सरकारों से उम्मीद नहीं: उन्होंने कहा कि दुनिया मंदी की चपेट में है तो सरकारों से राजकोषीय प्रोत्साहन उपायों की उम्मीद नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकारें पहले से ही अधिक कर्ज में चल रही हैं। रूबिनी इस संकट को 1970 के दशक के हालात की तरह देखते हैं। उनका मानना है कि बड़े पैमाने पर ऋण संकट देखने को मिल सकता है। उन्होंने कहा कि यह एक छोटी मंदी नहीं होने वाली है। यह गंभीर और लंबे समय तक चलने वाली मंदी होगी।

Vikash Tiwary

रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए सबसे अच्छे म्यूचुअल फंड्स कौन से हैं?

आपको यह जान कर आश्चर्य हो सकता है कि किसी को रिटायरमेंट प्लान की आवश्यकता क्यों है। रिटायरमेंट प्लान नीचे दिए गए कुछ कारणों से आवश्यक है :

  • रिटायरमेंट के बाद आपका रेगुलर इनकम का स्रोत बंद हो जाएगा, पर आपको पैसे की ज़रूरत होगी, इसलिए अभी से अपने भविष्य के लिए रिटायरमेंट प्लान बनाना आवश्यक है।
  • भविष्य में क्या होगा आप नहीं जानते हैं। आप नहीं जानते कि आप कितने साल तक जीवित रहेंगे। पर यह निश्चित है की आपको फंड्स की जरूरत होगी।
  • जैसे-जैसे समय आगे निकलता जाएगा, हो सकता है की आप का मेडिकल खर्चा बढ़ जाये।
  • अगर आपने टैक्स प्लानिंग ठीक से नहीं की है तो टैक्स आपके रिटायरमेंट कॉर्पस के हिस्से को कम कर सकता है।
  • आप अपने भविष्य की योजना बना सकते है। इससे आपको अपने करियर प्लान करने और बेहतर फाइनेंसियल निर्णय लेने में मदद मिलेगी।
  • आप अपनी रिटायरमेंट के बाद महंगी छुट्टियों की योजना बनाने में सफल होंगे या हो सकता है कि आप महंगे शौक, जो आप व्यस्त कामकाजी जीवन के कारण नहीं कर पाए हों, पूरा कर सकेंगे।
  • आप जल्दी रिटायरमेंट भी ले सकते हैं।
  • रिटायरमेंट प्लानिंग से आप, बिना किसे पर निर्भर रहते हुए, एक इंडिपेंडेंट जीवन जी सकते हैं।
  • अपने गोल्डन पीरियड में, आप एक सुखी रिटायर्ड जीवन जी सकेंगे।

Sensex Opening Bell: फेड के ब्याज दर बढ़ाने के बाद बाजार पर दबाव, सेंसेक्स-निफ्टी गिरावट के साथ खुले

शेयर बाजार

फेड के ब्याज दर बढ़ाने के बाद बाजार पर दबाव दिखा और सेंसेक्स-निफ्टी गिरावट के साथ लाल निशान पर खुले। फिलहाल सेंसेक्स 137.09 अंकों की गिरावट के साथ 62,529.42 अंकों के लेवल पर कारोबार कर रहा है। इसमें 0.22 प्रतिशत की गिरावट दिख रही है। वहीं दूसरी ओर निफ्टी 39.30 अंकों की गिरावट के साथ 18,621.00 अंकों पर ट्रेड कर रहा है, इसमें 0.23 प्रतिशत की गिरावट है।

# इंडसइंड बैंक-एसबीआई के शेयरों में तेजी, टेक महिंद्रा-इंफोसिस में कमजोरी

बैंक निफ्टी 44 हजार के ऊपर कारोबार कर रहा है। वायदा कारोबार के वीकली एक्सपायरी के दिन आईआरसीटीसी के S&P500 किसके लिए है? शेयरों में पांच प्रतिशत की कमजोरी दिख रही है। गुरुवार के कारोबारी सेशन में इंडसइंड बैंक, एसबीआई, सन फार्मा और NTPC जैसे शेयरों में तेजी है। टेक महिंद्रा, इंफोसिस, HCL टेक्नोलॉजी के शेयरों में कमजोरी दिख रही है।

