एक्सएन = एक्सएन -1 + एक्सएन -2
फिबोनाची संख्याओं का क्या है भारतीय संबंध
राग बाजारी के नियमित पाठक जानते होंगे कि मैं अक्सर किसी शिखर से तलहटी या फिर तलहटी से शिखर की वापसी (रिट्रेसमेंट) के स्तरों का जिक्र करता हूँ।
भावों के तकनीकी विश्लेषण में यह बड़ा लोकप्रिय औजार है, इसलिए मुझे उम्मीद रहती है कि ज्यादातर पाठक इसे आसानी से समझते होंगे। तमाम चैनलों पर भी विभिन्न विश्लेषकों की बातों में आप फिबोनाची रिट्रेसमेंट की चर्चा सुन लेते होंगे।
लेकिन अभी एक गपशप में मुझसे किसी ने पूछ लिया कि मैं कई बार 80% वापसी का जिक्र क्यों करता हूँ। दरअसल फिबोनाची रिट्रेसमेंट के आधार पर किये जाने वाले विश्लेषण में 80% वापसी का कोई पड़ाव नहीं बनता। इसलिए उनका सवाल वाजिब था।
जो लोग इस विषय को अच्छी तरह जानते हैं, वे कुछ बड़ी आरंभिक बातों का जिक्र करने के लिए क्षमा करें, लेकिन सभी पाठकों की सुविधा के मद्देनजर बता दूँ कि लियोनार्डो फिबोनाची तेरहवीं शताब्दी के गणितज्ञ थे और उन्होंने कुछ खास अंकों की फिबोनाची संख्याओं का क्या है भारतीय संबंध पहचान की।
उन्होंने बताया कि इन अंकों में एक खास अनुपात के आधार पर संबंध बनता है। उन्होंने 0, 1, 1, 2, 3, 5, 8, 13, 21, 34, 55, 89, 144 वगैरह अंकों के बीच एक खास क्रम माना। ये संख्याएँ इस क्रम में क्यों लिखी गयी हैं? ध्यान दें कि 0 और 1 का जोड़ 1 है। फिर 1 और 1 का जोड़ 2, उसके बाद 1 और 2 का जोड़ 3, फिर 2 और 3 का जोड़ 5 और इसी तरह यह क्रम आगे चलता जा रहा है।
इस क्रम में 5 के बाद के अंकों पर गौर करें तो अगले अंक पिछले अंक से लगभग 62% बड़े हैं। अगर 13 के बाद के अंकों को देखें तो यह अनुपात और भी शुद्ध रूप से 61.8% के आसपास बैठता है। जैसे कि 21 को 34 से भाग देने पर 61.8% आता है। इसी तरह 34 का अंक 55 का 61.8% है।
इसी आधार पर तकनीकी चार्ट के विश्लेषण में 61.8त्न वापसी को बड़ा महत्वपूर्ण गया। इसका मतलब यह है कि किसी शिखर से गिर कर एक तलहटी को छूने के बाद भाव 61.8त्न की वापसी कर सकता है। जो मूल फिबोनाची संख्याएँ हैं, उन्हीं के बीच आपसी संबंधों के आधार पर वापसी के कुछ और खास स्तरों की भी पहचान की गयी। इस तरह फिबोनाची रिट्रेसमेंट के स्तर 23.6%, 38.2%, 61.8% और 100% माने गये। ध्यान दें कि इसमें 50% और 80% वापसी को नहीं रखा गया है।
दरअसल 23.6% और 38.2% के फिबोनाची स्तर स्तर कैसे निकाले गये, इसे भी समझ लेते हैं। अगर मूल फिबोनाची अंकों के क्रम में एक अंक छोड़ कर अगले अंक की तुलना में प्रतिशत फिबोनाची संख्याओं का क्या है भारतीय संबंध निकालेंगे तो लगभग 38.2% मिलेगा।
मिसाल के तौर पर 34 से 13 को भाग देने पर 38.2% मिलेगा। इसी तरह 55 से 21 को भाग देने पर भी यही अनुपात मिलेगा। अब अगर दो अंक छोड़ कर अगले अंक से यही प्रक्रिया दोहरायें तो 23.6% का अनुपात मिल जाता है। जैसे, 13 को 55 से भाग दें या 21 को 89 से भाग दें तो आपको 0.236 यानी 23.6% मिलेगा।
सवाल है कि जब ठीक अगली संख्या से भाग देने पर 61.8%, एक अंक छोड़ कर अगली संख्या से भाग देने पर 38.2% और दो अंक छोड़ कर अगली संख्या से भाग देने पर 23.6% के स्तर मिले, तो बीच 50% का स्तर कैसे आ गया? और फिर 80% की बात कहाँ से आयी?
