अच्छी ट्रेडिंग के 06 नियम जाने। Know the 06 rules of good trading
ट्रेडिंग (Trading) नियम ट्रेडरो को प्रॉफिट कराते हैं। जब नए लोग शेयर मार्केट में आते हैं, तो उनके पास प्रोफेसनल ट्रेडरो की तुलना में पूरी तरह से अलग सोच और नियम होते है। यही कारण है कि ज्यादातर नए ट्रेडर ( Trader) पैसे गंवाकर शुरुआत करते हैं।
आज के इस पोस्ट के माध्यम से जानेंगे की अच्छी ट्रेडिंग ( Trading) के कौन से वो 06 नियम है जिनको हर नए ट्रेडरों को जानने की जरूरत है और इन नियमों को जान कर अगर आप लोग ट्रेडिंग में अप्लाई करते है तो आप अपनी ट्रेडिंग ( Trading) को बेहतर कर सकते इंट्राडे ट्रेडिंग के नियम है जिससे आप लोगो को अधिक लॉस न हो शेयर मार्केट में।तो चलिए जानते है इन नियमों को जो इस प्रकार से है।
1.पोजिशन साइज के हिसाब से अपना ट्रेडिंग (Trading) स्टॉपलॉस सेट करे ।
2.पहले से ही अपने दिमाग में लॉस को स्वीकार करे ।
3.ट्रेड को पर्याप्त समय दे।
4. ट्रेडिंग (Trading) में कुछ न करना भी एक कला है।
5.ट्रेड लेने के बाद आप जो भी एक्शन लेते है उसे लिखे।
6.ट्रेडिंग (Trading) से कुछ समय के लिए ब्रेक ले।
1.पोजिशन साइज के हिसाब से अपना ट्रेडिंग (Trading) स्टॉपलॉस सेट करे :
आपलोग ट्रेडिंग (Trading) करते समय अपने स्टॉपलॉस को बड़े अक्षरों में लिखे, तथा टारगेट को छोटा लिखे ताकी आप लोग टारगेट के पीछे गुम न हो जाए। ट्रेडिंग में बहुत अधिक रुपए कमाने का एक मात्र ही गुप्त नियम है की आप को अधिक रुपए यानी बड़ा लॉस नही करना है।
अगर आप लोग इसे सीख गए और ट्रेडिंग ( Trading) में बड़ा लॉस नही कर रहे है तो आप लोग ट्रेडिंग से बहुत रुपए कमाएगे इस लिए ट्रेड लेने से पहले अपने स्टॉपलॉस को देखे और उसी हिसाब से अपनी पोजिशन साइज सेट करे, ताकी अगर आप का स्टॉपलॉस हिट होगा तो आप बड़े नुकसान से बच जायेगे।
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2.पहले से ही अपने दिमाग में ट्रेडिंग (Trading) लॉस को स्वीकार करे।
जब आप लोग ट्रेड लेने से पहले ही लॉस को स्वीकार कर लेते है तो आप को अंदर से शान्ती रहती है,आप को पता होता है की अगर ये ट्रेड मेरी ओर नही चली तो मैं इतने ही रूपए खोऊगा ।
यदि आप पहले से ही लॉस को नही स्वीकार करते है तो आप को हमेशा अपनी सभी ट्रेडो से लाभ की अपेक्षा रहेगी और अगर उस ट्रेड में आप को लाभ नही हुवा तो आपने अंदर की शांती भंग होगी और आप लोग पैनिक करने लगोगे इसी वजह से आप लोग पहले से ही लॉस को स्वीकार कर ले और अपनी ट्रेडिंग (Trading) जर्नी को सफल बनाए।
3.ट्रेड को पर्याप्त समय दे :
जब आप का स्टॉपलॉस छोटा और टारगेट काफी बड़ा होता है तो आप को अपनी ट्रेड को समय देना पड़ेगा। आप का स्टॉपलॉस भी अधिक बार हिट होगा ।
इसके लिए आप तैयार रहना पड़ेगा स्टॉपलॉस से घबराए नही ये ट्रेडिंग ( Trading)का एक हिस्सा है प्रॉफिट और लॉस तो लगा ही रहता है ।