विस्तार

फेड के ब्याज दर बढ़ाने के बाद बाजार पर दबाव दिखा और सेंसेक्स-निफ्टी गिरावट के साथ लाल निशान पर खुले। फिलहाल सेंसेक्स 137.09 अंकों की गिरावट के साथ 62,529.42 अंकों के लेवल पर कारोबार कर रहा है। इसमें 0.22 प्रतिशत की गिरावट दिख रही है। वहीं दूसरी ओर निफ्टी 39.30 अंकों की गिरावट के साथ 18,621.00 अंकों पर ट्रेड कर रहा है, इसमें 0.23 प्रतिशत की गिरावट है।

# इंडसइंड बैंक-एसबीआई के शेयरों में तेजी, टेक महिंद्रा-इंफोसिस में कमजोरी

बैंक निफ्टी 44 हजार के ऊपर कारोबार कर रहा है। वायदा कारोबार के वीकली एक्सपायरी के दिन आईआरसीटीसी के शेयरों में पांच प्रतिशत की कमजोरी दिख रही है। गुरुवार के कारोबारी सेशन में इंडसइंड बैंक, एसबीआई, सन फार्मा और NTPC जैसे शेयरों में तेजी है। टेक महिंद्रा, इंफोसिस, HCL टेक्नोलॉजी के शेयरों में कमजोरी दिख रही है।

सोना बनाम शेयर

विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत में त्योहार का सीजन शुरु हो चुका है। भारतीय संस्कृति को देखने के लिए यह एक शानदार मौका होता है। इस दौरान लोग निवेश भी करते हैं, लेकिन एक बात जो अहम है, वह यह कि जब भी कोई त्योहार होता है तो सबसे पहले हम सोने पर खर्च करने के बारे में सोचते हैं। निवेश के रूप में सोना व्यक्तिगत भावनाओं, परिसंपत्ति वर्ग से लगाव, रूढ़िवादी जोखिम प्रोफ़ाइल, सांस्कृतिक महत्व आदि जैसे विभिन्न कारकों से संबंधित हो सकता है।

लेकिन निवेश के रूप में सोना खरीदते समय हम महंगाई, आर्थिक विकास के साथ लिक्विडिटी जैसे कारकों को ध्यान में रखना भूल जाते हैं। सोने के साथ एक भावुक कनेक्शन है लेकिन अनिश्चितता के समय में इसे एक लिक्विड एसेट में बदलना चुनौती है, जबकि शेयर विकल्प में हम अपनी जरूरतों के अनुसार अपने निवेश को आसानी से विविधता प्रदान कर सकते हैं।

सोने और शेयर का प्रदर्शन

शेयर ने पिछले एक दशक में (सूचकांक के आधार पर) 11-14% सीएजीआर दिया है, जबकि सोने ने 6% का सीएजीआर दिया है। इस वर्ष के दौरान, वैश्विक आंकड़ों की तुलना में भारतीय शेयर बाजार (Sensex/NIFTY 50) का भारतीय बाजार मूल्य क्षरण -3% है, जबकि S&P 500 के लगभग 25% है। दूसरी ओर, सोने ने इस साल अब तक 11 फीसदी वर्तमान वैश्विक भू-राजनीतिक और आर्थिक स्थिति को देखते हुए बढ़ती ब्याज दर के साथ एक परिसंपत्ति वर्ग के रूप में बढ़त हासिल की है। गोल्ड ईटीएफ और भौतिक सोने की मांग जून 2021 तिमाही की तुलना में जून 2022 तिमाही में 43% बढ़ी है।

