वाणिज्यिक कंपनियां मुख्य रूप से अपने ग्राहकों को उनकी अच्छी या सेवाओं के कैसे विदेशी मुद्रा व्यापार करने के लिए लिए भुगतान करने और बड़े बैंकों की तुलना में कम मात्रा में व्यापार करने के लिए मुद्रा व्यापार करती हैं। निवेश प्रबंधन कंपनियां अपने ग्राहकों के पेंशन या बंदोबस्ती या निवेश पोर्टफोलियो का प्रबंधन करने के लिए व्यापार करती हैं और आमतौर पर बड़ी मात्रा में होती हैं, क्योंकि उन्हें विदेशी इक्विटी में निवेश करना पड़ता है कैसे विदेशी मुद्रा व्यापार करने के लिए जिसके लिए उन्हें उन इक्विटी को खरीदने के लिए मुद्रा का आदान-प्रदान करना पड़ता कैसे विदेशी मुद्रा व्यापार करने के लिए है।

विदेशी मुद्रा भंडार 14 महीनों के सबसे कम स्तर पर

पिछले कुछ महीनों से विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार गिरावट आ रही है। अगस्त 2021 के अंत में रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया के पास 640.70 अरब डालर विदेशी मुद्रा भंडार था जो कि जून 2022 के अंत में घटकर कर 588.31 अरब डॉलर हो गया है।

Foreign Exchange

देश के पास विदेशी मुद्रा भंडार लगातार कम हो रहा है। रुपये की कीमत में गिरावट आ रही है। साथ ही देश का व्यापार घाटा लगातार बढ़ता जा रहा कैसे विदेशी मुद्रा व्यापार करने के लिए है। यह सभी बातें आपस में कैसे जुडी हुई हैं? इनमें परिवर्तन होने पर हमारी अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ता है? चलिए इस पूरे मुद्दे को समझते हैं।

विदेशी मुद्रा भंडार

दरअसल विदेशी मुद्रा भंडार में केंद्रीय बैंक, रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) द्वारा रखी गई धनराशि या अन्य परिसंपत्तियां होती हैं। इनमें विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियाँ(FCA), स्वर्ण भंडार, विशेष आहरण अधिकार (SDR) और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ रिज़र्व ट्रेंच शामिल होती हैं। जरूरत पड़ने पर विदेशी मुद्रा भंडार से विदेशी ऋण का भुगतान आसानी से किया जा सकता है।

RBI विदेशी मुद्रा लेनदेन के लिए समान संहिता बनाने पर रखे पक्ष : दिल्ली हाईकोर्ट

RBI विदेशी मुद्रा लेनदेन के लिए समान संहिता बनाने पर रखे पक्ष : दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली उच्च न्यायालय ने काले धन एवं बेनामी लेनदेन पर रोक लगाने के लिए विदेशी मुद्रा लेनदेन से संबंधित एक समान बैंकिंग संहिता लागू करने का आग्रह करने वाली याचिका पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से अपना पक्ष रखने को कहा है. मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने सोमवार को एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए आरबीआई को नोटिस जारी किया. इस मामले की अगली सुनवाई 20 मार्च को होगी. वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय की तरफ से दायर इस याचिका में विदेशी कोष के अंतरण से संबंधित प्रणालीगत खामियों को दुरुस्त करने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि नक्सली, माओवादी, कट्टरपंथी एवं आतंकवादी इन खामियों का फायदा उठाते रहे हैं.

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इस मामले में कैसे विदेशी मुद्रा व्यापार करने के लिए सरकार की तरफ से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने कहा कि याची ने एक गंभीर मसला उठाया है जिसपर सरकार की तरफ से गौर किया जाएगा.इस मामले में जवाब देने के लिए सरकार को छह हफ्ते का वक्त कैसे विदेशी मुद्रा व्यापार करने के लिए और दिया गया है. पहले भी गृह मंत्रालय, विधि एवं न्याय मंत्रालय और वित्त मंत्रालय को नोटिस दिया गया था.

