Future of cryptocurrency in India in Hindi

क्रिप्टोकरेंसी में करना चाहते हैं निवेश, इन बातों का रखें ध्यान

भारत में क्रिप्टोकरेंसी रेगुलेटेड नहीं है। यहां पर तमाम छोटे-छोटे प्लेटफॉर्म देखने को मिलेंगे

उभरते असेट क्लास क्रिप्टोकरेंसी ने हाल के दिनों में दुनिया भर का ध्यान अपनी तरफ खींचा है। अब तक की अपनी यात्रा में क्रिप्टोकरेंसी ने आलोचना और प्रशंसा दोनों बटोरी है। इसके आलोचकों का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी बहुत ही वोलेटाइल असेट क्लास है।

दुनिया भर में इसको लेकर नियमों में स्पष्टता नहीं है। इसके साथ ही साइबर क्राइम का खतरा जुड़ा हुआ है और इसका भविष्य भी अनिश्चित है। दूसरी और इसके प्रशंसकों का कहना है कि पिछले सालों के दौरान क्रिप्टोकरेंसी में इतना जबरदस्त रिटर्न दिया है कि ये किसी और असेट क्लास में संभव नहीं है।

चूंकी यह एक नया असेट क्लास है। इसलिए इसके फंडामेंटल्स विश्लेषण के लिए बहुत ज्यादा सूचनाएं उपलब्ध नहीं है। इसलिए यह जरूरी हो जाता है कि जब आप क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग करें तो पूरी सतर्कता बरतें। आइये देखते हैं क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग में किन सावधानियों की जरूरत है?

बड़े दांव लगाने से बचें

पिछले कुछ सालों में क्रिप्टो में लगाए गए पैसों में अप्रत्याशित रिटर्न मिला है। इसमें लगाए गए कुछ हजार रुपये एक दो साल की अवधि में ही लाखों रुपये में बदल गए हैं। यह हाई ग्रोथ आपको क्रिप्टो में बड़ा अमाउंट लगाने के लि ललचा सकती है। लेकिन आपको ऐसा करने से बचना चाहिए। क्रिप्टो बहुत ज्यादा वोलैटाइल असेट क्लास है। इसकी कीमतों में बिना किसी सूचना के भारी गिरावट आ सकती है।

हाल ही में टेस्ला ने बिटकॉइन पर जैसे ही यू-टर्न लिया और चीन की सरकार ने क्रिप्टो करेंसी का कारोबार करने वाली संस्थाओं पर नकेल कसी, वैसे ही क्रिप्टो मार्केट औंधे मुंह गिर पड़ा। इस चीज को ध्यान में रखते हुए क्रिप्टो में एक बार में बहुत बड़ी राशि न लगाएं।

भारत में बिटकॉइन का भविष्य?

भारत में बिटकॉइन का भविष्य अनिश्चित है, लेकिन एक बात निश्चित है: क्रिप्टोकरंसी क्रांति ने देश में अपनी जगह बना ली है। वर्षों से, भारतीय नागरिक क्रिप्टोकरंसी स्पेस में शामिल होने के तरीकों की तलाश कर रहे थे, और अब उनके पास आखिरकार यह अवसर है।

बिटकॉइन 2020 की शुरुआत से भारत में कर्षण प्राप्त कर रहा है, जब इसे पहली बार भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा वैध किया गया था। इस फैसले ने भारतीय नागरिकों को कानूनी तौर पर बिटकॉइन खरीदने और बेचने की अनुमति दी और इसने उनके लिए एक पूरी नई दुनिया खोल दी। हर दिन अधिक से अधिक लोग बिटकॉइन में शामिल हो रहे हैं, इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि भारत की अर्थव्यवस्था के लिए यह डिजिटल मुद्रा क्या कर सकती है, इसमें बहुत रुचि है।

