Cryptocurrency का भारत में भविष्य क्या है? | भारत में Cryptocurrency का भविष्य क्या है?
क्रिप्टो करेंसी का भारत में भविष्य क्या है? या भारत में Cryptocurrency का भविष्य क्या है? इन प्रश्नों का उत्तर कुछ इस प्रकार है। वर्चुअल डिजिटल असेट्स अर्थात क्रिप्टो करेंसी को लेकर भारत सरकार के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा यह जानकारी दी गई है।
कि क्रिप्टो करेंसी जैसी किसी भी डिजिटल लेनदेन से जो भी कमाई हो रही है। उस पर 1% टीडीएस व 30% Tax लगेगा जो यह दर्शाता है. कि आने वाले समय में सरकार को इससे बहुत बड़ा रेवेन्यू जनरेट होगा, तो संभावना है कि भारत सरकार वर्चुअल डिजिटल असेट्स अर्थात क्रिप्टोकरेंसी को वैध घोषित करके प्रचलन में ला सकते हैं जोकि अच्छी खबर है।
साथ ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह भी कहा कि Virtual Digital Assets (Cryptocurrency) की मंजूरी के विषय पर गहन अध्ययन, चर्चा व विचार विमर्श किया जा रहा है। जल्द ही उचित परिणाम आने की संभावना है।
लेकिन क्रिप्टो करेंसी से हो रहे लोगों को इनकम पर सरकार ने फौरी तौर पर जो टैक्स का ऐलान किया है। उससे साफ जाहिर होता है, कि स्थिति क्रिप्टो करेंसी के पक्ष में ही आने वाला है। तो देखना यह है कि कब यह सरकार के तरफ से बयान आता है।
अतः अभी ज्यादा पूर्वानुमान देना शायद जायज नहीं होगा। फिर भी एक्सपर्ट्स की राय माने तो क्रिप्टो करेंसी का भविष्य भारत में शानदार व दूरगामी हो सकता है।
Future of Cryptocurrency in India
सरकार का वित्त विधेयक लोकसभा से पास हो जाने के बाद, राज्यसभा व राष्ट्रपति की मंजूरी तक के सफर में जो भी सुधार क्रिप्टो करेंसी जैसी मुद्राओं के लेनदेन संबंधी होने हैं। करने के बाद सरकार अपना रुख साफ कर देगी। और किन स्थितियों में इन मुद्राओं का लेनदेन भारत में हो सकेगा।
Cryptocurrency Taxation System
क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज और बैंकों से लेनदेन व सौदों की सूचना तथा डिटेल्स भारत सरकार द्वारा मांगी जा सकती है। क्योंकि जब 1 अप्रैल से 1% TDS & 30% टैक्स को लागू किया जाएगा तो भारत सरकार को वर्चुअल करेंसी अर्थात क्रिप्टोकरंसी के लेनदेन का पूरा डाटा होना आवश्यक है।
Cryptocurrency Exchange not in Advertise IPL
इस वर्ष आईपीएल में भारत के शीर्ष क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज जैसे CoinDCX, WazirX और CoinSwitch Kuber इत्यादि टीवी विज्ञापन या किसी भी तरह का कोई विज्ञापन से प्रचार नहीं कर रहे हैं वहीं भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य पिछले वर्ष लगभग 90 लाख का टीवी व अन्य विज्ञापन में सामूहिक रूप से खर्च किया था। क्रिप्टो एक्सचेंजों ने IPL 2021 में TV Ad पर 40 करोड़ रुपये खर्च किए थे।
इन विज्ञापनों से देश में क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज व निवेशकों की संख्या बढ़ी थी। लेकिन अगर इस सीजन में प्रचार नहीं होगा तो देखना है। इसका कुछ कुप्रभाव होता है. या नहीं वैसे सरकार जब तक अपनी मंशा साफ नहीं करती। तब तक बहुत हद तक इनका इन्वेस्टमेंट करना फायदेमंद नहीं है।
Self Advice investing in Cryptocurrency
निवेशकों को यही राय दी जाती है, कि पूरी तरीके से टैक्सेशन प्रणाली को समझ कर निवेश करें, क्योंकि अगर आप सरकार की मंशा और तौर-तरीकों को मानते हुए निवेश करते हैं। तो भविष्य में आपको अच्छे परिणाम मिलेंगे और उसका अनुभव भी बेहतरीन होगा।
Conclusion about Cryptocurrency
निष्कर्ष यह निकलता है कि भारत में Cryptocurrency का भविष्य अभी भी सरकार के ही हाथ में है। जब तक मजबूत कदम नहीं उठाए जाते तब तक क्रिप्टो करेंसी में बड़ा इन्वेस्टमेंट अपने रिस्क पर होगा। लेकिन टैक्स के दायरे में आने पर कहीं ना कहीं सरकार की भी कुछ दखलअंदाजी जरूर दिखेगी। फिर भी पहले से स्थिति मजबूत दिख रही है। जो निवेशकों को क्रिप्टोकरंसी के तरफ रिझाने में कामयाब होगी।
Crypto currency: भारत में आशंकाओं के डर से सहम गया डिजिटल करेंसी का भविष्य
भारत में क्रिप्टो करेंसी (Crypto currency) पर शिकंजा कसने की खबरों के सामने आने के बाद से ही क्रिप्टो मार्केट में इसकी वैल्यू गोते खाने लगी है. क्रिप्टो करेंसी के दामों में गिरावट लगातार जारी है और इनमें 15 फीसदी से भी ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई है.
