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Delhi: दिल्ली सरकार की इस योजना में बेटी के जन्म पर मिलते हैं 11 हजार रुपये, जानें- कैसे उठा सकते हैं लाभ?

Ladli Yojana News: इस योजना का लाभ लेने के लिए दिल्ली सरकार की आधिकारिक वेबसाइट www.wcddel.in से अधिक जानकारी और फॉर्म प्राप्त कर सकते हैं. आवेदन करते समय महत्वपूर्ण दस्तावेजों की भी आवश्यकता होगी.

By: निशांत चतुर्वेदी, दिल्ली | Updated at : 18 Dec 2022 08:48 PM (IST)

(दिल्ली लाड़ली योजना, फोटो- एबीपी न्यूज)

Delhi Ladli Yojana: समाज के हर वर्ग और परिवार को सशक्त बनाने के लिए राज्य व केंद्र सरकार द्वारा समय समय पर अनेक योजनाएं निकाली जाती हैं और इनमें से कई योजनाओं की जानकारी तो जनता तक पहुंच भी नहीं पाती है. इन्हीं योजनाओं में से एक दिल्ली सरकार की "दिल्ली लाडली योजना" है. अगर आपके भी घर में बेटी पैदा हुई है तो इस सरकारी योजना का लाभ आप भी ले सकते हैं. दिल्ली सरकार द्वारा 1 जनवरी 2008 को बेटा-बेटी में होने वाले भेदभाव को दूर करने, कन्या भ्रूण हत्या को खत्म करने के उद्देश्य से इस योजना की शुरुआत की गई थी.

जानें परिवार को कितनी मिलेगी आर्थिक सहायता

दिल्ली लाडली योजना के तहत बेटी के शिक्षा और परिवार को आर्थिक सहायता के लिए दिल्ली सरकार की तरफ से परिवार में बेटी पैदा होने पर प्रोत्साहन धनराशि प्रदान की जाएगी. जिसमें बेटी के संस्थागत डिलीवरी होते समय 11,000 रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाएगी. बिटिया के घर में जन्म लेते समय 10,000 रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाएगी और 5000 रुपये 1वीं कक्षा में प्रवेश के समय प्रदान किया जाएगा. इसके साथ ही 5000 रुपये 6वीं कक्षा में प्रवेश के समय प्रदान किया जाएगा. वहीं 5000 रुपये 9वीं कक्षा और 5000 रुपये 10वीं कक्षा उत्तीर्ण करने पर दिए जाएंगे. इसके अलावा 5000 रुपये 12वीं में प्रवेश के समय दिया जाएगा. इस तरह से बेटी के 18 वर्ष तक दिल्ली सरकार द्वारा यह प्रोत्साहन धनराशि परिवार के बैंक खाते में सीधा प्रदान की जाएगी.

इस योजना का लाभ लेने के लिए यह पात्रता जरूरी

  • बेटी के माता-पिता दिल्ली के स्थाई निवासी होने चाहिए
  • बेटी का जन्म दिल्ली में ही होना चाहिए
  • अभिभावक माता-पिता की वार्षिक आय 100000 रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए
  • एक परिवार के अधिकतम दो बेटियों को ही इस योजना का लाभ मिल सकता है
  • बेटी के शिक्षा क्षेत्र में प्रोत्साहन राशि प्राप्त करने के लिए स्कूल मान्यता प्राप्त होना चाहिए

आवेदन के लिए ये दस्तावेज जरूरी

वहीं इस योजना का लाभ लेने के लिए दिल्ली सरकार की आधिकारिक वेबसाइट www.wcddel.in से अधिक जानकारी और फॉर्म प्राप्त कर सकते हैं. दिल्ली लाडली योजना के लिए आवेदन करते समय कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों की भी आवश्यकता होगी. जिसमें माता पिता और बेटी का आधार कार्ड, बेटी का जन्म प्रमाण पत्र, अभिभावक या माता-पिता के आय का प्रमाण पत्र, माता-पिता में किसी एक का बैंक पासबुक, स्थाई निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, मोबाइल नंबर और फोटो संबंधित सही जानकारी देना अनिवार्य है.

