शेयर मार्केट पर चुनाव नतीजों का असर, सेंसेक्स 260 अंक ऊपर, निफ्टी भी 11000 पार
महाराष्ट्र और हरियाणा में विधानसभा चुनाव के नतीजों का असर बाजार पर भी दिख रहा है. सेंसेक्स 260 अंक ऊपर है तो वहीं निफ्टी भी 11000 पार है.
By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 24 Oct 2019 09:57 AM (IST)
Market: आज देश भर में लोग महाराष्ट्र और हरियाणा के विधानसभा चुनाव के नतीजों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. दोनों राज्यों शेयर मार्केट एवं स्टॉक मार्केट में क्या अंतर है में बीजेपी ने बढ़त बना ली है और सरकार बनाती हुई दिख रही है. इसका असर भारतीय बाजारों पर भी देखनें को मिल रहा है. भारतीय बाजारों की शुरुआत आज हरे निशान में हुई है. सेंसेक्स करीब 260 अंकों की मजबूती के साथ 39,319.02 के स्तर पर नजर आ रहा है. वहीं निफ्टी 58 अंक की बढ़त के साथ 11660 के पार निकल गया है.
इस वक्त निफ्टी का आईटी इंडेक्स 0.81 फीसदी, एफएमसीजी इंडेक्स 0.53 फीसदी, रियल्टी इंडेक्स 0.67 फीसदी, फार्मा इंडेक्स 0.09 फीसदी, ऑटो इंडेक्स 0.50 फीसदी और मेटल इंडेक्स 0.06 फीसदी की बढ़त के साथ कारोबार कर रहे हैं.
शेयर बाजार में बुधवार कभी देखी गई तेजी
इससे पहले बुधवार को भी बाजारों में तेजी दर्ज की गई. प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 94.99 अंकों की तेजी के साथ 39,058.83 पर और निफ्टी 15.75 अंकों की मामूली तेजी के साथ 11,604.10 पर बंद हुआ. बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स सुबह 100 अंकों की तेजी के साथ 39,063.84 पर खुला और 94.99 अंकों या 0.24 फीसदी तेजी के साथ 39,058.83 पर बंद हुआ। दिन भर के कारोबार में सेंसेक्स ने 39,196.67 के ऊपरी और 38,866.08 निचले स्तर को छुआ.
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सेंसेक्स के 30 में से 19 शेयरों में तेजी रही. एचसीएल टेक (2.93 फीसदी), मारुति (2.55 फीसदी), भारतीय स्टेट बैंक (1.87 फीसदी), हीरोमोटो कॉर्प (1.45 फीसदी) व एचडीएफसी (1.35 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही. सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे- भारती एयरटेल (3.66 फीसदी), वीईडीएल (1.95 फीसदी), ओएनजीसी (1.53 फीसदी), रिलायंस (1.51 फीसदी) व यस बैंक (1.06 फीसदी.
बीएसई के मिडकैप सूचकांक में गिरावट रही व स्मॉलकैप सूचकांक में तेजी रही. बीएसई का मिडकैप सूचकांक 11.78 अंकों की गिरावट के साथ 14,395.58 पर और स्मॉलकैप सूचकांक 32.69 अंकों की तेजी के साथ 13,223.06 पर बंद हुआ. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 7.85 अंकों की मामूली तेजी के साथ 11,596.20 पर खुला और 15.75 अंकों या 0.14 फीसदी की मामूली तेजी के साथ 11,604.10 पर बंद हुआ. दिन भर के कारोबार में निफ्टी ने 11,651.60 के ऊपरी स्तर और 11,554.40 के निचले स्तर को छुआ.
बीएसई के 19 में से 11 सेक्टरों में तेजी रही। ऑटो (1.18 फीसदी), सूचना प्रौद्योगिकी (1.15 फीसदी), उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएं (0.80 फीसदी), बिजली (0.75 फीसदी) व तेज खपत उपभोक्ता वस्तुएं (0.53 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही. बीएसई के गिरावट वाले सेक्टरों में प्रमुख रहे- दूरसंचार (3.04 फीसदी), तेल एवं गैस (1.45 फीसदी), ऊर्जा (1.43 फीसदी), रियल्टी (1.08 फीसदी) व औद्योगिक (0.45 फीसदी).