मैं इस विषय की खास जानकारी रखने का दावा नहीं कर सकता, लेकिन शायद फिबोनाची की मूल अवधारणा को मानने वाले कुछ गणितज्ञों या कारोबारियों ने ये स्तर बाद में जोड़े। उन्होंने भावों के उतार-चढ़ाव का अध्ययन करते समय पाया कि अक्सर भाव 50% और 80% के स्तरों से भी पलटते हैं। कुछ लोगों के मुताबिक 80% के बदले 78.6% या 76.4% का स्तर बनता है। बहरहाल, व्यवाहारिक अनुभव के आधार पर इन्हें भी वापसी के प्रमुख स्तरों में मान लिया गया। इसलिए शायद शुद्ध रूप से फिबोनाची संख्याओं और अनुपातों को तवज्जो देने वाले विश्लेषक इन्हें नहीं मानते, लेकिन कई विश्लेषक इन स्तरों से वापसी की संभावना भी लेकर चलते हैं।
मैं इस विषय में कोई ज्यादा पढ़ा-लिखा व्यक्ति नहीं। मुझे तकनीकी विश्लेषण की कोई नयी बात सुनने को मिलती है तो सबसे पहले उसे सेंसेक्स-निफ्टी और कुछ खास शेयरों पर आजमा कर देखता हूँ। अगर ठीक बैठता लगा तो आगे के अनुमानों में उस बात को इस्तेमाल करने की कोशिश करता हूँ। इस क्रम में मैंने यह भी पाया है कि एक ही तकनीकी औजार किसी एक सूचकांक या शेयर में बड़ा अच्छा चलता है तो दूसरे सूचकांक या शेयर में एकदम बेकार हो जाता है। इसलिए यह देखते-समझते रहने की चीज है, कोई एक लाठी उठा कर हर जगह नहीं हाँकी जा सकती।
खैर, अब सवाल यह है कि क्या भारतीय शेयर बाजार में 50% और 80% वापसी के स्तर कारगर रहते हैं? सवाल 50% को लेकर कम, 80% को लेकर ज्यादा होते हैं क्योंकि मैंने 50% वापसी के बारे में काफी विश्लेषकों से सुना है। लिहाजा 80% वापसी की परीक्षा के लिए मैंने कई सूचकांकों और शेयरों के चार्ट छान डाले। पहले निफ्टी की बात।
इसने दिसंबर 2011 में 4531 की तलहटी बनाने के बाद फरवरी 2012 में 5630 का शिखर बनाया। इसकी 61.8% वापसी 4950 और 80% वापसी 4750 बैठती है। जून 2012 में निफ्टी 61.8% वापसी पर सहारा लेने के बदले 80% वापसी के ठीक ऊपर 4770 से पलटा (देखें चित्र 4)।
इससे पहले नवंबर 2010 के महीने में निफ्टी ने 6339 से 5690 तक की तीखी गिरावट (चित्र ५) दर्ज की थी। इसकी 61.8% वापसी 6091 पर और 80% वापसी 6209 पर थी। जनवरी 2011 में निफ्टी 6181 तक वापस सँभला, यानी 61.8% वापसी पर सहारा लेने के बदले यह 80% वापसी के करीब चला गया।
इन दोनों उदाहरणों में निफ्टी 80% वापसी से कुछ पहले ही सँभल गया। लेकिन फरवरी 2011 की एक उछाल की वापसी में इसने 80% का स्तर कुछ अंतर से पार कर लिया। इसने 5178 से 5599 तक की उछाल (चित्र 6) दर्ज की थी, जिसकी 80% वापसी 5262 पर थी। लेकिन यह इसके भी नीचे जाकर 25 फरवरी 2011 को 5233 तक फिसलने के बाद वापस सँभला।
ऐसा ही हमें साल 2010 की पहली छमाही में देखने को मिला। यह 8 फरवरी 2010 को 4675 की तलहटी बनाने के बाद 7 अप्रैल 2010 को 5400 तक (चित्र 7) चढ़ा। इस उछाल की 80% वापसी 4820 पर थी। लेकिन मई 2010 में निफ्टी 4786 तक गिरने के बाद वापस सँभला।
