उन्होंने कहा, ‘गुजराती, तेलुगु, उड़िया, पंजाबी और बांग्ला इन सभी भाषाओं में उच्च और चिकित्सा शिक्षा पाठ्यक्रम शुरू होंगे. वहां से भारत अनुसंधान और विकास में महत्वपूर्ण योगदान देना शुरू करेगा.’
पुन: शस्त्रीकरण योजना का जापानी धर्माध्यक्षों द्वारा विरोध
जापानी काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के न्याय और शांति आयोग ने प्रधान मंत्री फुमियो किशिदा और जापानी रक्षा मंत्री को एक पत्र लिखकर मांग की है कि वे पुन: शस्त्रीकरण योजना तथा रक्षा रणनीतियों को संशोधित करने से सम्बन्धित तीन प्रमुख दस्तावेजों को वापस ले अनुसंधान तकनीकी विश्लेषण और समाचार लें।
जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी
टोकियो, शुक्रवार, 23 दिसम्बर 2022 (रेई, वाटिकन रेडियो): जापानी काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के न्याय और शांति आयोग ने प्रधान मंत्री फुमियो किशिदा और जापानी रक्षा मंत्री को एक पत्र लिखकर मांग की है कि वे पुन: शस्त्रीकरण योजना तथा रक्षा अनुसंधान तकनीकी विश्लेषण और समाचार रणनीतियों को संशोधित करने से सम्बन्धित तीन प्रमुख दस्तावेजों को वापस ले लें।
जापान के काथलिक धर्माध्यक्षों ने जापान सरकार द्वारा अनुमोदित अनुसंधान तकनीकी विश्लेषण और समाचार नई पुनर्शस्त्रीकरण योजना का कड़ा विरोध करते हुए कहा है कि यह असंवैधानिक ही नहीं अपितु ख़तरनाक भी है।
$ 320 अरब की योजना
16 दिसंबर को, प्रधान मंत्री फुमियो किशिदा ने जापान की रक्षा रणनीति में एक विशाल बदलाव का अनावरण किया, जिसके तहत अगले पांच वर्षों में $320 अरब से अधिक यानि सकल घरेलू उत्पाद का 2% सेना को मज़बूत करने के लिये व्यय किया जायेगा।
इस योजना में कथित तौर पर न केवल जापानी निर्मित हथियारों को अपग्रेड करना शामिल होगा, बल्कि कम से कम 400 अमरीकी निर्मित लंबी दूरी की टॉमहॉक क्रूज मिसाइलों को प्राप्त करना भी शामिल होगा।
जापान के मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय सुरक्षा व रक्षा रणनीति सम्बन्धी अन्य दो दस्तावेजों को भी मंजूरी दे दी है। इसमें एक नई नीति की रूपरेखा दी गई है जो जापान को जवाबी हमले शुरू करने की क्षमता प्रदान करेगी, जबकि पिछले मंत्रिमंडलों ने यह रुख अपनाया था कि जापान के पास जवाबी हमला करने की क्षमता नहीं होनी चाहिए।
यूक्रेन पर रूसी आक्रमण का हवाला देते हुए प्रधान मंत्री ने रक्षा निर्माण को मज़बूत करने की दलील दी है तथा क्षेत्रीय खतरों की प्रतिक्रिया के रूप में इस कदम की व्याख्या की है।
असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक फैसला
इस सप्ताह जारी एक बयान में, जापानी धर्माध्यक्षों के अनुसंधान तकनीकी विश्लेषण और समाचार न्याय और शांति आयोग ने जापानी सरकार से तीन दस्तावेजों को वापस लेने का आग्रह किया और नई रक्षा नीति की कड़ी आलोचना की, जो, "विशेष रक्षा की पारंपरिक बुनियादी नीति का बहिष्कार करती है।" जापानी संविधान के अनुच्छेद 9 का हवाला देते हुए कहा गया कि जापान को एक सैन्य महाशक्ति बनाने का फ़ैसला एक पूर्ण बदलाव का प्रतीक है।
संदेश में यह भी कहा गया है कि इस तरह का महत्वपूर्ण निर्णय जापानी संसद को दरकिनार करते हुए सरकारी फरमान द्वारा किया गया था, इसलिये यह अलोकतांत्रिक भी है।
न्याय और शांति आयोग सैन्य उद्देश्यों के लिए नागरिक बंदरगाहों और हवाई अड्डों का उपयोग करने और नए हथियार विकसित करने के लिए वैज्ञानिक और तकनीकी अनुसंधान को निर्देशित करने के बारे में भी चिंतित है। नानसेई द्वीपों पर लंबी दूरी की मिसाइलों की तैनाती तथा द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान की तरह ही ओकिनावा में स्थानीय निवासियों के बलिदान के जोखिम का भी बयान में उल्लेख किया गया।
झारखंड अनुसंधान निकाय प्राकृतिक हाथी गलियारों में परिवर्तन का अध्ययन करेगा
रांची: झारखंड में बढ़ते मानव-पशु संघर्ष को समझने के उद्देश्य से, जनजातीय अनुसंधान संस्थान (टीआरआई) जंगली हाथियों के प्राकृतिक गलियारों में बदलाव के पैटर्न और इसके लिए जिम्मेदार कारकों पर एक अध्ययन करेगा.