हालाँकि, इस सारे उत्साह के बावजूद, अभी भी कुछ चुनौतियाँ हैं जिन्हें संबोधित करने की आवश्यकता है, इससे पहले कि हम वास्तव में समझ सकें कि बिटकॉइन में भारतीयों के लिए कितना लाभदायक निवेश हो सकता है। इन चुनौतियों में से एक विनियमन है; जबकि दुनिया भर के कई देशों ने क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने के लिए कदम उठाए हैं, भारत ने अभी तक ऐसा नहीं किया है। इसका मतलब यह है कि बीटीसी में निवेश करते समय निवेशकों के पास कोई कानूनी सुरक्षा नहीं होती है, जो उन्हें ऑनलाइन निवेश से जुड़े घोटालों और अन्य जोखिमों के प्रति संवेदनशील बनाता है।

भारत में बिटकॉइन को अपनाने में एक और चुनौती इसकी अस्थिरता है; किसी भी अन्य परिसंपत्ति वर्ग की तरह, बीटीसी की कीमतें तेजी से बदल सकती हैं जिसका मतलब है कि निवेशकों को अपना निवेश करते समय संभावित नुकसान और लाभ दोनों के लिए तैयार रहना चाहिए। सौभाग्य से, अब भारतीय निवेशकों के लिए कई विकल्प उपलब्ध हैं जो अपने जोखिम को कम करना चाहते हैं जैसे कि डॉलर-लागत औसत या यूनोकॉइन या ज़ेबपे जैसे एक्सचेंजों पर स्टॉप-लॉस ऑर्डर का उपयोग करना।

अंतत: हमें शिक्षा पर विचार करना चाहिए; जबकि अधिकांश भारतीय अब तक इसकी लोकप्रियता और मीडिया कवरेज के कारण बिटकॉइन के बारे में जानते हैं, कुछ वास्तव में यह समझते हैं कि यह वास्तव में क्या है या निवेश करते समय वे इसे सुरक्षित और जिम्मेदारी से कैसे उपयोग कर सकते हैं। इस चुनौती को दूर करने के लिए, शैक्षिक पहल की आवश्यकता है ताकि लोग बिटकॉइन व्यापार में शामिल होने या खनन कार्यों में सीधे निवेश करने से पहले यह समझ सकें कि वे क्या कर रहे हैं।

इन सभी चुनौतियों के बावजूद, भारत में बिटकॉइन का भविष्य उज्ज्वल दिखता है; देश की अर्थव्यवस्था पर इसके संभावित प्रभाव के साथ-साथ इसकी मजबूत प्रौद्योगिकी अवसंरचना को देखते हुए जो उपयोगकर्ताओं को भारी लेनदेन शुल्क का भुगतान किए बिना वैश्विक बाजारों तक पहुंच की अनुमति देता है – यह डिजिटल मुद्रा बहुत अच्छी तरह से क्रांति ला सकती है कि समय के साथ भारत में पैसा कैसे काम करता है अगर ठीक से विनियमित किया जाए। केवल समय ही बताएगा कि BTC भारतीय नागरिकों के बीच कर्षण प्राप्त करना जारी रखेगी या नहीं, लेकिन एक बात निश्चित है – यह निश्चित रूप से पहले से ही एक प्रभाव बना चुका है!

भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य

आज के इस लेख में हम आपको future of crypto in India के बारे में जानकारी दे रहे है। बहुत से लोग यह कहते रहते है भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य कि इंडिया में क्रिप्टोकरेंसी बैन होने वाली है, परंतु गवर्नमेंट का क्या डिसीजन है यह किसी को भी नही पता है। लेकिन कुछ लोग अपने ही मन से यह बात कह रहे है कि क्रिप्टो करेंसी जल्द ही बैन होने वाली है। यदि हम क्रिप्टो करेंसी के बैन होने की बात करे तो ऐसी कई चीजें अभी हमे दिख रही है जिसके चलते तो यही लग रहा है कि फिलहाल इंडिया में क्रिप्टो करेंसी बैन नही हो सकती है।

