Opinion: अब नहीं कोई डर, रुपया हुआ डिजिटल

दफ्तर में यूं ही चर्चा चल रही थी कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने आज से आम लोगों के लिए भी ई-रुपी लॉन्च किया है. ई-रुपी का नाम सुनते ही एक सहयोगी ने सवालों की झड़ी लगा दी. पूछा, ये ई-रुपी क्या होता है? इसको इस्तेमाल कैसे कर सकेंगे? ये हमें मिलेगा कैसे? ये मौजूदा डिजिटल ट्रांजेक्शन एप या यूपीआई वगैरह से कैसे अलग होगा? क्या इसकी वैल्यू हमारी मौजूदा फिजिकल करेंसी के बराबर ही होगी या कम होगी? और ऐसे ही कितने सवाल उसके ही नहीं बल्कि कई और साथियों के मन में उमड़-घुमड़ रहे हैं.

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने आम लोगों के लिए डिजिटल करेंसी का पहला पायलट प्रोजेक्ट चार शहरों में शुरू किया है. ये शहर हैं- दिल्ली, मुंबई, बैंगलुरू और भुवनेश्वर. पायलट प्रोजेक्ट पर लोगों के रेस्पॉन्स को देखने के बाद आरबीआई पहले चरण में देश के 9 दूसरे शहरों में इसकी शुरूआत करेगी. हालांकि, इसी साल 1 नवंबर से थोक सेगमेंट में डिजिटल रुपये का पायलट प्रोजेक्ट शुरु किया गया था. दुनिया 9 देशों में डिजिटल करेंसी सिस्टम पहले से चल रहा है, जबकि 15 देश अभी इसका ट्रायल कर रहे हैं. आज से भारत भी इन देशों की कतार में शामिल हो गया है. तो आप भी हो जाइए तैयार, अगर आप दिल्ली, मुंबई, बैंगलुरु या भुवनेश्वर में रहते हैं तो आप भी इस सुविधा से खुद को आज ही जोड़ सकते हैं.

आरबीआई की ओर से जारी सीबीडीसी सबसे अलग

डिजिटल करेंसी का कॉन्सेप्ट कोई नया नहीं है, बिटक्वाइन और क्रिप्टोकरेंसी जैसी डिजिटल करेंसी बाजार में पहले से ही उपलब्ध हैं लेकिन ये सभी बाजार के उतार-चढ़ाव से प्रभावित होते रहते हैं और आरबीआई से वैधता प्राप्त नहीं है. इनकी वैल्यू घटती-बढ़ती रहती है. लेकिन आरबीआई की ओर से जारी सीबीडीसी इन सबसे अलग है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसी साल अपने बजट भाषण में डिजिटल करेंसी शुरु करने का ऐलान किया था.

डिजिटल रुपया या ई-रुपी क्या है?

डिजिटल रुपया या ई-रुपी नकद का इलेक्ट्रॉनिक रूप है. जिस तरह हम कैश का लेन-देन करते हैं ठीक उसी तरह डिजिटल करेंसी यानी ई-रुपी का भी लेन-देन कर सकेंगे. भारतीय रिजर्व बैंक ने सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) के रूप में एक डिजिटल टोकन जारी किया है जो कानूनी रूप से मुद्रा माना जाएगा और ये उसी मूल्य पर जारी किया गया है जिस पर मौजूदा करेंसी नोट और सिक्के जारी किये जाते हैं. पायलट प्रोजेक्ट में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक की और ये ई-रुपी जारी किया गया है.

कैसे काम करेगा डिजिटल रुपया?

सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी ब्लॉकचेन जैसी तकनीक पर आधारित करेंसी है. ये करेंसी बैंकों की ओर से दिए जाने वाले एप्स में स्टोर होगी. आम आदमी इन एप्स, मोबाइल फोन या अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में स्टोर डिजिटल वॉलेट के जरिए ई-रुपी का लेन-देन कर सकेंगे. इसे मोबाइल फोन के जरिए एक-दूसरे को ट्रांसफर भी किया जा सकेगा और खुदरा खरीदारी में इस्तेमाल किया जा सकेगा. आपसी लेन-देन के लिए मोबाइल फोन या दूसरे उपकरणों की जरूरत होगी लेकिन व्यक्ति से मर्चेंट (P2M) के लिए क्यूआर कोड की जरूरत होगी. आप मर्चेंट यानी व्यापारियों के यहां लगे क्यूआर कोड को स्कैन कर उन्हें पेमेंट दे सकते हैं. हालांकि, डिजिटल मुद्रा पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा. भारतीय रिजर्व बैंक इस डिजिटल करेंसी को रेग्युलेट करेगा.