टीआरआई अधिकारियों के अनुसार, अध्ययन किया जा रहा है क्योंकि मानव-पशु संघर्ष के कारण आदिवासी समुदाय सबसे अधिक प्रभावित है, जिसने पिछले एक वर्ष के दौरान 55 से अधिक लोगों की जान ले अनुसंधान तकनीकी विश्लेषण और समाचार ली है।
"औद्योगीकरण, शहरीकरण और कृषि गतिविधियों में प्रगति के कारण, हाथियों के प्राकृतिक गलियारे का अतिक्रमण किया गया है, जिसके कारण उन्हें अपना मूल मार्ग बदलना पड़ा जिससे मानव-पशु संघर्ष हुआ। इसलिए, झारखंड में हाथियों के प्राकृतिक गलियारे में बदलाव के पैटर्न का अध्ययन करने के लिए एक अध्ययन किया जा रहा है ताकि सुधारात्मक उपाय किए जा सकें, "टीआरआई के निदेशक रणेंद्र कुमार ने कहा।
मातृभाषा में शिक्षा मिलने से छात्रों की वैचारिक, तार्किक और विश्लेषण क्षमता बढ़ेगी: अमित शाह
गुजरात के मेहसाणा ज़िले में हुए एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि तकनीकी, चिकित्सा और उच्च शिक्षा पाठ्यक्रमों के विषयों को क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद कराने पर काम चल रहा है. उन्होंने कहा कि अगले 25 साल में राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत को नंबर एक देश बना देगी. The post मातृभाषा में शिक्षा मिलने से छात्रों की वैचारिक, तार्किक और विश्लेषण क्षमता बढ़ेगी: अमित शाह appeared first on The Wire - Hindi.
गुजरात के मेहसाणा ज़िले में हुए एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि तकनीकी, चिकित्सा और उच्च शिक्षा पाठ्यक्रमों के विषयों को क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद कराने पर काम चल रहा है. उन्होंने कहा कि अगले 25 साल में अनुसंधान तकनीकी विश्लेषण और समाचार राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत को नंबर एक देश बना देगी.अनुसंधान तकनीकी विश्लेषण और समाचार
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह. (फोटो: पीटीआई)
महेसाणा: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत किसी छात्र को उसकी मातृभाषा में शिक्षा प्रदान करने से उसकी वैचारिक, तार्किक, विश्लेषण और शोध क्षमता बढ़ेगी.
गुजरात के मेहसाणा जिले के विजपुर में सेठ जीसी हाई स्कूल की 95वीं वर्षगांठ पर सभा को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि तकनीकी, चिकित्सा और उच्च शिक्षा पाठ्यक्रमों के विषयों को क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद कराने पर काम चल अनुसंधान तकनीकी विश्लेषण और समाचार रहा है. उन्होंने कहा कि अगले 25 साल में राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत को नंबर एक देश बना देगी.
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Hon'ble Union Minister
Dr. Mansukh Mandaviya
Ministry of Health & Family Welfare & Chemicals & Fertilizers, Government of India
Hon'ble Minister of State
Dr. Bharati Pravin Pawar
Ministry of Health & Family Welfare, Government of India
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महाराज सयाजीराव गायकवाड़ विश्वविद्यालय , वड़ोदरा के MAHARAJA SAYAJIRAO UNIVERSITY OF BARODA पुरातत्व और प्राचीन इतिहास विभाग, कला संकाय और धातुकर्म और सामग्री इंजीनियरिंग विभाग, तकनीकी संकाय (Department of Archaeology and Ancient History, The Faculty of Arts & Department of Metallurgical and Materials Engineering, Faculty of Tech. & Engg ) ने भारत सरकार Government of India. के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) के विज्ञान और विरासत अनुसंधान पहल (SHRI) कार्यक्रम के तहत “पुरातत्व-धातुकर्म गुजरात प्राचीन से मध्ययुगीन काल के सिक्कों की जांच” “(Archaeo-Metallurgy Investigations of the Coins of Gujarat )नामक एक प्रतिष्ठित शोध परियोजना हासिल की है।
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