इससे कुछ और पहले का चार्ट देखें तो नवंबर 2009 में 4539 के निचले स्तर से जनवरी 2010 में 5311 तक की उछाल (चित्र 8) आयी थी। इस उछाल की 80% वापसी का स्तर 4693 था। फरवरी 2010 में निफ्टी इसके थोड़ा नीचे 4675 तक गिरने के बाद वापस पलटा।
इन सारे उदाहरणों से साफ है कि हम 80% वापसी के स्तर को ध्यान में रखें तो अच्छा ही है। निफ्टी के इन उदाहरणों के अलावा ऐसी ही स्थिति हम भारतीय शेयर बाजार के कई दिग्गज शेयरों के चार्ट पर भी देख सकते हैं। यहाँ एक बात याद रखें कि भाव एकदम ठीक-ठीक किसी फिबोनाची रिट्रेसमेंट के स्तर से ही पलटना जरूरी नहीं होता। वापसी के ये स्तर मोटा-मोटा लक्ष्य देते हैं। उसके थोड़ा ऊपर-नीचे से भाव पलटना आम बात है और इसे ध्यान में रख कर ही कारोबारी रणनीति बनानी चाहिए।
(कारोबारी सौदों में फिबोनाची की मदद से कैसे फायदा उठाया जाये, यह समझने के लिए हमने तकनीकी विश्लेषक कुणाल सरावगी से मदद ली, जिन्होंने पृष्ठ 17 पर ‘पैसे की पाठशाला’ स्तंभ में इसके गुर बताये हैं।)
(निवेश मंथन, जून 2013)
फाइबोनैचि संख्याएं और रेखाएं
फाइबोनैचि संख्याओं का नाम इतालवी गणितज्ञ लियोनार्डो फिबोनाची के नाम पर रखा गया है, जिन्हें लियोनार्डो पिसानो के नाम से भी जाना जाता है। 1202 में अपनी पुस्तक 'लिबर अबासी' में, फिबोनाची ने यूरोपीय गणितज्ञों के लिए अनुक्रम की शुरुआत की।
आज तकनीकी संकेतक बनाने के लिए फाइबोनैचि संख्याओं का उपयोग किया जाता है। संख्याओं का क्रम 0 और 1 से शुरू होता है। यह पिछली दो संख्याओं को जोड़कर बनाया जाता है। उदाहरण के लिए, अनुक्रम 0, 1, 1, 2, 3, 5, 8, 13, 21, 34, 55, 89,144, 233, 377, आदि है। इस क्रम को अनुपातों में तोड़ा जा सकता है। 1.618 के सुनहरे अनुपात या प्रतिलोम 0.618 के नियम के कारण यह एक महत्वपूर्ण क्रम है। फिबोनाची के पिता एक व्यापारी थे और उन्होंने उनके साथ व्यापक यात्रा की। इससे उन्हें उत्तरी अफ्रीका में बड़े होने के दौरान हिंदू-अरबी अंकगणितीय प्रणाली के संपर्क में आने में मदद मिली। फाइबोनैचि अनुक्रम में, कोई भी संख्या पिछली संख्या से लगभग 1.618 गुना होती है जिससे पहले कुछ संख्याओं को अनदेखा कर दिया जाता है। प्रत्येक संख्या उसके दायीं ओर की संख्या का 0.618 भी है। यह अनुक्रम में पहले कुछ नंबरों को अनदेखा करके भी प्राप्त किया जाता है।
फाइबोनैचि संख्याओं और रेखाओं के लिए सूत्र
फाइबोनैचि संख्याएं एक संख्या अनुक्रम के बारे में हैं जिनका एक दूसरे के साथ एक निश्चित संबंध है। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि नीचे बताए गए फॉर्मूले का भी इस्तेमाल किया जा सकता है:
एक्सएन = एक्सएन -1 + एक्सएन -2
फाइबोनैचि संख्याएं और रेखाएं क्या बताती हैं?
