डीमैट और ट्रेडिंग खाता खोलने के लिए, आपको ब्रोकर के साथ एक ऑनलाइन खाता खोलने का शेयर बाज़ार में ब्रोकरेज शुल्क की गणना कैसे करें फॉर्म भरना होगा। फॉर्म भरना आसान है और इसे 15 मिनट से भी कम समय में पूरा किया जा सकता है। Groww सिक्योरिटीज के साथ, आप नीचे दिए गए चरणों का पालन करके एक खाता खोल सकते हैं:
शेयर मार्किट बिज़नेस कैसे करें? [2022] | Share Market Business Kaise Kare in Hindi?
आज के समय में हर एक चीज ऑनलाइन उपलब्ध है पहले आपको शेयर मार्किट में ट्रेडिंग करने के लिए किसी ब्रोकर को अलग से पैसे देकर शुरू करना पड़ता था लेकिन अब शेयर मार्किट का बिज़नेस करना पहले से बहुत आसान हो गया है – Share Market Business Kaise Kare in Hindi?
अगर आप जानना चाहते हैं की शेयर मार्किट का बिज़नेस कैसे करें और लाखों रुपये कैसे कमाये? तो इस पोस्ट को पूरा जरूर पढ़ें क्यूंकि इस पोस्ट में आपके सभी सवाल का जवाब आसान भाषा में बताया गया है।
Table of Contents
शेयर मार्किट बिज़नेस कैसे करें? – Share Market Business Kaise Kare in Hindi?
शेयर मार्किट का बिज़नेस शुरू करना बहुत आसान है इसमें आपको सबसे पहले आपका डीमैट अकाउंट खोलना पड़ता है उसके बाद आप शेयर मार्किट में ट्रेडिंग करने के बिज़नेस शुरू कर सकते हैं।
शुरुआत में आप शेयर मार्किट में दो तरह से पैसे कमा सकते हैं:
ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग से
अगर आप जल्दी पैसे कमाना चाहते हैं तो आप ट्रेडिंग से शुरुआत कर सकते हैं लेकिन अगर आप कम रिस्क के साथ ज्यादा पैसे कमाना चाहते हैं तो इन्वेस्टिंग शुरु करें।
शेयर मार्किट में अगर आप बिज़नेस शुरु करना चाहते हैं तो आपको ट्रेडिंग से शुरुआत करना चाहिए लेकिन इसके लिए आपको ट्रेडिंग को अच्छी तरह से सीखना होगा नहीं तो आपके पैसे खोने का खतरा बढ़ जाता है।
स्टॉक ट्रेडिंग क्या होता है?
जब आप किसी कंपनी का शेयर या हिस्सेदारी जिस दिन खरीदते हो उसे उसी दिन या बहुत कम समय में बेच देते हो इसे ट्रेडिंग कहा जाता है। ऑनलाइन ट्रेडिंग शुरू करने के लिए, आपको एक स्टॉक ब्रोकर के साथ एक डीमैट और ट्रेडिंग खाता खोलना होगा। एक बार खाता खुल जाने के बाद, आप अपने बैंक खाते से अपने ट्रेडिंग खाते में पैसे जोड़ने के लिए लॉग इन कर सकते हैं।
स्टॉक की कीमतों, ऐतिहासिक डेटा, चार्ट आदि को देखने के लिए ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का उपयोग करें और शेयर खरीदने और बेचने के साथ शुरुआत करें। भारत में ट्रेडिंग कैसे शुरू करें? इसके बारे में नीचे बताया गया है।
अपस्टॉक्स पर फ्री में डीमैट अकाउंट कैसे खोलें? (Upstox par account kaise banaye in hindi)
अब आपको 24 घंटे इंतजार करना है ( कभी-कभी 3 दिन भी लग जाते हैं लेकिन अक्सर 24 घंटे के अंदर हो जाता है) 24 घंटे बाद आपके ईमेल आईडी पर एक मेल आएगा जिसमें आपका यूजर आईडी और पासवर्ड होगा जिसकी मदद से आप upstox app में login कर पाएंगे और फिर आप किसी भी शेयर को खरीद बेच सकते हैं या ट्रेडिंग कर सकते हैं।
अपस्टॉक्स खाता खोलने के लिए कितना शुल्क लेता है?
अपस्टॉक्स पर अकाउंट खोलने के लिए आपको कोई चार्ज या शुल्क नहीं देना पड़ता है लेकिन जब आप खाता खोल लेते हैं तो आपको ट्रेडिंग करने के लिए कुछ छोटे-मोटे ब्रोकरेज चार्जेस देने पड़ते हैं.
एक बार जब आप अपस्टॉक्स पर खाता खोलने के लिए इस पोस्ट में दिए गए सभी स्टेप्स पूरे कर लेते हैं तो 24 घंटे से लेकर 3 दिन का समय लगता है. उसके बाद आपकी upstox login details आपकी मेल पर भेज दी जाती है.
क्या upstox खाता अभी फ्री है?
जी हां अभी 2022 में अपस्टॉक्स पर अकाउंट खोलना बिल्कुल फ्री है.
