स्‍टॉक मार्केट में निवेश से पहले जरूर जाननी चाहिए यह खास बातें (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

मल्टीबैगर और पेनी स्टॉक से आपको भी बेहतर रिटर्न चाहिए, अपनानी होगी ऐसी रणनीति

Stock Market Investment चालाक इन्वेस्टर आपकी समय सीमा रिस्क सहनशीलता और उद्देश्य बेहतर स्टॉक खोजने में हेल्प कर सकते हैं। हर समय हो रहे आर्थिक एक्टिविटी पर नजर रखना चाहिए और अपने आंख और कान को हमेशा खुले रखना चाहिए

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। आज के दौर में अक्सर आप सुनते होंगे कि कैसे बेहद ही सस्ते स्टॉक ने एक साल में इन्वेस्टर को लाखों रुपये का रिटर्न दिया हैं। वहीं, किसी स्टॉक में एक लाख रुपए से 50 -60 लाख रुपए तक का भी रिटर्न मिला है।आपके मन में ये सवाल आता होगा कि आखिर ऐसे स्टॉक को लोग कैसे चुनते हैं ? वहीं, कंपनी की कौन सी बातें को देखकर इन्वेस्टर इसमें अपना पैसा लगने के बारे में सोचते हैं। साथ ही, उन स्टॉक्स में कुछ ऐसे स्टॉक हैं जो इन्वेस्टर के लिए बड़ा फायदेमंद साबित भी होता है। शेयर खरीदने के लिए सही प्राइस को कैसे पहचानते हैं? ऐसे हर सवाल निवेशक को अक्सर हैरान कर देते हैं।

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चालाक इन्वेस्टर, आपकी समय सीमा, रिस्क सहनशीलता और उद्देश्य बेहतर स्टॉक खोजने में हेल्प कर सकते हैं। हर समय हो रहे आर्थिक एक्टिविटी पर नजर रखना चाहिए और अपने आंख और कान को हमेशा खुले रखना चाहिए। साथ ही, अंडरवैल्यूड स्टॉक की पहचान करना शामिल है जो किसी भी वजह से अपनी वैल्यू से काफी कम प्राइस पर होगा। इसके अलावा अच्छे स्टॉक चुनने का एक बेहतरीन तरीका है कि आप इकॉनमी के हालात पर नजर बनाए रखें। फ्यूचर में होने वाले टेक्नोलॉजी या इंडस्ट्री के बारे में रिसर्च करे और पुरी जानकारी रखें। ट्रेंड से बाहर हो रहे इंडस्ट्री में अपना पैसा लगाने से बचना चाहिए।

डिविडेंड यील्ड

ज़्यादतर इन्वेस्टर निवेशकों को इन स्टॉक्स पर रखनी होगी नजर डिविडेंड यील्ड को नजरंदाज करते हैं। वहीं, अगर कोई कंपनी के डिविडेंड पेमेंट की दर उनके प्रतिस्पर्धियों से ज्यादा होता है, तो यह सिर्फ संकेत है कि स्टॉक्स अंडरवैल्यूड हो सकता हैं। सोचें अगर कंपनी फांनैशियल रूप से अस्थिर नहीं है और फ्यूचर में कोई रिस्क नहीं तो शेयर की प्राइस में बढ़ोतरी होने की उम्मीद हैं।

P/E का कम अनुपात

आपको बता दें कि P/E से स्टॉक के मौजूदा शेयर प्राइस के रूप में की जाती है। PE अनुपात इन्वेस्टर के लिए इन्वेस्टमेंट निर्णयों को आधार बनाने के लिए एक प्रभावी निर्धारण कारक रहा है। अगर PE अनुपात ज्यादा होता है तो इन्वेस्टर यह मानते हैं कि स्टॉक ओवरवैल्यूड है और शेयरों को बेचना या खरीदने से बचना चाहिए। वहीं, अगर शेयर का अंडरवैल्यूड होत है तो इन्वेस्टर उन्हें अयोग्य मूल्य का दोहन होने पर प्रॉफ़िट का दावा निवेशकों को इन स्टॉक्स पर रखनी होगी नजर करने के लिए कम दरों पर खरीद लेते हैं।