Future of cryptocurrency in India in Hindi

तो इंडिया में क्रिप्टो करेंसी क्यों बैन नही हो सकती है और भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य इसके क्या कारण है यह सभी चीजें हम आपको बताने वाले है और साथ ही हमारे वित्त मंत्री निर्मला सितारामन का इसपर क्या कहना है यह भी आपको बताने वाले है। तो चलिए सबसे पहले हम आपको यह बताते है कि वित्त मंत्री निर्मला सितारामन का क्या कहना है। वित्त मंत्री निर्मला सितारामन का कहना है कि क्रिप्टो करेंसी बिल केंद्रीय मंत्री मंड़ल के पास है और बहुत जल्द ही इसपर फैसला भी होने वाला है।

क्या इंडिया में क्रिप्टो बैन होगा ?

Table of Contents

यदि आप यह सोच रहे है की कुछ समय बाद इंडिया में क्रिप्टो बैन भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य हो सकता है तो आप पूरी तरह गलत सोच रहे है क्योंकि इंडिया में क्रिप्टो बैन नही हो सकता है। चलिए हम आपको बताते है कि इंडिया में क्रिप्टो बैन क्यों नही हो सकती है और इंडियन गवर्नमेंट इसके लिए क्या कर सकती है।

तो इंडिया यह वर्ल्ड की सबसे बड़ी कंट्री है जिसने क्रिप्टो में सबसे अधिक पैसा लगाया है। तो यदि इंडियन गवर्नमेंट चाहे तो वह यह कर सकती है कि क्रिप्टो खरीदने और बेचने के लिए टैक्स लगा सकती है। अब इसमें कोई यह नही कह सकता है कि इंडियन गवर्नमेंट इसपर कितना टैक्स लगाती है। लेकिन यदि इंडियन गवर्नमेंट क्रिप्टो पर 15 परसेंट से 18 परसेंट तक GST लगाती है तो आपको क्रिप्टो करेंसी खरीदना थोड़ा महंगा पड़ सकता है। इसके साथ ही आपको जो ट्रांसक्शन फीस लगती है वो भी लगेगी।

इंडियन गवर्नमेंट के लिए यह एक काफी अच्छा ऑप्शन है कि वह क्रिप्टो करेंसी को रेगुलेट कर दे और इसपर टैक्स लगा दे क्योंकि इसमें गवर्नमेंट का ही फायदा होने वाला है। वैसे अभी के टाइम में किसी को भी GST और टैक्स देने की जरूरत नही पड़ती है लेकिन जब आपकी क्रिप्टो से अच्छी खासी इनकम होती है तो आपको टैक्स देना चाहिए।

एक ऐसी न्यूज़ भी निकलकर आयी है कि यदि कैबिनेट क्रिप्टो करेंसी के बिल को अप्रोव कर भी देती है थोड़ी बहुत बाधाएं आ सकती है। अब बाधाएं यह है कि गवर्नमेंट यह सोच रही है कि क्रिप्टो में इन्वेस्ट करने वाले सभी लोग क्रिप्टो के थ्रो पेमेंट न करे क्योंकि लोग ऐसा करके टैक्स से बच सकते है। जैसा कि हमने पहले ही कहा है कि क्रिप्टो को खरीदने और बेचने के लिए आपको टैक्स देना ही पड़ेगा।

भारत मे क्रिप्टो का भविष्य क्या है ?

आप सभी लोग जानते ही है कि इंडिया में क्रिप्टो कितने तेजी से आगे बढ़ रहा है, बहुत सारे लोग अपना इन्वेस्टमेंट क्रिप्टो में प्रॉफिट पाने के लिए कर रहे है। इंडिया में अभी भी कोई ऐसा स्टोर नही मिलेगा आपको जिससे आप क्रिप्टो से पेमेंट करके कोई चीज खरीद सकते हो। वही दूसरे कंट्री की बात की जाए तो बाहर बहुत से ऐसी कंट्री है जहां आप क्रिप्टो से पेमेंट करके चीजे खरीद सकते है। लेकिन इंडिया में अभी तक ऐसा सिस्टम चालू नही हुआ है।

