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आर एस मोर महाविद्यालय , गोविंदपुर के वाणिज्य विभाग एवं इंडियन ओवरसीज बैंक , धनबाद के संयुक्त तत्वावधान में वित्तीय साक्षरता और वित्तीय प्रबंधन विषय पर सेमिनार

21 July 2022

आर एस मोर महाविद्यालय गोविंदपुर के वाणिज्य विभाग एवं इंडियन ओवरसीज बैंक, धनबाद संयुक्त तत्वावधान में आज महाविद्यालय सभागार में वित्तीय साक्षरता एवं वित्तीय प्रबंधन विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता इंडियन ओवरसीज बैंक के रीजनल मैनेजर हरि रमण, इंडियन ओवरसीज बैंक,धनबाद के प्लानिंग एंड डेवेलपमेंट हेड फणीश त्रिपाठी, इंडियन ओवरसीज बैंक के सीनियर मैनेजर मो0 यूसुफ एवं इंडियन ओवरसीज बैंक धनबाद की मैनेजर आरती कुमारी थी।

कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय प्राचार्य डॉ प्रवीण सिंह ने की। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ प्रवीण सिंह ने कहा कि वित्तीय साक्षरता से व्यक्तिगत वित्तीय प्रबंधन, बजट और निवेश सहित विभिन्न वित्तीय कौशल को समझने और लागू करने की क्षमता विकसित होती है। यह ज्ञान व्यक्तियों को आत्मनिर्भर बनने में मदद करता है ताकि वे वित्तीय स्थिरता प्राप्त कर सकें। उन्होंने कहा कि प्रभावी वित्तीय नियोजन, ऋण का उचित प्रबंधन, ब्याज की सही गणना और धन के समय मूल्य को समझना वित्तीय रूप से साक्षर होने की विशेषताएं हैं। वित्तीय साक्षरता के प्राथमिक सिद्धांतों में बजट सीखना, खर्च पर नज़र रखना, प्रभावी ढंग से ऋण का भुगतान करना और सेवानिवृत्ति की सही योजना शामिल है।

इंडियन ओवरसीज बैंक धनबाद के रीजनल मैनेजर हरि रमन ने इस अवसर पर कहा कि फाइनेंसियल लिट्रेसी के ज्ञान की कमी के कारण व्यक्ति धोखाधड़ी करने वाले वित्तीय संस्थानों या ठगों का शिकार हो सकते हैं और उन्हें वित्तीय संकट का सामना करना पड़ सकता है।फाइनेंसियल लिट्रेसी का पर्याप्त ज्ञान न होने से वित्तीय नुकसान देने वाली फ्रॉड वित्तीय संस्थाओं व धोखेबाजों की चाल का शिकार हो सकते है। वित्तीय साक्षरता यह जानने और समझने की शिक्षा और समझ है कि धन राशी आय के तौर पर कैसे बनाई या कमाई जा सकती है, उसे कैसे खर्च किया जा सकता है और कैसे बचाया जा सकता है। साथ ही वित्तीय संसाधनों का उपयोग करके किस तरह से उचित निर्णय लिया जाए।

इंडियन ओवरसीज बैंक के प्लानिंग एवं डेवेलपमेंट हेड फणीश त्रिपाठी ने इस अवसर पर कहा कि वित्तीय साक्षरता सभी प्रकार के आयु समूह, लिंग, वर्ग और सभी स्तर के लोगों के लिए उपयोगी और आवश्यक है। यह छात्रों, माता-पिता, युवाओं, बालिकाओं, महिलाओं, बेरोजगारों, निर्भर व्यक्तियों और विभिन्न प्रकार के रोजगारशुदा व्यक्तियों, वेतनभोगी व्यक्तियों, कर्मचारियों, प्रबंधकों, नियोक्ताओं, व्यवसायियों, उद्यमियों और सभी प्रकार के लोगों के लिए उपयोगी है।

छात्रों के लिए वित्तीय मुद्दों का ज्ञान उन्हें बेहतर वर्तमान और भावी जीवन की योजना बनाने के लिए प्रेरित करेगा। अच्छी तरह से वित्तीय व आर्थिक मामलों की जानकारी रखने वाले व इस विषय में जागरूक छात्र भी अपने माता-पिता का मार्गदर्शन कर सकते हैं।उन्होंने मुद्रा लोन, प्रधानमंत्री बीमा योजना , प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना की जानकारी भी छात्रों को दी। इंडियन ओवरसीज बैंक धनबाद की मैनेजर आरती कुमारी ने इस अवसर पर कहा कि यदि कोई भी व्यक्ति वित्तीय ज्ञान अच्छा रखता है या किसी के पास पर्याप्त वित्तीय साक्षरता है और उनकी आजीविका के स्थाई व नियमित साधन नहीं है वे अच्छी तरह से जीविकोपार्जन करने के लिए उपलब्ध आय से अपना कार्य चलाने में एक हद तक समर्थ होते हैं।