ई-रुपी के फायदे क्या हैं?

सीए-सीएस मणिंद्र तिवारी बताते हैं कि ई-रुपी क्रांतिकारी बदलाव लाएगा और देश की अर्थव्यवस्था को एक नई गति देगा. इससे बैंकों को पैसों के ट्रांसफर में आसानी होगी. साथ ही करेंसी नोट या सिक्कों का छपाई का खर्च ना सिर्फ कम होगा बल्कि इससे सरकारी खर्च में कई गुणा तक बचत होगी. डिजिटल रुपया जाली नोटों के सर्कुलेशन पर रोकथाम में कारगर साबित होगा. टैक्स कलेक्शन में आसानी के साथ काले धन और मनी लॉन्ड्रिंग जैसी गैरकानूनी गतिविधियों पर लगाम भी लगेगी.

डिजिटल रुपी में करेंसी नोट वाले सभी फीचर्स मौजूद

एक्सपर्ट मणिंद्र तिवारी कहते हैं- “इससे आपको जेब में कैश रखने की जरूरत नहीं होगी. ई-रुपी करेंसी नोट्स की तरह ही भरोसेमंद, सुरक्षित और सेटलमेंट जैसी खूबियों से लैस है. डिजिटल रुपी में करेंसी नोट वाले सभी फीचर्स मौजूद हैं. आम उपभोक्ता डिजिटल रुपी को फिजिकल करेंसी में भी बदल सकते हैं. इसके मूल्य में कोई बदलाव नहीं आएगा.” ई-रुपी के कुछ और फायदे गिनवाते हुए सीए मणिंद्र तिवारी कहते हैं- “डिजिटल करेंसी के लिए किसी भी व्यक्ति को बैंक खाते की अनिवार्यता नहीं है. ये ऑफलाइन भी ऑपरेट किया जा सकता है. डिजिटल करेंसी पर सरकार के लिए नजर रखना आसान होगा. इसकी ट्रैकिंग की जा सकती है, जो करेंसी नोट्स के साथ नहीं किया आप क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग कैसे कर सकते हैं जा सकता है. इसके अलावा कब और कितना डिजिटल रुपया जारी करना है ये भी रिजर्व बैंक के हाथ में होगा.”

ई-रुपी डिजिटल पेमेंट से अलग है?

इस सवाल के जवाब में सीए मणिंद्र तिवारी कहते हैं कि डिजिटल पेमेंट्स चेक की तरह हमारे निर्देश पर हमारे अकाउंट में जमा रकम से वास्तविक रकम का पेमेंट या ट्रांजेक्शन करता है. डिजिटल ट्रांजेक्शन की प्रक्रिया पूरी करने में कई संस्थाएं या लोग शामिल होते हैं. इसे आसान शब्दों में यूं समझिए कि अगर आपने क्रेडिट कार्ड से कोई पेमेंट किया है तो वो तत्काल सामने वाले के अकाउंट में नहीं पहुंचता है. इसमें अधिकतम 48 घंटे तक का समय लगता है. पेमेंट तत्काल नहीं होता है, उसकी एक प्रक्रिया है. लेकिन डिजिटल करेंसी या ई-रुपी में हमारे पेमेंट करते ही वो सामने वाले को मिल जाता है. यही इसकी सबसे बड़ी खासियत है. यानी डिजिटल ट्रांजेक्शन किसी बैंक खाते में जमा रकम का ट्रांसफर है जबकि सीबीडीसी करेंसी नोट्स का ट्रांसफर है.

RBI Digital Rupee : जानें क्या है E-Rupee, कैसा करता है काम, क्रिप्टो से क्यों है अलग

अब (RBI Digital Rupee) डिजिटल करेंसी के आ जाने के बाद भारतीय यूजर्स सुरक्षित तरीके से लेनदेन कर पाएंगे। वहीं डिजिटल करेंसी के पायलट प्रोजेक्ट के तहत सरकार इसकी पूरी तरह जांच परख करेगी जिसके बाद इसमें और भी बदलाव देखने को मिलेंगे। जानें डिटेल्स.

