Updated Fri, 09 Dec 2022 11:00 PM IST
सामाजिक संस्थाओं ने कराया निर्धन परिवार की बेटियो का विवाह
Noida: 8 दिसम्बर (गुरुवार) को जीवन अर्पण सामाजिक सेवा संस्था व हमारा शिक्षालय संस्था द्वारा निर्धन परिवारों की बेटी आयु कु. सरिता पुत्री श्री तारकेश्वर प्रसाद जिला बलिया उत्तरप्रदेश व नोएडा निवासी आयु कु. ममता पुत्री श्री सूरज मंडल का विवाह आर्थिक सहयोग देकर कराया गया। जिसमें सदस्यों द्वारा दोनों बेटियो के विवाह में विभिन्न घरेलू वस्तु जैसे कि सिलाई मशीन, प्रेस, शूट, साड़ी, गर्म वस्त्र, संदूक आदि उपहार में दिया गया। इसके अलावा परिवारों के लिए उचित धन राशि का भी सहयोग किया गया। जिससे दोनों ही परिवारों के चेहरे खुशी से खिल उठे और दोनों ही बेटियो का विवाह कार्यक्रम सफलतापूर्वक हुआ व तारों की छाव में बिदाई हुई ।
इस मौके पर दीपांशु शर्मा (संस्थापक जीवन अर्पण सामाजिक सेवा संस्था),आशीष शर्मा (हमारा शिक्षालय संस्था), अनीता गुप्ता जी, विशाल गुप्ता, गब्बर चौहान, गौरव बैसोया, विशाल कुमार, गौरव अग्रवाल, सोनू शर्मा, ओमकार, अंकित शर्मा, अनुज शर्मा (जिला महामंत्री भाजयुमो), गोपाल कनोजिया, अजीत भारद्वाज, आदि उपस्थित रहे।
Pauri News: कत्थक व भरतनाट्यम की विविधता से रूबरू हुए विद्यार्थी
देहरादून ब्यूरो
Updated Fri, 09 Dec 2022 11:00 PM IST
जिला मुख्यालय पौड़ी व आसपास के विभिन्न विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को भारतीय शास्त्रीय नृत्य की विधाओं से रू-ब-रू होने का मौका मिला। प्रसिद्ध कत्थक नृत्यांगना वर्षा दासगुप्ता ने जीआईसी खोलाचौंरी व कोट में बच्चों के बीच प्रस्तुतियां दी। वहीं प्रसिद्ध भरतनाट्यम नृत्यांगना डॉ. मंदक्रांता रॉय ने जीजीआईसी पौड़ी व मैसमोर इंटर कॉलेज पौड़ी में बच्चों के बीच इस विधा के रंग विखेरे।
शुक्रवार को स्पिक मैके संस्था की ओर से शास्त्रीय नृत्य एवं प्रशिक्षण कार्यशाला चार विद्यालयों में आयोजित की गई। जीआईसी खोलाचौंरी में आयोजित कार्यशाला का उद्घाटन प्रधानाचार्य EMA की विशेषताएँ सुरेश आर्य ने किया। उन्होंने कहा भारतीय शास्त्रीय नृत्य विधाएं संपूर्ण विश्व में अद्भुत हैं। ये विधाएं हमें नृत्य में पारंगत ही नहीं बनाती हैं, बल्कि शारीरिक व मानसिक रूप में मजबूत बनाने का काम भी करती हैं। प्रसिद्ध नृत्यांगना वर्षा दासगुप्ता ने बच्चों के कत्थक नृत्य की प्रस्तुति देने के साथ उन्हें इन नृत्य विधा की विविधताओं के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की। साथ ही इसमें करिअर की संभावनाओं को लेकर भी जानकारी दी। इसके बाद वर्षा ने जीआईसी कोट में बच्चों के बीच कत्थक नृत्य की प्रस्तुति व प्रशिक्षण दिया।
इस मौके पर प्रधानाचार्य प्रदीप नैथानी ने कहा कत्थक, भरतनाट्यम, कुचीपुड़ी, उडिया जो भारतीय शास्त्रीय नृत्य हैं उनमें अपनी-अपनी विशेषताएं हैं। दूसरी ओर जीजीआईसी पौड़ी में प्रसिद्ध भरतनाट्यम नृत्यांगना डा. मंदक्रांता रॉय ने छात्राओं के साथ भारतीय शास्त्रीय नृत्य की प्रस्तुति दी। उन्होंने छात्राओं को नृत्य की बारीकियों से अवगत कराया। इस दौरान छात्राओं ने उनसे जमकर सवाल-जवाब भी किए। प्रधानाचार्य ममता काला ने कहा कि यह विद्यालय परिवार के लिए अलग अनुभव रहा। वहीं मैसमोर इंटर कॉलेज पौड़ी में प्रधानाचार्य डॉ. योगेंद्र सिंह ने भारतीय शास्त्रीय नृत्यांगना डॉ. मंदक्रांता रॉय का स्वागत किया। इस दौरान रॉय ने भरतनाट्यम नृत्य विधा, उसकी विविधता व वर्तमान में सार्वभौमिकता पर विचार व्यक्त किए। उनकी प्रस्तुति को छात्र-छात्राओं ने जमकर सराहा।
