शामिल होगी.

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इससे पहले Facebook ने हाल में जियो में इक्विटी हिस्सेदारी खरीदी है. इससे ग्राहक और किराने की दुकान के बीच होने वाले लेन-देन से फायदा मिलेगा.
क्रेडिट सुइस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इससे सौदे से Whatsapp को भी फायदा होगा. फेसबुक ने जियो में 9.99 प्रतिशत स्टेक के लिए 43,574 करोड़ रुपये के निवेश का ऐलान किया है.

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