इस अवसर पर मो0 यूसुफ ने कहा कि लोगो में, समाज में बचत करने की आदत डालना और लोगो के अनावश्यक खर्चों को कम करने का ज्ञान देना फाइनेंसियल लिट्रेसी का महत्वपूर्ण हिस्सा है. बहुत बार अच्छी खासी आय वाले भी आर्थिक संकट का शिकार होते देखे गए है. इसकी मुख्य वजह उनकी आदते है. अनावशयक खर्चा करने की आदत से अच्छी खासी कमाई वाले भी महीने के आखरी दिनों में अभावग्रस्त देखे जाते है।

कार्यक्रम का संचालन डॉ कुहेली बनर्जी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ अजित कुमार बर्णवाल के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ राजेन्द्र प्रताप, डॉ रत्ना कुमार, डॉ श्याम किशोर सिंह, डॉ अमित प्रसाद, प्रो0 सुमिरन कुमार रजक, डॉ कुसुम रानी, प्रो0 अविनाश कुमार, डॉ नीना कुमारी, प्रो0 त्रिपुरारी कुमार, प्रो0 प्रकाश कुमार प्रसाद, प्रो0 स्नेहलता तिर्की, प्रो0 तरुण कांति खलखो, डॉ अवनीश मौर्या, प्रो0 सत्य नारायण गोराई,प्रो0 अंजू कुमारी,प्रो0 विनोद कुमार एक्का, प्रो0 स्नेहलता होरो, प्रो0 राकेश ठाकुर, प्रो0 इक़बाल अंसारी, प्रो0 रागिनी शर्मा, प्रो0 पूजा कुमारी,मो0 शारिक, प्रदीप कुमार महतो, सुजीत मंडल, रतन टोप्पो, एतवा टोप्पो एवं अन्य उपस्थित थे।

निष्ठा FLN प्रशिक्षण मॉड्यूल-10 प्रश्नोत्तरी || Nishtha FLN 3.0 Module 10 Answer Key

nishta fln Course

निष्ठा FLN प्रशिक्षण मॉड्यूल -10 प्रश्नोत्तरी(Answer Key)

मॉड्यूल का नाम :- “बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान हेतु विद्यालय नेतृत्व”

Note:- निष्ठा मॉड्यूल – 10 प्रश्नोत्तरी में 70% अंक प्राप्त करने पर ही प्रमाण पत्र प्राप्त वित्तीय साक्षरता संबंधी सभी कोर्सेज होगा | आप जितनी बार प्रश्नोत्तरी हल करेंगे, हर बार कुछ प्रश्न बदल जायेंगे | उनके विकल्पों का क्रम भी बदल जाएगा |

वित्तीय साक्षरता संबंधी सभी कोर्सेज

Professional Development (1)

Closing Ceremony of 7 Day Professional Development Program

*जेसीडी मेमोरियल कॉलेज में आयोजित 7 दिवसीय प्रोफेशनल डिवेलपमेंट प्रोग्राम का समापन समारोह*

सिरसा, 30 सितंबर,2022: जेसीडी विद्यापीठ के जेसीडी मैमोरियल कॉलेज में 22 सितंबर से शिक्षकों व ग़ैरशिक्षकों के लिए आयोजित किए गए 7 दिवसीय प्रोफेशनल डवलपमेंट प्रोग्राम *पेशेवर क्षमता व व्यक्तित्व निखार* का आज समापन सत्र आयोजित किया गया। इस दौरान मुख्य अतिथि के रूप में जेसीडी विद्यापीठ की प्रबंध निदेशक डॉ. शमीम शर्मा शामिल हुईं।कार्यक्रम की अध्यक्षता जेसीडी मैमोरियल कॉलेज की प्राचार्या डॉ. शिखा गोयल ने की। इस फेकल्टी डवलपमेंट कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी सदस्यों को सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया।