जिला मुख्यालय पौड़ी व आसपास के विभिन्न विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को भारतीय शास्त्रीय नृत्य की विधाओं से रू-ब-रू होने का मौका मिला। प्रसिद्ध कत्थक नृत्यांगना वर्षा दासगुप्ता ने जीआईसी खोलाचौंरी व कोट में बच्चों के बीच प्रस्तुतियां दी। वहीं प्रसिद्ध भरतनाट्यम नृत्यांगना डॉ. मंदक्रांता रॉय ने जीजीआईसी पौड़ी व मैसमोर इंटर कॉलेज पौड़ी में बच्चों के बीच इस विधा के रंग विखेरे।
शुक्रवार को स्पिक मैके संस्था की ओर से शास्त्रीय नृत्य एवं प्रशिक्षण कार्यशाला चार विद्यालयों में आयोजित की गई। जीआईसी खोलाचौंरी में आयोजित कार्यशाला का उद्घाटन प्रधानाचार्य सुरेश आर्य ने किया। उन्होंने कहा भारतीय शास्त्रीय नृत्य विधाएं संपूर्ण विश्व में अद्भुत हैं। ये विधाएं हमें नृत्य में पारंगत ही नहीं बनाती हैं, EMA की विशेषताएँ बल्कि शारीरिक व मानसिक रूप में मजबूत बनाने का काम भी करती हैं। प्रसिद्ध नृत्यांगना वर्षा दासगुप्ता ने बच्चों के कत्थक नृत्य की प्रस्तुति देने के साथ उन्हें इन नृत्य विधा की विविधताओं के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की। साथ ही इसमें करिअर की संभावनाओं को लेकर भी जानकारी दी। इसके बाद वर्षा ने जीआईसी कोट में बच्चों के बीच कत्थक नृत्य की प्रस्तुति व प्रशिक्षण दिया।
इस मौके पर प्रधानाचार्य प्रदीप नैथानी ने कहा कत्थक, भरतनाट्यम, कुचीपुड़ी, उडिया जो भारतीय शास्त्रीय नृत्य हैं उनमें अपनी-अपनी विशेषताएं हैं। दूसरी EMA की विशेषताएँ ओर जीजीआईसी पौड़ी में प्रसिद्ध भरतनाट्यम नृत्यांगना डा. मंदक्रांता रॉय ने छात्राओं के साथ भारतीय शास्त्रीय नृत्य की प्रस्तुति दी। उन्होंने छात्राओं को नृत्य की बारीकियों से अवगत कराया। इस दौरान छात्राओं ने उनसे जमकर सवाल-जवाब EMA की विशेषताएँ भी किए। प्रधानाचार्य ममता काला ने कहा कि यह विद्यालय परिवार के लिए अलग अनुभव रहा। वहीं मैसमोर इंटर कॉलेज पौड़ी में प्रधानाचार्य डॉ. योगेंद्र सिंह ने भारतीय शास्त्रीय नृत्यांगना डॉ. मंदक्रांता रॉय का स्वागत किया। इस दौरान रॉय ने भरतनाट्यम नृत्य विधा, उसकी विविधता व वर्तमान में सार्वभौमिकता पर विचार व्यक्त किए। उनकी प्रस्तुति को छात्र-छात्राओं ने जमकर सराहा।
Nissan ने शुरू किया अपना December Sale. टॉप बिक्री वाली मैग्नाइट पर 55 हज़ार का डिस्काउंट. नया दाम जारी
Journables के रिपोर्ट के अनुसार. निसान ने भारत में अपनी सेवा और गुणवत्ता वाले वाहनों के लिए एक बेंचमार्क स्थापित किया है। कंपनी अब अपनी बेस्ट सेलिंग कार निशान मैग्नाइट पर भारी डिस्काउंट दे रही है। निसान मैग्नाइट कार पर 55000 हजार का डिस्काउंट प्राइस दिया जा रहा है।
इस छूट में निम्नलिखित विशेषताएं शामिल हैं।
- आकर्षक 6.99% ब्याज दर।
- शून्य लागत के साथ 2 साल का मुफ्त रखरखाव।
- एक्सचेंज बोनस।
- कॉर्पोरेट छूट।
- वफादारी बोनस।
- और मुफ्त कार एक्सेसरीज।
डिस्काउंट वाली कार की कीमत की बात करें तो इसकी शुरुआत 5.97 लाख रुपये से ही होती है. कार के टॉप वेरिएंट की कीमत 9.75 लाख रुपये तक जाती है जिसमें CVT फीचर शामिल है.