Published at : 18 Dec 2022 08:45 PM (IST) Tags: Delhi News Delhi Ladli Scheme Ladli Yojana हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi

निम्नलिखित में से कौन एक बहुत अधिक लाभ भेद प्रवर्धक है जिसमें उच्च इनपुट प्रतिबाधा और एकल समाप्त आउटपुट है?

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अतिरिक्त विशेषताओं में बहुत कम DC ऑफसेट, कम बहाव, कम रव, बहुत अधिक खुला-पाश लाभ, बहुत अधिक सामान्य-मोड अस्वीकृति अनुपात और बहुत अधिक इनपुट प्रतिबाधा शामिल हैं। यांत्रिकी प्रवर्धकों का उपयोग किया जाता है जहां परिपथ की छोटी और लंबी अवधि दोनों की बड़ी सटीकता और स्थिरता की आवश्यकता होती है।

एक उपकरण प्रवर्धक आमतौर पर निम्न-स्तरीय सिग्नलों को प्रवर्धित करने, रव और व्यतिकरण सिग्नलों को अस्वीकार करने के लिए नियोजित किया जाता है। इसलिए, एक अच्छे उपकरण प्रवर्धक की विशेषताओं में निम्न शामिल होना चाहिए:

परिमित, सटीक और स्थिर लाभ : चूंकि अधिक लाभ की आवश्यकता है? उपकरण प्रवर्धकों को ट्रांसड्यूसर साधन से बहुत कम-स्तरीय सिग्नलों को बढ़ाना आवश्यक है, इसलिए उच्च और परिमित लाभ मूल आवश्यकता है। लाभ भी सटीक अधिक लाभ की आवश्यकता है? होना चाहिए और बंद-लूप लाभ स्थिर होना चाहिए।

उच्च इनपुट प्रतिबाधा : इनपुट स्रोतों के भार से बचने के लिए, उपकरण प्रवर्धक की इनपुट प्रतिबाधा बहुत अधिक (आदर्श रूप से अनंत) होनी चाहिए।

कम आउटपुट प्रतिबाधा : एक अच्छा उपकरण प्रवर्धक की आउटपुट प्रतिबाधा बहुत कम (आदर्श रूप से शून्य) होनी चाहिए, ताकि तत्काल अगले चरण पर भारण प्रभाव से बचा जा सके।

उच्च CMRR : ट्रांसड्यूसर से आउटपुट में आमतौर पर उभयनिष्ठ-मोड सिग्नल होते हैं जब उन्हें लंबी तारों पर प्रेषित किया जाता है। एक अच्छे उपकरण प्रवर्धक को पूरी तरह से उभयनिष्ठ-मोड इनपुट को अस्वीकार करके केवल अवकल-इनपुट को बढ़ाना चाहिए। इस प्रकार उपकरण प्रवर्धक का CMRR आदर्श रूप से अनंत होना चाहिए।

उच्च संकेत अनुक्रिया दर : उपकरण प्रवर्धक की संकेत अनुक्रिया दर अधिकतम अविरूपित आउटपुट वोल्टेज स्विंग प्रदान करने के लिए यथासंभव उच्च होनी चाहिए।

कम शक्ति खपत: एक अच्छे उपकरण प्रवर्धक में कम इनपुट ऑफसेट धाराएं होती हैं और इसलिए बहुत कम शक्ति की खपत होती है जो हमेशा एक वांछनीय गुण होता है।

'सिंगल रहेंगे तो फायदे में रहेंगे', रिलेशनशिप से दूर रह कर उठा सकते हैं जिंदगी के मजे, जानें इसके लाभ

सिंगल रहने का सबसे बड़ा फायदा यह कि आप कई तरह के तनाव से मुक्त रहते हैं.

सिंगल रहने का सबसे बड़ा फायदा यह कि आप कई तरह के तनाव से मुक्त रहते हैं.

