निखिल के करीबी ने बताया 'रितिक के पास समय नहीं है। वो एक समय में एक ही फिल्म करते हैं। आशुतोष गोवारिकर की मोहनजो दारो के बाद वो विजय कृष्ण आचार्य की अगली फिल्म में जुट जाएंगे। ऐसे में नए प्रोजेक्ट को लेकर वो कुछ नहीं कह सकते।' खबर कैसी . «Nai Dunia, अक्टूबर 15»

डॉ. मनमोहन सिंह का जीवन परिचय एवं उनसे जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी

इस अध्याय के माध्यम से हम जानेंगे डॉ. मनमोहन सिंह (Dr Manmohan Singh) से जुड़े महत्वपूर्ण एवं रोचक तथ्य जैसे उनकी व्यक्तिगत जानकारी, शिक्षा तथा करियर, उपलब्धि तथा सम्मानित पुरस्कार और भी अन्य जानकारियाँ। इस विषय में दिए गए डॉ. मनमोहन सिंह से जुड़े हेडगे कोष क्या है? हेडगे कोष क्या है? महत्वपूर्ण तथ्यों को एकत्रित किया गया है जिसे पढ़कर आपको प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने में मदद मिलेगी। Dr Manmohan Singh Biography and Interesting Facts in Hindi.

नामडॉ. मनमोहन सिंह (Dr Manmohan Singh)
जन्म की तारीख26 सितंबर 1932
जन्म स्थानगाह, पंजाब
माता व पिता हेडगे कोष क्या है? का नामअमृत कौर / गुरुमुख सिंह
उपलब्धि2004 - भारत के प्रथम सिख प्रधानमंत्री
पेशा / देशपुरुष / राजनीतिज्ञ / भारत

डॉ. मनमोहन सिंह (Dr Manmohan Singh)

डॉ. मनमोहन सिंह भारत के 13वें प्रधानमंत्री के रूप में प्रसिद्ध है। वह अपनी नम्रता, कर्मठता और कार्य के प्रति प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते हैं। वे एक अर्थशास्त्री भी हैं। डॉ. मनमोहन सिंह ने 2004 के आम चुनाव के बाद 22 मई 2004 को प्रधानमंत्री के रूप के शपथ ली और 22 मई 2009 को दूसरी बार भारत के प्रधानमंत्री बने। मनमोहन सिंह की पत्नी का नाम श्रीमती गुरशरण कौर है। मनमोहन सिंह और अमृत कौर की 3 बेटियां हैं।

डॉ मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितम्बर 1932 को अविभाजित भारत के पंजाब प्रान्त के एक गाँव में हुआ था। इनके माता का नाम अमृत कौर और पिता का नाम गुरुमुख सिंह था| इन्होने अपनी माता का बचपन में ही खो दिया था माता की मृतु के बाद इनका लालन पालन इनकी दादी ने किया था जो एक गरीब परिवार से थी|

डॉ. मनमोहन सिंह की शिक्षा

भारत देश के विभाजन के बाद मनमोहन सिंह का परिवार भारत चला आया। यहाँ पंजाब विश्वविद्यालय से उन्होंने स्नातक तथा स्नातकोत्तर स्तर की पढ़ाई पूरी की। बाद में वे कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय गये। जहाँ से उन्होंने पीएच. डी. की डिग्री हासिल की। तत्पश्चात् उन्होंने आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से डी. फिल. भी किया। उनकी पुस्तक इंडियाज़ एक्सपोर्ट ट्रेंड्स एंड प्रोस्पेक्ट्स फॉर सेल्फ सस्टेंड ग्रोथ भारत की अन्तर्मुखी व्यापार नीति की पहली हेडगे कोष क्या है? और सटीक आलोचना मानी जाती है।

डॉ. मनमोहन सिंह ने पंजाब विश्वविद्यालय और दिल्ली स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स में शिक्षक के रूप में कार्य किया जो उनकी अकादमिक श्रेष्ठता दिखाता है। इसी बीच में कुछ वर्षों के लिए उन्होंने यूएनसीटीएडी सचिवालय के लिए भी कार्य किया। इसी के आधार पर उन्हें 1987 और 1990 में जिनेवा में दक्षिण आयोग के महासचिव के रूप में नियुक्ति किया गया। डॉ॰ सिंह ने अर्थशास्त्र के अध्यापक के तौर पर काफी ख्याति अर्जित की। वे पंजाब विश्वविद्यालय और बाद में प्रतिष्ठित दिल्ली स्कूल ऑफ इकनामिक्स में प्राध्यापक रहे। इसी बीच वे संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन सचिवालय में सलाहकार भी रहे और 1987 तथा 1990 में जेनेवा में साउथ कमीशन में सचिव भी रहे। प्रधानमन्त्री के आर्थिक सलाहकार और हेडगे कोष क्या है? विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष भी रहे हैं। साल 1971 में मनमोहन सिंह भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार के तौर पर नियुक्त किये गये थे। साल 1972 में वित्‍त मंत्रालय में मुख्‍य आर्थिक सलाहकार के रूप में उनकी नियुक्ति हुई। नमोहन सिंह 16 सितम्बर 1982 से 14 जनवरी 1985 तक भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर पद पर भी कार्यरत रहे है। 1985 में राजीव गांधी के शासन काल में मनमोहन सिंह को भारतीय योजना आयोग का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था इसके अतिरिक्त उन्होंने अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और एशियाई विकास बैंक के लिये भी काफी महत्वपूर्ण काम किया है। साल 2002 में मनमोहन सिंह को सर्वश्रेष्ठ सांसद के सम्मान से सम्मानित किया गया था। मनमोहन सिंह ने 22 मई 2004 को हेडगे कोष क्या है? देश के पहले सिख प्रधानमंत्री के रूप के शपथ ली। जिसके बाद वे भारत के पहले ऐसे व्यक्ति बन गए जिन्होंमे भारत सरकार के लिए गवर्नर और प्रधानमंत्री के पद पर कार्य किया। लोकसभा चुनाव 2009 में मिली जीत के बाद मनमोहन सिंह जवाहरलाल नेहरू के बाद भारत के पहले ऐसे प्रधानमंत्री बने, जिनको 5 सालों का कार्यकाल सफलता पूर्वक पूरा करने के बाद लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने का अवसर मिला। इसके अतिरिक्त उन्होंने अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और एशियाई विकास बैंक के लिये हेडगे कोष क्या है? भी काफी महत्वपूर्ण काम किया है।

