ETF में निवेश करने के क्या फ़ायदे हैं?
सामान्य म्यूचुअल फंड्स की तुलना में एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETF) कई फ़ायदे पेश करते हैं। पहली बार निवेश करने वाले उन लोगों के लिए वे निवेश का बढ़िया साधन हैं जिन्हें म्यूचुअल फंड्स में रकम गंवाने की चिंता होती है। ऐसा क्यों है?
• ETF एक लोकप्रिय इंडेक्स का अनुकरण (नकल) करते हैं, जिनमें उस इंडेक्स में मौजूद सभी सिक्योरिटीज़ (प्रतिभूतियाँ) होती हैं और म्यूचुअल फंड्स के मुकाबले वे ज़्यादा विविधता पेश करते हैं
• अपने बेंचमार्क के मुकाबले ज़्यादा रिटर्न देने के लिए अक्सर अपने ETF में निवेश करने के क्या फ़ायदे हैं? पोर्टफोलियो में सिक्योरिटीज़ (प्रतिभूतियाँ) खरीदने या बेचने वाले सक्रिय रूप से प्रबंधित फंड्स की तुलना में अनुकरण रणनीति (निष्क्रिय फंड प्रबंधन) के परिणामस्वरूप कम ट्रांज़ैक्शन्स होती हैं। सक्रिय रूप से प्रबंधित फंड्स में इस बदलाव की वजह से टैक्स का पैमाना बढ़ जाता है क्योंकि फंड्स को अपने पोर्टफोलियो में सिक्योरिटीज़ (प्रतिभूतियाँ) खरीदने या बेचने पर STT (सिक्योरिटीज़ ट्रांज़ैक्शन टैक्स) और कैपिटल गेन्स टैक्स का भुगतान करना होता है। अन्य म्यूचुअल फंड्स के मुकाबले ETF ज़्यादा टैक्स कुशल होते हैं।
• सक्रिय रूप से प्रबंधित फंड्स, जहाँ सक्रिय रिटर्न्स, यानि उनके बेंचमार्क के मुकाबले ज़्यादा रिटर्न, जनरेट करने के लिए बेहद कुशल फंड मैनेजर्स को नियुक्त करना ETF में निवेश करने के क्या फ़ायदे हैं? ETF में निवेश करने के क्या फ़ायदे हैं? ज़रूरी होता है, की तुलना में ETF का कम व्यय अनुपात भी होता है।
• ETF निवेशकों के लिए अधिक सुविधा और नकदी पेश करते हैं क्योंकि वे एक्सचेंजों पर लिस्ट किए जाते हैं और उनमें शेयरों की तरह कारोबार होता है। सक्रिय रूप से प्रबंधित फंड्स, जिनमें केवल बाज़ार बंद होने के बाद दिन में एक बार NAV परिकलित की जाती है, के विपरीत निवेशक रीयल-टाइम कीमतों पर बाज़ार के समय के दौरान किसी भी समय ETF फंड्स में कारोबार कर सकते हैं। अगर आप इक्विटी में निवेश करने के बारे में निश्चित नहीं हैं, तो आप ETF से शुरुआत कर सकते हैं!
क्या आप ईटीएफ में निवेश करना चाहते हैं? इसके फायदे और नुकसान जान लें
ईटीएफ (ETF) के जरिए आप किसी खास तरह की सिक्योरिटीज (Securities) में निवेश करते हैं। निफ्टी 50 ईटीएफ और गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) इसके प्रमुख उदाहरण हैं।
हाइलाइट्स
- ईटीएफ को शेयरों की तरह स्टॉक एक्सचेंज में खरीदा और बेचा जा सकता है।
- इसकी कीमत शेयर बाजार के सत्र के दौरान ऊपर और नीचे जाती है।
- ईटीएफ में लिक्विडटी अपेक्षाकृत कम होती है, जिससे इसे बेचने में मुश्किल आती है।
ईटीएफ में निवेश के फायदे
ईटीएफ को शेयर बाजार में रियल टाइम बेसिस पर खरीदा या बेचा जा सकता है। इसकी प्रबंधन लागत भी कम होती है। अगर आपके पास ट्रेडिंग अकाउंट है तो शेयर बाजार के सत्र के दौरान आप आसानी से शेयरों की तरह ईटीएफ खरीद और बेच सकते हैं। इसका एक्सपेंस रेशियो कम होता है। आप ईटीएफ की एक यूनिट भी खरीद सकते हैं। ईटीएफ निवेशक को एक सत्र में कीमत में होने वाले उतार-चढ़ाव का फायदा उठाने का मौका देता है। म्यूचुअल फंड में आपको यह मौका नहीं मिलता है। निफ्टी 50 ईटीएफ, गोल्ड ईटीएफ, लिक्विड ईटीएफ और इंटरनेशनल ईटीएफ कुछ मशहूर ईटीएफ के उदाहरण हैं।
ईटीएफ में निवेश के नुकसान
ईटीएफ आज भी म्यूचुअल फंडों के मुकाबले कम लोकप्रिय हैं। इससे होने वाला कारोबार (वॉल्यूम) कम होता है। इस वजह से खरीदने के लिए ETF में निवेश करने के क्या फ़ायदे हैं? ऑफर की गई कीमत और बेचने के लिए ऑफर की गई कीमत के बीच फर्क ज्यादा होता है। इस वजह से इसमें लिक्विडटी कम होती है। इस वजह से ईटीएफ बेचने में थोड़ी मुश्किल आ सकती है। अगर आप कम संख्या में ईटीएफ की यूनिट खरीदते या बेचते हैं तो ब्रोकरेज और डीमैट चार्ज थोड़ा ज्यादा हो जाता है।
ETF में निवेश करने के क्या फ़ायदे हैं?
