सबसे पहले तो ये समझिए सरकार ने जो टैक्स लगाया है वो डिजिटल एसेट या यूं कहें क्रिप्टोकरेंसी (Cyrptocurrency) जैसे बिटकॉइन पर लगा है, जो फिलहाल लीगल नहीं है. गौर करने की बात ये है कि सरकार इसे करेंसी नहीं मान रही है. तो अब भारत में डिजिटल एसेट (Cryptocurrency) से होने वाली कमाई पर 30% टैक्स लगेगा. मतलब अब अगर कोई व्यक्ति किसी डिजिटल एसेट (Digital Asset) में निवेश करके 100 रुपए का मुनाफा कमाता है, तो उसे 30 रुपए टैक्स के रूप में सरकार को देने होंगे.
क्रिप्टो एक्सचेंज लिक्विडिटी
क्रिप्टोकरेंसी को 2020 में बाजार पूंजीकरण की महत्वपूर्ण वृद्धि के साथ निवेश के दृष्टिकोण का एक नया दौर मिला है। इस बीच, विशेषज्ञ कम लिक्विडिटी के रूप में 95% से अधिक समझते हैं। इसके अलावा, दो धारणाओं के बीच एक अंतर है: संपत्ति लिक्विडिटी और क्रिप्टो एक्सचेंज लिक्विडिटी। ट्रेडर और निवेशकों को इन धारणाओं को मिलाना नहीं चाहिए।
क्रिप्टो बाजार 8 000 से अधिक विभिन्न वर्चूअल संपत्ति प्रदान करता है, जबकि ट्रेडर और निवेशक विविध रणनीतियों का पालन करते हैं। कोई व्यक्ति लंबी अवधि के लिए शीर्ष-रेटेड क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करता है, जबकि अन्य कम ज्ञात संपत्ति की तलाश में हैं, जो उच्चतम लाभ की ओर मार्ग प्रशस्त करते हैं।
बाजार सहभागियों के लिए लिक्विडिटी का क्या अर्थ है? आप आसानी से उच्च लिक्विडिटी के साथ परिसंपत्तियों का आदान-प्रदान कर सकते हैं। जैसा कि अनैतिक क्रिप्टोकरेंसी के लिए, आपूर्ति और मांग को सहसंबद्ध नहीं किया जाता है, और एक धारक को अपने बाजार मूल्य से कम संपत्ति बेचने की आवश्यकता होती है। इसके अलावा, नोन-लिक्विडिटी वर्चूअल मुद्राओं के मूल्य आंदोलन कभी-कभी तर्क से बाहर हो जाते हैं - कुछ सौदे सामान्य रूप से बाजार की स्थिति को प्रभावित कर सकते हैं।
क्रिप्टो एक्सचेंज लिक्विडिटी: सामान्य अवलोकन
ट्रेडर और निवेशक कहीं से भी वर्चूअल संपत्ति नहीं खरीद सकते। क्रिप्टो एक्सचेंज और अन्य ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म इस तरह के अवसर के साथ बाजार सहभागियों को सक्षम करते हैं। ये प्लेटफ़ॉर्म या तो लिक्विड या इलिक्विड हो सकते हैं। क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज जितना अधिक लिक्विड होता है, ट्रेडर को उनके ऑर्डर को निष्पादित करने की आवश्यकता कम होती है।
क्रिप्टो एक्सचेंज लिक्विडिटी के दृष्टिकोण से निम्नलिखित कारक महत्वपूर्ण हैं:
दैनिक ट्रेडिंग वॉल्यूम। किसी निश्चित एक्सचेंज के 24 घंटे के ट्रेडिंग वॉल्यूम इंडेक्स को देखें। उच्च मात्रा दर्शाती है कि ट्रेडर्स के बीच एक्सचेंज एक मांग है। इस बीच, एक निश्चित ट्रेडिंग जोड़ी के दैनिक ट्रेडिंग वॉल्यूम को ध्यान में रखें। उदाहरण के लिए, एक एक्सचेंज समग्र संस्करणों की रैंकिंग का नेतृत्व कर सकता है, लेकिन ADA/USDT या EOS/ETH ट्रेडिंग जोड़े के लिए एक ही एक्सचेंज शीर्ष -10 ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म से बाहर हो सकता है।
एक क्रिप्टो लिक्विडिटी प्रदाता का कार्य क्या है?