कई व्यापारियों का मानना है कि फाइबोनैचि संख्याएं वित्त में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। वे व्यापारियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले अनुपात और प्रतिशत में मदद करते हैं। ये प्रतिशत निम्नलिखित तकनीकों का उपयोग करके लागू किए जाते हैं:
1. फाइबोनैचि रिट्रेसमेंट
फाइबोनैचि रिट्रेसमेंट एक चार्ट पर क्षैतिज रेखाएं होती हैं, फिबोनाची संख्याओं का क्या है भारतीय संबंध जो समर्थन और प्रतिरोध के क्षेत्रों को दर्शाती हैं।
2. फाइबोनैचि एक्सटेंशन
एक चार्ट पर क्षैतिज रेखाएं होती हैं जो दिखाती हैं कि एक मजबूत मूल्य लहर पहुंच सकती है।
3. फाइबोनैचि आर्क्स
फाइबोनैचि आर्क्स उच्च या निम्न से आने वाली कंपास जैसी गतियां हैं, जो समर्थन और प्रतिरोध के क्षेत्रों को दर्शाती हैं।
4. फाइबोनैचि प्रशंसक
ये विकर्ण रेखाएं हैं जो समर्थन और प्रतिरोध के उच्च और निम्न क्षेत्रों का उपयोग करती हैं।
प्राकृतिक संख्या
प्राकृतिक संख्याओं से गणना की सकती है। उदाहरण: (ऊपर से नीचे की ओर) एक सेब, दो सेब, तीन सेब. गणित में 1,2,3.
---- समीकरण (equation) प्रतीकों की सहायता से व्यक्त किया गया एक गणितीय कथन है जो दो वस्तुओं को समान अथवा तुल्य बताता है। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि आधुनिक गणित में समीकरण सर्वाधिक महत्वपूर्ण विषय है। आधुनिक विज्ञान एवं तकनीकी में विभिन्न घटनाओं (फेनामेना) एवं प्रक्रियाओं का गणितीय मॉडल बनाने में समीकरण ही आधारका काम करने हैं। समीकरण लिखने में समता चिन्ह का प्रयोग किया जाता है। यथा- समीकरण प्राय: दो या दो से अधिक व्यंजकों (expressions) की समानता को दर्शाने के लिये प्रयुक्त होते हैं। किसी समीकरण में एक या एक से अधिक चर राशि (यां) (variables) होती हैं। चर राशि के जिस मान के लिये समीकरण के दोनो पक्ष बराबर हो जाते हैं, वह/वे मान समीकरण का हल या समीकरण का मूल (roots of the equation) कहलाता/कहलाते है। ऐसा समीकरण जो चर राशि के सभी मानों के लिये संतुष्ट होता है, उसे सर्वसमिका (identity) कहते हैं। जैसे - एक सर्वसमिका है। जबकि एक समीकरण है जिसका मूल हैं x.
