Gold prices trend: बीते एक महीना में 8% चढ़ा, क्या आपको इनवेस्ट करना चाहिए
यह देखा गया है कि मंदी के दौरान गोल्ड का परफॉर्मेंस रिस्की एसेट्स के मुकाबले बेहतर रहता है। इसलिए अगर मंदी का खतरा बढ़ता है और इंटरेस्ट रेट बढ़ने का असर इकोनॉमी पर पड़ता है तो सोने की कीमतों में तेजी जारी रह सकती है
हफ्ते के आखिरी दिन यानी 2 दिसंबर को भी गोल्ड में मजबूती देखने को मिली। दिल्ली सर्राफा बाजार में इसका भाव 473 रुपये मजबूती के साथ 54,195 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया।
Gold Prices Trend: सोने की कीमतों (Gold Price) में इस साल काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला। हालांकि, नवंबर गोल्ड के लिए अच्छा रहा। इससे पहले यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद मार्च में सोने की कीमतों में तेजी आई थी। लेकिन, यह ज्यादा समय तक नहीं रही। दुनियाभर में केंद्रीय बैंकों के इंटरेस्ट रेट बढ़ाने का असर गोल्ड पर पड़ा। इस साल मार्च में अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरेल रिजर्व (Federal Reserve) ने इंटरेस्ट रेट बढ़ाना शुरू किया था। उसके बाद से इंटरेस्ट रेट बढ़ने का सिलसिला जारी है। इस साल की शुरुआत में अमेरिका में इंटरेस्ट रेट 0.25 फीसदी था, जो अब बढ़कर 4 फीसदी हो गया है।
गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंडों से निकले 2.2 अरब डॉलर
पिछले चार दशकों में अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने इंटरेस्ट रेट को कभी एक साल में इतना नहीं बढ़ाया था। इसका असर गोल्ड पर पड़ा है। ग्लोबल गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंडों (ETF) से इस साल आब तक 2.2 अरब डॉलर निकल चुके हैं।
शेयर की कीमतों के ट्रेंड को कैसे समझें?
नियामकों की तमाम कोशिशों के बावजूद शेयर की कीमत पर असर डालने वाली खबरें अब भी शेयर बाजार में देर से पहुंचती हैं.
शेयरों के चुनाव में रुझानों की बड़ी भूमिका होती है. जिसने ये रुझान या ट्रेंड समझ लिए, उन्हें पैसा बनाने में वक्त नहीं लगता है.
चूंकि सूचनाओं के इस सफर में वक्त लगता है जो कुछ घंटे से कई दिन तक का हो सकता है. लिहाजा, शेयर कीमतों में बदलाव भी कम रफ्तार से होता है. कुछ मामलों में तो खबर के बाजार में पहुंचने से पहले ही उसे पूरी तरह मान लिया जाता है. यही कारण है कि कंपनी के प्रॉफिट घटने या उछलने जैसी बड़ी खबरों पर भी मूल्यों पर कुछ खास असर नहीं दिखता है.
2. ये ट्रेंड क्या हैं?
ये ट्रेंड तीन तरह के होते हैं-अपट्रेंड, डाउनट्रेंड और साइडवेज ट्रेंड. साइडवेज ट्रेंड तब देखने में आते हैं जब बाजार में अनिश्चितता होती है. अपट्रेंड तब होता है जब बाजार में धीरे से कोई सकारात्मक खबर आती है. वहीं, बुरी खबर आने पर डाउनट्रेंड देखने को मिलता है. अगर शुरुआत में ही आप ट्रेंड पकड़ लें तो गिरावट और तेजी के बुनियादी कारणों को जाने बगैर पैसा बना सकते हैं.
3. ट्रेंड का पता कैसे लगाएं?