जबकि एक क्रिप्टो एक्सचेंज दैनिक टर्नओवर के बारे में बात करते हुए, अधिकांश ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म क्रिप्टो लिक्विडिटी प्रदाताओं के साथ सौदा करते हैं। ये कंपनियां एक बड़ी मात्रा में डिजिटल संपत्ति रखती हैं, जो एक्सचेंज के भीतर ट्रेडिंग प्रवाह को उत्तेजित करती हैं। प्रदाता कुछ ट्रेडिंग जोड़े के भीतर मांग और आपूर्ति की अन्योन्याश्रयता को संतुलित करने के लिए जिम्मेदार हैं। नतीजतन, ट्रेडर्स को न्यूनतम प्रसार सूचकांक और क्रिप्टोकरेंसी को तुरंत एक्सचेंज करने की क्षमता मिलती है।
क्रिप्टो लिक्विडिटी प्रदाताओं को "बाजार निर्माताओं" शब्द के तहत भी जाना जाता है। वे बाजार में भाग लेने वाले भी हैं, जो कुल ट्रेडिंग वॉल्यूम के लगभग 90% पर कब्जा कर रहे हैं। क्रिप्टो लिक्विडिटी प्रदाताओं के लिए मुख्य लाभ स्रोत ट्रेडिंग शुल्क में निहित है जो अन्य उपयोगकर्ताओं से शुल्क लिया जाता है।
क्या होता है क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज? कैसे कर सकते हैं इसका इस्तेमाल? पढ़ें इससे जुड़ी सभी काम की बातें
Cryptocurrency Exchange Explained: पिछले कुछ समय में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) निवेशकों के बीच निवेश का एक पसंदीदा विकल्प बनकर सामने आया है. बड़ी संख्या में लोग खास तौर पर युवा क्रिप्टोकरेंसी में पैसा लगा रहे हैं. क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने से पहले उससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण टर्म को जान लेना जरूरी है. इससे उन्हें सही तरीके से निवेश करने में मदद मिलती है. इनमें से एक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज भी है. आइए इसके बारे में डिटेल में समझते और जानते हैं.
क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्या है?
क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज एक डिजिटल मार्केटप्लेस है, जहां आप क्रिप्टोकरेंसी को खरीद और बेच सकते हैं. इन प्लेटफॉर्म्स की क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज का क्या अर्थ है? मदद से आप डिजिटल और रुपये या डॉलर के बदले एक्सचेंज में क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग कर सकते हैं. ये प्लेटफॉर्म्स खरीदार और क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज का क्या अर्थ है? विक्रेता के बीच एक इंटरमीडियरी के तौर पर काम करते हैं और इनमें एक कमीशन या ट्रांजैक्शन फीस ली जाती है. CoinDCX, CoinSwitch Kuber, और UnoCoin भारत में मौजूद कुछ ऑनलाइन एक्सचेंज के उदाहरण हैं. एक निवेशक ऑनलाइन एक्सचेंज का क्रिप्टो क्वॉइन्स को वापस रुपये या डॉलर में बदलने के लिए भी इस्तेमाल कर सकता है. इसके बाद वे अपने बैंक अकाउंट से राशि को विद्ड्रॉ कर सकता है.