इस याचिका में यह सुनिश्चित करने की अपील की गई है कि आरटीजीएस, एनईएफटी और आईएमपीएस जैसी लेनदेन प्रणालियों का इस्तेमाल भारतीय बैंकों में विदेशी मुद्रा जमा करने में न किया जाए. याचिका में कहा गया है कि सभी भारतीय बैंकों से जुड़े खातों में विदेशी मुद्रा जमा करने से संबंधित समान प्रावधान किए जाएं. भारतीय बैंकों और भारत में स्थित विदेशी बैंकों की शाखाओं के जरिये किए जाने वाले विदेशी मुद्रा लेनदेन से संबंधित सूचनाएं दर्ज करने की भी अपील की गई है. इस बारे में आरबीआई को अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया है.

अब रुपये का 'बॉस' नहीं रहेगा डॉलर, विदेशी लेनदेन भी भारतीय मुद्रा में होगा, कैसे काम करेगा आरबीआई का नया सिस्‍टम?

डॉलर के मुकाबले रुपया गिरकर 79.45 के रिकॉर्ड निचले स्‍तर तक चला गया है.

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  • News18Hindi
  • Last Updated : July 12, 2022, 11:34 IST
भारत अपने आयात-निर्यात का सेटलमेंट रुपये में कर सकेगा.
नया सिस्‍टम फॉरेन एक्‍सचेंज मैनेजमेंट एक्‍ट (FEMA) के तहत बनाया जा रहा है.
भारत में अधिकृत बैंकों को वॉस्‍ट्रो खाते खोलने की इजाजत दी गई है.

नई दिल्‍ली. रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के साथ ही भारतीय मुद्रा पर अमेरिकी डॉलर का दबाव भी बढ़ने लगा. ग्‍लोबल मार्केट में तमाम प्रतिबंधों के बाद हालात ये बन गए कि डॉलर के मुकाबले रुपया रिकॉर्ड निचले स्‍तर पर चला गया. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) इस समस्‍या से निपटने के लिए नया सिस्‍टम विकसित कर रहा है.

आरबीआई ने बताया है कि अंतरराष्‍ट्रीय व्‍यापार भी रुपये में करने के लिए नया सिस्‍टम बनाया जा रहा है. डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा में लगातार आ रही गिरावट और दुनिया की रुपये में बढ़ती दिलचस्‍पी को देखते हुए नया सिस्‍टम विकसित किया जा रहा है. इसके बाद भारत अपने आयात-निर्यात का सेटलमेंट रुपये में कर सकेगा और ग्‍लोबल ट्रेडिंग सिस्‍टम में डॉलर व अमेरिका का दबाव खत्‍म हो जाएगा.

विदेशी मुद्रा भंडार 14 महीनों के सबसे कम स्तर पर

पिछले कुछ महीनों से विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार गिरावट आ रही है। अगस्त 2021 के अंत में रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया के पास 640.70 अरब डालर विदेशी मुद्रा भंडार था जो कि जून 2022 के अंत में घटकर कर 588.31 अरब डॉलर हो गया है।

Foreign Exchange

देश के पास विदेशी मुद्रा भंडार लगातार कम हो रहा है। रुपये की कीमत में गिरावट आ रही है। साथ ही देश का व्यापार घाटा लगातार बढ़ता जा रहा है। यह सभी बातें आपस में कैसे जुडी हुई हैं? इनमें परिवर्तन होने पर हमारी अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ता है? चलिए इस पूरे मुद्दे को समझते हैं।

विदेशी मुद्रा भंडार

दरअसल विदेशी मुद्रा भंडार में केंद्रीय बैंक, रिज़र्व कैसे विदेशी मुद्रा व्यापार करने के लिए बैंक ऑफ इंडिया (RBI) द्वारा रखी गई धनराशि या अन्य परिसंपत्तियां होती हैं। इनमें विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियाँ(FCA), स्वर्ण भंडार, विशेष आहरण अधिकार (SDR) और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ रिज़र्व ट्रेंच शामिल होती हैं। जरूरत पड़ने पर विदेशी मुद्रा भंडार से विदेशी ऋण का भुगतान आसानी से किया जा सकता है।

Forex trading | विदेशी मुद्रा व्यापार क्या है और कैसे शुरू करें?

