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शेयर मार्केट इन्वेस्टमेंट के लिए बेस्ट बुक्स – Best Books for Share Market Investment Plan in Hindi

हेलो दोस्तों कहहते है किसी काम के को शुरू करने से पहले उसका ज्ञान होना बहुत जरूरी होता है। ज्ञान के लिए किसी की सलाह या उसके bare पढ़ना पड़ता है । तो ज्ञान अर्जित करने के लिए किताबो से अच्छा क्या हो सकता है । बहुत से लोगो शेयर मार्केट में शुरू करना चाहते है पर कहाँ से कैसे शुरू करे यह नहीं जानते । तो आइए आज हम आपके लिए इस आर्टिकल में Share market ke gyan के लिए Best Books for Share Market Investment Plan in Hindi लेकर आए है । आप निचे Best Books for Share Market Investment Plan in Hindi check कर सकते है ।

Stock Market Mein Safal Hone ke 41 Tips (hindi)

  • यह पुस्तक प्रसिद्ध रिसर्च एनालिस्ट महेश चंद कौशिक की नवीनतम पुस्तक है। वर्तमान में शेयर बाजार में पुरानी तकनीकें लगभग निष्प्रभावी हो चुकी है, क्योंकि डिस्काउंट ब्रोकर हाउसेज के आ जाने से व बाजार में ऑप्शन व डिलीवरी में रिटेल निवेशकों की भागीदारी के बढ़ जाने से अब वह समय चला गया, जब निवेशक किसी शेयर की बड़ी मात्रा को खरीदकर 15 से 20 प्रतिशत रिटर्न के लिए होल्ड करते थे।
  • वर्तमान समय में ज्यादातर रिटेल निवेशक या तो इंट्रा-डे में ट्रेड करके एक ही दिन में मुनाफा समेट रहे हैं या ऑप्शन में सात दिवस की छोटी एक्सपायरी की कॉल पुट में पैसा बना रहे हैं या स्विंग ट्रेड में छोटे प्रॉफिट ले रहे हैं, जिससे मार्केट में छोटे दायरे में उतार-चढ़ाव ज्यादा होते हैं। वर्तमान पुस्तक इसी संदर्भ में लिखी गई है।
  • यह अपने प्रकार की अकेली ऐसी पुस्तक है, जिसमें इंट्रा-डे, ऑप्शन ट्रेड व स्विंग ट्रेड को शामिल करके लेखक ने गागर में सागर समेटने का सार्थक प्रयास किया है। इस पुस्तक में लेखक ने अपने 15 वर्ष के ट्रेडिंग अनुभव को 41 टिप्स के माध्यम से साझा किया है, जो शेयर बाजार में प्रॉफिट कमाने के इच्छुक छोटे व बड़े सभी निवेशकों के लिए आवश्यक है।

Warren Buffett: Lessons for Investors and Managers

  • दुनिया उन्हें उनके नाम वॉरेन बफे से कम और शेयर बाजार के जादूगर, बर्कशायर के बादशाह, वॉल स्ट्रीट के इंट्राडे और इंट्रा डे ट्रेडिंग में क्या अंतर है? सबसे बड़े खिलाड़ी और ऑरकेल ऑफ ओमाहा के नाम से ज्यादा जानती है।
  • एक सामान्य कद-काठी और हास्य भाव रखनेवाले इस व्यक्ति को देखकर कहीं से नहीं लगता कि वह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा और अमेरिका का दूसरा सर्वाधिक अमीर आदमी हो सकता है।
  • अप्रैल 2007 में ‘फोर्ब्स’ पत्रिका की जारी अरबपतियों की सूची में उन्हें माइक्रोसॉफ्ट के बिल गेट्स और मेक्सिको के कार्लोस स्किम हेल के बाद तीसरा स्थान मिला।
  • दुनिया भर के लोगों की भलाई के लिए बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन को दिए 30 अरब डॉलर, यानी अपनी सकल संपदा का लगभग 83 फीसदी दान में देकर वॉरेन ने महादान का एक नया इतिहास रच दिया।