क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्रिप्टोकरेंसी के खरीदार और विक्रेता के बीच एक इंटरमीडियरी या ब्रोकरेज कंपनी की तरह क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज का क्या अर्थ है? काम करता है. इसके जरिए खरीदार कई तरीकों का इस्तेमाल करके पैसे जमा करा सकता है जैसे सीधे बैंक से ट्रांसफर, यूपीआई, क्रेडिट या डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करना आदि. इसकी सर्विसेज का इस्तेमाल करने के लिए हर ट्रांजैक्शन पर एक कमीशन या फीस तय की गई है.
Cryptocurrency : क्या होता है क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज, इसपर ट्रेडिंग के लिए कैसे खोलते हैं अकाउंट? जानें सबकुछ
Cryptocurrency Exchange : क्रिप्टो एक्सचेंज किसी ब्रोकरेज फर्म की तरह होते हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
क्रिप्टोकरेंसी मार्केट (Cryptocurrency Market) ने पिछले कुछ सालों में जबरदस्त तेजी से सुर्खियां हासिल की हैं, यहां तक कि जो लोग वर्चुअल करेंसी के कॉन्सेप्ट को लेकर नाक-भौं सिकोड़ते हैं, वो भी एक बार इसे देखे-जाने बिना नहीं रह पा रहे. सबसे बड़ी बात कि बहुत कम देश ऐसे हैं, जहां पिछले कुछ सालों में क्रिप्टो को उतनी पॉपुलैरिटी और ग्रोथ मिली है, जितनी इसे भारत में मिली (Cryptocurrency in India) है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने क्रिप्टो को लेकर 'चिंताएं जताई थीं', लेकिन इसके बावजूद देश में क्रिप्टो का बाजार बड़ा ही हुआ है, खासकर पिछले एक साल में. लेकिन, लेकिन. हमें इसकी ग्रोथ और स्पीड को देखकर ही निवेश करना नहीं शुरू कर देना चाहिए, हमें इस बाजार के हर पहलू को समझना चाहिए. और इसी क्रम में हम इस लेख में आपको क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज (Cryptocurrency Exchange) के बारे में बता रहे हैं, जो कि क्रिप्टो इकोसिस्टम का एक बहुत ही अहम हिस्सा है.
क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्या है?
क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज एक ऐसा प्लेटफॉर्म होता है, जहां क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग होती है. ट्रेडिंग में क्रिप्टो को दूसरे किसी असेट (यानी या तो कोई दूसरा क्रिप्टो कॉइन या टोकन, या फिर फ्लैट करेंसी यानी रुपया, डॉलर वगैरह) की खरीद-बिक्री के लिए इस्तेमाल किया जाता है. क्रिप्टो एक्सचेंज खरीददार और विक्रेता के बीच में इंटरमीडियरी यानी मध्यस्थ की तरह काम करते हैं. इनकी आय के स्रोत कमीशन और ट्रांजैक्शन फीस होती हैं.
एक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज किसी ब्रोकरेज फर्म की तरह काम करता है, यानी यह बायर और सेलर के बीच का माध्यम होता है. किसी एक्सचेंज के हिसाब से निवेशक पेमेंट के किसी भी माध्यम जैसे डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर, कार्ड ट्रांजैक्शन, यूपीआई वगैरह से इसपर अपना पैसा डिपॉजिट कर सकते हैं, जिसे वहां से क्रिप्टो कॉइन या टोकन खरीदने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. यह सुविधा उपलब्ध कराने के बदले निवेशक को क्रिप्टो एक्सचेंज को एक फीस देनी होती है.
क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग अकाउंट कैसे खोलते हैं?
क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज के लिए ट्रेडिंग अकाउंट खोलना बहुत आसान है. लेकिन, ऐसा प्लेटफॉर्म ढूंढने के लिए, जो आपको बेसिक सुविधाएं तो दे ही, कुछ दूसरे बेनेफिट्स भी दे, इसके लिए आपको थोड़ी रिसर्च करनी पड़ेगी. मान लीजिए आप देश के पॉपुलर एक्सचेंज WazirX के साथ अपना अकाउंट खोलना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको ये स्टेप फॉलो करने होंगे-
- अपने स्मार्टफोन में WazirX ऐप डाउनलोड करिए और इसकी वेबसाइट पर जाकर साइन अप करिए.