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भारत में क्रिप्टो करेंसी (Crypto currency) पर शिकंजा कसने की खबरों के सामने आने के बाद से ही क्रिप्टो मार्केट में इसकी वैल्यू गोते खाने लगी है. क्रिप्टो करेंसी के दामों में गिरावट लगातार जारी है और इनमें 15 फीसदी से भी ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई है. दरअसल, लोकसभा बुलेटिन में केंद्र सरकार की ओर से जानकारी दी गई थी कि संसद के शीतकालीन सत्र में द क्रिप्टो करेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिसियल डिजिटल करेंसी बिल 2021 (The Crypto currency & Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021) लाया जा सकता है. केंद्र सरकार के इस फैसले को कुछ लोग सही मान रहे हैं, तो कुछ लोग गलत बता रहे हैं. क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर चुके लोगों के बीच इसके बैन होने की आशंकाएं बढ़ गई हैं और लगातार टूटती कीमतों की वजह से भारी नुकसान होना भी तय माना जा रहा है. आसान शब्दों में कहा जाए, तो डिजिटल भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य करेंसी का भविष्य भारत में आशंकाओं के बीच झूल रहा है.
भारत में करीब 1.5 करोड़ से ज्यादा लोग क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल कर रहे हैं.
क्रिप्टो करेंसी है 'पंटर गेम'
एक अनुमान के अनुसार, भारत में 1.5 करोड़ से ज्यादा लोग क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल कर रहे हैं. दरअसल, क्रिप्टो करेंसी में पुराने निवेश के जरिये लोगों ने काफी पैसा बनाया है. लेकिन, यह लोगों को जितनी तेजी से मुनाफा देती है, उतनी ही तेजी से घाटा भी पहुंचाती है. दरअसल, क्रिप्टो करेंसी एक तरह का पंटर गेम है. आसान शब्दों में इसे कमोडिटी यानी वायदा बाजार की तरह माना जा सकता है. लेकिन, इस पर किसी तरह का कंट्रोल नहीं है तो इसमें जोखिम की संभावना बहुत ज्यादा होती है. कोरोना महामारी के बाद से ही क्रिप्टो मार्केट में उतार-चढ़ाव बना हुआ है. टेस्ला के सीईओ एलन मस्क के एक बयान पर इसके भाव बढ़ने लगते हैं, तो चीन के प्रतिबंध लगाने पर क्रिप्टो करेंसी के दामों में गिरावट आने लगती है. भारतीय संसद में क्रिप्टो करेंसी से जुड़ा बिल आने की खबर के बाद से भी इसका भाव लगातार गिर रहा है.