Stock Market Mein Nivesh Aur Trading Ke Secrets- Hindi

क्यों जरूरी है?
क्योंकि यह आपको सिखाएगी—
• कारोबारी घंटों के दौरान पूरा समय कंप्यूटर के सामने बैठे बिना पैसे कमाना।
• मल्टीबैगर की शुरुआती चरण में पहचान करना और अधिकतम लाभ हासिल करना।
• शेयर एक्सचेंज में ट्रेड न होनेवाले गैर-सूचीबद्ध शेयरों से निपटना।
• नैकेड ऑप्शंस विक्रय द्वारा अपनी सफलता के अवसरों में वृद्धि करना।
• आई.पी.ओ. के बारे में जानकारी और आई.पी.ओ. फंडिंग किस तरह प्राप्त की जाए।
• भौतिक शेयरों को डीमैटीरियलाइज (अमूर्तिकरण) करना।
• BEES संबंधी महत्त्वपूर्ण जानकारी और क्या इसमें निवेश करना सुरक्षित विकल्प है?
• स्टॉक स्क्रीन का परिचय।
• स्टॉक मार्केट को प्रभावित करनेवाले घोटालों के विभिन्न प्रकार।
• एच.यू.एफ. के निर्माण द्वारा आय कर बचाना।
इस पुस्तक में स्टॉक मार्केट और शेयर ट्रेडिंग से जुड़े सभी विषयों को बहुत व्यावहारिक व सहज स्वीकार्य सलाहों से भरपूर हर बिंदु को आसान भाषा में समझाया गया है। इंट्राडे और इंट्रा डे ट्रेडिंग में क्या अंतर है? आपको सिर्फ यह पुस्तक चाहिए और आप शेयर बाजार में अपना भाग्य बना सकते हैं; और वह भी बहुत आराम से।

Share Market Se Kaise Banaye Mene 10 Crore – Hindi

किताबें पढ़ना एक तरह का आनंद है। किताबें पढ़ना एक अच्छी आदत है। हम आपके लिए कई तरह की किताबें लेकर आए हैं। आप इस किताब को जहां चाहें ले जा सकते हैं। इसे ले जाना आसान है। यह आपके और आपके प्रियजनों के लिए एक आदर्श उपहार हो सकता है। देखभाल के निर्देश आग से दूर रहें।

INVESTONOMY Ameer Banane ki Stock Market Guide – Pranjal Kamra (Author)

  • क्या आप दुनियाभर के अरबपतियों से प्रेरित हैं लेकिन वैसा बनना आपको पहुँच से दूर का सपना लगता है?
  • शेयर बाजार के उतार-चढ़ावों और इसमें निवेश के नतीजों को लेकर आप उलझन में हैं?
  • क्या सच में आपको शेयर बाजार में निवेश से डर लगता है?
  • अगर हाँ, तो आपको इन्वेस्टोनॉमी जरूर पढ़नी चाहिए!
  • इन्वेस्टोनॉमी न केवल आज के जमाने के निवेश के सिद्धांतों को बताती है बल्कि शेयर बाजार के कुछ रहस्यों से भी परदा उठाती है।

Intraday Trading Ki Pehchan – Guide To Day Trading Hindi

यह जतिंदर गाला और अंकित गाला की लिखी इंट्राडे ट्रेडिंग की पहचान बुक हमे Intraday Trading के लिए पूर्ण त्यार करने के लिए निचे दिए सभा पॉइंट्स सिखाती है ।

  • प्रतिभूति बाजार का परिचय
  • डे ट्रेडिंग का परिचय
  • एक सफल दिन व्यापारी के गुण
  • क्या डे ट्रेडिंग मुझे सूट करेगी?
  • दिमागी खेल
  • परहेज करने योग्य बातें
  • स्टॉक चयन के लिए रणनीतियाँ
  • वैश्विक बाजार सहसंबंध
  • जानकारी का स्रोत
  • तकनीकी विश्लेषण