विदेशी मुद्रा व्यापार एक विदेशी मुद्रा बाजार में किया जाता है जहां एक प्रकार की मुद्रा का आदान-प्रदान किया जाता है या दूसरे प्रकार की मुद्रा के लिए कारोबार किया जाता है।

विदेशी मुद्रा व्यापार एक विदेशी मुद्रा बाजार में किया जाता है जहां एक प्रकार की मुद्रा का आदान-प्रदान किया जाता है या दूसरे प्रकार की मुद्रा के लिए कारोबार किया जाता है। करेंसी ट्रेडिंग को दुनिया का सबसे बड़ा वित्तीय बाजार माना जाता है। विदेशी मुद्रा बाजार के भीतर मुद्रा व्यापार में भाग लेने वाले खिलाड़ी सिटी बैंक और ड्यूश बैंक, राष्ट्रीयकृत और सरकारी बैंक, बहुराष्ट्रीय फर्म, वित्तीय संस्थान और निवेश कंपनियां जैसे बड़े बैंक हैं।

विदेशी मुद्रा व्यापार कैसे करें

एक बाजार के भीतर व्यापार स्तरों में किया जाता है, जहां एक स्तर के खिलाड़ी के पास अन्य स्तरों तक पहुंच नहीं होती है। शीर्ष स्तर कैसे विदेशी मुद्रा व्यापार करने के लिए अंतर-बैंक बाजार है जिसमें ड्यूश बैंक, सिटी बैंक, स्विट्जरलैंड के यूनियन बैंक और दुनिया भर के अन्य बैंक जैसे बड़े बैंक शामिल हैं। शीर्ष दस खिलाड़ी विदेशी मुद्रा व्यापार कैसे विदेशी मुद्रा व्यापार करने के लिए में किए गए कुल कारोबार का 70% हिस्सा लेते हैं। शीर्ष स्तर में, स्प्रेड के रूप में ज्ञात बोली और पूछ मूल्य के बीच का अंतर बहुत ही कम है और बाहर के अन्य सर्किलों के लिए उपलब्ध नहीं है। जैसे-जैसे स्तर नीचे आते हैं, अंतर मुख्य रूप से कारोबार की मात्रा के कारण बढ़ता है। एक खिलाड़ी के लिए पहुंच का स्तर ‘लाइन’ द्वारा निर्धारित किया जाता है, वह धन जिसके साथ कोई व्यापार कर रहा है। मुद्रा व्यापार 2001 से आज लगभग दोगुना हो गया है मुख्य रूप से एक निवेश और परिसंपत्ति वर्ग के रूप में विदेशी मुद्रा व्यापार के पुनर्गठन और पेंशन फंड और हेज फंड की फंड प्रबंधन संपत्ति में वृद्धि के कारण।

विदेशी मुद्रा व्यापार के गुण

आइए हम एक विदेशी मुद्रा मुद्रा व्यापार की विशिष्ट विशेषताओं को देखें। ओवर-द-काउंटर प्रकृति के कारण, मुद्रा बाजार एक डॉलर या यूरो दर में व्यापार नहीं करता है, बल्कि केवल उस विशेष बाजार पर लागू दरों की एक अलग संख्या में व्यापार करता है। कोई केंद्रीय घर या हब या एक्सचेंज या क्लियरिंग हाउस नहीं है क्योंकि व्यापारी इस ओटीसी प्रकृति के कारण प्रत्येक के साथ सीधे सौदा करते हैं। आमतौर पर ये दरें एक दूसरे के करीब होती हैं; अन्यथा आर्बिट्राजर्स कहे जाने वाले विशेष व्यापारी दरों में अंतर का फायदा उठाते कैसे विदेशी मुद्रा व्यापार करने के लिए हैं और इससे भारी मुनाफा कमाते हैं। दुनिया भर में मुख्य व्यापारिक केंद्र लंदन, न्यूयॉर्क, टोक्यो और सिंगापुर में हैं।

जैसे-जैसे समय क्षेत्र भिन्न होते हैं,

व्यापार लगभग 24 घंटे एक दिन किया जाता है। दर में उतार-चढ़ाव मुद्रास्फीति, बैंकों की ब्याज दरों, सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि, व्यापार घाटे और अधिशेष, सीमा पार एम एंड ए सौदों, आर्थिक स्थितियों, वित्तीय स्वास्थ्य और कुछ अन्य मैक्रो आर्थिक स्थितियों में परिवर्तन के कारण होता है।

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