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आप भी कर सकते हैं ईटीएफ में निवेश, ये हैं फायदे
ईटीएफ को खरीदना और बेचना अपेक्षाकृत आसान है. इसकी वजह यह है कि इसकी ट्रेडिंग शेयर बाजार में होती है
कैसे करता है काम?
ईटीएफ किसी इंडेक्स या एसेट को ट्रैक करता है. मान लीजिए कि कोई ईटीएफ बीएसई सेंसेक्स को ट्रैक करता है. ऐसे में यह ईटीएफ अपने फंड का निवेश सेंसेक्स में शामिल 30 कंपनियों के शेयरों में करेगा. यह निवेश उसी अनुपात में होगा, जितना हर कंपनी का सेंसेक्स में वेटेज होगा. आपके इस ईटीएफ में निवेश करने पर एसेट मैनेजमेंट कंपनी आपको निवेश के मूल्य के हिसाब से यूनिट्स जारी कर देगी.
खरीदना और बेचना आसान
ईटीएफ की एक बड़ी खूबी यह है कि इसे खरीदना और बेचना अपेक्षाकृत आसान है. इसकी वजह यह है कि इसकी ट्रेडिंग शेयर बाजार में होती है. इसमें निवेश के लिए आपको म्यूचुअल फंड के डिस्ट्रिब्यूटर के पास जाने की जरूरत नहीं पड़ती. म्यूचुअल फंड की आम स्कीमों में अपनी यूनिट्स बेचने के लिए भी आपको ETF में निवेश करने के क्या फ़ायदे हैं? म्यूचुअल फंड कंपनी के पास जाना पड़ता है. सीएफपी जितेंद्र पी एस सोलंकी कहते हैं कि शेयर बाजार में खरीद-फरीख्त होने से इसकी कीमत रियल टाइम होती हैं. यह इसकी बड़ी खासियत ETF में निवेश करने के क्या फ़ायदे हैं? है. यह बात म्यूचुअल फंड स्कीम में नहीं है.
छोटी रकम से भी निवेश
ईटीएफ में आप छोटी रकम से भी निवेश कर सकते हैं. अगर कोई निवेशक निफ्टी में शामिल कंपनियों में ETF में निवेश करने के क्या फ़ायदे हैं? निवेश करना चाहता है तो उसे इन 50 शेयरों में निवेश करना पड़ेगा. इसके लिए काफी पैसे की जरूरत होगी. अगर आप किसी ऐसे ईटीएफ में निवेश करना चाहते हैं, जिसका अंडरलाइंग निफ्टी 50 इंडेक्स है तो आप थोड़े पैसे से भी इस ईटीएफ की यूनिट्स खरीद सकते हैं. इससे आपको निफ्टी50 में शामिल कंपनियों के रिटर्न का फायदा उठाने का मौका मिलेगा.
कम एक्सपेंस रेशियो
ईटीएफ में एक्सपेंस रेशियो भी म्यूचुअल फंड की स्कीमों के मुकाबले कम होता है. इसमें एक्सपेंस रेशियो 0.5 से 1 फीसदी के बीच होता है. इसके मुकाबले म्यूचुअल फंड्स की स्कीमों का एक्सपेंस रेशियो 2.5 फीसदी तक हो सकता है. मधुपम कृष्णा का कहना है कि इसकी दूसरी खासियत यह है कि इसमें म्यूचुअल फंड्स स्कीम की तरह आपको एग्जिट लोड भी नहीं देना पड़ता. इन खासियतों की वजह से पिछले कुछ सालों में इसकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है. अब छोटे शहरों में भी निवेशक ईटीएफ में पैसा लगा रहे हैं.
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