Benefits of Being Single: अविवाहित या फिर सिंगल रहने के कई सारे ऐसे फायदे हैं जो आपकी जिंदगी बदल सकते हैं. अगर आप सिंगल . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : December 23, 2022, 12:45 IST

हाइलाइट्स

सिंगल रहने से आपको अपने करियर और व्यवसाय के लिए सही दिशा तय करने का पर्याप्त मौका मिलता है.
सिंगल रहने से आपको नए दोस्त और पुरानी दोस्ती को मजबूत बनाने का भी अवसर मिलता है.

Benefits of Being Single: लोग अक्सर अपना अकेलापन दूर करने के लिए रिलेशनशिप की ओर भागते हैं. क्योंकि, यह लोगों को लगता है कि जिंदगी में किसी खास के होने से उनका मानसिक तनाव कम होता है और एक साथी की जरूरत सभी को महसूस होती है. लेकिन, रिलेशनशिप में होने के कुछ फायदे तो कुछ नुकसान भी होते हैं. हालांकि ऐसा नहीं है कि सिंगल होने से कुछ नुकसान है. सिंगल रहने के भी कई ऐसे फायदे हैं जिन्हें जानकार आप हैरान रह जाएंगे. आज के इस आर्टिकल में हम आपको सिंगल होने के कुछ खास फायदे बताएंगे.

मैरिज डॉट कॉम की खबर के अनुसार पिछले कुछ समय में युवाओं में सिंगल रहने का क्रेज काफी बढ़ा है. सिंगल रहने से आपको खुद के बारे में जानने और बेहतर समझ को विकसित करने का मौका मिलता है. जब एक बार आप खुद को जान जाते हैं तो आप भीड़ से हटकर उन कामों में व्यस्त हो जाते हैं जो आपको खुशी देते हैं. आइए जानते हैं सिंगल रहने के कुछ बड़े फायदे के बारे में…

परिवार के लिए अधिक समय: विवाहित होने के बाद कई लोग काफी रिजर्व हो जाते हैं और अपने परिवार के लिए समय नहीं दे पाते. सिंगल रहने का यह भी फायदा है कि आप अपने काम से फ्री होने के बाद माता पिता और परिवार के दूसरे सदस्यों के साथ पर्याप्त समय बिता सकते हैं.

तनाव कम होना: सिंगल रहने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप तनाव से मुक्त रहते हैं. यह सिर्फ रिश्ते की वजह से नहीं बल्कि इसके पीछे कई अन्य कारण भी हैं. इसमें सबसे खास कारण है आर्थिक तनाव है. जब आप सिंगल होते हैं तो आपको कमाने और अपने ऊपर खर्च करने की आवश्यकता होती है न कि सेविंग्स की.

दूसरे लोगों की मदद करने का मौका: रिश्ते अधिक समय लेते हैं जिससे आप लोगों से दूर होने लगते हैं. ऐसे में अगर आप सिंगल हैं तो आपको दूसरे लोगों से मिलने और उनकी मदद करने का मौका अधिक मिलता है. सिंगल होने पर आप अपना समय किसी ऐसे काम में मदद करने के लिए स्वेच्छा से भी दे सकते हैं जो आपके लिए बहुत मायने रखता है.

अपने शौक को पूरा करना: सिंगल होने का एक सबसे बड़ा फायदा यह कि आपको अपने शौक पूरे करने का पर्याप्त मौका मिलता है. आपको अपने लिए अतिरिक्त समय और चीजों को तय करने की पर्याप्त आजादी होती है.

किसी के प्रति जवाब देह नहीं: अविवाहित रहने का एक सबसे बड़ा फायदा यह भी है कि आप जवाबदेही से फ्री रहते हैं. आप किसी को लगातार खुश करने की जिम्मेदारी से फ्री रहते हैं. आप अपना जीवन अपने नियमों से जी सकते हैं.

