“एक तेजतर्रार फेड ने भी अमेरिकी डॉलर की मदद की। मुफ्त विदेशी मुद्रा निकट अवधि में हम हाजिर पर 82.25 और 83.00 की सीमा की उम्मीद करते हैं,” उन्होंने कहा।
फेड के तेज तेवर से इक्विटी, विदेशी मुद्रा बाजार, सेंसेक्स 879 अंक लुढ़का, रुपया 27 पैसे लुढ़का
विश्लेषकों ने कहा कि बेंचमार्क इक्विटी सूचकांकों में लगभग 1.3% की गिरावट आई और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा पिछले दिन अपनाए गए ‘हॉविश टोन’ के बाद गुरुवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 27 पैसे कमजोर हो गया, जब उसने ब्याज दरें बढ़ाईं।
एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स 879 अंक टूट गया। या 1.4%। से 61,799.03 अंक। सेंसेक्स के जिन शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट आई उनमें टेकमहिंद्रा (3.98%), इंफोसिस (मुफ्त विदेशी मुद्रा 2.59%), टाइटन (2.57%), एचडीएफसी (2.07%) और आईटीसी (1.87%) शामिल हैं। एनएसई निफ्टी 50 इंडेक्स भी 245.40 अंक या 1.32% गिरकर 18,414.90 अंक पर आ गया।
जियोजित फाइनेंशियल के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, “फेड ने अपने तेजतर्रार लहजे को बरकरार रखते हुए बाजार को चौंका दिया है, क्योंकि निवेशक उम्मीद से बेहतर मुद्रास्फीति के आंकड़े जारी होने के बाद नरम रुख की उम्मीद कर रहे थे।”
भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी खबर, देश का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ा
देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट के रुख को पलटते हुए 11 नवंबर को खत्म हुए हफ्ते में यह 14.72 अरब डॉलर बढ़कर 544.72 अरब डॉलर पर पहुंच गया है. यह अगस्त 2021 के बाद सबसे तेज बढ़ोतरी है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शनिवार को यह जानकारी दी. हालांकि, मार्च के बाद से विदेशी मुद्रा भंडार में 110 अरब डॉलर से ज्यादा की गिरावट आई है. वैश्विक अस्थिरता के बीच आरबीआई द्वारा रुपये को सहारा देने के चलते यह कमी हुई है.
देश का सोने का भंडार भी बढ़ा
आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, 11 नवंबर को खत्म हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार 14.72 अरब डॉलर बढ़कर 544.72 अरब डॉलर हो गया है. 4 नवंबर को यह 529.99 अरब डॉलर के स्तर पर रहा था.
केंद्रीय बैंक ने कहा कि समीक्षाधीन हफ्ते के दौरान फॉरेन करेंसी एसेट्स (FCA) 11.8 अरब डॉलर बढ़कर 482.53 अरब डॉलर हो गईं हैं. वहीं, स्वर्ण भंडार का मूल्य 2.64 अरब डॉलर बढ़कर 39.70 अरब डॉलर रहा है.मुफ्त विदेशी मुद्रा
इससे पहले 21 अक्टूबर को खत्म हुए हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार 117.93 अरब डॉलर घटकर 524.52 मुफ्त विदेशी मुद्रा अरब डॉलर रहा था. आरबीआई ने सितंबर में शुद्ध आधार पर 10.36 अरब डॉलर मूल्य की विदेशी मुद्रा की बिक्री की है. सितंबर में डॉलर के मुकाबले रुपया 79.5 के भाव से गिरकर 81.5 पर आ गया है. इससे पहले अक्टूबर में यह 83.29 के रिकॉर्ड निचले स्तर तक गिर गया था. इसके बाद 21 अक्टूबर से 11 नवंबर के बीच रुपया 2.3 फीसदी मुफ्त विदेशी मुद्रा चढ़ा और शुक्रवार को 10 पैसे गिरकर 81.74 पर बंद हुआ.
RBI ने भी दिया था दखल
आपको बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक के हस्तक्षेप से मुद्रा बाजार में उतार-चढ़ाव के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार घटने की मुफ्त विदेशी मुद्रा मुफ्त विदेशी मुद्रा दर में कमी आई है. आरबीआई अधिकारियों के अध्ययन में यह कहा गया है. अध्ययन में 2007 से लेकर रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण मौजूदा समय में उत्पन्न उतार-चढ़ाव को शामिल किया गया है. केंद्रीय बैंक की विदेशी मुद्रा मुफ्त विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप की एक घोषित नीति है. केंद्रीय बैंक यदि बाजार में अस्थिरता देखता है, तो हस्तक्षेप करता है. हालांकि, रिजर्व बैंक ने अभी तक रुपये के किसी स्तर को लेकर अपना कोई लक्ष्य नहीं दिया है.
आरबीआई के वित्तीय बाजार संचालन विभाग के सौरभ नाथ, विक्रम राजपूत और गोपालकृष्णन एस के अध्ययन में कहा गया है कि 2008-09 के वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान भंडार 22 प्रतिशत कम हुआ था. यूक्रेन-रूस युद्ध के बाद उत्पन्न उतार-चढ़ाव के दौरान इसमें केवल छह प्रतिशत की कमी आई है.
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