अपस्टॉक्स पर आपको इंद्राणी या डिलीवरी में शेयर खरीदने पर ₹20 ब्रोकरेज चार्जेस देने पड़ते हैं और इसी तरह शेयर को बेचने पर भी ₹20 ब्रोकरेज शुल्क देना पड़ता है।
आशा करता हूं आपको इस पोस्ट (Upstox par free demat account kaise banaye) में बताए गए सभी steps समझ आ गए होंगे। अगर आपका कोई सवाल है तो नीचे कमेंट बॉक्स में पहुंच सकते हैं और अगर आपको यह पोस्ट (upstox पर फ्री में डिमैट अकाउंट कैसे खोलें) पसंद आई हो तो सोशल मीडिया पर अन्य लोगों के साथ भी जरूर शेयर कीजिए।
ट्रेडिंग हेतु ब्रोकरेज चार्ज की गणना किस प्रकार की जाती है?
ब्रोकर(Broker) शुल्क या ब्रोकरेज की गणना शेयर की खरीद बेच पर कुल कीमत के आधार पर एक निश्चित प्रतिशत के रूप में तय की जाती शेयर बाज़ार में ब्रोकरेज शुल्क की गणना कैसे करें है यह मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है
- Intraday Trading जब किसी व्यक्ति द्वारा शेयर की खरीद तथा बेच एक ही दिन में की जाती है उस स्थिति में व्यक्ति द्वारा किए गए सौदे पर Intraday Trading शुल्क चुकाया जाता है।
जैसे किसी व्यक्ति द्वारा शेयर को खरीद कर उसी दिन ट्रेडिंग सेशन की समाप्ति के पूर्व शेयर को बेच दिया जाता है एसएसबी में ब्रोकर(Broker) शुल्क की गणना इंट्राडे ट्रेडिंग के अंतर्गत की जाती है इस स्थिति के लिए बेचे गाए और खरीदे गाए शेयर की संख्या समान होना आवश्यक है। इस प्रकार के सौदे पर ब्रोकर द्वारा लगाया गया intraday Trading शुल्क 0.01% से 0.05% के मध्य खरीद बेच किए गए शेयर की संख्या पर आधारित होता है। Intraday ब्रोकिंग शुल्क की गणना के लिए शेयर की बाजार कीमत को शेयर की संख्या तथा इंट्राडे शुल्क प्रतिशत के साथ गुणा कर की जाती है
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग शुल्क के अलावा अन्य कौन-कौन से शुल्क होते हैं?
- Transaction Charges शेयर मार्केट(Share Market) में शेयर शेयर बाज़ार में ब्रोकरेज शुल्क की गणना कैसे करें की खरीद बेच के दौरान स्टॉक एक्सचेंज द्वारा शुल्क लिया जाता है जिसे ट्रांजैक्शन चार्जेस कहा जाता है यह ट्रांजैक्शन चार्ज मुख्य रूप से नेशनल स्टॉक एक्सचेंज एनएसई तथा मुंबई स्टॉक एक्सचेंज बीएसई द्वारा लिए जाते हैं।
- Security Transaction charges यह शुल्क सौदे (trade) में उपयुक्त securities की कीमत के आधार पर लगाया जाता है।
- Commodity transaction charges यह शुल्क स्टॉक एक्सचेंज में commodity derivative के सौदे (trade) पर लगाया जाता है।
- Stamp duty (स्टांप शुल्क) यह शुल्क राज्य सरकार द्वारा securities इसकी trading पर लगाया जाता है।
- GST (goods and service tax)वस्तु एवम सेवा कर यह शुल्क केंद्र सरकार द्वारा ट्रांजैक्शन चार्जेस तथा ब्रोकिंग शुल्क पर लगाया जाता है। वर्तमान में यह 18% है।
- SEBI turnover charges यह शुल्क बाजार नियामक संस्था सेबी द्वारा सभी प्रकार के वित्तीय लेन देन जैसे stocks तथा सभी securities (debt को छोड़कर आदि पर लगाया जाता है।
- DP( Depository Participants)
Stock Market Trading: इन तरीकों से बढ़ा सकते हैं स्टॉक मार्केट से कमाई, जानिए कैसे घट जाता है वास्तविक मुनाफा
स्टॉक मार्केट में जब आप पैसे लगाते हैं तो ब्रोकरेज, एसटीटी (सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन फीस), एक्सचेंज ट्रांजैक्शन चार्ज, जीएसटी, सेबी चार्ज, स्टांप ड्यूटी जैसे टैक्स व चार्जेज चुकाने होते हैं और इन्हें काटकर ही शुद्ध मुनाफा या नुकसान आपको हासिल होता है. (Image- Pixabay)
Stock Market Trading: अगर आप स्टॉक मार्केट में कारोबार करते हैं और शेयरों की सक्रिय रूप से खरीद-बिक्री करते हैं तो इससे जुड़े चार्जेज के बारे में पहले से कैलकुलेशन कर लेना चाहिए. यह कैलकुलेशन इसलिए जरूरी है क्योंकि इससे मुनाफा बढ़ाने में मदद मिलती है. इक्विटी में जब आप पैसे लगाते हैं तो यह इंट्रा-डे होता है या डिलीवरी या फ्यूचर या ऑप्शंस, इन सभी तरीकों में पैसे लगाने पर मुनाफा अलग-अलग हासिल होता है. स्टॉक मार्केट में जब आप पैसे लगाते हैं तो ब्रोकरेज, एसटीटी (सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन फीस), एक्सचेंज ट्रांजैक्शन चार्ज, जीएसटी, सेबी चार्ज, स्टांप ड्यूटी जैसे टैक्स व चार्जेज चुकाने होते हैं और इन्हें काटकर ही शुद्ध मुनाफा या नुकसान आपको हासिल होता है.