क्या है e-rupee

नया ई-रुपया कैश की जगह एक इलेक्ट्रॉनिक करेंसी है। जिसे मुख्य रूप से खुदरा लेनदेन के लिए उपयोग किया जाने वाला है। जिसमें निजी क्षेत्र, गैर-वित्तीय उपभोक्ताओं और व्यवसायों द्वारा उपयोग शामिल है। खास बात यह है कि यह काफी सुरक्षित है। क्योंकि यह केंद्रीय बैंक की डायरेक्ट लाइबेलिटी है। इसे लेकर आरबीआई ने कहा है कि “सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) केंद्रीय बैंक द्वारा डिजिटल रूप में जारी की गई कानूनी करेंसी है। यह फिएट करेंसी के समान है और फिएट करेंसी से एक्सचेंज की जा सकती है लेकिन इसका रूप अलग है।”

कैसा काम करेगा Retail digital rupee

e₹-R डिजिटल टोकन के रूप यूजर्स को सुविधा देगा। जिसे कानूनी मान्यता प्राप्त है। आप इसको नोट और सिक्कों के समान उपयोग कर पाएंगे। आरबीआई के अनुसार, यूजर्स योजना के तहत बैंकों द्वारा पेश किए गए और मोबाइल फोन और उपकरणों पर मौजूद डिजिटल वॉलेट के माध्यम से भी ई-आर के साथ लेनदेन कर सकेंगे। यह लेन-देन पर्सन टू पर्सन (P2P) और पर्सन टू मर्चेंट (P2M) दोनों में किया जाएगा। इसके साथ ही व्यापारी स्थानों पर क्यूआर कोड (QR Code) का उपयोग करके भी इसे इस्तेमाल किया जा सकता है। खास बात यह भी है की “आप क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग कैसे कर सकते हैं ई-आर को नकदी की तरह सुरक्षित माना जाएगा। नकदी के मामले में यह कोई ब्याज अर्जित नहीं करेगा और इसे अन्य प्रकार के धन में परिवर्तित किया जा सकता है।

e-rupee के फायदे

भारत में सीबीडीसी को जारी करने के कई फायदे होंगे। जिसमें प्रमुख तौर पर कैश मैनेजमेंट में लगने वाली लागत को कम करना शामिल है। इसके साथ ही वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना, भुगतान प्रणाली में लचीलापन, दक्षता और नयापन लाना शामिल है। इसके अलावा, e-rupee से जनता को कोई बड़ा जोखिम भी नहीं होगा।

क्रिप्टो से क्यों है अलग

RBI की डिजिटल रुपी या सीबीडीसी ब्लाकचेन और दूसरी अन्य तकनीकों का उपयोग करके बनाई गई है। जहां डिजिटल रुपी लीगल टेंडर का डिजिटल रूप है, जो केंद्रीय बैंक के कंट्रोल में होगा। इस करेंसी को आरबीआई द्वारा विनियमित किया जाएगा। इसके उलट क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी है, जो किसी केंद्रीय बैंक के नियंत्रण में नहीं आती है। यहां तक कि क्रिप्टोकरेंसी किसी सरकारी संस्था द्वारा भी नहीं चलाई जाती है। वहीं, इसकी वैल्यू भी डिमांड पर निर्भर करती है।

क्या है डिजिटल रुपया, कैसे खर्च कर पाएंगे, किस ऐप से होगा इस्तेमाल? जानें मन में उठ रहे इन सभी सवालों के जवाब

क्या है डिजिटल रुपया, कैसे खर्च कर पाएंगे, किस ऐप से होगा इस्तेमाल? जानें मन में उठ रहे इन सभी सवालों के जवाब