ट्रेड में,लेकिन जब आप अपना धैर्य खो देते है ट्रेड करते समय जब आप को पुलबैक दिखता है लगता है ट्रेड को एग्जिट करदे आप को इसके लिए भी तैयार होना पड़ेगा पहले से ही, आराम से अपनी ट्रेड को पूरा समय दे और अपनी ट्रेडिंग जर्नी को एंजॉय करे।
4. ट्रेडिंग (Trading) में कुछ न करना भी एक कला है :
जब आप लोग किसी ट्रेड में इंटर करते है तो ज्यादातर समय आप को कुछ नही करना होता है ।
उस और ही आप को ध्यान देना है जो आप ने अपने टेक्निकल एनालिसिस में अपना टारगेट और स्टॉपलॉस लेवल निकले है।
एक बार टारगेट और स्टॉपलॉस सेट करने के बाद आप को तब तक कोई एक्शन नहीं लेना है जब तक आप टारगेट या स्टॉपलॉस में से एक हिट नही हो जाता है।
अगर आप अपने लेवल इधर उधर करेंगे, तो ट्रेडिंग सिस्टम खराब होता है। यदि आप ये करते है तो आपको और अधिक टेक्निकल एनालिसिस पर ध्यान देने की आवश्कता है।
5.ट्रेड लेने के बाद आप जो भी एक्शन लेते है उसे लिखे :
आप जब ट्रेड लेते है और जब तक ट्रेड खत्म नही होती इसके बीच में जो भी ख्याल आते है उसे लिखे वो जो करने का मन करता है,या जो एक्शन लिए सभ कुछ अब इससे होगा क्या?
लिखने से आप को पता चले गए जब आप की ट्रेड में लाभ होता है तो आप क्या करते है और जब आप को लॉस होता है तो आप क्या करते है। आप क्या सोचते है ट्रेडिंग (Trading) करते समय तथा आप क्या गलत करते हो।
जब आप को समय मिले इसे पढ़े ताकी आप ने जो गलती की उससे सीखे और अपनी ट्रेडिंग को बेहतर बनाए इससे आप को अपने बारे में बहुत अधिक जानने को मिले गा जो आप के स्टोर्ंग प्वाइंट्स है और जो आप के कमजोर प्वाइंट्स है अपनी कमजोरी को सुधारे और ट्रेडिंग ( Trading) की दुनिया में अपना नाम बनाए।
6.ट्रेडिंग (Trading) से कुछ समय के लिए ब्रेक ले:
जब आप कोई ट्रेड लेते है उस समय आप का दिमाग बहुत अधिक एक्टिव होता है इसी लिए ट्रेडिंग इंट्राडे ट्रेडिंग के नियम इंट्राडे ट्रेडिंग के नियम में आप लोगो को एक छोटा ब्रेक लेना चाहिए यह आप के लिए बहुत अच्छा होता है।
आप दिन भर स्क्रीन के सामने बैठे हुवे है और ट्रेड किए जा रहे है उससे अच्छा है की एक ट्रेड खत्म हो जाने के बाद जब आप दूसरी ट्रेड ले उससे पहले आप लोग थोड़ा सा टाइम ब्रेक ले और अपने मन तथा शरीर को शांत करे ।
ये थे वो 06 तरीके जिससे आप अपनी ट्रेडिंग ( Trading) को बेहतर बना सकते है यदि आप इनका पालन करते हो तो आप की ट्रेडिंग स्किल अच्छी होगी तथा लॉस कम और प्रॉफिट अधिक होगा।
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एंजल ब्रोकिंग में इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करें
आप ना केवल मूल्य में वृद्धि होने पर अभी तो मूल्य में गिरावट आने पर भी कमा सकते हैं। यदि शेयर का प्राइस गिर रहा है और आपको लगता है कि यह और गिरेगा तो इस स्थिति में आप शेयर बेचकर करके पैसे कमा सकते हैं।
निम्नलिखित कदमों का उपयोग करके आप इंट्राडे में स्टॉक्स बेचकर कमाई कर सकते हैं:
- अपने एंजल ब्रोकिंग ऐप से सर्च आइकन को क्लिक कीजिए तथा उस स्टॉक को ढूंढिए जिसमें आप इंट्राडे ट्रेडिंग करना चाहते हैं। सबसे पहले रिजल्ट पर क्लिक कीजिए। आप यदि यह सोचते हैं की मूल्य पहले से ही बहुत अधिक है और निश्चित ही इनमें गिरावट आएगी तो Sell बटन को दबाइए।
- Quatity फील्ड में जितने शेयर आप बेचना चाहते हैं उनकी संख्या लिखिए और उसके बाद यह निश्चित कीजिए की क्या आप मार्केट ऑर्डर प्लेस करना चाहेंगे या लिमिट ऑर्डर (मैं ऊपर समझा चुका हूं)।
- Intraday को Product Type के रूप में चुने।
- बाकी बचे दो फील्ड्स को ना छुएं और सेल ऑर्डर को प्लेस करने के लिए Sell बटन को दबाएं।
- अपने सेल आर्डर के विवरण को कंफर्म करने के लिए Confirm को क्लिक करें।
- आपका ऑर्डर एग्जीक्यूट हो जाएगा और आप तभी कमा पाएंगे यदि मूल्य में गिरावट आती है तथा आपको हानि होगी यदि मूल्य में वृद्धि होती है।
- होने वाली हानि को सीमित करने के लिए स्टॉप लॉस ऑर्डर को प्लेस करना ना भूलें।
- तय किए गए लक्ष्यों की प्राप्ति के बाद एग्जिट करें और अपने स्टॉप लॉस ऑर्डर को कैंसिल करें।
इस प्रकार, एंजल ब्रोकिंग में इंट्राडे में बेचकर आप कमाई कर सकते हैं।
अस्वीकरण: इस पोस्ट में उपलब्ध सूचना केवल शैक्षिक उद्देश्य के लिए है। कृपया किसी भी सुझाव को निवेश की सलाह के रूप में ना लें। ट्रेडिंग जोखिम से संबंधित होती है इसीलिए इसे ध्यानपूर्वक करें।
सेबी के नए मार्जिन नियम आज से लागू, यहां जानिए अपने हर सवाल का जवाब
कैश मार्केट में मार्जिन से जुड़े ने नियम 1 सितंबर से लागू हो गए हैं. सेबी ने इसे कुछ समय टालने की अपील ठुकरा दी है
सेबी मार्जिन के दो तरह के नियमों को लागू करना चाहता है. पहला नियम कैश मार्केट में अपफ्रंट मार्जिन से संबंधित है.
मैं मार्जिन को पूरी तरह से नहीं समझता, क्या मुझे इसके बारे में विस्तार से बता सकते हैं?
मार्जिन का मतलब उस रकम से है, जो आपके ट्रेडिंग अकाउंट में होती है. सामान्य रूप से निवेशक को अपने ट्रेडिंग अकाउंट में जमा रकम से शेयर खरीदने की इजाजत होनी चाहिए. लेकिन, व्यवहार में मामला थोड़ा अलग है. कई ब्रोकिंग कंपनियां अपने क्लाइंट को शेयर खरीदने के लिए रकम उधार देती हैं. इसे लिवरेज या मार्जिन ट्रेडिंग कहते हैं. इंट्राडे ट्रेडिंग में यह ज्यादा देखने को मिलता है.
फिर, 1 सितंबर से क्या बदलने जा रहा है?
पहले हम यह समझते हैं कि शेयरों की डिलीवरी किस तरह होती है. अभी बाजार में डिलीवरी के लिए टी+2 (ट्रेडिंग प्लस दो दिन) मॉडल का पालन होता है. इसका मतलब है कि अगर आप सोमवार को शेयर खरीदते या बेचते हैं तो यह बुधवार को डेबिट या क्रेडिट होगा. इसी तरह शेयर का पैसा भी बुधवार को आपके अकाउंट में आएगा या उससे जाएगा. इस मॉडल में ब्रोकर्स क्लाइंट के अकाउंट में पैसा नहीं होने पर भी शेयर खरीदने की इजाजत देते हैं. यह इस शर्त पर किया जाता है कि आप पैसा टी+1 या टी+2 दिन में चुका देंगे.