आरबीआई की डिडिटल करेंसी
माना जा रहा है कि इस बिल के सहारे भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई अपनी डिजिटल करेंसी के लिए रास्ता तैयार कर रहा है. दरअसल, दुनियाभर में क्रिप्टो करेंसी का एक बड़ा बाजार है. लेकिन, क्रिप्टो करेंसी किसी सरकार या विनियामक अथॉरिटी की ओर से जारी नहीं होने की वजह से इसके दुरुपयोग की आशंकाएं बनी रहती हैं. भारत जैसे देश में क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल टेरर फंडिंग से लेकर हवाला जैसा कारोबार करने के लिए भी किया जा सकता है. भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इसे लेकर चिंता भी जाहिर की थी. लेकिन, शक्तिकांत दास ने आरबीआई की डिजिटल करेंसी के मार्केट में आने को लेकर सकारात्मक संकेत दिए थे. अगर ऐसा होता है, तो बहुत हद तक संभावना है कि आरबीआई की डिजिटल करेंसी में अच्छा निवेश आ सकता है. इतना ही नहीं, क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर जल्दी लाभ कमाने की कोशिश में अपना नुकसान करवा लोगों के लिए भी राहत हो सकती है. हालांकि, ये तय है कि आरबीआई की ओर से डिजिटल करेंसी को जारी करने के लिए कोई जल्दबाजी नहीं दिखाई जाएगी. और, अगर आरबीआई डिजिटल करेंसी लाता है, तो ये जल्द मुनाफा कमाने की चाह रखने वालों पर कितना प्रभाव डालेगा, ये देखने वाली बात होगी.
क्या सारी क्रिप्टो करेंसी हो जाएंगी बैन?
केंद्र सरकार क्रिप्टो करेंसी को लेकर क्रिप्टो करेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिसियल डिजिटल करेंसी बिल 2021 लाने जा रही है. ये बिल अभी संसद में पेश होना बाकी है. इस स्थिति में अभी इसके बारे में केवल संभावनाएं जताई जा रही हैं. जिसने लोगों में आशंकाएं बढ़ा दी हैं कि अगर सरकार सारी क्रिप्टो करेंसी को प्रतिबंधित कर देगी, तो निवेशकों का नुकसान होना तय है. भारत में जिन लोगों ने इसमें निवेश किया है, वो फंसने की संभावना है. लेकिन, केंद्र सरकार के इस बिल को लेकर सामने आए संकेतों को देखते हुए अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार की ओर से सभी क्रिप्टो करेंसी पर बैन लगाने की संभावना कम नजर आ रही है. दरअसल, क्रिप्टो करेंसी दो तरह की होती है. पहली पब्लिक और दूसरी प्राइवेट. पब्लिक क्रिप्टो करेंसी को ट्रेसेबल करेंसी कहा जा सकता है. क्योंकि, पब्लिक क्रिप्टो करेंसी के ट्रांजैक्शन एक-दूसरे से लिंक होते हैं और उनके लेन-देन के बारे में जानकारी जुटाई जा सकती है. वहीं, प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी में इसके यूजर या लेनदेन की जानकारी को सार्वजनिक नहीं किया जाता है. प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी के यूजर की प्राइवेसी को बनाए रखा जाता है. जिसकी वजह से इसे ट्रेस करना मुश्किल है.
बिल के संसद में पेश होने से पहले संभावना जताई जा सकती है कि सारी क्रिप्टो करेंसी पर बैन नहीं लगाया जाएगा. लेकिन, प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी पर रोक लगना तय है. बहुत हद तक संभावना है कि पब्लिक क्रिप्टो करेंसी जारी रहें. क्योंकि, अगर केंद्र सरकार की ओर से सभी तरह की क्रिप्टो करेंसी पर बैन लगा दिया गया, तो भारतीय निवेशकों को लाखों-करोड़ों का नुकसान हो सकता है. जो बैन की खबरों के बाद भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य अभी भी जारी है. लेकिन, इस विषय में संसद में बिल के पेश होने से लेकर उसके पारित होने तक कुछ भी पक्के तौर पर कहना गलत होगा. हालांकि, वित्त मामलों की संसदीय समिति में क्रिप्टो करेंसी को लेकर हुई चर्चा में पाबंदी की बजाए नियमन का सुझाव दिया गया था. अगर केंद्र सरकार की ओर से इस बिल में क्रिप्टो करेंसी के लिए किसी देश की सरकार के मालिकाना हक को जरूरी बनाया जाता है, तो सभी तरह की क्रिप्टो करेंसी पर बैन लग सकता है. क्योंकि, बिटकॉइन जैसी क्रिप्टो करेंसी भी किसी देश की ओर से जारी की गई मुद्रा नहीं है. हो सकता है कि केंद्र सरकार की ओर से क्रिप्टो करेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिसियल डिजिटल करेंसी बिल 2021 में इस पर बैन की जगह इसे रेगुलेट करने के लिए नियम बनाए जाएं.
भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य
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भारत की Cryptocurrency का craze अगले स्तर पर चला गया है, क्योंकि crypto exchanges ने न केवल निवेशकों की संख्या में, बल्कि निवेश की गई रकम में भी अपना सबसे बड़ा निवेश स्तर दर्ज किया। क्रिप्टो रिसर्च और इंटेलिजेंस बिजनेस CREBACO के मुताबिक, हाल ही में cryptocurrency में भारतीय निवेश $10 अरब तक पहुंच गया। क्रिप्टो संपत्तियों पर भारत सरकार के विवादास्पद रुख के बावजूद, भारत में क्रिप्टोकुरेंसी निवेश अभी भी बढ़ रहा है और विश्वासियों ने निवेश करना जारी रखा है। वे निर्णय लेने से पहले सरकार द्वारा विधेयक का विवरण साझा करने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। यद्यपि हम भारत में क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य के बारे में आशावादी हैं, लाखों निवेशक अब इस क्षेत्र में आक्रामक रूप से निवेश कर रहे हैं, हमें यह भी लगता है कि निवेशकों को पहले इस नए परिसंपत्ति वर्ग के बारे में ज्ञान भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य प्राप्त करना चाहिए जो महामारी के दौरान फलफूल रहा है। क्या आप इस नए Trillion dollar industry में निवेश करने से चूक रहे हैं? जानिये हमारे experts से ‘क्रिप्टो 2022: विकास के पहलू और अपेक्षाएं’
Co-Chief Executive Officer
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- तथ्य जो इस asset class के लगातार बढ़ते ecosystem को आकार देते हैं
- Virtual Coins के पीछे की तकनीक
- Traditional assets के मुकाबले digital assets की तुलना
- Cryptocurrency की दुनिया में प्रवेश करने से पहले नए निवेशकों को क्या करना चाहिए
क्रिप्टोकरेंसी अनियमित डिजिटल एसेट हैं, यह वैध मुद्रा नहीं हैं. इनका पिछला प्रदर्शन भविष्य के रिटर्न की गांरटी नहीं है. क्रिप्टोकरेंसी में निवेश या ट्रेड करना बाजार जोखिमों और कानूनी जोखिमों के अधीन है.
Cryptocurrency का भारत में भविष्य क्या है? | भारत में Cryptocurrency का भविष्य क्या है?
क्रिप्टो करेंसी का भारत में भविष्य क्या है? या भारत में Cryptocurrency का भविष्य क्या है? इन प्रश्नों का उत्तर कुछ इस प्रकार है। वर्चुअल डिजिटल असेट्स अर्थात क्रिप्टो करेंसी को लेकर भारत सरकार के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा यह जानकारी दी गई है।
कि क्रिप्टो करेंसी जैसी किसी भी डिजिटल लेनदेन से जो भी कमाई हो रही है। उस पर 1% टीडीएस व 30% Tax लगेगा जो यह दर्शाता है. कि आने वाले समय में सरकार को इससे बहुत बड़ा रेवेन्यू जनरेट होगा, तो संभावना है कि भारत सरकार वर्चुअल डिजिटल असेट्स अर्थात क्रिप्टोकरेंसी को वैध घोषित करके प्रचलन में ला सकते हैं जोकि अच्छी खबर है।
साथ ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह भी कहा कि Virtual Digital Assets (Cryptocurrency) की मंजूरी के विषय पर गहन अध्ययन, चर्चा व विचार विमर्श किया जा रहा है। जल्द ही उचित परिणाम आने की संभावना है।
लेकिन क्रिप्टो करेंसी से हो रहे लोगों को इनकम पर सरकार ने फौरी तौर पर जो टैक्स का ऐलान किया है। उससे साफ जाहिर होता है, कि स्थिति क्रिप्टो करेंसी के पक्ष में ही आने वाला है। तो देखना यह है कि कब यह सरकार के तरफ से बयान आता है।
अतः अभी भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य ज्यादा पूर्वानुमान देना शायद जायज नहीं होगा। फिर भी एक्सपर्ट्स की राय माने तो क्रिप्टो करेंसी का भविष्य भारत में शानदार व दूरगामी हो सकता है।
Future of Cryptocurrency in India
सरकार का वित्त विधेयक लोकसभा से पास हो जाने के बाद, राज्यसभा व राष्ट्रपति की मंजूरी तक के सफर में जो भी सुधार क्रिप्टो करेंसी जैसी मुद्राओं के लेनदेन संबंधी होने हैं। करने के बाद सरकार अपना रुख साफ कर देगी। और किन स्थितियों में इन मुद्राओं का लेनदेन भारत में हो सकेगा।
Cryptocurrency Taxation System
क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज और बैंकों से लेनदेन व सौदों की सूचना तथा डिटेल्स भारत सरकार द्वारा मांगी जा सकती है। क्योंकि जब 1 अप्रैल से 1% TDS & 30% टैक्स को लागू किया जाएगा तो भारत सरकार को वर्चुअल करेंसी अर्थात क्रिप्टोकरंसी के लेनदेन का पूरा डाटा भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य होना आवश्यक है।