Published at : 24 Oct 2019 09:55 AM (IST) Tags: market sensex nifty हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
शेयर बाजार में शानदार तेजी, सेंसेक्स 1,223 अंक उछला, निफ्टी 16,300 के पार बंद
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में 331.90 अंक की देखी दर्ज की गई और कारोबार के अंत में यह 16,345.35 अंक पर बंद हुआ।
Edited by: India TV Paisa Desk
Updated on: March 09, 2022 17:25 IST
Photo:FILE
Highlights
- 54,647.33 अंक पर बंद हुआ सेंसेक्स
- 31.90 अंक उछला एनएसई निफ्टी
- रिलायंस, एचडीएफसी बैंक में जोरदार तेजी
नई दिल्ली। यूक्रेन संकट दूर करने के लिए कूटनीतिक प्रयासों से उम्मीद लगाए बैठे निवेशकों के अनुकूल रुख से घरेलू शेयर बाजारों में बुधवार को तेजी देखी गई। इस दौरान रिलायंस इंडस्ट्रीज और एचडीएफसी में हुई लिवाली से सेंसेक्स और निफ्टी दो प्रतिशत से अधिक चढ़ गए। तीस शेयरों वाले सूचकांक की शुरुआत सकारात्मक हुई और निवेशकों के समर्थन से एक समय यह 1,469.64 अंक तक की बढ़त लेने में सफल रहा। हालांकि, बाद में थोड़ा मुनाफावसूली होने से इसमें कुछ कमी आई। कारोबार के अंत में यह 1,223.24 अंक यानी 2.29 प्रतिशत की तेजी के साथ 54,647.33 अंक पर बंद हुआ। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में भी 331.90 अंक यानी 2.07 प्रतिशत तक की देखी दर्ज की गई और कारोबार के अंत में यह 16,345.35 अंक पर बंद हुआ।
इन कंपनियों के शेयरों में जोरदार तेजी
सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में से एशियन पेंट्स, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, बजाज फाइनेंस, महिंद्रा एंड महिंद्रा, इंडसइंड बैंक, बजाज फिनसर्व, मारुति सुजुकी, एचडीएफसी बैंक और अल्ट्राटेक सीमेंट फायदे में रहीं। इन कंपनियों के शेयर 5.56 प्रतिशत तक के उछाल के साथ बंद हुए। सर्वाधिक 5.56 प्रतिशत के लाभ में एशियन पेंट्स रही। इसके बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर 5.24 प्रतिशत की बढ़त लेने में सफल रहा। बजाज फिनसर्व में पांच प्रतिशतऔर एचडीएफसी बैंक में 3.29 प्रतिशत का लाभ रहा। इसकी तुलना में पावरग्रिड कॉरपोरेशन, एनटीपीसी, टाटा स्टील, नेस्ले इंडिया और विप्रो के शेयर नुकसान में रहे।
हवाई कंपनियों के शेयरों में खरीदारी
बुधवार के कारोबार की एक खास बात यह रही कि विमानन क्षेत्र की कंपनियों को तगड़ा समर्थन मिला। दो साल के लंबे अंतराल के बाद अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू करने की सरकार की घोषणा से विमानन क्षेत्र के शेयरों की मांग बढ़ गई। इंटरग्लोब एविएशन के शेयर 6.94 प्रतिशत और स्पाइसजेट के शेयर 6.05 प्रतिशत चढ़ गए।
एग्जिट पोल से उत्साहित बाजार
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, घरेलू सूचकांकों ने मंगलवार को बाजार में आई तेजी का सिलसिला बुधवार को भी कायम रखा। यूरोपीय बाजारों एवं अमेरिकी वायदा कारोबार में सुस्ती के बीच निवेशकों को भारतीय बाजार अपना मौजूदा मूल्यांकन बेहतर लग रहा है। नायर ने कहा कि घरेलू बाजार विधानसभा चुनावों पर आए एग्जिट पोल पर सकारात्मक रुख दिखा रहा है। उन्होंने कहा कि पांच राज्यों के चुनाव नतीजों के सकारात्मक या नकारात्मक रहने के आधार पर बाजार का अगला रुख निर्भर करेगा। एशिया के अन्य बाजारों में हांगकांग, शंघाई और तोक्यो में गिरावट रही। अमेरिका के शेयर बाजार मंगलवार को नकारात्मक स्तर पर बंद हुए थे। भारतीय बाजार में विदेशी निवेशकों की बिकवाली का सिलसिला कायम है। उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने मंगलवार को 8,142.60 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
Stock Market This Week: नए रिकॉर्ड स्तर पर शेयर मार्केट एवं स्टॉक मार्केट में क्या अंतर है पहुंची निवेशकों की दौलत, जानिए कहां हुई कमाई
हफ्ते के दौरान बीएसई 500 में शामिल 360 स्टॉक हरे निशान में बंद हुए हैं. वहीं 25 स्टॉक में 10 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़त देखने को मिली है. सिर्फ 2 स्टॉक 10 प्रतिशत ज्यादा लुढ़के हैं
शेयर बाजार में इस हफ्ते बढ़त देखने को मिली है. विदेशी शेयर मार्केट एवं स्टॉक मार्केट में क्या अंतर है निवेशकों की तरफ से जारी खरीदारी और सकारात्मक संकेतों की मदद से स्टॉक मार्केट में खरीदारी रही. इसकी मदद से हफ्ते के अंत में बीएसई पर लिस्ट सभी कंपनियों का कुल बाजार मूल्य नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है. बाजार में इस हफ्ते सबसे ज्यादा खरीदारी आईटी सेक्टर में दर्ज हुई है. सरकारी बैंकों में भी इस हफ्ते उछाल दर्ज हुआ है. कुल मिलाकर बाजार में इस हफ्ते फेडरल रिजर्व के सख्त रुख का असर देखने को नहीं मिला. इसी महीने फेडरल रिजर्व और रिजर्व बैंक दरों को लेकर अपने फैसले सामने रखेंगे.