इन चार तरीकों से होती है ट्रेडिंग
- Intra-Day Equity: जब आप शेयर की खरीद-बिक्री यानी लांग या शॉर्ट पोजिशन सिर्फ एक ही दिन के लिए लेते हैं यानी कि आज ही खरीदकर बेच दिया तो यह इंट्रा-डे के तहत माना जाता है. इसमें इक्विटी की होल्डिंग नहीं मिलती है.
- Delivery Equity: इंट्रा-डे के विपरीत डिलीवरी ट्रेडिंग में आप जो शेयर खरीदते हैं, उसे डीमैट खाते में रखा जाता है और इसकी होल्डिंग कुछ समय के लिए मिलती है. इंट्रा-डे में चाहे घाटा हो या फायदा, पोजिशन को स्क्वॉयर ऑफ करना जरूरी होता है, जबकि डिलीवरी इक्विटी ट्रेडिंग में अपने हिसाब से जब चाहें किसी भी कारोबारी समय पर शेयरों की बिक्री कर सकते हैं.
- Future: यह खरीदार और विक्रेता के बीच एक वायदा है जिसके तहत एक खास दिन निश्चित प्राइस पर स्टॉक्स का लेन-देन होता है. सौदा हो जाने के बाद दोनों ही पार्टियों को इस सौदे को पूरा करना अनिवार्य है और कोई भी पक्ष मुकर नहीं सकता है.
- Options: ऑप्शंस के तहत किसी खास दिन निश्चित प्राइस पर लेन-देन के लिए एक सौदा होता है जिसमें कुछ प्रीमियम चुकाना होता है. ऑप्शंस के तहत कॉल और पुट दो विकल्प मिलते हैं. कॉल ऑप्शंस के तहत खरीदार को खरीदने का अधिकार मिलता है और पुट ऑप्शंस के तहत बेचने का.
मुनाफे पर ऐसे पड़ता है असर
ऊपर चार तरीकों के बारे में जानकारी दी गई जिससे आप शेयर मार्केट के जरिए पैसे कमाते हैं. अब नीचे देखते हैं कि आपको सभी तरीके से कितना मुनाफा हो रहा है-
- मान लेते हैं कि आप किसी कंपनी के 1 हजार रुपये के 400 शेयरों को खरीदकर इंट्रा-डे में ही 1100 रुपये में बेच देते हैं तो कुल टर्नओवर 8.40 लाख रुपये का हुआ. इस पर ब्रोकरेज, एसटीटी, एक्सचेंज ट्रांजैक्शन फीस, जीएसटी, सेबी शुल्क और स्टांप ड्यूटी मिलाकर करीब 202.24 रुपये टैक्स व चार्जेज के रूप में चुकाने होंगे. इस ट्रेडिंग में आपको 39795.76 रुपये का मुनाफा होगा.
- अगर आप 1 हजार रुपये के 400 शेयरों को खरीदकर डिलीवरी लेते हैं यानी कि उनकी बिक्री किसी और दिन 1100 रुपये के भाव पर करते हैं तो कुल टर्नओवर 8.40 लाख रुपये का हुआ लेकिन टैक्सेज व चार्जेज के रूप में 935.04 रुपये चुकाने होंगे. इसमें 39064.96 रुपये का मुनाफा हुआ जो इंट्रा-डे ट्रेडिंग से कम है. हालांकि इंट्रा-डे में बहुत रिस्क है क्योंकि इसमें मुनाफा हो या नुकसान, पोजिशन को स्क्वॉयर ऑफ करना ही होगा.
शेयर बाजार में कैसे निवेश करें
एंजल ब्रोकिंग में इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करें लॉन्ग पोजीशन दर्शाती है कि मार्केट में आपके दृष्टिकोण के हिसाब से तेजी है। अपने विश्लेषण करने के बाद यदि आपको लगता है कि मार्केट मौजूदा पोजीशन से ऊपर जाएगी तो आपको निफ़्टी, बैंक निफ़्टी या सेंसेक्स या स्टॉक खरीदने चाहिए।
आइए इसको एक उदाहरण के साथ समझे मान लीजिए निफ़्टी 13500 पर है और आप यह सोचते हैं कि यह अभी और ऊपर जाएगा। इस परिदृश्य में आप निफ्टी या अपनी पसंद का स्टॉक खरीदेंगे।
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