Cryptocurrency Exchange not in Advertise IPL
इस वर्ष आईपीएल में भारत के शीर्ष क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज जैसे CoinDCX, WazirX और CoinSwitch Kuber इत्यादि टीवी विज्ञापन या किसी भी तरह का कोई विज्ञापन से प्रचार नहीं कर रहे हैं वहीं पिछले वर्ष लगभग 90 लाख का टीवी व अन्य विज्ञापन में सामूहिक रूप से खर्च किया था। क्रिप्टो एक्सचेंजों ने IPL 2021 में TV Ad पर 40 करोड़ रुपये खर्च किए थे।
इन विज्ञापनों से देश में क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज व निवेशकों की संख्या बढ़ी थी। लेकिन अगर इस सीजन में प्रचार नहीं होगा तो देखना है। इसका कुछ कुप्रभाव होता है. या नहीं वैसे सरकार जब तक अपनी मंशा साफ नहीं करती। तब तक बहुत हद तक इनका इन्वेस्टमेंट करना फायदेमंद नहीं है।
Self Advice investing in Cryptocurrency
निवेशकों को यही राय दी जाती है, कि पूरी तरीके से टैक्सेशन प्रणाली को समझ कर निवेश करें, क्योंकि अगर आप सरकार की मंशा और तौर-तरीकों को मानते हुए निवेश करते हैं। तो भविष्य में आपको अच्छे परिणाम मिलेंगे और उसका अनुभव भी बेहतरीन होगा।
Conclusion about Cryptocurrency
निष्कर्ष यह निकलता है कि भारत में Cryptocurrency का भविष्य अभी भी सरकार के ही हाथ में है। जब तक मजबूत कदम नहीं उठाए जाते तब तक क्रिप्टो करेंसी में बड़ा इन्वेस्टमेंट अपने रिस्क पर होगा। लेकिन टैक्स के दायरे में आने पर कहीं ना कहीं सरकार की भी कुछ दखलअंदाजी जरूर दिखेगी। फिर भी पहले से स्थिति मजबूत दिख रही है। जो निवेशकों को क्रिप्टोकरंसी के तरफ रिझाने में कामयाब होगी।
जानिए भारत का डिजिटल रुपया का कैसा होगा भविष्य
दिल्ली: डिजिटल रुपये की सुगबुगाहट पिछले एक साल से थी, आखिरकार इसका पायलट प्रोजेक्ट 1 नवंबर से शुरू हो गया। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने मंगलवार को डिजिटल रुपये का पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च कर दिया है। लेकिन, सभी के मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या यह क्रिप्टोकरेंसी जैसा होगा? इसे किस तरह संचालित किया जाएगा? आइए एक-एक करके जानते हैं कि भविष्य का पैसा कैसा होगा? हाल के कुछ साल में क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है। क्रिप्टोकरेंसी के बढ़ते प्रचलन की वजह से दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों के सामने अपने देश की करेंसी को बचाए रखने का संकट भी धीरे-धीरे खड़ा हो रहा है। यही वजह है कि सभी देश अपने-अपने स्तर पर क्रिप्टोकरेंसी को नियंत्रित करने का प्रयास कर रहे हैं क्योंकि क्रिप्टोकरेंसीज को कोई रेगुलेट नहीं करता है इसलिए इसके जरिए टेरर फंडिंग की भी बात सामने आई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टोकरेंसीज के संचालन को लेकर कई बार चिंता भी व्यक्त की है। इस साल बजट में सरकार की तरफ से जब डिजिटल रुपये का ऐलान हुआ तभी यह बात स्पष्ट हो गई थी भारत सरकार किसी प्रकार मौका क्रिप्टोकरेंसीज को नहीं देना चाहती है। तब रही-कही कसर क्रिप्टोकरेंसी पर 30 प्रतिशत का टैक्स लगाकर पूरा कर दिया था। आइए जानते हैं जिस डिजिटल रुपये को भारत, क्रिप्टोकरेंसी के बराबर खड़ा करने की सोच रहा है वह है क्या? रिजर्व बैंक इसे रेगुलेट कैसे करेगा? इन सबके अलावा हम और आप जैसे आम आदमी इसका उपयोग कैसे कर पाएंगे।
क्या है डिजिटल रुपया?:
अभी हम भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से जारी 100, 200 रुपये के नोट्स और सिक्के का उपयोग करते हैं। इसी का डिजिटल स्वरूप ही डिजिटल रुपया कहलाएगा। टेक्निकल भाषा में इसे सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) भी कह सकते हैं। यानी रुपये का इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म, जिसका उपयोग हम बिना स्पर्श किए (कॉन्टैक्टलेस ट्रांजैक्शन) करेंगे। बता दें, सरकार ने इसका ऐलान 2022 के बजट में किया था।
क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल रुपये में अंतर क्या है?