अब तक के सबसे ऊपरी स्तरों पर पहुंचा बाजार का मूल्य
शेयर बाजार में तेजी के साथ बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन अब तक के सबसे उच्चतम स्तर 283 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया. शुक्रवार को तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 104.92 अंक यानी 0.18 प्रतिशत चढ़कर 59,793.14 पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान एक समय यह 60,000 अंक पर पहुंच गया था. शेयरों में तेजी से बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 2,83,03,925.62 करोड़ रुपये के अपने सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया. दो दिनों में निवेशकों की संपत्ति भी 2,16,603.93 करोड़ रुपये बढ़ी. कोटक सिक्योरिटीज लिमिटेड के प्रौद्योगिकी शोध के उप उपाध्यक्ष अमोल अठावले ने कहा कि शुक्रवार को बाजार में तेजी सीमित रही. हालांकि सेंसेक्स का कारोबार के दौरान 60,000 पर पहुंचना घरेलू अर्थव्यवस्था में निवेशकों के विश्वास को बताता है.
कैसा रहा इस हफ्ते बाजार का प्रदर्शन
हफ्ते के दौरान सेंसेक्स और निफ्टी दोनो में ही 2-2 प्रतिशत की बढ़त देखने को मिली है.वहीं छोटे स्टॉक्स का प्रदर्शन बेहतर रहा है और मिडकैप एवं स्मॉलकैप इंडेक्स में 3-3 प्रतिशत के करीब की बढ़त दर्ज हुई है. हफ्ते के दौरान सबसे अच्छा प्रदर्शन आईटी सेक्टर का रहा है इस दौरान इंडेक्स करीब 4 प्रतिशत बढ़ गया. बीएसई बैंकिंग सेक्टर इंडेक्स में 3-3 प्रतिशत की बढ़त रही है. इसके अलावा मेटल, हेल्थकेयर और इंफ्रा सेक्टर के स्टॉक्स में भी बढ़त देखने को मिली है.
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कहां हुई निवेशकों की कमाई
ईटी की खबर के अनुसार हफ्ते के दौरान बीएसई 500 में शामिल 360 स्टॉक हरे निशान में बंद हुए हैं. वहीं 25 स्टॉक में 10 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़त देखने को मिली है. सिर्फ 2 स्टॉक 10 प्रतिशत ज्यादा लुढ़के हैं. हफ्ते में वकरांगी 36 प्रतिशत, ट्यूब इनवेस्टमेंट 20 प्रतिशत, जेके लक्ष्मी, बजाज होल्डिंग्स, तनाला प्लेटफॉर्म्स में हफ्ते के दौरान 18 प्रतिशत की तेजी दर्ज हुई.सेरा सेनेटरीवेयर, महाराष्ट्र स्कूटर्स, एस्ट्राल, क़ॉनकॉर, फर्स्टसोर्स सॉल्यूशंस, पीएनबी, क्वेसकॉर्प, डिक्सन टेक्नेलॉजी में 10 प्रतिशत से शेयर मार्केट एवं स्टॉक मार्केट में क्या अंतर है ज्यादा की बढ़त रही है.
अंश एवं स्टॉक में क्या अंतर है?
इसे सुनेंरोकेंशेयरों को आंशिक रूप से भुगतान किया जा सकता है या पूरी तरह से भुगतान किया जा सकता है। इसके विपरीत, स्टॉक हमेशा पूरी तरह से भुगतान किया जाता है। अंश में शेयरों को कभी भी स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है। स्टॉक के विपरीत, अंश में स्थानांतरित किया जा सकता है।
स्टॉक से क्या आशय है?