इस दौरान मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुई डॉ. शमीम शर्मा ने अपने उत्साहवर्धक सम्बोधन से सभी शिक्षकों और ग़ैरशिक्षकों में ऊर्जा का संचार कर दिया। उन्होंने अपने अनुभव के आधार पर बहुत सी नई चीजें स्टाफ सदस्यों के समक्ष रखीं और उनका प्रयोग शिक्षा में कैसे किया जा सकता है इस पर भी प्रकाश डाला। वहीं उन्होंने व्यक्तित्व विकास में अनुशासन के महत्व का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि पर्सनैलिटी डेवलपमेंट में आचार,व्यवहार और विचार बहुत ही महत्वपूर्ण है । शिक्षकों को सीखने या नई शिक्षण रणनीतियों को बनाने में मदद वित्तीय साक्षरता संबंधी सभी कोर्सेज करने के लिए ऐसे प्रशिक्षण सत्रों की आवश्यकता होती है, ज्ञान के बारे में एक बात सिद्ध है कि यह समय के साथ बदलने वाली चीज़ है। किसी क्षेत्र विशेष में होने वाले शोध व विचार-विमर्श से किसी क्षेत्र के विभिन्न आयामों के नये-नये पहलू हमारे सामने आते हैं। जिसके अनुसार हमें खुद को अपडेट करना होता है।इसी उद्देश्य से इस डवलपमेंट कार्यक्रम का आयोजन किया गया था जो कि सफल रहा।उन्होंने जेसीडी मैमोरियल कॉलेज को इस कार्यक्रम के लिए बधाई दी।

इस प्रोफेशनल डवलपमेंट प्रोग्राम के समापन कार्यक्रम में जेसीडी मैमोरियल कॉलेज की प्राचार्या डॉ. शिखा गोयल ने मुख्य अतिथि समेत सभी का आभार व्यक्त किया और बताया कि 22 सितंबर से इस 7 दिवसीय कार्यक्रम के दौरान अपने विषय के विशेषज्ञों को बुलाकर विभिन्न विषयों जैसे कम्प्यूटर प्रवीणता,व्यक्तित्व निखार,वित्तीय साक्षरता, अभिलेख प्रबंधन, अनौपचारिक पत्र लिखने के ढंग,मनोविज्ञान,शिक्षा में तकनीक का योगदान, मोटिवेशन,दर्शन आदि पर व्याख्यान आयोजित किए गए। इस दौरान बताया गया कि प्रोफेश्नल डवलपमेंट द्वारा शिक्षकों, शोधकर्ताओं और प्रशासकों के रूप में अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह कैसे करें।डॉ. शिखा ने बताया कि वित्तीय साक्षरता संबंधी सभी कोर्सेज इस सात दिवसीय प्रोग्राम में स्टॉफ ने बहुत कुछ नया सीखा और सबकी प्रतिक्रिया बहुत अच्छी रही।

हिमाचल: अब निःशुल्क ऑनलाइन कोचिंग सहित टेलीमेडिसिन परियोजना का लाभ ले सकेंगे कैदी

राज्यपाल ने कारागृह बंदियों के लिए कंडा कारागार से सात नई योजनाओं का किया शुभारंभ

हिमाचल: अब निःशुल्क ऑनलाइन कोचिंग सहित टेलीमेडिसिन परियोजना का लाभ ले सकेंगे कैदी

Update: Friday, December 2, 2022 @ 11:10 AM

शिमला। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर (Governor Rajendra Vishwanath Arlekar) ने गुरुवार को शिमला के समीप आदर्श केन्द्रीय कारागार कंडा में हिमाचल प्रदेश कारागार एवं सुधारात्मक सेवाएं विभाग की सात नई योजनाओं का शुभारंभ किया। इनमें ध्यान कार्यक्रम, टेलीमेडिसिन परियोजना, वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम, अपशिष्ट प्रबंधन, निःशुल्क ऑनलाइन कोचिंग, ऑडियो लाइब्रेरी और कविता संग्रह परवाज का विमोचन शामिल हैं।

यह भी पढ़ें: हिमाचल: सरकारी स्कूल के प्रधानाचार्य पर छात्रों की पिटाई का आरोप, छात्र अस्पताल में भर्ती

इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि कारागृह में बंदियों (Prison) का हुनर देखना उनके लिए भावुक कर देने वाला क्षण है। उन्होंने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, कारागार एवं सुधारात्मक सेवाएं सतवंत अटवाल के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि कारागृह को सुधार गृह में परिवर्तित करने का प्रयास सकारात्मक कदम है। उन्होंने कहा कि बंदियों के भी विचार और भावनाएं होती हैं। उनके यहां आने का कारण दुर्भाग्यपूर्ण है। लेकिन, उनका समय यहीं खत्म नहीं होता। भविष्य के लिए नई उम्मीदें उनका इंतजार कर रही हैं।