क्रिप्टोकरेंसी को कोई भी रेगुलेट नहीं करता है। यह पूरा तरह से ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर निर्भर करता है। इसलिए यह लेन-देन के लिए आधिकारिक करेंसी नहीं माना जाती है। वहीं, डिजिटल रुपये को रिजर्व बैंक जारी करेगा। इसका संचालन पूरी तरह आरबीआई के हाथ में होगा और बैंक अपने ग्राहकों को इसे बांट सकते हैं।
एक-दूसरे को कैसे करेंगे ट्रांसफर: डिजिटल रुपये के रिटेल वर्जन यानी जिसका उपयोग हम और आप जैसे सामान्य लोग करेंगे वह टोकन आधारित हो सकता है। व्यक्तियों को रसीद भी दी जा सकती है (जैसे ई-मेल इत्यादि)। डिजिटल रुपये को ट्रांसफर करते वक्त पासवर्ड जैसे डीटेल्स की जरूरत पड़ सकती है, क्योंकि यह पूरी तरह से प्रोग्राम्ड होगा तो इसलिए शुरुआती समय में इसे सेक्टर बेस्ड ही जारी किया जा सकता है। उदाहरण के रूप में खाद की सब्सिडी डिजिटल रुपये में ट्रांसफर की जाए।
क्या डिजिटल रुपये पर मिलेगा ब्याज?
नहीं, डिजिटल रुपये पर आरबीआई की तरफ से कोई भी ब्याज नहीं दिया जाएगा।
पैसे के लेन-देन पर रहेगी आरबीआई की नजर: जब हमें कोई नोट देता है तो किसी को पता नहीं होता है कि इससे पहले किस-किस के पास से यह पैसा गुजरा है। डिजिटल रुपये में ऐसा नहीं होगा। रिजर्व बैंक सभी पैसे का पता कर पाएगा कि यह किसके-किसके पास से गुजरा है। खासकर बड़े अमाउंट पर कड़ी नजर रहेगी।
बिना इंटरनेट के कर पाएंगे डिजिटल रुपये को ट्रांसफर?
रिजर्व बैंक डिजिटल रुपये के ऑफलाइन मोड पर काम कर रहा है। यानी जब कभी ये आम लोगों के उपयोग में आए तो वह इसका उपयोग ऑफलाइन भी कर पाएं।
1 नवंबर से पायलट प्रोजेक्ट शुरू: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा, 'डिजिटल रुपये (होलसेल ट्रांजैक्शन) का पहला पायलट परीक्षण एक नवंबर को शुरू होगा। इस टेस्टिंग के तहत सरकारी सिक्योरिटीज में सेकेंडरी मार्केट लेनदेन का निपटान किया जाएगा।' आरबीआई ने 'केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा' लाने की अपनी योजना की दिशा में कदम बढ़ाते हुए डिजिटल रुपये का पायलट टेस्टिंग शुरू करने का फैसला किया है। थोक खंड के लिए होने वाले इस परीक्षण में नौ बैंक शिरकत करेंगे। इन बैंकों की पहचान भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और एचएसबीसी के रूप में की गई है।
पहले दिन कैसा रहा रिस्पांस: मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार पहले दिन डिजिटल रुपये के पायलट प्रोजेक्ट में सेकेंड्री मार्केट गर्वमेंट बॉन्ड का ट्रांजैक्शन 2.75 अरब डॉलर रुपये का हुआ है। तीन सिक्योरिटीज में नए रूट से यह ट्रेड सेटल्ड हुआ है।
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