इसे सुनेंरोकेंStock: स्टॉक (जिसे इक्विटी के नाम से भी जाना जाता है) एक सिक्योरिटी है, जो किसी कंपनी के एक अंश के स्वामित्व का प्रतिनिधित्व करती है। यह स्टॉक के मालिक को कंपनी के एसेट और जितना स्टॉक उनके पास है, उसके लाभ के बराबर के अनुपात का अधिकार देता है। स्टॉक के यूनिट को ‘शेयर’ कहा जाता है।
स्टॉक में क्या अंतर है?
इसे सुनेंरोकेंकिसी निश्चित समय शेयर मार्केट एवं स्टॉक मार्केट में क्या अंतर है बिन्दु पर एक फर्म के पास उपलब्ध उत्पाद की मात्रा को स्टॉक कहते हैं। जबकि निश्चित समय में दी गई कीमत पर उत्पादक वस्तु की जितनी मात्रा बेचने को तैयार होता है उसे पूर्ति कहते हैं।
स्टॉक और शेयर में क्या अंतर है?
इसे सुनेंरोकेंशेयर एक विशिष्ट कंपनी में मालिकाना हक है , जबकि स्टॉक आपको एक से अधिक कंपनी में हिस्सेदारी प्रदान करते हैं। इसके अलावा, शेयर आपको लाभ के रूप में डिविडेंट प्रदान करते हैं, जबकि, स्टॉक में आपको एक फिक्स प्रॉफिट मिलता है। शेयर, कुछ पैसों में या फुल-अमाउंट पर जारी किए जाते हैं।
शेयर मार्केट में कितने सेक्टर होते है?
इसे सुनेंरोकेंशेयर मार्केट को 11 प्रमुख सेक्टर में विभाजित किया गया है।
स्टॉक और प्रभाव से आप क्या समझते हैं?
इसे सुनेंरोकेंस्टॉक एक समय बिंदु या निश्चित समय पर मापा जाने वाला चर है। प्रवाह वह चर है जो एक निश्चित समयावधि पर मापा जाता है। स्टॉक का समय-काल नहीं होता है। प्रवाह का समय-काल होता है।
स्टॉक का क्या अर्थ है स्टॉक में परिवर्तन से क्या अर्थ है?
इसे सुनेंरोकेंकारोबार एकक का स्टॉक या पूंजीगत स्टॉक उसके संस्थापकों द्वारा कारोबार में प्रदत्त मूल पूंजी या निवेश का प्रतिनिधित्व करता है। यह शेयर मार्केट एवं स्टॉक मार्केट में क्या अंतर है व्यापार के लेनदारों के लिए एक प्रतिभूति के रूप में कार्य करता है, चूंकि लेनदारों के लिए हानिकर रूप से उसे आहरित नहीं किया जा सकता है।
Share की कीमत कैसे तय होती है?
इसे सुनेंरोकेंप्रत्येक शेयर का एक फेस वैल्यू होता है जिस के आधार पर कंपनी की कुल शेयर पूंजी आंकी जाती है। कंपनी जब भी पहली बार जनता के लिए शेयर जारी करती है तो या तो वह फेस वैल्यू पर जारी करेगी अथवा उस पर कुछ प्रीमियम निर्धारित कर के कुछ उच्च मूल्य पर जारी करेगी।
पूर्ति का नियम क्या है?
इसे सुनेंरोकेंपूर्ति का नियम पूर्ति का नियम माँग के नियम के विपरीत है। जैसे कि माँग के नियम में कीमत बढऩे से माँग घटती है और कीमत घटने पर माँग बढ़ती है। यह माँग और कीमत के बीच ऋणात्मक संबंध को व्यक्त करती है, जबकि पूर्ति के नियम में कीमत और पूर्ति का धनात्मक संबंध होता है।
Share Market में निवेश के लिए ब्रोकर चुन रहे हैं? इन 5 बातों का ख्याल रखें
मार्च 2018 से अब तक 34 ब्रोकर डिफॉल्टर घोषित हो चुके हैं
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक मार्च 2018 से अब तक 34 ब्रोकर डिफॉल्टर घोषित हो चुके हैं. इस साल अब तक 3 ब्रोकर डिफॉल्टर हुए हैं.
ब्रोकिंग उद्योग के सूत्रों का कहना है कि ये डिफॉल्ट ज्यादातर ब्रोकरों द्वारा क्लाइंट सिक्योरिटीज और फंड के दुरुपयोग का परिणाम है. भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने इस तरह की प्रथाओं पर रोक लगाने के लिए और कड़े मानदंडों की शुरुआत की है. जिसके बाद ये ब्रोकर उसकी अनुपालन नहीं कर सके और डिफॉल्टर हो गए.