Governor Himachal Pradesh

Governor Himachal Pradesh

राज्यपाल ने उनसे भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए सक्षम बनने की अपील की। राज्यपाल ने कहा कि बंदियों के यहां आने का जो भी कारण हो, वे यहां सीखने, प्रयोग करने, प्रशिक्षित होने और सकारात्मक विचारों के साथ आगे बढ़ने के लिए हैं। उन्होंने कहा कि यह सुधार गृह है इसलिए बंदियों के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इन कार्यक्रमों को अपनाने से न केवल उन्हें बल्कि समाज को भी लाभ होगा। इस अवसर पर बंदियों ने आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम (Cultural Programme) प्रस्तुत किया। इससे पूर्व, राज्यपाल ने ट्रान्सेंडैंटल ध्यान कार्यक्रम एवं प्रशिक्षण का शुभारंभ किया, जिसे कि ट्रान्सेंडैंटल ध्यान संस्थान द्वारा क्रियान्वित किया जाएगा।

Governor Himachal Pradesh

Governor Himachal Pradesh

ई-संजीवनी के माध्यम से कारागृहों में शुरू किया टेलीमेडिसिन कार्यक्रम

उन्होंने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा ई-संजीवनी के माध्यम से कारागृहों में टेलीमेडिसिन कार्यक्रम (Tele Medicine Program) भी शुरू किया। इस कार्यक्रम में विशेषज्ञ वित्तीय साक्षरता संबंधी सभी कोर्सेज चिकित्सक बंदियों को ऑनलाइन परामर्श देंगे। उन्होंने भारतीय रिजर्व बैंक के सहयोग से बंदियों के लिए एक वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम भी शुरू किया। वेस्ट वॉरियर्स सोसाइटी धर्मशाला के सहयोग से कारागार विभाग ने अपशिष्ट प्रबंधन के लिए वेस्ट अंडर अरेस्ट प्रोग्राम के तहत धर्मशाला में एक अपशिष्ट प्रबंधन इकाई भी स्थापित की है। प्रदेश के अन्य सभी कारागृहों में भी ऐसी इकाइयां संचालित की जाएंगी। इन इकाइयों में द्विआयामीय रणनीति होगी। बंदियों को कचरे का पृथीकरण करना सिखाया जाएगा और अन्य को अपशिष्ट अपसाइक्लिंग तकनीक जैसे कि हरे कचरे से वर्मीकम्पोस्टिंग और टेट्रा पैक से बोर्ड बनाना सिखाया जाएगा। राज्यपाल ने इस सोसायटी के सहयोग से कारागार में कचरा प्रबंधन प्रणाली की शुरूआत भी की।

स्माइल फाउंडेशन के सहयोग से शुरू की निःशुल्क ऑनलाइन कोचिंग

उन्होंने स्माइल फाउंडेशन के सहयोग से बंदियों के बच्चों के लिए निःशुल्क ऑनलाइन कोचिंग (Free Online Coaching) का शुभारंभ भी किया। विभिन्न कारणों से किताबें न पढ़ सकने वाले बंदियों के लिए एक ऑडियो लाइब्रेरी भी शुरू की गई। इसके उपरान्त, राज्यपाल ने कंडा कारागृह में पौधारोपण भी किया। उन्होंने बंदियों द्वारा निर्मित किए जाने वाले विभिन्न विभिन्न उत्पादों की इकाइयों का निरीक्षण भी किया।

हिमाचल: अब निःशुल्क ऑनलाइन कोचिंग सहित टेलीमेडिसिन परियोजना का लाभ ले सकेंगे कैदी

राज्यपाल ने कारागृह बंदियों के लिए कंडा कारागार से सात नई योजनाओं का किया शुभारंभ

हिमाचल: अब निःशुल्क ऑनलाइन कोचिंग सहित टेलीमेडिसिन परियोजना का लाभ ले सकेंगे कैदी