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सतिनाम सिंह पेशे से कंप्यूटर इंजीनियर है। Web developer काम के साथ इनको पढ़ने , लिखने का शौक ह। इसी ज्ञान को दुसरो के साथ बाटने के लिए ही मैंने इस हिंदी शोभा ब्लॉग की स्थापना की है। देश के लोगो को सरल भाषा में पूरी जानकारी देना ही मेरा लक्ष्य है।
धन्यवाद। About Us

Stocks to Buy Today: इंट्राडे में बेहतरीन कमाई के लिए तैयार है 20 शेयरों की लिस्ट, मिल सकता है दमदार रिटर्न

Stocks to Buy Today: इंट्राडे में कमाई के लिए अगर आप कुछ ऐसे शेयरों की तलाश कर रहे हैं, जहां पैसा लगाया जा सकता है तो आज की लिस्ट तैयार है.

Stocks to Buy Today: शेयर बाजार से आप रोज पैसा बना सकते हैं. बाजार में इंट्राडे ट्रेडिंग होती है, जहां एक ही दिन शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं. रोज की तरह आज भी कुछ शेयर खबरों या किसी नए सेंटीमेंट के चलते जोरदार तेजी दिखा सकते हैं. अगर आप कुछ ऐसे ही स्टॉक की तलाश में हैं तो पैसे तैयार रखें, आज की लिस्ट तैयार है. इस लिस्ट KIRLOSKAR FERROUS, CHOLA INVEST, IEX 240, NIIT LTD, MHRIL, इंट्राडे और इंट्रा डे ट्रेडिंग में क्या अंतर है? ABBOTT INDIA, SOBHA, JAYSHREE TEA, INDIAN BANK, GRINDWELL NORTON,Brigade Ent, Havells India, Canfin Homes, Axis Bank, NTPC, Asian Paints, Dr Reddy, Divis Lab और Hindustan Zinc शामिल हैं. आज किन स्‍टॉक में आपको पैसा लगाना चाहिए, इसके लिए जी बिजनेस (Zee Business) अपने Traders Diary प्रोग्राम में निवेशकों के लिए एक्शन वाले शेयर्स लेकर आया है. जी बिजनेस की रिसर्च टीम के आशीष और कुशल ने आपके लिए ऐसे ही कुछ स्टॉक्स चुनें हैं.

यहां देखें वीडियो

आशीष चतुर्वेदी के शेयर

CASH KA STOCK
BUY KIRLOSKAR FERROUS TARGET 260 SL 235

FUTURES
BUY CHOLA INVEST TARGET 715 SL 683

OPTIONS
BUY IEX 240 CE TARGET 17 SL 8.50

TECHNO
BUY NIIT LTD TARGET 720 SL 600

FUNDA
BUY MHRIL TARGET 310 DURATION 6 MONTHS

IPL STOCK
BUY ABBOTT INDIA TARGET 24000 DRATION 12 MONTHS

STOCK IN NEWS
BUY SOBHA TARGET 730 SL 700

BUY JAYSHREE TEA TARGET 125 SL 113

BUY INDIAN BANK TARGET 175 SL 166

BUY GRINDWELL NORTON 1995 SL 1875

MY BEST
BUY ABBOTT INDIA TARGET 24000 DRATION 12 MONTHS

कुशल गुप्ता के शेयर

Cash
Brigade Ent - 520, sl - 498

FTR
Havells India - Buy - 1300, sl - 1240

OPTN
Canfin Homes 670 [email protected] - Buy - 50, SL - 20

Techno
Axis Bank - Buy - 815, SL - 782

Funda
NTPC - Buy - 200, Duration - 1 year

IPL
Asian Paints - Buy - 3800, Duration - 1 year

News
Dr Reddy - Buy - 4440, sl - 4280

Mychoice
Divis Lab - Buy - 4600, sl - 4430
Hindustan Zinc - Buy - 347, sl - 332

ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है

ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है

ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते है आपके मन मे भी ये सवाल जरूर आया होगा की आखिर स्टॉक मार्केट में कितने प्रकार की ट्रेडिंग होती है. मै आपको बता दू स्टॉक मार्केट में चार प्रकार की ट्रेडिंग होती है intraday trading. Swing trading. Short term trading. Long term trading. ये चार प्रकार की ट्रेडिंग कैसे की जाती है ये हम आज आपको बतायेंगे तो चलीये जानते है.शेअर मार्केट मे ट्रेडिंग कैसे होती है. और कितने प्रकार की होती है.