इन दिनों इंडिया में कुछ लोग क्रिप्टो में इन्वेस्ट करने के लिए काफी डरे हुए है क्योंकि अभी किसीको कुछ भी नही पता कि आगे क्या होने वाला है। क्योंकि कोई भी मिनिस्टर फ्रंट में आकर कुछ बोल नही रहा है की बैन होगा कि नही होगा। लेकिन हमने आपको बता दिया है कि इंडिया में सबसे ज्यादा क्रिप्टो करेंसी खरीदी गई है है। आपको यह बात जानकर हैरानी होगी कि क्रिप्टो खरीदने के मामले में इंडिया का 2nd रैंक आता है।

अब बहुत से लोग ऐसे भी है जिनके मन मे यह सवाल आता रहता है कि गवर्नमेंट का तो ठीक है परंतु RBI क्यो क्रिप्टो के पीछे पड़ा हुआ है ? तो चलिए अब हम आपको इसका भी जवाब दे देते है।

रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया के साथ साथ इंडिया में जितने भी बैंक है वह यह चाहते है कि आप अपना पैसा बैंक के एफडी में डाले, म्यूच्यूअल फण्ड में डाले क्योंकि इसमें आपके साथ साथ बैंक का भी बहुत फायदा होता है। क्योंकि जब आप किसी बाहर के क्रिप्टो करेंसी में अपना पैसा इन्वेस्ट करते है तब बैंक का फायदा नही होता है।

तो यदि आप क्रिप्टो करेंसी में इन्वेस्ट करना चाहते है तो आप कर सकते है, क्योंकि फिलहाल तो क्रिप्टो करेंसी का फ्यूचर अच्छा दिख रहा है। परंतु आगे क्या होने वाला है यह कोई नही बता सकता है, क्योंकि आगे आने वाले दिनों में भारत सरकार क्रिप्टो करेंसी में टैक्स लगा सकता है, जिसमे आपका प्रॉफिट मार्जिन काफी कम होने वाला है।

Conclusion –

तो इस लेख में हमने आपको भारत मे क्रिप्टो का भविष्य क्या है इसके बारे में विस्तार से जानकारी दे दी है। तो अभी फैसला आपको करना है कि आपको इसमें इन्वेस्ट करना चाहिए या नही। हम आशा करते है कि आज का यह लेख आपको पसंद आया होगा। यदि आपको आज का यह लेख पसंद आया हो तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे।

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June 16, 2022

RBI ने लॉन्च किया Digital Rupee: बिना इंटरनेट भी होगा पेमेंट, जानें क्रिप्टो से कैसे है अलग

RBI Digital Rupee: सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) या डिजिटल रुपी (Digital Rupee) केंद्रीय बैंक द्वारा जारी एक वैध मुद्रा है।

(PC: Shutterstock)

RBI Digital Rupee: डिजिटल रुपये (Digital Rupees) की सुगबुगाहट पिछले एक साल से हो रही थी। आखिरकार इसका पायलट प्रोजेक्ट 1 नवंबर से शुरू हो गया। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने मंगलवार को डिजिटल रुपये का पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च कर दिया है। लेकिन, सभी के मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या यह क्रिप्टोकरेंसी जैसा होगा या उससे अलग? इसे किस तरह संचालित किया जाएगा? आइए जानते हैं कि कैसा होगा भविष्य का पैसा?

आखिरकार भारत में अपनी डिजिटल करेंसी की शुरुआत हो गई है। 1 नवंबर 2022 से होल्सेल ट्रांजैक्शन में इसका इस्तेमाल होगा। हालांकि, अभी इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया है। डिजिटल रुपये अब आपकी पॉकेट में नहीं होगा। लेकिन, वर्चुअल वर्ल्ड में इसका इस्तेमाल आपके जरिए ही होगा। ये नोट की तरह जेब में रखने के लिए नहीं मिलेगा। इसका प्रिंट भी नहीं होगा। बल्कि टेक्नोलॉजी के जरिए आपके काम आएगा, जैसे- क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (Cryptocurrency Bitcoin) का इस्तेमाल होता है। सरकार इसे पूरी तरह से लीगल टेंडर बनाएगी और मानेगी भी। इसमें निवेश भी आसान होगा और RBI इसे रेगुलेट करेगी। डिजिटल करेंसी में कई देशों की रुचि है। हालांकि,केवल कुछ ही देश अपनी डिजिटल करेंसी को विकसित करने के पायलट चरण से आगे बढ़ने में कामयाब रहे हैं।