आर्थिक लाभ: सिंगल रहने के कई आर्थिक लाभ भी हैं. यदि आपके पास खुद के लिए पर्याप्त समय है तो आप करियर पर अधिक ध्यान दे सकते हैं. आप काम अपना सब कुछ दे सकते हैं जिससे भविष्य में आपको अधिक आर्थिक लाभ होगा.

दोस्ती का मौका : रिलेशनशिप में आने के बाद या फिर शादी के बाद दोस्तों से मिलना काफी कम हो जाता है. सिंगल रहने से आपके पास खुद के लिए समय होता है जिसका उपयोग आप अपने दोस्ती को मजबूत बनाने में कर सकते हैं. इसके अतिरिक्त आपको नए नए दोस्तों से मिलने का भी मौका रहता है.

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किसान करे गोभी की उन्नत खेती और कमाए अधिक लाभ

फूलगोभी ठंडी जलवायु का पौधा है। इसकी खेती रबी के सीजन में करना सबसे अच्छा होता है। अन्यथा अधिक तापमान फूलगोभी की खेती को नुकसान पहुंचा सकता है। इसके लिए 15 डिग्रीसेंटीग्रेड से 25 सेंटीग्रेड का तापमान सबसे उपयुक्त होता है। ज्यादा पाला गोभी की फसल को काफी नुकसान पहुंचाती है।

फूल गोभी की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी

फूलगोभी की फसल के लिए उपजाऊ बलुई, दोमट मिट्टी सही होती है। मिट्टी का पीएचमान 7.0 से कम होना चाहिए। इसके लिए आप मिट्टी की जांच ज़रूर करा लें। इसकी खेती हमेशा समतल और अच्छी जल निकासी वाली भूमि में करें।

फूलगोभी की उन्नत किस्में (phool gobhi ki variety)

फूलगोभी की खेती (phool gobhi ki kheti) मौसम के आधार पर भारत में तीन प्रकार की प्रजातियां पाई जाती हैं।

अगेती, मध्यम और पछेती प्रजातियां

अगेती प्रजातियां

पूसा दिपाली, अर्ली कुवारी, अर्ली पटना, पन्त गोभी 2, पन्त गोभी 3 पूसा कार्तिक, पूसा अर्ली सेन्थेटिक, पटना अगेती, सेलेक्सन 327 एवं सेलेक्सन 328 है।

मध्यम प्रकार की प्रजातियां

पन्त शुभ्रा, इम्प्रूव जापानी, हिसार 114, एस-1, नरेन्द्र गोभी 1, पंजाब जॉइंट ,अर्ली स्नोबाल, पूसा हाइब्रिड 2, पूसा अगहनी, और पटना मध्यम,

आखिरी में पछेती प्रजातियां

स्नोबाल 16, पूसा स्नोबाल 1, पूसा स्नोबाल 2, पूसा के 1, दानिया, स्नोकिंग, पूसा सेन्थेटिक, विश्व भारती, बनारसी मागी, जॉइंट स्नोबाला

फूल गोभी की खेती कब करें

फूल गोभी की खेती (gobhi ki kheti) आप बरसात के बाद सितंबर से अक्टूबर तक कर सकते हैं। फूलगोभी की अगेती खेती के लिए आप नर्सरी की तैयारी सितंबर में कर लें। पिछेती खेती के लिए आप नवंबर तक कर सकते हैं।

फूल गोभी की खेती के लिए भूमि की तैयारी

  • फूल गोभी की खेती सितंबर से अक्टूबर के मध्य की जाती है।
  • सितंबर के पहले सप्ताह में खेत की 2 बार अच्छी जुताई कर लें।
  • खेत में गोबर की खाद अच्छे से बिखेर कर मिट्टी में मिला दें।
  • 2-3 जुताई देसी हल या कल्टीवेटर से करने के बाद खेत में पाटा लगाकर समतल और भुरभुरी बना लें।
  • इसके बाद खेत में 50 सेंटीमीटर की दूरी पर थाला बना लें।
  • खेत में पानी की निकासी की समुचित व्यवस्था जरूर करें।