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 1 दिसबंर से रिटेल डिजिटल रुपये (Digital Rupee) की शुरुआत कर दी है। इसे अभी पायलेट प्रोजेक्ट की तहत लॉन्च किया गया है। डिजिटल रुपये को लेकर मन में कई सवाल उठ रहे होगे जिसका जवाब हम आपको देने जा रहे है लेकिन इससे पहले हमें ये जानना होगा की आखिर में डिजिटल रुपया है क्या? कोई इसे UPI पेमेंट समझ रहा है, तो कोई इसकी तुलना क्रिप्टोकरेंसी से कर रहा है। हालांकि, डिजिटल रुपया इन दोनों से काफी अलग है, लेकिन इन सब में कई समानताएं भी हैं, जो लोगों को कन्फ्यूज कर रही हैं। आपको बता दे, डिजिटल रुपया आपके कैश का ही डिजिटल अवतार है। यानी जिस तरह से आप आज कैश पैसे को खर्च कर रहे हैं, उसी तरह से आप डिजिटल रुपये को भी खर्च कर सकेंगे।

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कितना अलग है UPI या डिजिटल पेमेंट से?

UPI पेमेंट का चलन इन दिनों काफी बढ़ गया है। ये सभी ट्रांजेक्शन डिजिटल रूप में भले ही होते हो, लेकिन इसका सारा लेन देन कैश में होता है। यानी आपने जो पेमेंट किया उसका तरीका तो सिर्फ डिजिटल था, लेकिन इसका भुगतान कैश में ही हुआ है। यकीन अगर RBI इस पायलेट प्रोजेक्ट को पूरी आप क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग कैसे कर सकते हैं तरह से लागू करता है, तो ये आने वाले वक्त में कैश को लेन देन को रिप्लेस कर सकेगा।

इसे कैसे खरीद सकते हैं?

डिजिटल रुपया को आप खरीद नहीं सकते हैं। ये कोई चीज या क्रिप्टोकरेंसी नहीं है, जिसे आप खरीद सकते हैं। ये अपने आप में एक करेंसी का रूप है बस इसका सिर्फ स्वरूप में बदलाव हुआ है। आसान भाषा में कहें तो क्या आप रुपये को खरीदते हैं? नहीं ना, तो फिर आप डिजिटल रुपये को कैसे खरीद सकते हैं।ये एक टोकन बेस्ड डिजिटल रुपया होगा, जो आपके डिजिटल वॉलेट में आएगा। आप इसे आसानी से ट्रांसफर भी कर सकेंगे, लेकिन इसे खरीद नहीं सकते हैं। बैंक आपको डिजिटल वॉलेट प्रोवाइड करेंगे और आप इससे ही अपने पैसे खर्च कर सकेंगे साथ ही भविष्य में इन्हें किसी दूसरी करेंसी से एक्सचेंज जरूर किया जा सकेगा।

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कहां से मिलेगा Digital Rupee टोकन?

e₹-R डिजिटल टोकन के रूप में होगा। इसका इस्तेमाल पर्सन-टू-पर्सन और पर्सन-टू-मर्चेंट दोनों तरह के ट्रांजेक्शन में किया जा सकेगा। इसे जनरल पर्पज और होलसेल दो रूप में यूज किया जा सकेगा। इसके लिए RBI ने फिलहाल 8 बैंकों को इस पायलेट प्रोजेक्ट के लिए सलेक्ट किया है। 8 बैंकों में शुरुआत में सिर्फ 4 बैंक ही इस पायलेट प्रोजेक्ट का हिस्सा होंगे। आरबीआई की लिस्ट में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, ICICI बैंक, Yes बैंक और IDFC First बैंक पहले चार प्लेयर हैं। वहीं बैंक ऑफ बड़ोदा, कोटक महिंद्रा बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और HDFC बैंक बाद में इस प्रोजेक्ट में शामिल होंगे। साथ ही इसकी शुरुआत अभी सिर्फ चार शहरों- नई दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में किया जा रहा है।

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क्या है डिजिटल रुपया का फायदा?