Intraday trading – इंट्राडे ट्रेडिंग

जब मार्केट 9 बजकर 15 मिनिट में शुरू होता है. और 3 बजकर 30 मिनिट मे बंद होता है. उस टाइम के अंदर आप जो कोई भी शेअर्स खरीद लेते है. या बेज देते है उसे इंट्राडे ट्रेडिंग कहा जाता है. यांनी की आपको इसी टाइम के अंदर शेअर्स खरीद लेना है और बेच देना है. अब हम जानते है इंट्राडे ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान

इंट्राडे ट्रेडिंग के फायदे

इंट्राडे ट्रेडिंग मे आपको शेअर बाजार के उतार-चढाव के बारे मे पता होना बेहात जरुरी है. इंट्राडे ट्रेडिंग से अगर अच्छे स्टॉक का शेअर्स आप खरीद लेते है तो आप 8000 रुपये per day से भी ज्यादा कमा सकते हो

इंट्राडे ट्रेडिंग के नुकसान

इंट्राडे ट्रेडिंग मे जितना फायदा होता है उतना ही रिक्स और loss होता है,इस ट्रेडिंग मे आपको कोई ये नही बताएगा आखिर इंट्राडे मे ट्रेडिंग कैसे करे अगर आपके पास knowledge नही है और आप नये हो तो मेरी ये राय रहेगी आपके लिए ये ट्रेडिंग नही है. क्युकी नये लोग सबसे पहले यही ट्रेडिंग करना शुरू करते है और बाद में उनको असफलता मिलती है अब हम जानते है स्विंग ट्रेडिंग

Swing trading स्विंग ट्रेडिंग

इस ट्रेडिंग मे कोई भी स्टॉक खरीदकर कुछ दिनो मे या कुछ हप्तो के अंदर बेच सकते हो इसे स्विंग ट्रेडिंग कहा जाता है .इसे ट्रेडिंग किंग भी कहा जाता है. ये ट्रेडिंग इंट्राडे की तरह नही है लेकिन इसमे आप अपना टारगेट प्राईस लगाकर loss और profit को आसानी से झेल सकते हो

स्विंग ट्रेडिंग के फायदे

अगर इंट्राडे और इंट्रा डे ट्रेडिंग में क्या अंतर है? आप नये हो तो सुरुवात मे आपको यही ट्रेडिंग करनी चाहिए तभी आप अच्छा स्टॉक select कर पाओगे और शेअर मार्केट के उतार और चढाव के बारे मे आसानी से और बारीकीसे जान पाओगे

स्विंग ट्रेडिंग के नुकसान

स्विंग ट्रेडिंग मे अगर आप अच्छे स्टॉक को नही चुन, पाओगे तो आपको लॉस ही होगा क्यूकी इस ट्रेडिंग मे अच्छे स्टॉक को चूनना बेहद जरूरी है ताकी आप ज्यादा दिन तक अच्छे से स्टॉक मे invest कर सके

Short term trading शॉर्ट ट्रम ट्रेडिंग

जब कोई ट्रेडिंग कुछ हप्तो से लेकर कूछ महिनो मे complete होता है.उसे शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग कहा जाता है शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग मे एक active trade investment हे आपको इसमे अपने स्टॉक पर नजर रखनी पडती है तभी आप अपने स्टॉक को minimise कर सकते है

शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग के फायदे

वैसे तो इस ट्रेडिंग मे आप अगर पुरी research के साथ stock स्सिलेक्ट करोगे तो आप अपने लॉस ओर प्रॉफिट को मिनिमाईज कर पावोगे

शॉर्ट ट्रेडिंग के नुकसान

अगर आप किसीके कहने पर या YouTube पर video देखकर किसी स्टॉक को खरीद लेते हो तो आपको पक्का लॉस ही होगा क्युकी आप जिस किसी भी स्टॉक को सिलेक्ट करते हो ऊस कंपनी के fundamentals के बारे मे हि आपको पता नही होता तभी आप लॉस मे जाते हो

Long term trading लॉंग टर्म ट्रेडिंग

अब आप इसके नाम से ही जान गये होंग आखिर लॉंग टर्म ट्रेडिंग क्या है. इस ट्रेडिंग में आप जो कोई स्टॉक एक साल या उससे ज्यादा के लिये खरीद लेते हो उसे लॉंग टर्म ट्रेडिंग कहा जाता है

लॉंग टर्म ट्रेडिंग के नुकसान और फायदे

इसमे अगर आप कोई अच्छा स्टॉक सिलेक्ट नही कर पाओगे तो आपको नुकसान होगा .और रिसर्च करके अगर सिलेक्ट करोगे तो आपको बहुत ज्यादा प्रॉफिट भी हो सकता है

दोस्तो आशा करता हु आपको यह आर्टिकल देहत पसंद आया होगा अगर आपका कोई सवाल है तो आप हमे नीचे comment मे जरूर बताये और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा शेयर करे

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FAQ

ट्रेडिंग कितने प्रकार कि होती है

ट्रेडिंग चार प्रकार की होती है
1, Intraday trading
2, Swing trading
3, Short term trading
4, Long term trading

नमस्ते दोस्तों आपका स्वागत है आपको इस website पर शेयर मार्केट, म्यूचल फंड, शेयर प्राइस टारगेट, इन्वेस्टमेंट,से जुड़ी सभी प्रकार की जानकारी रिसर्च इंट्राडे और इंट्रा डे ट्रेडिंग में क्या अंतर है? के साथ हिंदी मे दी जाएगी

स्कैनिंग ब्रेकआउट स्ट्रैटेजीज 3 - गैप अप और ओपनिंग रेंज

गैप और ओपनिंग रेंज ब्रेकआउट
ओपनिंग रेंज ब्रेकआउट न केवल एक प्रसिद्ध बल्कि विशेष रूप से 5-10-15 मिनट के चार्ट का उपयोग करनेवाले इंट्रा डे ट्रेडर्स के लिए सिद्ध किए हुए परिणामों वाली एक बढ़िया स्ट्रैटेजी है। इसे गैप ओपनिंग के साथ कम्बाइन करें और अपनी सफलता की संभावना बढ़ाएँ।

ट्रेडिंग की यह स्टाइल आपके लिए बढ़िया है यदि-

· आप एंट्री और एग्जिट के निर्णय जल्दी ले सकते हैं।

· फ्यूचर्स ट्रेड करते हैं और

· अपने अकाउंट के रिस्क मैनेजमेंट के लिए बहुत दृढ़ हैं।

इसके उपयोग को समझने के लिए, इस स्कैन को निफ्टी 200 और निफ्टी फ्यूचर्स पर चलाएं और परिणाम देखें।

जैसा कि आप देख सकते हैं स्टॉक्स और फ्यूचर्स में परिणाम अलग अलग हो सकते हैं। यह कई कारणों से हो सकता है जैसे-

· स्टॉक्स की तुलना में फ्यूचर्स पर प्रीमियम/डिस्काउंट

· शुरुआती ट्रेडों में सप्लाई/डिमांड का मेल ना खाना

सबसे अच्छा चयन वो स्टॉक्स हैं जो दोनों सूचियों में हों। हालांकि, ट्रेडिंग का निर्णय लेने से पहले स्कैन परिणामों के चार्ट का विश्लेषण करना हमेशा बेहतर होता है।