फूलगोभी की बीजों की बुआई और नर्सरी

फूलगोभी की फसल लेने के लिए हम दो तरीके से बुआई कर सकते हैं।

1. बीजों की सीधी बुआई करके

2. नर्सरी में पौध तैयार करके

आपको बता दें, 450 ग्राम से 500 ग्राम बीज प्रति हेक्टेयर के लिए पर्याप्त होता है। बीज बुआई से पहले 2 से 3 ग्राम कैप्टन या ब्रैसिकाल प्रति किलोग्राम बीज की दर से शोधित कर लेना चाहिए। इसके साथ ही साथ 160 से 175 मिली लीटर को 2.5 लीटर पानी में मिलकर प्रति वर्ग मीटर के हिसाब नर्सरी की भूमि शोधन करना चाहिएI

फूलगोभी की रोपाई कब और कैसे करें?

  • जलवायु के अनुसार ही फूलगोभी की अधिक लाभ की आवश्यकता है? खेती (phool gobhi ki kheti) करें।
  • फूलगोभी की अगेती खेती के लिए जुलाई-अगस्त तक बुआई कर लें।
  • मध्यम और पछेती गोभी के लिए अक्टूबर-नवंबर तक बुआई कर सकते हैं।
  • पौध की रोपाई 45-50 सेंटीमीटर की दूरी पर करें।
  • पंक्ति से पंक्ति की दूरी भी 45-50 सेंटीमीटर रखें।
  • पौधों की रोपाई सायंकाल के समय सही होता है।
  • पौधे लगाने के बाद हल्की सिंचाई कर दें।

सिंचाई और उरर्वरक प्रबंधन

पौध रोपण के तुरन्त बाद हल्की सिंचाई करनी चाहिए। इसके पश्चात आवश्यकतानुसार 10 से 15 दिन के अन्तराल पर सिंचाई करते रहना चाहिए।

फूलगोभी की अगेती फसल की अपेक्षा पिछेती फसल में खाद और उर्वरक की अधिक आवश्यकता पड़ती है। पौधों की बढ़वार के समय यूरिया का प्रयोग जरूर करें। फूलगोभी की जैविक खेती के लिए आप अधिक लाभ की आवश्यकता है? जैविक खाद का उपयोग कर सकते हैं। लेकिन खेत तैयार करते समय गोबर की खाद या कंपोस्ट खाद जरूर डालें

फूलगोभी की खेती में खरपतवार नियंत्रण

किसी भी बीमारी और कीट प्रबंधन के लिए कृषि विशेषज्ञ की राय जरूर लें। खरपतवार नियंत्रण के लिए 2 से 3 निराई गुड़ाई करें। पौध की रोपाई से पहले वासालिन 48 ई सी 1.5 किलोग्राम मात्रा प्रति हैक्टेयर के हिसाब से प्रयोग करें।

फूलगोभी की कटाई कब करें

  • फूलगोभी की कटाई उस समय करनी चाहिए जब फूल उचित आकार के ठोस दिखाई देने लगे।
  • फूलगोभी को नीचे से काटना चाहिए। जिससे कि परिवहन के समय फूल की सुरक्षा हो सके।
  • काटते समय यह ध्यान रखें कि फूल में खरोंच या रगड़ न लगने पाए।
  • काटने के पश्चात् शीघ्र ही विक्रय का प्रबन्ध करना चाहिए।
  • फूलों की कटाई हमेशा सुबह या शाम करनी चाहिए।

फूलगोभी की खेती में लागत और कमाई

उन्नत तकनीक से फूलगोभी की खेती (cauliflower ki kheti) करने पर प्रति हेक्टेयर 150 से 250 कुंतल तक पैदावार मिल जाती है। इसकी उपज 300 से 400 कुन्तल प्रति हेक्टेयर प्राप्त होता है।

संक्षेप में कहें तो यदि किसान फूलगोभी की उन्नत तरीके से खेती करें तो उन्हें अन्य सब्जियों की तुलना में फूलगोभी की खेती (gobhi ki kheti) से ज्यादा मुनाफा हो सकता है।

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Pisces.

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