हेमचन्द्र श्रेणी
वर्गों सहित खपरैल, जिसकी भुजाएं लंबाई में क्रमिक फाइबोनैचि संख्याएं हैं युपाना ("गणन यंत्र" के लिए क्वेचुआ) एक कैलकुलेटर है, जिसका उपयोग इन्कास ने किया. शोधकर्ताओं का मानना है कि प्रति क्षेत्र आवश्यक कणों की संख्या को कम करने के लिए परिकलन फाइबोनैचि संख्याओं पर आधारित थे.0 फाइबोनैचि खपरैल में वर्गों के विपरीत कोनों को जोड़ने के लिए चाप के चित्रण द्वारा तैयार फाइबोनैचि सर्पिल घुमाव; इसमें 1, 1, 2, 3, 5, 8, 13, 21 और 34 आकार के वर्गों का उपयोग हुआ है; देखें स्वर्णिम सर्पिल गणित में संख्याओं का निम्नलिखित अनुक्रम हेमचंद्र श्रेणी या फिबोनाची श्रेणी (Fibonacci number) कहलाता हैं: परिभाषा के अनुसार, पहली दो हेमचंद्र संख्याएँ 0 और 1 हैं। इसके बाद आने वाली प्रत्येक संख्या पिछले दो संख्याओं का योग है। कुछ लोग आरंभिक 0 को छोड़ देते हैं, जिसकी जगह दो 1 के साथ अनुक्रम की शुरूआत की जाती है। गणितीय सन्दर्भ में, फिबोनाची संख्या के F n अनुक्रम को आवर्तन संबंध द्वारा दर्शाया जा सकता है- तथा, अंगूठाकार फिबोनाची अनुक्रम का नाम पीसा के लियोनार्डो फिबोनाची के नाम पर रखा गया, जो फाइबोनैचि (फिलियस बोनैचियो का संक्षिप्त रूप, "बोनैचियो के बेटे") के नाम से जाने जाते थे। फाइबोनैचि द्वारा लिखित 1202 की पुस्तक लिबर अबेकी ने पश्चिम यूरोपीय गणित में इस अनुक्रम को प्रवर्तित किया, हालांकि पहले ही भारतीय गणित में इस अनुक्रम का वर्णन किया गया है.
क्रमगुणित
गणित में किसी अऋणात्मक पूर्णांक n का क्रमगुणित या 'फैक्टोरियल' (factorial) वह संख्या है जो उस पूर्णांक n तथा उससे छोटे सभी धनात्मक पूर्णांकों के गुननफल के बराबर होता है। इसे n!, से निरूपित किया जाता है। उदाहरण के लिये, 0! का मान is 1 होता है। गणित के अनेकों क्षेत्रों में क्रमगुणित का उपयोग करना पड़ता है, जिनमें से क्रमचय संचय (combinatorics), बीजगणित तथा गणितीय विश्लेषण (mathematical analysis) प्रमुख हैं। .
यूनियनपीडिया एक विश्वकोश या शब्दकोश की तरह आयोजित एक अवधारणा नक्शे या अर्थ नेटवर्क है। यह प्रत्येक अवधारणा और अपने संबंधों का एक संक्षिप्त परिभाषा देता है।
इस अवधारणा को चित्र के लिए एक आधार के रूप में कार्य करता है कि एक विशाल ऑनलाइन मानसिक नक्शा है। यह प्रयोग करने के लिए स्वतंत्र है और प्रत्येक लेख या दस्तावेज डाउनलोड किया जा सकता है। यह शिक्षकों, शिक्षकों, विद्यार्थियों या छात्रों द्वारा इस्तेमाल किया जा सकता है कि एक उपकरण, संसाधन या अध्ययन, अनुसंधान, शिक्षा, शिक्षा या शिक्षण के लिए संदर्भ है, अकादमिक जगत के लिए: स्कूल, प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च विद्यालय, मध्य, महाविद्यालय, तकनीकी डिग्री, कॉलेज, विश्वविद्यालय, स्नातक, मास्टर या डॉक्टरेट की डिग्री के लिए; कागजात, रिपोर्ट, परियोजनाओं, विचारों, प्रलेखन, सर्वेक्षण, सारांश, या शोध के लिए। यहाँ परिभाषा, विवरण, विवरण, या आप जानकारी की जरूरत है जिस पर हर एक महत्वपूर्ण का अर्थ है, और एक शब्दकोष के रूप में उनके संबद्ध अवधारणाओं की एक सूची है। हिन्दी, अंग्रेज़ी, स्पेनी, पुर्तगाली, जापानी, चीनी, फ़्रेंच, जर्मन, इतालवी, पोलिश, डच, रूसी, अरबी, स्वीडिश, यूक्रेनी, हंगेरियन, कैटलन, चेक, हिब्रू, डेनिश, फिनिश, इन्डोनेशियाई, नार्वेजियन, रोमानियाई, तुर्की, वियतनामी, कोरियाई, थाई, यूनानी, बल्गेरियाई, क्रोएशियाई, स्लोवाक, लिथुआनियाई, फिलिपिनो, लातवियाई, ऐस्तोनियन् और स्लोवेनियाई में उपलब्ध है। जल्द ही अधिक भाषाओं।