अब सेबी ने जो नया नियम बनाया है, उसमें ब्रोकर को सौदे की कुल वैल्यू का 20 फीसदी क्लाइंट से अपफ्रंट लेना होगा. इसका मतलब यह है कि सौदे के वक्त क्लाइंट (रिटेल निवेशक) को 20 फीसदी रकम चुकाना होगा. उदाहरण के लिए अगर रिटेल निवेशक रिलायंस इंडस्ट्रीज के एक लाख रुपये मूल्य के शेयर खरीदता है तो ऑर्डर प्लेस करने से पहले उसके ट्रेडिंग अकाउंट में कम से कम 20,000 रुपये होने चाहिए. बाकी पैसा वह टी+1 या टी+2 दिन में या ब्रोकर के निर्देश के मुताबिक चुका सकता है. सेबी के नए नियम के मुताबिक शेयर बेचते वक्त भी आपके ट्रेडिंग अकाउंट में मार्जिन होना चाहिए.
शेयर बेचने के लिए मेरे ट्रेडिंग अकाउंट में मार्जिन क्यों होना चाहिए?
सेबी ने सोच-समझकर यह नियम लागू किया है. इसे एक उदाहरण से समझ सकते हैं. मान लीजिए आप सोमवार को 100 शेयर बेचते हैं. ये शेयर आपको अकाउंट से बुधवार को डेबिट होंगे. लेकिन, अगर आप मंगलवार (डेबिट होने से पहले) को इन शेयरों को किसी दूसरे को ट्रांसफर कर देते हैं तो सेटलमेंट सिस्टम में जोखिम पैदा हो जाएगा.
ब्रोकिंग कंपनियों के पास ऐसा होने से रोकने के लिए हथियार होते हैं. 95 फीसदी मामलों में ऐसा नहीं होता है. सेबी ने यह नियम इसलिए लागू किया है कि 5 फीसदी मामलों में भी ऐसा न हो.
यह नियम कुछ ज्यादा इंट्राडे ट्रेडिंग के नियम सख्त लगता है, क्या इसका कोई दूसरा तरीका नहीं है?
इसका दूसरा तरीका है. सेबी ने बगैर मार्जिन शेयर बेचने की इजाजत दी है. लेकिन, इसमें शर्त यह है कि ब्रोकर के पास ऐसा सिस्टम होना चाहिए, जिसमें शेयर बेचने के दिन वह शेयरों को क्लाइंट के अकाउंट से अपने अकाउंट में ट्रांस्फर कर लें. लेकिन, इसमें कुछ ऑपरेशनल दिक्कतें हैं.
इस नियम का बाजार पर क्या असर पड़ेगा?
विश्लेषकों और इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि नए नियमों से ट्रेडिंग वॉल्यूम घटेगा. लेकिन, कुछ लोगों का मानना है कि पिछले 25 साल में जब भी नए नियम लागू किए गए, बाजार ने उसके हिसाब से खुद को ढाल लिया. नए नियम बाजार में जोखिम घटाने और निवेशकों के हितों की सुरक्षा के लिए लागू किए जाते हैं.
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Intraday Trading क्या है? | इंट्राडे ट्रेडिंग में प्रॉफिट कैसे कमा सकते हैं?
दोस्तों आप में से बहुत से लोग स्टॉक मार्केट में शेयर्स को खरीदते और बेचते होंगे मतलब कि ट्रेडिंग का काम करते होंगे ट्रेडिंग कई तरह की होती है इनमे से एक इंट्राडे ट्रेडिंग होती है लेकिन क्या आपको पता है कि इंट्राडे ट्रेडिंग क्या होती है और इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे होती है अगर नही, तो आइये आज हम आपको इंट्राडे ट्रेडिंग से रिलेटेड पूरी जानकारी लेते है तो जो कैंडिडेट इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में पूरी जानकारी चाहते है वो हमारे इस आर्टिकल को पूरा जरुर पढ़े.
Table of Contents
Intraday ट्रेडिंग क्या होती है (What is Intraday Trading in Hindi)
जब कोई ट्रेडर शेयर मार्केट से शेयर्स को एक ही दिन में कम दाम में खरीद कर उसी दिन उसे ज्यादा दामों में बेच देता है तो उसे इंट्राडे ट्रेडिंग कहते है. मतलब कि शेयर मार्किट में एक ही दिन के अन्दर शेयर को कम दाम पर खरीद कर ज्यादा दाम पे बेच कर प्रॉफिट लेने को इंट्रा डे ट्रेडिंग कहा जाता है.
इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए आपको डिमैट एकाउंट की जरूरत नही पड़ती है इसके लिए सिर्फ आपको एक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होता है.
इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करे?
इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए आपको Trading Account की जरुरत होती है क्योंकि आप बिना ट्रेडिंग अकाउंट के ट्रेडिंग नहीं कर सकते. इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए आपको डिमैट अकाउंट की जरूरत नही होती है क्युकी इसमें आपको शेयर को होल्ड करके रखना नही होता है उसी दिन शेयर्स को खरीदना और बेचना होता है, जब आपको शेयर्स को होल्ड कर रखना होता है तब डिमैट अकाउंट की जरूरत होती है.
इंट्राडे ट्रेडिंग में प्रॉफिट कैसे कमा सकते हैं?
इसका सबसे अच्छा उदाहरण आप 1 अगस्त के बिज़नस में देख सकते हैं आज एयरटेल में निवेश करने वाले काफी आगे जा चुके है और शेयर में 5 फीसदी से ज्यादा की ग्रोथ मिली है, दरअसल आज के टाइम में एजीआर इश्यू पर निवेशकों की नजर थी. सुप्रीम कोर्ट ने एजीआर बकाया चुकाने के लिए टेलिकॉम कंपनियों को 10 साल का समय दिया है, जिसके बाद एयरटेल में 5 फीसदी की तेजी आई है और ऐसे ट्रेड का ध्यान रखना इंट्राडे या फिर डे ट्रेडर्स के लिए काफी जरूरी होता है.
एक्सपर्ट का मानना ये है कि शेयर मार्केट का ज्यादातर बिज़नस इंट्राडे ट्रेडिंग का ही होता है लेकिन फिर भी सावधानी के साथ ही इस बिज़नस करना बहत जरूरी है शेयर्स को खरीदने से पहले आपको मार्केट के ट्रेंड के बारे में जानना जरूरी होता है आपको मार्केट के ट्रेंड के खिलाफ न जाएं क्युकी ऐसा करने से आपको ट्रेडिंग बिज़नस में नुकसान हो सकता है. शेयर खरीदने के पहले शेयर्स का मूल्य तय कर लेना है और पूरी जानकारी लेने के बाद ही शेयर्स को खरीदना है.
इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए कितने पैसों की जरूरत पड़ती है?
अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग करना चाहते है तो इसमें आप किसी शेयर में जितनी भी रकम चाहे लगा सकते है शेयर मार्केट का एक रूल होता है कि इसमें जिस दिन शेयर खरीदा जाता है उसी दिन पूरा पैसा नहीं देना होता है. नियम के अनुसार जिस दिन शेयर खरीदा जाता है उसके 2 ट्रेडिंग दिनों के बाद आपको पूरा पैसा देना होता है स्टार्टिंग में आपको शेयर के मूल्य का 30 फीसदी रकम का निवेश करना होता है.
इंट्राडे ट्रेडिंग करने के कुछ महत्वपूर्ण पॉइंट्स –
एक सफल इंट्राडे ट्रेडर बनने के लिए आपको इन कुछ जरुरी बातो को ध्यान रखना है-
- इंट्राडे ट्रेडिंग में आपको खरीदे गये शेयर्स को कभी होल्ड करके नही रखना है.
- जब भी आप शेयर्स को खरीदे तो कभी भी एक ही शेयर पर बार बार ट्रेडिंग न करे .
- अगर किसी दिन आपको ट्रेडिंग में मुनाफा ज्यादा हो तो उस दिन को लकी डे समझ कर ज्यादा ट्रेडिंग नही करना है.
- कभी भी आपको ट्रेडिंग में एक साथ ज्यादा पैसा नही लगाना है.
- अगर आप ट्रेडिंग का काम करते है तो कभी भी किसी भी व्यक्ति की सलाह लेकर ट्रेडिंग न करे अपना खुद का रिसर्च करने के बाद ही ट्रेडिंग करे.
- अगर कोई कंपनी बंद है तो उसके शेयर्स न खरीदे, मतलब कि बंद हुई कंपनी के शेयर्स आपको नही खरीदना है.
इसे भी पढ़े?
आज आपने क्या सीखा?