आरबीआई का कहना है कि होलसेल भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य सेगमेंट पायलट प्रोजेक्ट में भागीदारी के लिए नौ बैंकों की पहचान की गई है। इनमें भारतीय स्‍टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक,एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक, HSBC बैंक शामिल हैं।

क्या है डिजिटल रुपया?

भारतीय रिजर्व बैंक का कहना है कि सीबीडीसी डिजिटल रूप में केंद्रीय बैंक द्वारा जारी एक लीगल मुद्रा है। आरबीआई की वेबसाइट के अनुसार 'यह कागजी मुद्रा के समान है और कागजी मुद्रा के साथ इसका विनिमय किया जा सकेगा। केवल इसका रूप अलग है'। बता दें, अभी हम भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से जारी 100, 200 रुपये के नोट्स और सिक्के का उपयोग करते हैं। इसी का डिजिटल स्वरूप ही डिजिटल रुपया कहलाएगा। टेक्निकल भाषा में इसे सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) भी कह सकते हैं। यह रुपये का इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म है, जिसका उपयोग हम बिना स्पर्श किए (कॉन्टैक्टलेस ट्रांजैक्शन) करेंगे।

डिजिटल रुपया की क्या है खासियत?

  • CBDC देश का डिजिटल टोकन होगा
  • बिजनेस में पैसों के लेनदेन में आसानी होगी
  • चेक और बैंक अकाउंट से ट्रांजैक्शन का कोई झंझट नहीं
  • मोबाइल से सेकेंडों में पैसा होगा ट्रांसफर
  • नकली करेंसी का कोई डर नहीं
  • पेपर नोट के प्रिटिंग का खर्च बचेगा
  • CBDC को डैमेज नहीं किया जा सकेगा

लेन-देन पर रहेगी आरबीआई की नजर

ट्रांजेक्शन कॉस्ट घटने के अलावा, इस डिजिटल करेंसी से सरकार की सभी अधिकृत नेटवर्क के भीतर होने वाले लेनदेन तक पहुंच हो जाएगी। इस प्रकार देश में आने और देश से बाहर जाने वाले पैसों पर ज्यादा कंट्रोल होगा।

क्या खत्म होगी करेंसी?

डिजिटल रुपी मौजूदा करेंसी नोट की व्यवस्था को खत्म करने के लिए नहीं आ रही है बल्कि यह लोगों को लेनदेन में एक और ऑप्शन देगा। करेंसी नोट वाली व्यवस्था और डिजिटल रुपी वाली व्यवस्था दोनों चलेंगी। इससे कैशलेस इकोनॉमी को बढ़ावा मिलेगा। डिजिटल रुपया कुछ इस तरह से लाया जाएगा कि बिना इंटरनेट के भी इसका पेमेंट किया जा सकेगा। यानी जब कभी ये आम लोगों के उपयोग में आए तो वह इसका उपयोग ऑफलाइन भी कर पाएंगे। इसका मकसद ये भी होगा कि ऐसे लोग जिनके पास बैंक खाता नहीं है वो भी इसका इस्तेमाल कर सकें।

Cryptocurrency News: तो क्या वर्चुअल करेंसी को अब भविष्य की मुद्रा मान लेना चाहिए?