"दारो" शब्दकोश में हिन्दी का अर्थ

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निम्नलिखित ग्रंथसूची चयनों में दारो का उपयोग पता करें। दारो aसे संबंधित किताबें और हिन्दी साहित्य में उसके उपयोग का संदर्भ प्रदान करने वाले उनके संक्षिप्त सार।.

७७. पढमें अधम्मजुचं, पडिलोमें अल उवन्नासं । दुरुवणियं तु चउत्यं, अधम्मजुत्तरिम नलदामो४ ।।दारो। ७८० पडिलोसे जह अभओ, हेडगे कोष क्या है? पउजोयं हरह अवहिओं संतो : गोविदवायगो वि य, जह परपवखं नियति 1. ७९.

महाराज को आते देख दारोग़ा चैतन्य हो गयाऔर सामने हाथ जोड़करबोला, ''लाचार महाराज को तक़लीफ़ देनी पड़ी।'' महाराज : क्या मामला है? दारो : वह ऐयार मर गया िजसे दीवान रामानन्द जी ने .

ईगाम:--प-दारो-णीहाँ ज़हीर 'देहलवी' निकाले-बल्ले-इकबाल पायस:: हुए गुल८नियाजे८खिलाफ्त3 लहु में लाल हुए यह यया कमाल हुए और क्या ज़वाल' हुए कमाल को भी न पहुचे थे जो ज़वाल हुए जो इत्र .

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खबरी ने कहा 'रितिक अपनी फिल्म 'मोहनजो दारो" की शूटिंग भुज में कर रहे थे। उन्होंने शिल्पा को प्रॉमिस किया था कि वो इस इवेंट में शामिल होंगे। मगर हेडगे कोष क्या है? शूटिंग के कारण वो सही समय पर एअरपोर्ट पर नहीं पहुंच सके।' ताजा खबर : फिर चला शाहरुख-काजोल का . «Nai Dunia, नवंबर 15»

सीबीआइ ने मदन मित्र की हेडगे कोष क्या है? जमानत खारिज करने के लिए अदालत में एक याचिका दायर की थी। उसी पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने यह निर्देश दिया। न्यायमूर्ति जयमाल्य बागची और मंीर दारो सेको की खंडपीठ ने सीबीआइ की याचिका पर सुनवाई के दौरान मित्र को . «Jansatta, नवंबर 15»

आईपीएस प्रधान ने KBC में जीते 25 लाख शहीद परिवारों को दिए

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झारखंड कैडर के 1988 बैच के आईपीएस व एनडीआरएफ के डीजी एसएन प्रधान ने कौन बनेगा करोड़पति में 25 लाख जीता। इसके बाद उन्होंने पूरी राशि शहीदों के आश्रितों के लिए बने कोष भारत के वीर में जमा करा दी। एसएन प्रधान ने बताया कि बतौर एनडीआरएफ डीजी उन्हें कार्यक्रम में शामिल होने का मौका मिला था, लेकिन कार्यक्रम में शामिल होने के पहले ही उन्होंने शर्त रखी थी कि जीत की रकम शहीदों के आश्रितों के खाते में जाएगी। प्रधान ने कहा कि पूरा श्रेय एनडीआरएफ की पूरी टीम को जाता है।

30 अगस्त को कौन बनेगा करोड़पति में एनडीआरएफ डीजी व उनकी टीम के कार्यक्रम में शामिल होने का एपिसोड प्रसारित किया जाएगा। एसएन प्रधान झारखंड में एडीजी अभियान समेत कई महत्वपूर्ण पोस्ट पर रह हेडगे कोष क्या है? चुके हैं। अमिताभ बच्चन ने भी एनडीआरएफ के डीजी समेत अन्य कर्मियों की तस्वीर अपने ट्विटर पर जारी किया है।

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