प्राइस/आय ग्रोथ (PEG) का कम अनुपात

P/E की तुलना में PEG को अधिक सटीक माना जाता है। PEG एक स्टॉक की प्राइस, प्रति शेयर आय और कई पैरामीटर पर उनका एनालिसिस करने का टूल है। अगर अनुपात 1 से कम है (उदाहरण के लिए, 10 का P/E और 15% की अनुमानित वृद्धि, तो हमें PEG अनुपात 0.66, तो यह अच्छा है)। साथ ही, इस बात को ध्यान में रखें है कि ये भी अनुमानित हो सकता है।

मार्केट-टू-बुक रेशियो

मार्केट टू बुक रेशियो (Market to book ratio) को प्राइस टू बुक रेशियो भी कहा जाता है। एक फाइनेंशियल वैल्यूएशन मेट्रिक है जिसका इस्तेमाल कंपनी के बुक वैल्यू को मौजूदा मार्केट वैल्यू का एनालिसिस करने के लिए किया जाता है। इसका इस्तेमाल किसी फर्म की मार्केट कैपिटलाइजेशन की उसकी बुक वैल्यू के साथ तुलना करने के लिए होता है। P/B रेशियो किसी कंपनी की मार्केट वैल्युएशन की माप और उसकी बुक वैल्यू की तुलना में माप करता है। किसी इक्विटी की मार्केट वैल्यू पारंपरिक रूप से कंपनी की बुक वैल्यू से ज्यादा होती है। P/B रेशियो का उपयोग वैल्यू इन्वेस्टरों द्वारा निवेशों की पहचान करने के लिए किया जाता है। 1 से नीचे के P/B Ratio बहतेर निवेश समझे जाते हैं।

हालांकि आपको इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि केवल ये मेट्रिक्स ही सभी पैरामीटर नहीं होते हैं। लेकिन आपको ये स्टॉक का एनालिसिस करने में मददगार साबित हो सकते हैं । किसी कंपनी के बारे में बेहतर रिसर्च आपको मल्टीबैगर स्टॉक चुनने में हेल्प करेगा और आपको बेहतर रिटर्न दिलवाने के लिए मददगार साबित होगा।

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शेयर बाजार के उतार चढ़ाव को कैसे समझें

शेयर बाजार से प्रॉफिट कमाने के लिए बाजार के उतार-चढ़ाव को समझना आवश्यक है मार्केट के उतार-चढ़ाव के बारे में यदि आप पूर्वानुमान लगाने में असमर्थ हैं तो आप शेयर बाजार से कमाई नहीं कर सकते हैं स्टॉक मार्केट से बेहतर रिटर्न पाने के लिए मार्केट के सभी पहलुओं पर ध्यान रखना होगा एक अनुभवी निवेशक शेयर बाजार में तेजी हो या मंदी दोनों ही परिस्थितियों में प्रॉफिट कमाता है

स्टॉक मार्केट के उतार-चढ़ाव को समझना इतना आसान नहीं होता किंतु असंभव भी नहीं होता है यदि आप शेयर मार्केट में लगातार ट्रेडिंग कर रहे हैं और समय दे रहे हैं भारतीय शेयर बाजार सहित ग्लोबल स्टॉक मार्केट पर भी आप नजर बनाए रख रहे हैं सोने चांदी की कीमत से लेकर डॉलर करेंसी आदि के बारे में यदि जानकारी रखते हैं तो स्टॉक मार्केट में होने वाले उतार-चढ़ाव को आप आसानी से समझ सकते हैं स्टॉक मार्केट में उतार-चढ़ाव के इस पूर्वानुमान का हुनर जिन निवेशकों को आता है वह निवेशक शेयर बाजार से अच्छी खासी कमाई करते हैं

शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव को कैसे समझें

मार्केट के उतार-चढ़ाव को कैसे समझें

शेयर बाजार कब गिरेगा और कब बढ़ेगा इस बात को समझने के लिए आपको भारतीय शेयर बाजार अतिरिक्त विश्व के प्रमुख शेयर बाजारों पर नजर बनाए रखनी होगी भारत में हो रहे तत्कालीन घटनाओं पर भी नजर रखनी होगी साथ ही शेयर की कंपनी की मौजूदा परिस्थितियों को भी देखना होगा उदाहरण के तौर पर एक सामान्य ट्रेडिंग के दिन यदि अमेरिका सहित दुनिया के प्रमुख शेयर बाजारों में तेजी बनी हो तो भारतीय शेयर बाजार में भी बढ़त होना तय है और यह इसके विपरीत यदि ग्लोबल मार्केट में मंदी छाई है तो भारतीय शेयर बाजार पर भी दबाव देखने को मिल सकता है इसीलिए शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव के पूर्वानुमान के लिए ग्लोबल स्टॉक एक्सचेंज पर नजर बनाए रखना अति आवश्यक है

शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव को कैसे समझें

पूर्वानुमान के लिए कैसे तैयार रहें

एक सामान्य परिस्थिति में शेयर बाजार में 200 - 300 पॉइंट के उतार-चढ़ाव के बाद विपरीत परिस्थितियों के लिए तैयार रहना चाहिए

देश दुनिया में यदि स्टॉक मार्केट के लिए कोई बड़ी नेटिव खबर नहीं है सामान्य परिस्थिति में मान लीजिए भारतीय शेयर बाजार में 200-300 पॉइंट का उतार-चढ़ाव यदि हो गया है तो मार्केट के विपरीत परिस्थितियों के लिए तैयार रहना चाहिए

शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव को कैसे समझें

मार्केट में समझदारी से करें निवेश

शेयर बाजार में समझदारी से निवेश करना ही सफलता का मूल मंत्र है यदि स्टॉक मार्केट में आपने बिना सोचे समझे आंख बंद करके निवेश किया है तो नुकसान होने की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है इसीलिए मौजूद मौजूदा परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए स्टॉक मार्केट मैं निवेश करें

निवेशकों को चाहिए कि वह शुरुआती दो शॉर्ट टर्म एंड लोंग टर्म के लिए ही निवेश करें इंट्राडे निफ़्टी फ्यूचर ऑप्शन का ट्रेड अनुभव होने के बाद ही करें

18 मार्च: शेयर बाजार से क्या करें उम्मीद? इन स्टॉक्स पर होगी नजर

18 मार्च: शेयर बाजार से क्या करें उम्मीद? इन स्टॉक्स पर होगी नजर

शेयर बाजार बीते दिन 17 मार्च को बड़ी गिरावट के साथ लाल निशान में बंद हुआ था. यह मार्केट में लगातार चौथे दिन की गिरावट भी थी. बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी करीब 1.20% कमजोर हुए. कोरोना के बढ़ते मामलों की चिंता से निवेशकों में प्रॉफिट बुकिंग का ट्रेंड दिख रहा है.

4 दिनों की कमजोरी से करीब 2.5% टूटते हुए सेंसेक्स 50,000 जबकि निफ्टी 14,750 के नीचे आ गया है. सावधानी से अच्छे वैल्यूएशन वाले शेयरों में व्यापार करना बेहतर विकल्प हो सकता है.

विदेशी बाजारों में क्या हो रहा है?

एशिया के सारे बाजार सुबह हरे निशान में हैं. जापान, दक्षिण कोरिया, ताइवान और थाईलैंड के बाजारों में तेजी है.

भारतीय बाजार के लिए शुरुआती संकेत देने वाला सिंगापुर का SGX निफ्टी सुबह 7:00 बजे 1.18% की उछाल के साथ 14,945.50 पर व्यापार कर रहा है.

बीते दिन US का S&P 500 इंडेक्स 0.29% जबकि डाउ जोंस इंडस्ट्रियल एवरेज (DJIA) इंडेक्स 0.58% मजबूत हुआ.

US के सेंट्रल बैंक फेड ने इंटरेस्ट दरों के कम से कम 2023 के अंत तक 0% के करीब रखने के संकेत दिए है. इससे निवेशकों में उत्साह है.