बिटकॉइन के रूप में क्रिप्टोकरेंसी की लोकप्रियता निरंतर बढ़ रही है। प्रतीकात्मक

बिटकॉइन की स्वीकार्यता और वैधता के संबंध में भले ही विभिन्न मत हों लेकिन हाल ही में टेस्ला कंपनी द्वारा इसमें व्यापक निवेश के निर्णय ने इसे एक बार फिर से चर्चा के केंद्र में ला दिया है। बिटकॉइन के रूप में क्रिप्टोकरेंसी की लोकप्रियता निरंतर बढ़ रही है। प्रतीकात्मक

अवधेश माहेश्वरी। दुनिया की मशहूर इलेक्टिक कार कंपनी टेस्ला के एलन मस्क ने हाल ही में बिटकॉइन में डेढ़ अरब डॉलर के निवेश का फैसला लिया। इसके बाद वर्चुअल करेंसी को लेकर उद्योग जगत में जो हलचल पैदा हुई, उस पर लगभग 11 साल की उम्र वाली यह वर्चुअल करेंसी सीना फुला सकती है। तो क्या वर्चुअल करेंसी को अब भविष्य की मुद्रा मान लेना चाहिए? क्या इसमें भी बिटकॉइन दुनिया की सबसे दमदार मुद्रा बनने जा रहा है? यदि वर्चुअल करेंसी में निवेश देखें तो बिजनेस इंटेलिजेंस एंड मोबाइल सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोस्ट्रेटजी के पास 71,079 बिटकॉइन हैं, परंतु टेस्ला की तरह किसी जाने-माने उद्योग समूह ने इस तरह एलान कर इस पर दांव नहीं लगाया।

इलेक्टिक कारों से दुनिया में धूम मचाने वाली टेस्ला एलन मस्क को दुनिया के शीर्ष पूंजीपतियों में स्थान दिला चुकी है, तब यह निवेश निश्चित ही बिटकॉइन को सबसे मजबूत ब्रांड इमेज देने वाला है। फैसले की घोषणा के कुछ देर बाद ही बिटकॉइन की कीमत सर्वकालिक उच्च स्तर 47,000 डॉलर पर पहुंचना इसका परिचायक कहा जा सकता है। टेस्ला के फैसले का प्रभाव यह भी होगा कि दुनियाभर के उद्योग और उद्योगपति अब वर्चुअल करेंसी की स्वीकार्यता के लिए तेजी से आगे बढ़़ेंगे। कुछ उद्योग समूहों ने तो इस पर राय-मशविरा भी प्रारंभ कर दिया है। माना जा रहा है कि जल्द ही ऐसी कुछ कंपनियां सामने आ सकती हैं, जो बिटकॉइन या अन्य दूसरी क्रिप्टोकरेंसी खरीदें या फिर इसमें लेन-देन स्वीकार करना शुरू कर दें।

विकास को सच्चे अर्थों में समावेशी बनाना है

एक दशक की यात्र : पहली वर्चुअल करेंसी या पहला बिटकॉइन पहली बार 31 अक्टूबर 2010 को जारी किया गया था। भारत में बिटकॉइन की लोकप्रियता तब बढ़ी, जब कुछ साल पहले इसकी कीमत चार लाख रुपये पर पहुंच गई। इस पर किसी तरह का टैक्स नहीं होने की वजह से इसकी लोकप्रियता भारत में भी निरंतर बढ़ने लगी। हालांकि वर्ष 2016 में नवंबर में की गई नोटबंदी के दौरान भी बड़े पैमाने पर बिटकॉइन में निवेश की बातें सामने आईं, लेकिन ठोस कुछ नहीं मिला। वर्ष 2018 में भारतीय रिजर्व बैंक ने वर्चुअल करेंसी को खतरा करार देकर इसके लेन-देन को गैर कानूनी करार दे रखा है, लेकिन यह फैसला दूरगामी नहीं कहा जा सकता। वर्ष 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय रिजर्व बैंक के प्रतिबंध को गलत बताया। इसके बाद जैब पे और बिटड्रॉप जैसी कंपनियां इसमें निवेश का रास्ता उपलब्ध करा रही हैं। निवेशक भी इसमें पूंजी डाल रहे हैं, परंतु केंद्र सरकार फिर भी मान्यता नहीं दे रही है। एक उच्च स्तरीय समूह की कुछ दिनों पहले आई रिपोर्ट तो ऐसी अन्य वर्चुअल करेंसियों को प्रतिबंधित करने का रास्ता खोल चुकी है।