Balanced investment strategy क्या है?
संतुलित निवेश रणनीति क्या है? [What is a balanced investment strategy?]
Balanced investment strategy Risk और Return को संतुलित करने के प्रयास में एक पोर्टफोलियो में परिसंपत्ति वर्गों को जोड़ती है। आमतौर पर, संतुलित पोर्टफोलियो को स्टॉक EMA की विशेषताएँ और बॉन्ड के बीच विभाजित किया जाता है, या तो समान रूप से या मामूली झुकाव के साथ, जैसे स्टॉक में 60% और बॉन्ड में 40%। संतुलित पोर्टफोलियो तरलता उद्देश्यों के लिए एक छोटा नकद या मनी मार्केट घटक भी बनाए रख सकते हैं।
संतुलित निवेश रणनीति कैसे काम करती है? [How does a balanced investment strategy work?]
Balanced investment strategy निवेशकों को कई लाभ प्रदान करती है। मुख्य रूप से, यह उन्हें मंदी की स्थिति में सब कुछ गंवाए बिना, बाजार की ऊपर की ओर गति का लाभ उठाने की अनुमति देता है। निवेशक उच्च जोखिम और कम जोखिम वाली प्रतिभूतियों में समान रूप से निवेश करके इसे प्राप्त करते हैं। उच्च जोखिम वाली प्रतिभूतियाँ उच्च प्रतिफल प्रदान करती हैं जबकि कम जोखिम वाली प्रतिभूतियाँ कम प्रतिफल प्रदान करती हैं, जिससे जोखिम में संतुलन बनता है और एक निवेशक को एक पोर्टफोलियो से प्रतिफल मिलता है। जबकि एक संतुलित निवेश रणनीति को अक्सर आक्रामक रणनीति के रूप में संदर्भित किया जाता है, यह निवेशकों के लिए पूंजी प्रतिधारण की गारंटी देता है।
निवेश की रणनीति बनाते समय, निवेशकों को पिछले डेटा के आधार पर अपनी जोखिम लेने की क्षमता और जोखिम गणना को ध्यान में रखना चाहिए। जोखिम मूल्यांकन के लिए अन्य कारकों में अन्य बातों के साथ-साथ प्रबंधन विशेषताएँ, उत्पाद मिश्रण, विनियामक मुद्दे शामिल हैं। साथ ही, रणनीति में निवेश करने के लिए समय का अनुमान शामिल होना चाहिए।
मध्यम जोखिम सहन करने वाले निवेशकों में आम तौर पर इक्विटी और बॉन्ड का उचित मिश्रण होता है। एक संतुलित निवेश रणनीति निवेश से जोखिम और प्रतिफल का औसत निकालती है। रूढ़िवादी निवेशक अपनी पूंजी को सुरक्षित रखने के लिए ब्लू-चिप इक्विटी या बॉन्ड में अधिक निवेश चुनते हैं, जबकि आक्रामक निवेशक उच्च जोखिम वाले उच्च रिटर्न के लिए छोटे कैप चुन सकते हैं। Bait and Switch क्या है?