ओपनिंग रेंज को परिभाषित करना

यह मार्केट खुलने के बाद दिए गए समय का उच्च और निम्न है। सामान्य तौर से यह समय ट्रेडिंग के पहले 15 मिनट होते हैं। कुछ ट्रेडर्स 30 मीन या 1 घंटे जैसे बड़े टाइम फ्रेम इंट्राडे और इंट्रा डे ट्रेडिंग में क्या अंतर है? का भी उपयोग करते हैं।

गैप अप/ डाउन को परिभाषित करना

ज़ी चार्ट दिखाता है कि आज सुबह प्राइज़ में 0.55 की कमी आई है, यानी कल की क्लोजिंग प्राइज़ (340.50) और आज सुबह की ओपनिंग प्राइज़ (339.55) के बीच का अंतर।

एक आवश्यक कंडीशन जो पूरी हुई वह है कि आज का ओपन कल के लो (340.00) से कम है।

गैप अप ओपनिंग के मामले में, आज का ओपन कल के उच्च से अधिक होना चाहिए।

ब्रेकआउट

नीचे दिए गए ZEEL चार्ट में, गैप डाउन के बाद, ओपनिंग रेंज ब्रेकआउट (ओआरबी) सुबह 9.45 बजे हुआ है। 336.10 के नीचे स्टॉक ब्रेकडाउन होता है, 334.90 के निचले स्तर पर जाता है और 335.80 पर बंद होता है। वॉल्यूम अच्छी है।

आप इस ट्रेड को अगले कैंडल ओपन में 335.65 पर लेंगे, जो दिन के उच्च स्तर पर,341.40 पर बंद होगा। व्यापार पर जोखिम 5.75 रुपये है। मैं अपने जोखिम को 1x से 1.5x के लाभ को लक्षित करता हूं जो होगा 6-9 रुपये की सीमा में। एक बार जब मैं 1x लक्ष्य को पार कर जाता है, तो मैं अपने लाभ को सख्त स्टॉप्स से बचाऊंगा। यदि आप एक से अधिक ट्रेड कर रहे हैं, तो आप आंशिक लाभ बुक कर सकते हैं और बड़े लाभ के लिए धीरे धीरे स्टॉप पर जा सकते हैं। मैं वह फैसला आप पर छोड़ता हूं।

10.20 बजे 326.10 का निचला स्तर बाहर निकलने के लिए एक अच्छा स्तर था। सुबह 11.55 बजे एक और अवसर था जब निम्न 325.25 था जो उच्च वॉल्यूम पर एक दोजी दर्शा रहा है, यह दोनों संभावित रिवर्सल के सिग्नल हो सकते हैं।

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महत्वपूर्ण:

जब आप इन ब्रेकआउट ट्रेड्स लेते हैं तो आपको कुछ बिंदुओं को ध्यान में रखना चाहिए।

· ब्रेकआउट ट्रेड हमेशा गैप की दिशा में लें। यदि स्टॉक ने गैप अप किया है,तो एक लंबा ट्रेड करें,जब स्टॉक ओपनिंग रेंज के ऊपर ब्रेक करता है।

· यदि स्टॉक गैप डाउन करता है, छोटा ट्रेड लें, जब स्टॉक ओपनिंग रेंज के नीचे ब्रेक करता है।

· यदि आप एक काउंटर ट्रेंड ट्रेड लेना पसंद करते हैं, तो आप एक पुलबैक के दौरान गलत जगह पहुँचने का रिस्क उठाते हैं। इस रिस्क को कम करने के लिए, पोजीशन में प्रवेश करने से पहले, ब्रेकआउट को पहले होने और फिर विफल होने की पुष्टि करने की प्रतीक्षा करें।हम इस पर भविष्य के आर्टिकल में विस्तार से चर्चा करेंगे।

· ब्रेकआउट के समय पर पर्याप्त मात्रा होना सुनिश्चित करें। हालांकि, बहुत बड़ी मात्रा खत्म होने का सिग्नल देती है और कम मात्रा बेपरवाही का और दोनों को ही पसंद नहीं किए जाते।