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शिमला। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर (Governor Rajendra Vishwanath Arlekar) ने गुरुवार को शिमला के समीप आदर्श केन्द्रीय कारागार कंडा में हिमाचल प्रदेश कारागार एवं सुधारात्मक सेवाएं विभाग की सात नई योजनाओं का शुभारंभ किया। इनमें ध्यान कार्यक्रम, टेलीमेडिसिन परियोजना, वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम, अपशिष्ट प्रबंधन, निःशुल्क ऑनलाइन कोचिंग, ऑडियो लाइब्रेरी और कविता संग्रह परवाज का विमोचन शामिल हैं।

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इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि कारागृह में बंदियों (Prison) का हुनर देखना उनके लिए भावुक कर देने वाला क्षण है। उन्होंने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, कारागार एवं सुधारात्मक सेवाएं सतवंत अटवाल के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि कारागृह को सुधार गृह में परिवर्तित करने का प्रयास सकारात्मक कदम है। उन्होंने कहा कि बंदियों के भी विचार और भावनाएं होती हैं। उनके यहां आने का कारण दुर्भाग्यपूर्ण है। लेकिन, उनका समय यहीं खत्म नहीं होता। भविष्य के लिए नई उम्मीदें उनका इंतजार कर रही हैं।

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राज्यपाल ने उनसे भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए सक्षम बनने की अपील की। राज्यपाल ने कहा कि बंदियों के यहां आने का जो भी कारण हो, वे यहां सीखने, प्रयोग करने, प्रशिक्षित होने और सकारात्मक विचारों के साथ आगे वित्तीय साक्षरता संबंधी सभी कोर्सेज बढ़ने के लिए हैं। उन्होंने कहा कि यह सुधार गृह है इसलिए बंदियों के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इन कार्यक्रमों को अपनाने से न केवल उन्हें बल्कि समाज को भी लाभ होगा। इस अवसर पर बंदियों ने आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम (Cultural Programme) प्रस्तुत किया। इससे पूर्व, राज्यपाल ने ट्रान्सेंडैंटल ध्यान कार्यक्रम एवं प्रशिक्षण का शुभारंभ किया, जिसे कि ट्रान्सेंडैंटल ध्यान संस्थान द्वारा क्रियान्वित किया जाएगा।

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ई-संजीवनी के माध्यम से कारागृहों में शुरू किया टेलीमेडिसिन कार्यक्रम

उन्होंने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा ई-संजीवनी के माध्यम से कारागृहों में टेलीमेडिसिन कार्यक्रम (Tele Medicine Program) भी शुरू किया। इस कार्यक्रम में विशेषज्ञ चिकित्सक बंदियों को ऑनलाइन परामर्श देंगे। उन्होंने भारतीय रिजर्व बैंक के सहयोग से बंदियों के लिए एक वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम भी शुरू किया। वेस्ट वॉरियर्स सोसाइटी धर्मशाला के सहयोग से कारागार विभाग ने अपशिष्ट प्रबंधन के लिए वेस्ट अंडर अरेस्ट प्रोग्राम के तहत धर्मशाला में एक अपशिष्ट प्रबंधन इकाई भी स्थापित की वित्तीय साक्षरता संबंधी सभी कोर्सेज है। प्रदेश के अन्य सभी कारागृहों में भी ऐसी इकाइयां संचालित की जाएंगी। इन इकाइयों में द्विआयामीय रणनीति होगी। बंदियों को कचरे का पृथीकरण करना सिखाया जाएगा और अन्य को अपशिष्ट अपसाइक्लिंग तकनीक जैसे कि हरे कचरे से वर्मीकम्पोस्टिंग और टेट्रा पैक से बोर्ड बनाना सिखाया जाएगा। राज्यपाल ने इस सोसायटी के सहयोग से कारागार में कचरा प्रबंधन प्रणाली की शुरूआत भी की।

स्माइल फाउंडेशन के सहयोग से शुरू की निःशुल्क ऑनलाइन कोचिंग

उन्होंने स्माइल फाउंडेशन के सहयोग से बंदियों के बच्चों के लिए निःशुल्क ऑनलाइन कोचिंग (Free Online Coaching) का शुभारंभ भी किया। विभिन्न कारणों से किताबें न पढ़ सकने वाले बंदियों के लिए एक ऑडियो लाइब्रेरी भी शुरू की गई। इसके उपरान्त, वित्तीय साक्षरता संबंधी सभी कोर्सेज राज्यपाल ने कंडा कारागृह में पौधारोपण भी किया। उन्होंने बंदियों द्वारा निर्मित किए जाने वाले विभिन्न विभिन्न उत्पादों की इकाइयों का निरीक्षण भी किया।

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