उभरते ट्रेंड का पता लगाने का सबसे अच्छा प्राइस ट्रेंड तरीका है मूल्यों के पिछले पैटर्न का अध्ययन. फिर इनकी तुलना मौजूदा रुझानों से करनी चाहिए. चूंकि अमूमन लोगों की प्रतिक्रिया एक जैसी स्थिति को लेकर समान होती है. इसलिए पहले जनरेट हो चुके प्राइस पैटर्न भविष्य में भी दोहराते हैं. यह तकनीकी विश्लेषण का एक नियम भी है. यह कहता है "ऐतहासिक ट्रेंड खुद को दोहराते हैं."
हिंदी में पर्सनल फाइनेंस और शेयर बाजार के नियमित अपडेट्स के लिए लाइक करें हमारा फेसबुक पेज. इस पेज को लाइक करने के लिए यहां क्लिक करें.
Bitcoin, Ether में हल्का सुधार, अन्य ऑल्टकॉइन्स में मिक्स प्राइस ट्रेंड रहा प्राइस ट्रेंड
निया की दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी ईथर दिन के अंत तक 1.19 प्रतिशत की बढ़त हासिल करने में कामयाब रही।
इंटरनेशनल मार्केट में बिटकॉइन की कीमत में आज हल्की गिरावट
खास बातें
- Tether, Cardano, Solana, और Avalanche की कीमत में आज बढ़त
- Binance Coin, Ripple, Polkadot में नुकसान
- वर्तमान में डॉजकॉइन 5.30 रुपये पर कर रहा है ट्रेड
आज बिटकॉइन ने ट्रेडिंग की शुरुआत 2 प्रतिशत की गिरावट के साथ की थी, लेकिन दिन ढलने तक यह हरे रंग में नजर आने लगा था. खबर लिखे जाने के समय तक बिटकॉइन की कीमत में 0.88% की बढ़त हो चुकी थी. दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी प्राइस ट्रेंड भारतीय एक्सचेंज कॉइनस्विच के अनुसार 20 लाख रुपये पर ट्रेड कर रही है. इंटरनेशनल मार्केट में भी बिटकॉइन की कीमत में हल्की गिरावट दर्ज हुई है. Binance और Coinbase जैसे इंटरनेशनल एक्सचेंज्स पर बिटकॉइन का प्राइस लगभग 2 प्रतिशत से नीचे आया है और यह $23,563 (लगभग 19 लाख रुपये) पर ट्रेड कर रहा है. अपने अब तक के उच्चतम स्तर से बिटकॉइन 66% नीचे ट्रेड कर रहा है.
Ether ने भी बिटकॉइन के कदमों पर चलते हुए गिरावट के साथ दिन शुरू किया. लेकिन शाम होते होते इसकी कीमत भी हरे रंग में रंगी दिखने लगी थी. दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी दिन के अंत तक 1.19 प्रतिशत की बढ़त हासिल करने में कामयाब रही. भारतीय एक्सचेंज कॉइनस्विच कुबेर पर वर्तमान में ईथर की कीमत $1,722 (लगभग 1.35 लाख रुपये) पर ट्रेड कर रही है.
गैजेट्स 360 क्रिप्टोकरेंसी प्राइस ट्रैकर के अनुसार, प्राइस ट्रेंड Tether, Cardano, Solana, और Avalanche की कीमत में आज बढ़त देखने को मिली प्राइस ट्रेंड है. वहीं, Binance Coin, Ripple, Polkadot में आज नुकसान हुआ है. ग्लोबल क्रिप्टोमार्केट कैपिटलाइजेशन वर्तमान में $1.15 ट्रिलियन (लगभग 89,53,100 करोड़ रुपये) पर है. पिछले 24 घंटों में क्रिप्टो मार्केट कैपिटलाइजेशन में 2 प्रतिशत की कमी आई है.
मीम क्रिप्टोकरेंसी की बात करें तो Shiba Inu और Dogecoin में आज अलग अलग ट्रेंड देखने को मिला है. डॉजकॉइन की कीमत आज फिर से नीचे प्राइस ट्रेंड आई है. वर्तमान में डॉजकॉइन 5.30 रुपये पर ट्रेड कर रहा है जो कि पिछले 24 घंटों में 0.94% की गिरावट है. वहीं, शिबा इनु की कीमत 0.000933 रुपये पर ट्रेड कर रही है. पिछले 24 घंटों में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी मीम क्रिप्टोकरेंसी की कीमत में न तो बढ़त हुई है और न ही इसमें कोई नुकसान हुआ है. यह अपनी पिछले दिन की कीमत पर स्थिर बना हुआ है.