· दिन में इंट्राडे और इंट्रा डे ट्रेडिंग में क्या अंतर है? जितना जल्दी ब्रेक आउट हो उतना बेहतर। यदि ब्रेक आउट दिन में बाद में हो तो सावधानी से चलें क्योंकि मात्रा कम हो सकती है।

· इस स्ट्रैटेजी को ट्रेड करते समय हमेशा एक कड़े स्टॉप लॉस ऑर्डर का उपयोग करें। आदर्श स्टॉप लॉस एक बुलिश ब्रेकआउट के लिए ओपनिंग रेंज का कम से कम न्यूनतम या एक बियरिश ब्रेकआउट के लिए ओपनिंग रेंज का उच्च होना चाहिए। कुछ व्यापारी बेहतर मार्जिन रखने के लिए स्टॉप लॉस में अंतराल या अंतर के मध्य बिंदु को ध्यान में रखना पसंद करते हैं। मेरे लिए यह निर्णय अंतर, सीमा के आकार और व्यापार के लिए इनाम अनुपात के लिए मेरे जोखिम पर निर्भर करेगा। कुछ ट्रेडर्स बेहतर मार्जिन रखने के लिए स्टॉप लॉस की गैप या गैप के मध्य बिंदु को ध्यान में रखना पसंद करते हैं। मेरे लिए यह निर्णय गैप, रेंज के साइज़ और ट्रेड के मेरे रिस्क इंट्राडे और इंट्रा डे ट्रेडिंग में क्या अंतर है? से रिवार्ड के रेशो पर निर्भर करता है।

· यदि गैप्स और ओपनिंज रेंज बहुत बड़ी है तो ट्रेड लेने से बचें। इसका मतलब यह होगा कि आप ट्रेड में जितना कमा सकते हैं उससे अधिक जोखिम उठा रहे हैं। यह इसके लायक नहीं है।

Note: This article is for educational purposes only. Kindly learn from it and build your knowledge. We do not advice or provide tips. We highly recommend to always trade using stop loss.

Arshad Fahoum

Arshad Fahoum

Arshad is an Options and Technical Strategy trader and is currently working with Market Pulse as a Product strategist. He is authoring this blog to help traders learn to earn.

New Margin क्या है ? जानिए सेबी के नए नियम – पूरी जानकारी

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New Margin क्या है ? यदि आप भी शेयर मार्केट में invest और trade करते हैं तो ऐसे में आपको SEBI के नए नियमों के बारे में जानना बहुत जरुरी है। ताकि आप अपने द्वारा किये हुए invest के risk को कम कर सके। तो आज हम आपको new margin के update के बारे में बताएँगे।

जिससे आपको किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। आज आप इस article में delivery, Intra-day,option & future ट्रेडिंग के साथ-साथ commodity, cash market के लिए new margin rule के बारे में जानेंगे जो एक traders के लिए बहुत ज़रूरी है। तो आईये चलिए जानते है कि – New Margin Rule क्या है ?

New Margin Rule क्या है ?

New Margin Rule, जो stock broker द्वारा अपने clients को trading कराने के लिए provide कराया जाता था, उसे क्रमसः 25%, 50%, 75%, 100% चार चरणों में ख़त्म कर दिया जायेगा। यानी अब client को trade करने के लिए उसे खुद का पैसा अपने demat account में रखना अनिवार्य होगा। अन्यथा वह stock market में trade नहीं कर पायेगा।

अब client को ट्रेड करने के लिए उसे खुद का margin अपने Demat account में रखना पड़ेगा तभी वह trade कर पायेगा। ऐसा कर पाना एक retail trader के लिए भारी चुनौती भरा काम हो सकता है। क्योंकि रिटेल ट्रेडर के लिए पर्याप्त मात्रा में fund जुटाना आसान नहीं होता।