हमे उम्मीद है कि हमारा ये (Intraday Trading kya hai) आर्टिकल आपको काफी पसन्द आया होगा और आपके लिए काफी यूजफुल भी होगा क्युकी इसमे हमने आपको इंट्राडे ट्रेडिंग से रिलेटेड पूरी जानकारी दी है.
हमारी ये (Intraday Trading kya hai) जानकारी कैसी लगी कमेंट करके जरुर बताइयेगा और जो लोग इंट्राडे ट्रेडिंग करना चाहते है उनके साथ भी जरुर शेयर कीजियेगा.
अच्छी ट्रेडिंग के 06 नियम जाने। Know the 06 rules of good trading
ट्रेडिंग (Trading) नियम ट्रेडरो को प्रॉफिट कराते हैं। जब नए लोग शेयर मार्केट में आते हैं, तो उनके पास प्रोफेसनल ट्रेडरो की तुलना में पूरी तरह से अलग सोच और नियम होते है। यही कारण है कि ज्यादातर नए ट्रेडर ( Trader) पैसे गंवाकर शुरुआत करते हैं।
आज के इस पोस्ट के माध्यम से जानेंगे की अच्छी ट्रेडिंग ( Trading) के कौन से वो 06 नियम है जिनको हर नए ट्रेडरों को जानने की जरूरत है और इन नियमों को जान कर अगर आप लोग ट्रेडिंग में अप्लाई करते है तो आप अपनी ट्रेडिंग ( Trading) को बेहतर कर सकते है जिससे आप लोगो को अधिक लॉस न हो शेयर मार्केट में।तो चलिए जानते है इन नियमों को जो इस प्रकार से इंट्राडे ट्रेडिंग के नियम है।
1.पोजिशन साइज के हिसाब से अपना ट्रेडिंग (Trading) स्टॉपलॉस सेट करे ।
2.पहले से ही अपने दिमाग में लॉस को स्वीकार करे ।
3.ट्रेड को पर्याप्त समय दे।
4. ट्रेडिंग (Trading) में कुछ न करना भी एक कला है।
5.ट्रेड लेने के बाद आप जो भी एक्शन लेते है उसे लिखे।
6.ट्रेडिंग (Trading) से कुछ समय के लिए ब्रेक ले।
1.पोजिशन साइज के हिसाब से अपना ट्रेडिंग (Trading) स्टॉपलॉस सेट करे :
आपलोग ट्रेडिंग (Trading) करते समय अपने स्टॉपलॉस को बड़े अक्षरों में लिखे, तथा टारगेट को छोटा लिखे ताकी आप लोग टारगेट के पीछे गुम न हो जाए। ट्रेडिंग में बहुत अधिक रुपए कमाने का एक मात्र ही गुप्त नियम है की आप को अधिक रुपए यानी बड़ा लॉस नही करना है।
अगर आप लोग इसे सीख गए और ट्रेडिंग ( Trading) में बड़ा लॉस नही कर रहे है तो आप लोग ट्रेडिंग से बहुत रुपए कमाएगे इस लिए ट्रेड लेने से पहले अपने स्टॉपलॉस को देखे और उसी हिसाब से अपनी पोजिशन साइज सेट करे, ताकी अगर आप का स्टॉपलॉस हिट होगा तो आप बड़े नुकसान से बच जायेगे।
अपना डीमैट अकाउंट खोलने के लिए नीचे क्लिक करे।
2.पहले से ही अपने दिमाग में ट्रेडिंग (Trading) लॉस को स्वीकार करे।
जब आप लोग ट्रेड लेने से पहले ही लॉस को स्वीकार कर लेते है तो आप को अंदर से शान्ती रहती है,आप को पता होता है की अगर ये ट्रेड मेरी ओर नही चली तो मैं इतने ही रूपए खोऊगा ।
यदि आप पहले से ही लॉस को नही स्वीकार करते है तो आप को हमेशा अपनी सभी ट्रेडो से लाभ की अपेक्षा रहेगी और अगर उस ट्रेड में आप को लाभ नही हुवा तो आपने अंदर की शांती भंग होगी और आप लोग पैनिक करने लगोगे इसी वजह से आप लोग पहले से ही लॉस को स्वीकार कर ले और अपनी ट्रेडिंग (Trading) जर्नी को सफल बनाए।