- साइन अप के लिए अपनी एक ईमेल आईडी डालिए और एक पासवर्ड सेट करिए.
- आपको इस ईमेल आईडी पर एक ईमेल आएगा, वहां जाइए, उसमें आपको Verify Email का ऑप्शन आएगा, जिसपर क्लिक करिए.
- इसके बाद आपके सामने चेकबॉक्स होगा, जिसपर क्लिक करने से पहले जरूरी है कि आप सभी टर्म्स एंड कंडीशन पढ़ लें. फिर चेकबॉक्स पर क्लिक करें.
Cryptocurrency: घोटालेबाज क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज का क्या अर्थ है? क्रिप्टो एक्सचेंज 'Binance' पर ED की कार्रवाई, ₹22.82 करोड़ के बिटकॉइन फ्रीज
प्रवर्तन निदेशालय ने बिनेंस क्रिप्टो एक्सचेंज पर छापा मारकर 22 करोड़ से ज्यादा के बिटकॉइन फ्रीज कर दिए हैं.
न्यूज एजेंसी एएनआई ने बताया कि मोबाइल गेमिंग एप्लिकेशन, ई-नगेट्स से संबंधित जांच के संबंध में यह सर्च ऑपरेशन किया गया थ . अधिक पढ़ें
- News18 हिंदी
- Last Updated : November 11, 2022, 17:29 IST
मोबाइल गेमिंग एप्लिकेशन, ई-नगेट्स से संबंधित जांच के संबंध में यह सर्च ऑपरेशन किया गया था.
इस मामले में फरवरी 2021 में कोलकाता पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी.
आरोपियों ने यूजर्स को धोखा देने के इरादे से मोबाइल गेमिंग ऐप ई-नगेट्स जारी किया था.
नई दिल्ली. प्रवर्तन निदेशालय ने Binance क्रिप्टो एक्सचेंज पर छापा मारकर 22 करोड़ से ज्यादा के बिटकॉइन फ्रीज कर दिए हैं. एजेंसी ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि प्रवर्तन निदेशालय ने बिनेंस क्रिप्टो एक्सचेंज पर एक तलाशी अभियान चलाया है, जिसमें पीएमएलए, 2002 के तहत 22.82 करोड़ रुपये के बराबर 150.22 बिटकॉइन को फ्रीज कर दिया है. न्यूज एजेंसी एएनआई ने बताया कि मोबाइल गेमिंग एप्लिकेशन, ई-नगेट्स से संबंधित जांच के संबंध में यह सर्च ऑपरेशन किया गया था.
तो क्या क्रिप्टो करेंसी लीगल हो गई?
बजट में हुए इस ऐलान के बाद ज्यादातर लोगों के मन में ये सवाल है कि क्या सरकार ने डिजिटल करेंसी पर टैक्स लगा कर इसे लीगल कर दिया है? जवाब है- नहीं. इसे ऐसे समझिए, सरकार सिर्फ उस डिजिटल करेंसी (Digital Currency) को लीगल यानी वैध मानती है, जिसे Reserve Bank of India-RBI जारी करता है या करेगा. मतलब अभी जो Bitcoin जैसी Crypto Currency हैं, वो वैध नहीं है. बजट भाषण के बाद पत्रकारों से सवाल-जवाब में वित्तमंत्री ने साफ किया कि क्रिप्टो की वैधता को लेकर सरकार में चर्चा जारी है लेकिन अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि सेंट्रल बैंक के फ्रेमवर्क के बाहर जो भी क्रिप्टोकरेंसी हैं, वे करेंसी नहीं हैं. अगर कोई आपसे कहे कि ये लीगल हो गई हैं तो जब तक सरकार नहीं कहती, मानिएगा नहीं. यहां पर गौर करने की बात ये भी है कि सरकार अप्रैल से शुरू होने वाले कारोबारी साल में अपनी डिजिटल करेंसी लाने की भी तैयारी में है जिसका जिक्र वित्तमंत्री ने अपने भाषण में किया. जाहिर है ये करेंसी पूरी तरह लीगल होगी.