बाजार पर इन कारकों का भी असर-

  • 17 मार्च को बल्क डील में CA रोवर होल्डिंग्स ने SBI कार्ड्स के 4 करोड़ शेयरों को ₹985.98 की दर पर बेचा. एक अन्य डील में कोउस (coeus) ग्लोबल अपोर्चुनिटी फंड ने मिटकन कंसल्टेंसी एंड इंजीनियरिंग के 2 लाख 44 निवेशकों को इन स्टॉक्स पर रखनी होगी नजर हजार शेयरों की ₹40.85 की दर पर खरीदी की.
  • विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने 17 मार्च को बाजार में 2625 करोड़ के शेयर खरीदे. घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने 562 करोड़ के स्टॉक बेचे.
  • सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक का इशू पहले दिन शाम 4 बजकर 29 मिनट के अनुसार 0.32 गुणा सब्सक्राइब किया गया था. यह IPO निवेशकों के लिए 19 मार्च तक उपलब्ध है.
  • कल्याण ज्वेलर्स IPO अपने दूसरे दिन शाम 5 बजे तक 1.21 गुणा सब्सक्राइब किया गया था. इस इशू में निवेशक गुरुवार तक रुचि दिखा सकते हैं.
  • नजारा टेक्नोलॉजीज का IPO पहले दिन शाम 4 बजकर 5 मिनट के अनुसार 3.34 गुणा सब्सक्राइब किया गया था. यह इशू निवेशकों के लिए 19 मार्च तक उपलब्ध रहेगा.
  • मनीकंट्रोल के अनुसार निफ्टी के लिए 18 मार्च को 14,626.03 और 14,530.77 सपोर्ट स्तर हैं, जिससे नीचे जाने के बाद इंडेक्स टूट सकता है. इसी तरह 14,886.53 और 15,051.77 रेजिस्टेंस लेवल हैं, जिससे ऊपर पहुंचने से निफ्टी को और उछाल मिल सकती है.

इन स्टॉक्स पर होगी नजर-

पंजाब नेशनल बैंक: बैंक ने PNB कार्ड्स एंड सर्विसेज नाम से एक अलग क्रेडिट कार्ड सब्सिडियरी की शुरुआत की. यह PNB के क्रेडिट कार्ड बिजनेस को नॉन-फाइनेंशियल सपोर्ट देगा.

BHEL: न्यूक्लियर पावर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के न्यूक्लियर पावर प्रोजेक्ट्स के 10,800 करोड़ के इक्विपमेंट्स सप्लाई के लिए कंपनी ने सबसे कम की बोली लगाई.

HFCL: उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन से कंपनी को टेलीकम्युनिकेशन्स से जुड़े कामों के लिए 221 करोड़ का ऑर्डर मिला.

TVS मोटर: कंपनी का बोर्ड 24 मार्च को इस वित्त वर्ष के लिए दूसरे अंतरिम डिविडेंड पर विचार करने के लिए मिलेगा.

बोर्ड/एनालिस्ट/इन्वेस्टर्स मीटिंग-

आने वाले दिनों में इन्वेस्टर्स, एनालिस्ट्स या बोर्ड मीटिंग करने वाले कंपनियों की सूची में मैगमा फिनकॉर्प , ट्यूब इन्वेस्टमेंट्स ऑफ इंडिया, सीएट, इरकॉन इंटरनेशनल, बजाज फाइनेंस, कैनफिन होम्स, इत्यादि अहम है.

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शेयर बाजार में निवेश की कर रहे हैं प्‍लानिंग, तो कभी न भूलें ये जरूरी निवेशकों को इन स्टॉक्स पर रखनी होगी नजर बातें

अगर आप स्‍टॉक मार्केट में नए हैं और निवेश की प्‍लानिंग कर रहे हैं तो न सिर्फ आपको स्‍टॉक ही खरीदने चाहिए, बल्कि की कंपनी में हिस्‍सेदारी भी लेनी चाहिए।

शेयर बाजार में निवेश की कर रहे हैं प्‍लानिंग, तो कभी न भूलें ये जरूरी बातें

स्‍टॉक मार्केट में निवेश से पहले जरूर जाननी चाहिए यह खास बातें (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

शेयर बाजार में निवेश करना जोखिम भरा माना जाता है। एक्‍सपर्ट के अनुसार, अगर कोई बिना पढ़े ही शेयर बाजार में पैसा लगाता है तो उसके फंड के डूबने का खतरा ज्‍यादा होता है। किसी भी कंपनी का शेयर खरीदने से पहले उसके वैल्‍यू, मार्केट कैप और अन्‍य चीजों के बारे में जरूर जानना चाहिए। साथ ही उस कंपनी के शेयर का एनलाइज और रिसर्च भी कर लेना चाहिए।