इसे यदि हम आसान भाषा में समझे तो पहले यदि आपके पास 1000 रुपये होते थे तो आपका stock broker आपको trade कराने के लिए 20 गुना इंट्राडे और इंट्रा डे ट्रेडिंग में क्या अंतर है? margin provide करा देते थे और आप एक 1000 रुपये होते हुए भी 20,000 हजार रुपये तक की trading कर सकते थे।

लेकिन सेबी के New Rule Margin आ जाने से अब ऐसा नहीं होगा। क्योंकि यदि आप trade करना चाहते हैं तो आप जितने शेयर्स में ट्रेड करेंगे तो आपके demat account में उतना fund का होना अनिवार्य है।

Margin क्या है ?

शेयर मार्केट में margin का मतलब उधार होता है। यह margin स्टॉक ब्रोकर द्वारा अपने clients को trading कराने के लिए provide कराया जाता है। ताकि traders ज्यादा संख्या में trade कर पाएं और वह brokers clients से ज्यादा revenue generate कर पाएं।

यह market से 5 गुना, 10 गुना, 20 गुना तक हो सकता है। यह broker पर निर्भर करता है कि – वह कितने गुना तक margin अपने clients को provide करा सकता है।

New Peak Margin Rule For Delivery & Intraday In Hindi

पहले जब इंट्राडे और इंट्रा डे ट्रेडिंग में क्या अंतर है? सेबी का new peak margin rule नहीं आया था; तब आप पूर्व में ख़रीदे गए किसी भी stock holding को sell करते थे। तो sell किये हुए stocks की जितनी कीमत होती थी वह पूरा amount आपके Demat Account में show हो जाता था।

लेकिन new peak margin rule आ जाने से अब ऐसा नहीं है अब आप अपनी जो भी holding sell करेंगे उसका 80% आपके Demat account में दिखाई देगा। आप उस 80% amount को ही उसी दिन (sameday) इंट्राडे में उपयोग कर पाएंगे बाकी का 20% amount अगले दिन आपके demat accont में show होगा।

लेकिन अब Intra-day trading के लिए stock Broker द्वारा आपको 1 सितंबर से किसी भी प्रकार से मार्जिन provide (उपलब्ध) नहीं करायी जाएगी। अब आपको Intra-Day में ट्रेडिंग करने के लिए अपने Demat account में पूरा Fund रखना होगा। तभी आप इंट्राडे ट्रेडिंग कर पाएंगे।

लेकिन यदि आप उसी दिन Option और Future में ट्रेड करते हैं तो आप उसी दिन sell holding का मात्र केवल 60% मार्जिन का ही use कर पायेंगे। लेकिन जो इंट्राडे में मार्जिन चार्ज लिया जाता था, वह अब applicable नहीं होंगे और Brokerage इंट्राडे और इंट्रा डे ट्रेडिंग में क्या अंतर है? charges same रहेंगे।

derivative segment में buy करना पहले जैसा ही रहेगा लेकिन आपको short selling के लिए ज्यादा amount अपने Demat account में रखना होगा। तभी आप short selling कर पाएंगे।

अंतिम राय –

सेबी का यह New margin rule आम तौर पर बड़े ट्रेडर के लिए ठीक है किन्तु यह retail traders के लिए मुश्किलें खड़ा कर सकता है। क्योंकि एक retail trader के लिए इतना ज्यादा fund जुटा पाना संभव नहीं होता। ऐसे इंट्राडे और इंट्रा डे ट्रेडिंग में क्या अंतर है? में मार्केट से ज्यादातर Retail ट्रेडर्स गायब हो जायेंगे।

अतः सेबी को 100% margin rule को 33%-50% तक कर देना चाहिए ताकि एक retail trader को भी ट्रेड करने में आसानी हो।

उम्मीद है कि आप New Margin क्या है ? जान गए होंगे लेकिन फिर भी यदि आपको कोई doubts हो तो आप comment कर पूछ सकते सकते है। यदि आप भी हिंदी से प्यार करते है तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करे।

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