वर्चुअल एसेट से वित्तमंत्री का मतलब क्या है?
आसान तरीके से समझें तो आप जो सोना खरीदते हैं या जो घर खरीदते हैं, वो आपकी Assets होती है. मतलब आपकी सम्पत्ति, ना कि ये करेंसी है. ठीक इसी तरह Crypto Currency भारत सरकार के लिए एक Asset होगी और इस पर लोगों से टैक्स वसूला जाएगा. अगर आप ये सोच रहे हैं कि Bitcoin, Ethereum, Tether, Ripple क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज का क्या अर्थ है? जैसी डिजिटल करेंसी को लीगल माना गया है तो तकनीकी तौर पर बिल्कुल सही नहीं है. हालांकि, लोग इसमें निवेश कर सकेंगे.
सरकार के प्रतिनिधियों ने ये भी बताया कि देश में क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन साल 2017 से ही सरकार के राडार पर है. इस पर टैक्स लगाने से सरकारी खजाने में मोटी रकम पहुंचनी तय है. अभी अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, Netherlands और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में वर्चुअल करेंसी (Virtual Currency) पर वहां की सरकारें टैक्स लगाती हैं. सरकार के इस फैसले के पीछे एक बड़ी वजह ये हो सकती है कि, हमारे देश में जितने लोगों ने CryptoCurrency में निवेश किया है, वो देश की आबादी का लगभग 8% हैं. RBI के आंकड़ों के मुताबिक, इन लोगों ने अपने 70 हजार करोड़ रुपए इस समय ऐसी Virtual Currency में लगाए हुए हैं. पूरी दुनिया में CryptoCurrency में ट्रेड करने के मामले में भारतीय सबसे आगे हैं. सरल शब्दों में कहें तो ये 30 प्रतिशत टैक्स, सीधे तौर पर 70 हजार करोड़ रुपए के निवेश को एक गारंटी देगा और हो सकता है कि भारत में इसका इस्तेमाल बढ़ जाए.
गिफ्ट पर भी लगेगा टैक्स, ऐसे होगा कैलकुलेट
बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने वर्चुअल एसेट्स (Virtual Assets) के ट्रांजैक्शन से हुई कमाई पर 30% टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया. क्रिप्टोकरेंसी गिफ्ट करने को भी ट्रांजेक्शन माना जाएगा. मतलब अगर आप क्रिप्टोकरेंसी किसी को गिफ्ट में देते हैं तब भी 30 फीसदी टैक्स की देनदारी बनेगी. गिफ्ट किए जाने के मामले में उस समय की वैल्यू पर टैक्स लगेगा. इस वैल्यू को Recipient का इनकम माना जाएगा और उसे वैल्यू पर टैक्स देना होगा.
एक और बात जो नोटिस करने वाली है कि ये नया टैक्स आने वाले कारोबारी साल यानी 1 अप्रैल से लागू होगा. यानी क्रिप्टो में कारोबार करने वालों के पास फिलहाल 31 मार्च तक की मोहलत है. वित्त मंत्री ने यह भी प्रस्ताव किया कि डिजिटल एसेट्स के दायरे में क्रिप्टोकरेंसी के अलावा NFT समेत सारे टोकन आते हैं, जो सेंट्रल बैंक के फ्रेमवर्क में नहीं हैं. वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि रिजर्व बैंक की डिजिटल करेंसी आने आने वाली है. ये सारे बदलाव बजट पर कैबिनेट की मुहर लगने के बाद 1 अप्रैल 2022 से लागू हो जाएंगे.
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