अगर आप स्‍टॉक मार्केट में नए हैं और निवेश की प्‍लानिंग कर रहे हैं तो न सिर्फ आपको स्‍टॉक ही खरीदने चाहिए, बल्कि की कंपनी में हिस्‍सेदारी भी लेनी चाहिए। यहां पांच ऐसी चीजें बताई गई हैं, जो किसी भी शेयरधारक को निवेश करने से पहले जानना चाहिए और हमेशा याद रखना चाहिए।

लंबे समय तक निवेश की प्‍लानिंग
जब आप शेयर मार्केट में निवेश कर रहे हैं तो आपको लंबे समय तक निवेश की प्‍लानिंग करना चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि केवल उन फंडों को इक्विटी में लगाया जाना चाहिए जिनकी कम से कम अगले पांच वर्षों तक आवश्यकता नहीं है। नजदीकी टर्म में, रिटर्न शॉर्ट-टर्म इवेंट्स की अनिश्चितता पर निर्भर करेगा। लंबी अवधि में निवेश करने से प्रॉफिट होने का चांस अधिक रहता है।

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राइट टेमपरामेंट
स्टॉक का नेचर अक्‍सर बदलता रहता है, ऐसे में एक निवेशक को स्टॉक की अस्थिरता के सा‍थ अनुशासन और धैर्य रखना चाहिए। अगर कोई स्‍टॉक खरीदने के बाद उसके कंपनी के वैल्‍यू में गिरावट आती है तो उससे घबराना नहीं चाहिए, इसके ऊपर आने तक इंतजार करना चाहिए और फिर निश्चित समय पर बिक्री की जानी चाहिए। बाजार में गिरावट है तो उस समय आपको सही टेमपरामेंट के साथ शेयरों की खरीद और बिक्री की जानी चाहिए। शेयरों के उतार-चढ़ाव के लिए इंतजार करके लाभ उठाया जा सकता है।

कंपनी के बारे में जानें
निवेश की योजना बनाने से पहले ही निवेशकों को कंपनी के बारे में डिटेल से जानकारी कर लेनी चाहिए। साथ ही कंपनी का बिजनेस समझकर ही निवेश की प्‍लानिंग करनी चाहिए। एक निवेशक को कंपनी की आर्थिक स्थिति, सेक्‍टर में स्थि‍ति, ग्रोथ आदि के बारे में जानकारी करना भी जरूरी है। वहीं बिना समझकर निवेश करना एक खतरा हो सकता है। साथ ही किसी के जानकारी के अभाव में दिए गए सलाह पर भी यकीन करके निवेश नहीं किया जाना चाहिए।

वैल्यूएशन
निवेश करते समय यह एक महत्‍वपूर्ण है कि स्टॉक चुनते समय एक सस्ता या कम से कम एक उचित वैल्‍यूएशन जरूरी है, लेकिन एक निवेशक को कैसे पता चलता है कि स्टॉक काफी सस्ता है? उसके लिए, किसी को किसी व्यवसाय को महत्व देने में सक्षम होना चाहिए। वैल्‍यूएशन के आधार पर ही कंपनी के वैल्‍यू और आगे की स्थिति के बारे में जाना जा सकता है।

तेज नजर रखना
अगर आपने कोई स्‍टॉक खरीदा और अगर वह स्‍टॉक आपके बाजार और पोर्टफोलियो के हिसाब से सही नहीं फिट हो रहा है। इसके अलावा, अगर वह ज्‍यादा लॉस या अधिक फायदे के बाद गिर रही है तो उसे बेचने और खरीदने के लिए तेज नजर बनाए रखना जरूरी है। ताकि आपको ऐसे स्‍टॉक के गिरने से ज्‍यादा नुकसान का सामना न करना पड़े।

Share Market Fall: शेयर बाजार में निवेशकों के 4.5 लाख करोड़ रुपये स्वाहा, सेंसेक्स में 638 अंकों की गिरावट

Share Market Fall: हफ्ते के पहले कारोबारी दिन 30 शेयरों का सेंसेक्स इंडेक्स सोमवार को 638.11 अंकों की गिरावट के साथ 56,788 अंकों पर बंद हुआ। वहीं, इसका व्यापक स्वरूप निफ्टी 207 अंक टूटकर 16,887 अंकों के लेवल पर बंद हुआ।