अगर आप शेयर बाजार में निवेश करने वाले हैं तो ब्रोकर चुनने से पहले इन बातों का ध्यान रखें.
1. अपने मार्जिन पर ट्रेड करें
सबसे पहले, जिस बात का निवेशकों को ध्यान रखना चाहिए वो क्लाइंट मार्जिन के अलगाव और आवंटन से जुड़ा है. रेगुलेटर द्वारा यह एक बड़ा कदम है जो 2 मई से प्रभावी होगा.
वर्तमान में ग्राहकों की व्यक्तिगत सीमा तय करना ब्रोकर के हाथ में है. ब्रोकर देखता है कि पिछले सप्ताह तीन ग्राहकों ने लेन-देन नहीं किया है, तो वह सात ग्राहकों के बीच अपनी 10 लाख रुपये की सीमा निर्धारित कर सकता है. इसे ऐसे समझें, ब्रोकर ग्राहकों के एक समूह से संबंधित धन का उपयोग दूसरों के लेन-देन के लिए कर सकता है.
बिजनेस स्टैंडर्ड के रिपोर्ट के मुताबिक, SEBI के नए नियम इस तरह के मामलों पर नजर रखेगी. 2 मई से ब्रोकरों को CCIL की बेवसाइट पर एक फाइल अपलोड करनी होगी. जिसमें प्रत्येक ग्राहक को दी जाने वाली सीमा का ब्रेक-अप देना होगा. इस जानकारी के आधार पर CCIL यह सुनिश्चित करेगा कि कोई ग्राहक अपनी व्यक्तिगत सीमा से अधिक पोजीशन न लें.
Zerodha के COO वेणु माधव कहते हैं, "इन मानदंडों की शुरूआत का मतलब यह होगा शेयर मार्केट एवं स्टॉक मार्केट में क्या अंतर है कि कोई ग्राहक दूसरे ग्राहकों की सीमा का उपयोग करके उसके द्वारा जमा किए गए मार्जिन से अधिक की पोजीशन नहीं ले सकेगा."
2. फ्लोटिंग नेट वर्थ शेयर मार्केट एवं स्टॉक मार्केट में क्या अंतर है की अवधारणा
अब फ्लोटिंग नेट वर्थ की अवधारणा पेश की गई है. ब्रोकरों को न्यूनतम नेट वर्थ के अलावा फ्लोटिंग नेट वर्थ भी मेंटेन करना होगा. मान लीजिए शेयर मार्केट एवं स्टॉक मार्केट में क्या अंतर है की एक ब्रोकर का एवरेज कैश बैलेंस 10,000 करोड़ रुपये है, उसे अब 1,000 करोड़ रुपये का नेट वर्थ बनाए रखना होगा. ब्रोकरों को फरवरी 2023 तक इस मानदंड का पालन करना होगा.
3. भुगतान में देरी से सावधान रहें
ब्रोकर के साथ खाता खोलने से पहले ऑनलाइन रिव्यू जरूर पढ़ें. एक्सचेंजों की शेयर मार्केट एवं स्टॉक मार्केट में क्या अंतर है वेबसाइटों पर ब्रोकर के खिलाफ शिकायतों की जांच करें. यदि आपको भुगतान में देरी, धन के गलत प्रबंधन, या अनधिकृत ट्रेडों से संबंधित शिकायतें मिलती हैं, तो उस ब्रोकर से बचें. हाई लीवरेज के वादे के साथ ग्राहकों को लुभाने की कोशिश करने वाले किसी भी ब्रोकर से बचना चाहिए.
4. ब्रोकिंग चार्जेज का ध्यान रखें
अकसर ब्रोकर्स अपना ब्रोकिंग चार्ज फिक्स्ड ही रखते हैं. हालांकि, ये कारोबार के वॉल्यूम और फ्रीक्वेंसी पर भी निर्भर करते हैं. ऐसे में इस बारे में बात कर लेना भी जरूरी है.
5. अन्य सेवाओं की जानकारी
कुछ ब्रोकरेज हाउस सिर्फ इक्विटी ब्रोकिंग की सेवा ही नहीं प्रदान करतें, बल्कि कई प्रकार की अन्य सेवाएं भी आप तक पहुंचाते हैं. ऐसे में जान लें कि यह सेवाएं क्या हैं और आपके लिए इनकी क्या उपयोगिता है. इसके बाद ही ब्रोकर का चयन करें.
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