"Fibonacci number" शब्दकोश में अंग्रेज़ी का अर्थ
गणित में, फिबोनैचि संख्याएं या फिबोनैसी अनुक्रम निम्न पूर्णांक अनुक्रम में संख्या हैं: या:। परिभाषा के अनुसार, फिबोनैचि अनुक्रम में पहले दो नंबर अनुक्रम के चुने हुए प्रारंभिक बिंदु के आधार पर 1 और 1, या 0 और 1, और प्रत्येक बाद की संख्या पिछले दो की राशि है। गणितीय शब्दों में, फिबोनैचि संख्याओं का अनुक्रम एफएन बीज मूल्यों के साथ पुनरावृत्ति संबंध द्वारा परिभाषित किया गया है या फिबोनाची अनुक्रम फिबोनाची के नाम पर है उनकी 1202 पुस्तक लाइबबेर अबेसी ने पश्चिमी यूरोपीय गणित के अनुक्रम का परिचय दिया था, हालांकि अनुक्रम पहले भारतीय गणित में वर्णित किया गया था। आधुनिक सम्मेलन के अनुसार, क्रम या तो F0 = 0 या F1 = 1 के साथ शुरू होता है। लाइबिक अबेसी ने प्रारंभिक 0 के बिना, एफ 1 = 1 के साथ अनुक्रम शुरू किया। फिबोनैचि संख्या लुकास संख्याओं से निकटता से संबंधित हैं, जिसमें वे एक पूरक जोड़ी हैं लुकास दृश्य वे सुनहरे अनुपात से अच्छी तरह से जुड़े हुए हैं; उदाहरण के लिए, अनुपात में निकटतम तर्कसंगत अनुमान 2/1, 3/2, 5/3, 8/5, . । In mathematics, the Fibonacci numbers or Fibonacci sequence are the numbers in the following integer sequence: or: . By definition, the first two numbers in the Fibonacci sequence are 1 and 1, or 0 and 1, depending on the chosen starting point of the sequence, and each subsequent number is the sum of the previous two. In mathematical terms, the sequence Fn of Fibonacci numbers is defined by the recurrence relation with seed values or The Fibonacci sequence is named after Fibonacci. His 1202 book Liber Abaci introduced the sequence to Western European mathematics, although the sequence had been described earlier in Indian mathematics. By modern convention, the sequence begins either with F0 = 0 or with F1 = 1. The Liber Abaci began the sequence with F1 = 1, without an initial 0. Fibonacci numbers are closely related to Lucas numbers in that they are a complementary pair of Lucas sequences. They are intimately connected with the golden ratio; for example, the closest rational approximations to the ratio are 2/1, 3/2, 5/3, 8/5, . .
अंग्रेज़ीशब्दकोश में Fibonacci number की परिभाषा
शब्दकोश में फिबोनैचि संख्या की परिभाषा फिबोनैचि अनुक्रम में एक संख्या है, जिनमें से प्रत्येक पिछले दो का योग है।
The definition of Fibonacci number in the dictionary is a number in the Fibonacci sequence, each of which is the sum of the previous two.
ध्यान दें: परिभाषा का अंग्रेज़ीमें स्वचालित अनुवाद किया गया है। अंग्रेज़ी में «Fibonacci number» की मूल परिभाषा देखने के लिए क्लिक करें।
अंग्रेज़ीशब्दकोश में Fibonacci number की परिभाषा
शब्दकोश में फिबोनैचि संख्या की परिभाषा फिबोनैचि अनुक्रम में एक संख्या है, जिनमें से प्रत्येक पिछले दो का योग है।
The definition of Fibonacci number in the dictionary is a number in the Fibonacci sequence, each of which is the sum of the previous two.
ध्यान दें: परिभाषा का अंग्रेज़ीमें स्वचालित अनुवाद किया गया है। अंग्रेज़ी में «Fibonacci number» की मूल परिभाषा देखने के लिए क्लिक करें।
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