शेयर बाजार

हफ्ते के पहले कारोबारी दिन सेंसेक्स में 750 अंकों की गिरावट आने के कारण दलाल स्ट्रीट के निवेशकों की संपत्ति सोमवार को 4.5 लाख करोड़ रुपये घट गई। पिछले शुक्रवार को मिली बढ़त को बाजार के बुल संभालकर रख पाने में असपुल रहे। सोमवार को निफ्टी भी लुढ़ककर 16,900 के स्तर पर पहुंच गया। 30 शेयरों का सेंसेक्स इंडेक्स सोमवार को 638.11 अंकों की गिरावट के साथ 56,788 अंकों पर बंद हुआ। वहीं, इसका व्यापक स्वरूप निफ्टी 207 अंक टूटकर 16,887 अंकों के लेवल पर बंद हुआ।

हफ्ते के पहले कारोबारी दिन सोमवार को बाजार पर इन चार कारणों से दबाव दिखा।

1. ग्लोबल मार्केट का कमजोर रुख

वैश्विक बाजारों में जारी मंदी का असर सोमवार को भारतीय बाजार पर भी दिखा। यूराेप का STOXX 600 इंडेक्स में इस दौरान 1.4% की गिरावट दर्ज की गई। लंदन का FTSE-100 इंडेक्स भी दूसरे बाजारों राह पर चलते हुए लगभग 1% तक टूटा। एशियाई शेयरों में भी नकारात्मक रुझान नजर आया। सिर्फ जापान का बाजार हरे निशान पर दिखा जहां ऊर्जा और सेमीकंडक्टर कंपनियों के शेयर मजबूत होने से बाजार को सपोर्ट मिला।

2. क्रेडिट सुइस में व्याप्त क्राइसिस

स्विस बैंकिंग के दिग्गज क्रेडिट सुइस की 27 अक्टूबर को प्रस्तावित पुनर्गठन योजना से जुड़ी में अफवाहों के कारण भी सोमवार को भारतीय बाजार कमजोर हुआ। क्रेडिट सुइस में बैंक के क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप (सीडीएस) में तेज वृद्धि दिखी है। सीडीएस कंपनी को लोन डिफॉल्ट करने वालों के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करती है। हालांकि, बैंक का प्रबंधन बड़े ग्राहकों और निवेशकों को अपनी तरलता और पूंजी के बारे में आश्वस्त करने की कोशिश कर रहा है। फिर भी यूरोपीय बाजारों में सोमवार को इसके शेयर 10% तक टूट गए।

3. क्रूड ऑयल की कीमतों में इजाफा

क्रूड ऑयल की कीमतों में चार प्रतिशत का इजाफा हुआ है। ओपीईसी की ओर से कहा गया है कि वह उत्पादन में प्रतिदिन एक बिलियन बैरेल की कटौती करने पर विचार कर रहा है। वे ऐसा क्रूड ऑयल की कीमतों में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट के बाद भाव को स्थिर रखने के लिए कर सकते हैं। बता दें कि कोरोना संकट के बाद तेल उत्पादन में यह अब तक की सबसे बड़ी कटौती होगी।

4. रुपये पर बढ़ता दबाव

भारतीय रुपया दबाव में है क्योंकि घरेलू मुद्रा अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 0.67% कम होकर 81.89 पर कारोबार कर रहा है। हालांकि रुपये में गिरावट निर्यातकों के लिए सकारात्मक है, लेकिन इससे हमारा आयात महंगा हो रहा है। 21 सितंबर को यूएस फेड की 75 बीपीएस दर में बढ़ोतरी के बाद से विदेशी संस्थागत निवेशक या एफआईआई भारतीय इक्विटी बाजार में नेट सेल रहे हैं। शुक्रवार को एफआईआई ने बाजार में 1,500 करोड़ रुपये से अधिक की इक्विटी शेयरों की बिकवाली की थी। एनएसडीएल के आंकड़ों के मुताबिक पिछले महीने एफआईआई भारतीय बाजार में 7,624 करोड़ रुपये के शुद्ध विक्रेता थे।

