निवेश रिटर्न का विश्लेषण

निवेश का प्रदर्शन अहम है. आइए कुछ अन्य रूपों में मिलने वाले रिटर्न के बारे में जानें और उनका आपके निवेश के लिए क्या मतलब है

स्मार्ट मनीः लर्निंग सेंटर

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 17 मई 2022,
  • (अपडेटेड 17 मई 2022, 4:11 PM IST)

रोलिंग रिटर्न:
या लंबी अवधि के रिटर्न: यह एक निश्चित समयावधि में औसत वार्षिक रिटर्न की गणना करता है और निवेश के ऐतिहासिक प्रदर्शन को आंकने में मददगार हो सकता है. तो एसऐंडपी बीएसई सेंसेक्स के लिए 1 जनवरी, 2010 से 1 जनवरी, 2022 के बीच 10 साल के रोलिंग रिटर्न डेटा में 1 जनवरी, 2010 और 1 जनवरी, 2020 के बीच का समय समाहित होगा और उसके बाद आप 1 जनवरी, निवेश का विश्लेषण 2011 और 1 जनवरी, 2021 के बीच के एक साल का और आखिर में 1 जनवरी, 2012 से 1 जनवरी, 2022 के बीच के साल का डेटा लाते हैं. बेहद लंबी अवधियों की बात करें तो मसलन सेंसेक्स पर 1 जनवरी, 1980 और 1 जनवरी, 2022 के बीच 43 साल की अवधि के लिए 10 वर्ष की 33 अलग-अलग अवधियां होंगी.

रोलिंग रिटर्न मे हर दिन, सप्ताह या महीने में समयावधि की शुरुआत से लेकर समाप्ति की तारीखों तक स्टॉक, म्यूचुअल फंड या सूचकांकों सरीखे किसी भी वित्तीय इंस्ट्रूमेंट के प्रदर्शन को मापा जाता है. रोलिंग रिटर्न की उपयोगिता की बेहतर व्याख्या की जा सकती है क्योंकि यह एक निश्चित फीसद रिटर्न हासिल करने की संभावना की तरफ इशारा करता है. मसलन, 1 जनवरी, 2010 और निवेश का विश्लेषण 1 जनवरी, 2022 के बीच 12 वार्षिक रोलिंग रिटर्न दो मौकों की तरफ इशारा करते हैं जब सूचकांक ने घाटा दिया या इसमें नकारात्मक रिटर्न दर्ज किए गए.

ट्रेलिंग रिटर्न: निवेश का विश्लेषण
या दी गई समयावधि में प्राप्त रिटर्न: यह इंस्ट्रूमेंट के प्रदर्शन के बारे में संकेत देता है और इसका इस्तेमाल बिल्कुल शुरुआत से 1-साल, 3-साल, 5-साल, साल से तारीख तक के दौरान संकेतित म्यूचुअल फंड का प्रदर्शन बताने के लिए किया जाता है. समान अवधि के दौरान दो उपकरणों के प्रदर्शन की तुलना के लिए इसका प्रयोग किया जाता है तो अगर फंड ए और फंड बी का मौजूदा एनएवी (निवल परिसंपत्ति मूल्य) 20 रुपए और 18 रुपए है और पांच साल पहले यह 15 रुपए और 12 रुपए था निवेश का विश्लेषण तो 5 साल का ट्रेलिंग रिटर्न निवेश का विश्लेषण फंड ए के लिए 33.33 फीसद और फंड बी के लिए 50 फीसद होगा. फंड के एनएवी से जो संकेत मिलता है, टेलिंग रिटर्न उससे आगे की जानकारी देता है.

आइआरआर
(रिटर्न की आंतरिक दर): एसआइपी के जरिए म्यूचुअल फंड निवेश का विश्लेषण में निवेश करते वक्त निवेश पर रिटर्न में निवेश की पूरी शृंखला का ध्यान रखना होता है. तो अगर आप मासिक एसआइपी के जरिए तीन साल के लिए 5,000 रुपए का निवेश करते हैं, तो कुल 36 निवेश होते हैं, जिनमें पहला पूरे तीन साल के लिए निवेश किया जाता है और बाद का हर निवेश पहले वाले से एक महीना छोटी अवधि (दूसरी एसआइपी के लिए 35 महीने, तीसरी के लिए 34 और इसी तरह आगे) के लिए होता है.

इस अवधि में फंड का प्रदर्शन बाजार की स्थितियों के आधार पर हर महीने निवेश का विश्लेषण बदलता रहता है. एसआइपी ने शुरू से अंतिम तारीख तक कैसा प्रदर्शन किया, यह जानने के लिए आइआरआर निवेश का विश्लेषण काम आता है. आरंभिक निवेश निहित ब्याज दर पर शुरुआती मूल्य से अंतिम मूल्य पर पहुंचता है. आइआरआर को समझने के लिए आपको जानना चाहिए कि एनपीवी (निवल वर्तमान मूल्य) क्या है, जो इस तथ्य पर आधारित होता है कि आज नकदी का मूल्य महंगाई के कारण तीन साल बाद मिलने वाले मूल्य से ज्यादा है. आप वित्तीय कैलकुलेटर, स्प्रैडशीट या ऑनलाइन साधनों का इस्तेमाल करके आइआरआर की गणना कर सकते हैं.

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