Digital Rupee के कई फायदे हैं। सेंट्रल बैंक डिजिटल रुपया की मदद से फिजिकल कैश मैनेजमेंट के ऑपरेशन कॉस्ट कम करना चाहता है। दरअसल, अभी नोट हो या फिर सिक्के इनकी छपाई और इनको मैनेज में भी बैंक का काफी पैसा खर्च होता है।दूसरी तरफ इन नोटों और सिक्कों को बैंक तक पहुंचाना भी एक खर्चीला प्रॉसेस होता है। इस पूरी प्रक्रिया में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को मोटी रकम खर्च करनी होती है।डिजिटल रुपये के साथ इस तरह की कोई समस्या नहीं होगी। ना तो बैंक को इसे छापना होगा, ना ही इनके फटने कटने का डर होगा।वहीं इसकी मदद से ऑनलाइन फ्रॉड्स को भी कम किया जा सकेगा। गलत ट्रांजेक्शन की वजह से होने वाले नुकसान को भी रोकने में मदद मिलेगी।

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E-Rupee Launched: पहले ही दिन हुआ 1.71 करोड़ का लेन-देन, इन चार बैंकों में मिलेगी ई-रुपये की सुविधा

नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने देश के चार आप क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग कैसे कर सकते हैं प्रमुख शहरों दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में डिजिटल रुपये के पायलट परीक्षण की शुरुआत कर दी है। प्रोजेक्ट के लिए चुने गए बैंकों की ओर से 1.71 करोड़ रुपये डिजिटल रुपये की मांग की गई। जिसमें चार बैंकों SBI, ICICI Bank, Yas Bank और IDFC First Bank के साथ ग्राहक और व्यापारी इसका लेनदेन कर सकेंगे। बैंकों की मांग के अनुरुप केंद्रीय बैंक ने डिजिटल रुपया जारी कर दिया।

आरबीआई की ओर से जारी किया गया ई-रुपया डिजिटल टोकन पर आधारित है। इसे केंद्रीय बैंक ही जारी कर सकता है और इसका मूल्य बैंक नोटों के समान ही है। इसे पेपर नोटों की तरह 2000, 500, 200,100, 50 और अन्य वैध डोनोमिनेशन में जारी किया गया है।

यह डिजिटल रुपया एक खास ई वॉलेट में सुरक्षित रहेगा, जिन्हें प्रोजेक्ट के लिए चुने गए बैंकों की ओर से उपलब्ध कराया जाएगा। यह वॉलेट बैंक की ओर से जारी किया जाएगा पर इसकी निगरानी का जिम्मा पूरी तरह से देश के केंद्रीय बैंक आरबीआई के पास होगा। ई-रुपये का इस्तेमाल पी2पी (पर्सन टू पर्सन) और पी2एम (पर्सन टू मर्चेंट) दोनों तरीके से किया जा सकेगा। इसके इस्तेमाल से यूपीआई और दूसरे ऑनलाइन माध्यम से होने वाले भुगतानों में लगने वाले अनावश्यक चार्जेज से भी छुटकारा मिलेगा।

डिजिटल रुपये के बारे में पे-मी के सीईओ और संस्थापक महेश शुक्ला का मानना है कि डिजिटल रुपया, पारंपरिक मुद्रा का एक डिजिटल संस्करण है जिसका लोग रोजाना उपयोग करते हैं। इस तरीके से आप पैसे को डिजिटल फॉर्मेट में सुरक्षित रख आप क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग कैसे कर सकते हैं सकते हैं। यह ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है, जिसमें रुपये को एक क्रिप्टोकरेंसी की तरह माना जाता है, जो मुद्रा रखरखाव की लागत को कम करता है।

इससे आपको सुरक्षा तो मिलेगी ही साथ ही सरकार को भविष्य में कम नोट बनाने की जरुरत पड़ेगी क्योंकि डिजिटल रुपये को नकद मुद्रा का ही रूप माना जाएगा। वहीं, फिनवे एफएससी के सीईओ रचित चावला के अनुसार, ई-रुपया, डिजिटल टोकन का एक नया रूप है।

यह क्रिप्टोकरेंसी से अलग है क्योंकि इसे पारंपरिक मुद्रा वाले मूल्यवर्ग में ही जारी किया जाता है और क्रिप्टोकरेंसी का अपना मूल्यवर्ग है। उदाहरण के लिए, बिटकॉइन इकाई में 0.001 मूल्यवर्ग हो सकता है जबकि डिजिटल मुद्रा 1, 5, 10, 20, 50 और भौतिक मुद्रा के लिए उपलब्ध अन्य मूल्यवर्ग में उपलब्ध होगी। डिजिटल रुपये का उपयोग करके आप किसी भी व्यक्ति को पैसे भेज सकते हैं या किसी भी बिल का भुगतान कर सकते हैं।

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