इकोनो ट्रेड (इंडिया) लि.
समाप्ति तिमाही 30-09-2022 के लिए, कंपनी द्वारा रिपोर्टेड स्टैंडअलोन बिक्री - Rs 1.29 करोड़ है, 49.65 % ऊपर, अंतिम तिमाही की बिक्री-Rs .87 करोड़ से, और 218.24 % ऊपर पिछले साल की इसी तिमाही की बिक्री - Rs .41 करोड़ से| नवीनतम तिमाही में कंपनी का Rs .71 करोड़ का रिपोर्टेड टैक्स पश्चात शुद्ध मुनाफा है|
Fair Trade Price- फेयर ट्रेड प्राइस
फेयर ट्रेड प्राइस
What Is a प्राइस ट्रेंड Fair Trade Price: फेयर ट्रेड प्राइस वह न्यूनतम मूल्य है, जो विकासशील देशों से आयातित होने वाले चुनिंदा कृषि उत्पादों के लिए भुगतान किया जाता है। फेयर ट्रेड वह मूवमेंट है, जो यह मानता है कि अगर मार्केट प्राइस पर्याप्त गुणवत्ता वाला जीवन उपलब्ध कराने के लिए बेहद कम है तो यह मार्केट प्राइस विकासशील देशों में उत्पादकों को भुगतान करना अनैतिक है। फेयर ट्रेड एक ग्लोबल सोशल मूवमेंट है, जिसका मकसद विकासशील देशों के वर्कर्स और छोटे कारोबारियों के शोषण में कमी लाना है।
कुछ आयातक विकासशील देशों के उत्पादकों को उनके सामान के लिए कम से कम एक मिनिमम प्राइस का भुगतान करना जरूरी मानते हैं। फेयर प्राइस ट्रेंड ट्रेड के तहत विकसित देश जिन सामानों का आयात करते हैं, उन्हें फेयर ट्रेड प्रॉडक्ट्स के तौर पर प्रमोट किया जाता है और उन्हें उच्च कीमत पर बेचा जाता है। ऐसे सामान जिन पर फेयर ट्रेड सर्टिफाइड लेबल रहता है, उन्हें कुछ निश्चित मानदंडों को पूरा करना होता है। इन मानदंडों को सेट करने की जिम्मेदारी विभिन्न संगठनों और समितियों की होती है।
फेयर ट्रेड इन्वेस्टिंग
फेयर ट्रेड इन्वेस्टिंग (Fair Trade Investing) में विशेष रूप से उन कंपनियों या प्रॉजेक्ट्स में निवेश करना शामिल है, जो आर्थिक रूप से विकासशील देशों के उत्पादकरें के साथ फेयर ट्रेड को प्रमोट करते हैं। बेसिक फेयर ट्रेड फिलॉसफी इस बात पर जोर देती हैं कि कच्चे माल के आपूर्तिकर्ताओं को आजीविका के लिए पर्याप्त प्राइस प्राइस ट्रेंड प्राइस ट्रेंड उपलब्ध हो और एडवांस्ड इकनॉमीज और आर्थिक रूप से विकासशील देशों के बीच व्यापार संबंध पर ध्यान दिया जाए।
फेयर ट्रेड सिस्टम के विरोधियों का मानना है कि फेयर ट्रेड सिस्टम के तहत एक प्राइस फ्लोर स्थापित करने का परिणाम ओवर सप्लाई के रूप में सामने आ सकता है। ऐसा होने पर उन उत्पादकों के प्राइस ट्रेंड लिए बाजार कीमतें गिर सकती हैं, जो फेयर ट्रेड बायर्स को बिक्री नहीं कर सकते।
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 741