न्यायपालिका को पारदर्शिता के साथ आत्मदर्शन की राह तलाशनी होगी

कुछ अन्य वचरुअल करेंसी : बिटकॉइन के बाद ईथरम, रिपल, कार्डनो, डॉजपे जैसी कई वर्चुअल करेंसी आज लोकप्रिय हैं। विश्वसनीयता तो ये कायम रखे हुए हैं, परंतु निवेश के रिटर्न की बात आती है तो बिटकॉइन का कोई सानी अभी दिखता नहीं। इसकी एक वजह सीमित उपलब्धता और माइनिंग की 2.1 करोड़ की निश्चित सीमा है। इसकी करीब 1.6 करोड़ की माइनिंग हो चुकी है। बढ़ती मांग और सीमित उपलब्धता इसे बाजार में स्पेकुलेशन यानी अधिक कीमत पर बेचे जाने की संभावना के मुफीद भी बना देती है। यह बिटकॉइन की लोकप्रियता ही है कि आज दुनिया की आíथक महाशक्ति चीन अपनी वर्चुअल करेंसी युआन को टेस्टिंग के लिए जारी करने जा रहा है। स्विट्जरलैंड की सरकार ई फ्रेंक जारी करने के लिए विचार कर रही है। यहां तक कि कैरेबियाई देश जमैका और बहामास भी इसके लिए काम कर रहे हैं। मार्शल द्वीपसमूह ने तो अपनी क्रिप्टो मुद्रा लांच भी कर दी है।

भारत से जुड़ी इसकी आशंकाएं : ऐसे में भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य कह रहे हैं कि बिटकॉइन का बुलबुला फूटेगा। सेबी यानी सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया इसमें निवेश करने वाली कंपनियों को आइपीओ लाने से रोकने की गाइडलाइन जारी करती है। कुछ विशेषज्ञ इसकी तुलना वर्ष 1636 के डच ट्यूलिप से करते हैं, जो बहुत तेजी से बढ़ा और एक साल बाद ही धराशायी हो गया। भले ही जेपी मॉर्गन इसे धोखा कहे, लेकिन टेस्ला जैसे फैसले बताते हैं कि बिटकॉइन भविष्य का खरा सोना बनेगा। इसमें ज्यादा निवेश होगा तो ऊपर-नीचे भी जाएगा लेकिन बुलबूला नहीं बनेगा। टेस्ला के निवेश ने एक ही दिन में इस मुद्रा की कीमत 17 प्रतिशत तक बढ़ा दी।

विशेषज्ञ मानते हैं कि यह कुछ वर्षो में सवा लाख की कीमत को भी छू सकता है, जो इसकी मांग को देखकर असंभव भी नहीं लगता। ऐसे में भारत सरकार को भी बिटकॉइन पर रोक लगाने के बजाय इसे वैध बनाने की ओर ध्यान देना चाहिए। सरकार को अपनी वर्चुअल करेंसी भारतकॉइन जारी करनी चाहिए। सिंगापुर लिस्टेड निवेश कंपनी एमडब्लूएच के रजत मेहरोत्र कहते हैं कि यह कागज के नोटों का स्थान तो नहीं ले सकेगी, लेकिन एक नई मुद्रा के रूप में अपनी विश्वसनीयता जरूर कायम करेगी। ब्लॉकचेन तकनीक के लेन-देन के लिए हमारे सिस्टम को तैयार करने में सहयोगी होगी। सरकार को बिटकॉइन की बाजार की हकीकत पर भी नजर डालनी चाहिए। इसे भी लेन-देन में मंजूरी देनी चाहिए, जो आगे लाभदायक ही होगी।

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