3.ट्रेड को पर्याप्त समय दे :
जब आप का स्टॉपलॉस छोटा और टारगेट काफी बड़ा होता है तो आप को अपनी ट्रेड को समय देना पड़ेगा। आप का स्टॉपलॉस भी अधिक बार हिट होगा ।
इसके लिए आप तैयार रहना पड़ेगा स्टॉपलॉस से घबराए नही ये ट्रेडिंग ( Trading)का एक हिस्सा है प्रॉफिट और लॉस तो लगा ही रहता है ।
ट्रेड में,लेकिन जब आप अपना धैर्य खो देते है ट्रेड करते समय जब आप को पुलबैक दिखता है लगता है ट्रेड को एग्जिट करदे आप को इसके लिए भी तैयार होना पड़ेगा पहले से ही, आराम से अपनी ट्रेड को पूरा समय दे और अपनी ट्रेडिंग जर्नी को एंजॉय करे।
4. ट्रेडिंग (Trading) में कुछ न करना भी एक कला है :
जब आप लोग किसी ट्रेड में इंटर करते है तो ज्यादातर समय आप को कुछ नही करना होता है ।
उस और ही आप को ध्यान देना है जो आप ने अपने टेक्निकल एनालिसिस में अपना टारगेट और स्टॉपलॉस लेवल निकले है।
एक बार टारगेट और स्टॉपलॉस सेट करने के बाद आप को तब तक कोई एक्शन नहीं लेना है जब तक आप टारगेट या स्टॉपलॉस में से एक हिट नही हो जाता है।
अगर आप अपने लेवल इधर उधर करेंगे, तो ट्रेडिंग सिस्टम खराब होता है। यदि आप ये करते है तो आपको और अधिक टेक्निकल एनालिसिस पर ध्यान देने की आवश्कता है।
5.ट्रेड लेने के बाद आप जो भी एक्शन लेते है उसे लिखे :
आप जब ट्रेड लेते है और जब तक ट्रेड खत्म नही होती इसके बीच में जो भी ख्याल आते है उसे लिखे वो जो करने का मन करता है,या जो एक्शन लिए सभ कुछ अब इससे होगा क्या?
लिखने से आप को पता चले गए जब आप की ट्रेड में लाभ होता है तो आप क्या करते है और जब आप को लॉस होता है तो आप क्या करते है। आप क्या सोचते है ट्रेडिंग (Trading) करते समय तथा आप क्या गलत करते हो।
जब आप को समय मिले इसे पढ़े ताकी आप ने जो गलती की उससे सीखे और अपनी ट्रेडिंग को बेहतर बनाए इससे आप को अपने बारे में बहुत अधिक जानने को मिले गा जो आप के स्टोर्ंग प्वाइंट्स है और जो आप के कमजोर प्वाइंट्स है अपनी कमजोरी को सुधारे और ट्रेडिंग ( Trading) की दुनिया में अपना नाम बनाए।
6.ट्रेडिंग (Trading) से कुछ समय के लिए ब्रेक ले:
जब आप कोई ट्रेड लेते है उस समय आप का दिमाग बहुत अधिक एक्टिव होता है इसी लिए ट्रेडिंग में आप लोगो को एक छोटा ब्रेक लेना चाहिए यह आप के लिए बहुत अच्छा होता है।
आप दिन भर स्क्रीन के सामने बैठे हुवे है और ट्रेड किए जा रहे है उससे अच्छा है की एक ट्रेड खत्म हो जाने के बाद जब आप दूसरी ट्रेड ले उससे पहले आप लोग थोड़ा सा टाइम ब्रेक ले और अपने मन तथा शरीर को शांत करे ।
ये थे वो 06 तरीके जिससे आप अपनी ट्रेडिंग ( Trading) को बेहतर बना सकते है यदि आप इनका पालन करते हो तो आप की ट्रेडिंग स्किल अच्छी होगी तथा लॉस कम और प्रॉफिट अधिक होगा।
यदि आप लोगो को ये पोस्ट पसंद आई तो सोशल मीडिया में इसे अपने दोस्तो के साथ शेयर करे, अगर आप लोगो के में में कोई सवाल हो हमसे कमेंट्स कर के पूछ सकते है।
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