एक संतुलित निवेश रणनीति में सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश शामिल हो सकता है, जैसे कि डिपॉजिट सर्टिफिकेट, लॉन्ग-टर्म बॉन्ड और ब्लू-चिप इक्विटी। ये निवेश कम आय देते हैं लेकिन पूंजी को बरकरार रखने की संभावना है।
निवेश का एक अन्य हिस्सा मिड-कैप इक्विटी शेयरों में हो सकता है जो व्यापार विस्तार मोड में हैं और छोटे कैप जो लंबी अवधि में अधिक पूंजी की सराहना करते हैं।
RBI रिटेल ‘Digital Rupee’ करेगा लॉन्च, जानें इसकी उपयोगिता
पहले चरण की शुरुआत देशभर के चार शहरों में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक सहित चार बैंकों से होगी। EMA की विशेषताएँ वहीं बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक सहित चार और बैंक EMA की विशेषताएँ बाद में इस पायलट प्रोजेक्ट में शामिल होंगे।
देश में पहले चरण की शुरुआत इन चार शहरों से
शुरू में मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर सहित चार शहरों को कवर किया जाएगा और बाद में अहमदाबाद, गंगटोक, EMA की विशेषताएँ गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, कोच्चि, लखनऊ, पटना और शिमला तक डिजिटल रुपी विस्तारित होगा। जरूरत के हिसाब से अधिक बैंकों, उपयोगकर्ताओं और स्थानों को शामिल करने के लिए पायलट प्रोजेक्ट का दायरा धीरे-धीरे बढ़ाया जा सकता है।
डिजिटल रुपी पायलट प्रोजेक्ट एक क्लोज्ड यूजर ग्रुप (CUG) में चुनिंदा स्थानों को कवर करेगा जिसमें भाग लेने वाले ग्राहक और व्यापारी शामिल होंगे। डिजिटल रुपया एक डिजिटल टोकन के रूप में होगा जो कानूनी निविदा का प्रतिनिधित्व करता है।
कैसे कर सकेंगे डिजिटल रुपी का लेन-देन ?
उपयोगकर्ता भागीदारी निभाने वाले बैंकों द्वारा पेश किए गए और मोबाइल फोन पर संग्रहीत डिजिटल वॉलेट के माध्यम से डिजिटल रुपी के साथ लेन-देन करने में सक्षम होंगे। यह लेन-देन पर्सन टू पर्सन (P2P) और पर्सन टू मर्चेंट (P2M) दोनों से किए जा सकेंगे।
व्यापारी स्थानों EMA की विशेषताएँ पर प्रदर्शित QR कोड का इस्तेमाल करके व्यापारियों को बड़ी ही आसानी से डिजिटल रुपी का भुगतान किया जा सकता है। डिजिटल रुपया विश्वास, सुरक्षा और निपटान की अंतिमता जैसी वर्चुअल नकदी की सुविधाएं प्रदान करेगा। इसे अन्य प्रकार के धन में परिवर्तित किए जाने के मामले में नकदी पर कोई ब्याज नहीं कमाया जा सकेगा, जैसे कि बैंकों में जमा पूंजी के रूप में। यह पायलट प्रोजेक्ट वास्तविक समय में डिजिटल रुपी के निर्माण, वितरण और खुदरा उपयोग की पूरी प्रक्रिया की मजबूती का परीक्षण करेगा। इससे मिली सीख के आधार पर भविष्य के पायलट प्रोजेक्टों में डिजिटल रुपी टोकन और आर्किटेक्चर की विभिन्न विशेषताओं और अनुप्रयोगों का परीक्षण किया जाएगा।
क्या है डिजिटल रुपी ?
जैसा कि आरबीआई (RBI) ने समझाया, ई-रुपी डिजिटल टोकन का ही एक रूप है जो कानूनी निविदा का प्रतिनिधित्व करता है। क्रिप्टोकरेंसी के विपरीत, डिजिटल रुपी कागज की मुद्रा और सिक्के के समान मूल्यवर्ग में जारी किया जाता है।
कब रखा गया था डिजिटल रुपी लागू करने का प्रस्ताव ?
याद हो, केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में केंद्रीय बजट 2022-23 पेश करते हुए ब्लॉक चेन तथा अन्य प्रौद्योगिकियों का उपयोग करते हुए डिजिटल रुपी लागू करने का प्रस्ताव रखा था, जिसे भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 1 दिसंबर 2022 से जारी किया जा रहा है।
डिजिटल अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा
वित्त मंत्री ने ‘डिजिटल रुपी’ को लेकर कहा था कि केन्द्रीय बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) डिजिटल अर्थव्यवस्था को व्यापक रूप से बढ़ावा देगी। डिजिटल करेंसी से और अधिक दक्ष और किफायती करेंसी प्रबंधन प्रणाली का निर्माण होगा।
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