विस्तार

हफ्ते के पहले कारोबारी दिन सेंसेक्स में 750 अंकों की गिरावट आने के कारण दलाल स्ट्रीट के निवेशकों की संपत्ति सोमवार को 4.5 लाख करोड़ रुपये घट गई। पिछले शुक्रवार को मिली बढ़त को बाजार के बुल संभालकर रख पाने में असपुल रहे। सोमवार को निफ्टी भी लुढ़ककर 16,900 के स्तर पर पहुंच गया। 30 शेयरों का सेंसेक्स इंडेक्स सोमवार को 638.11 अंकों की गिरावट के साथ 56,788 अंकों पर बंद हुआ। वहीं, इसका व्यापक स्वरूप निफ्टी 207 अंक टूटकर 16,887 अंकों के लेवल पर बंद हुआ।

हफ्ते के पहले कारोबारी दिन सोमवार को बाजार पर इन चार कारणों से दबाव दिखा।

1. ग्लोबल मार्केट का कमजोर रुख

वैश्विक बाजारों में जारी मंदी का असर सोमवार को भारतीय बाजार पर भी दिखा। यूराेप का STOXX 600 इंडेक्स में इस दौरान 1.4% की गिरावट दर्ज की गई। लंदन का FTSE-100 इंडेक्स भी दूसरे बाजारों राह पर चलते हुए लगभग 1% तक टूटा। एशियाई शेयरों में भी नकारात्मक रुझान नजर आया। सिर्फ जापान का बाजार हरे निशान पर दिखा जहां ऊर्जा और सेमीकंडक्टर कंपनियों के शेयर मजबूत होने से बाजार को सपोर्ट मिला।

2. क्रेडिट सुइस में व्याप्त क्राइसिस

स्विस बैंकिंग के दिग्गज निवेशकों को इन स्टॉक्स पर रखनी होगी नजर क्रेडिट सुइस की 27 अक्टूबर को प्रस्तावित पुनर्गठन योजना से जुड़ी में अफवाहों के कारण भी सोमवार को भारतीय बाजार कमजोर हुआ। क्रेडिट सुइस में बैंक के क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप (सीडीएस) में तेज वृद्धि दिखी है। सीडीएस कंपनी को लोन डिफॉल्ट करने वालों के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करती है। हालांकि, बैंक का प्रबंधन बड़े ग्राहकों और निवेशकों को अपनी तरलता और पूंजी के बारे में आश्वस्त करने की कोशिश कर रहा है। फिर भी यूरोपीय बाजारों में सोमवार को इसके शेयर 10% तक टूट गए।

3. क्रूड ऑयल की कीमतों में इजाफा

क्रूड ऑयल की कीमतों में चार प्रतिशत का इजाफा हुआ है। ओपीईसी की ओर से कहा गया है कि वह उत्पादन में प्रतिदिन एक बिलियन बैरेल की कटौती करने पर विचार कर रहा है। वे ऐसा क्रूड ऑयल की कीमतों में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट के बाद भाव को स्थिर रखने के लिए कर सकते हैं। बता दें कि कोरोना संकट के बाद तेल उत्पादन में यह अब तक की सबसे बड़ी कटौती होगी।

4. रुपये पर बढ़ता दबाव

भारतीय रुपया दबाव में है क्योंकि घरेलू मुद्रा अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 0.67% कम होकर 81.89 पर कारोबार कर रहा है। हालांकि रुपये में गिरावट निर्यातकों के लिए सकारात्मक है, लेकिन इससे हमारा निवेशकों को इन स्टॉक्स पर रखनी होगी नजर निवेशकों को इन स्टॉक्स पर रखनी होगी नजर आयात महंगा हो रहा है। 21 सितंबर को यूएस फेड की 75 बीपीएस दर में बढ़ोतरी के बाद से विदेशी संस्थागत निवेशक या एफआईआई भारतीय इक्विटी बाजार में नेट सेल रहे हैं। शुक्रवार को एफआईआई ने बाजार में 1,500 करोड़ रुपये से अधिक की इक्विटी शेयरों की बिकवाली की थी। एनएसडीएल के आंकड़ों के मुताबिक पिछले महीने एफआईआई भारतीय बाजार में 7,624 करोड़ रुपये के शुद्ध विक्रेता थे।

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