पोर्टफोलियो विविधीकरण के लिए गोल्ड म्यूचुअल फंड, गोल्ड ईटीएफ और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को शामिल करने और आर्थिक संकट के समय में पोर्टफोलियो के प्रदर्शन को औसत करने का सुझाव दिया गया है। भौतिक सोना व्यक्तिगत खपत का हिस्सा हो सकता है, लेकिन निवेश के रास्ते से, ऊपर बताए गए विकल्पों पर विचार करना चाहिए।

आने वाला है मंदी का सबसे बुरा दौर, 2008 संकट की सटीक भविष्यवाणी करने वाले अर्थशास्त्री ने चेताया

आने वाला है मंदी का सबसे बुरा दौर, 2008 संकट की सटीक भविष्यवाणी करने वाले अर्थशास्त्री ने चेताया

अमेरिका समेत दुनिया भर में मंदी का सबसे लंबा और बुरा दौर आने वाला है। ये आशंका अर्थशास्त्री नूरील रूबिनी को है। ये वही अर्थशास्त्री हैं, जिन्होंने साल 2008 के आर्थिक संकट की सही भविष्यवाणी की थी। इस मंदी के बाद दुनिया भर के शेयर बाजार क्रैश हो गए थे और बड़े पैमाने पर नौकरियां जाने लगी थीं। अब एक बार फिर नूरील रूबिनी ने मंदी की आहट पहचान ली है।

क्या कहा नूरील रूबिनी ने: रूबिनी का मानना है कि अमेरिका और वैश्विक स्तर पर मंदी की शुरुआत इस साल के अंत में होगी, जो 2023 के आखिर तक चल सकती है। यह एक लंबा वक्त होगा, इस दौरान दुनियाभर की इकोनॉमी तबाही के मंजर देख सकती है।

कुछ दिनों से भारतीय शेयर बाजार (Stock Market) में अस्थिरता का दौर जारी है. नए जमाने की टेक कंपनियों के शेयर औंधे मुंह ग . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : February 19, 2022, 12:01 IST

नई दिल्‍ली. जेफरीज (Jefferies) के ग्लोबल इक्विटीज हेड S&P500 किसके लिए है? क्रिस्टोफर वुड (Christopher Wood) हाल ही में भारत सहित दुनिया भर के बाजारों में आई गिरावट को एक खतरनाक संकेत मानते हैं. वुड का कहना है कि इस गिरावट और साल 2000 में आई गिरावट में कुछ ऐसी समानताएं हैं जिनके आधार पर कहा जा सकता है कि बाजारों में शुरू हुई यह गिरावट जल्‍द रुकने वाली नहीं है.

वुड ने अपने हालिया वीकली न्यूजलेटर में कहा कि साल 2000 में न्यूयॉर्क एक्सचेंज सहित दुनिया भर के बाजारों में आई भारी गिरावट से जोड़कर देखा जा सकता है. उस वक्त सबसे पहले डॉटकॉम कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई थी. जबकि बाकी बाजार थोड़ी अस्थिरता के साथ कारोबार कर रहा था. लेकिन अगले छह महीनों में S&P500 इंडेक्स भी धराशायी हो गया.

इस बार भी टेक शेयर धराशायी

क्रिसटोफर वुड का कहना है कि अमेरिका और भारत सहित दुनिया भर में टेक कंपनियों या नए जमाने की कंपनियों के शेयरों (Tech Shares) में पिछले एक-दो महीने से भारी बिकवाली देखने को मिल रही है. अमेरिका में लगभग सभी प्रमुख टेक कंपनियों को शामिल करने वाला इंडेक्स Nasdaq 100 पिछले कुछ महीनों में 16 फीसदी से अधिक गिर चुका है.

भारत में भी पेटीएम (Paytm share price), जोमैटो (Zomato Share price), कार ट्रेड और पीबी फिनटेक समेत कई नए जमाने की कंपनियों के शेयर अपने सबसे निचले स्तर पर कारोबार कर रहे हैं. कुछ कंपनियों के शेयर तो अपने आईपीओ इश्यू प्राइस (IPO Issue Price) से भी नीचे हैं. अमेरिका में फेसबुक के शेयरों (Facebook Share Price) में गिरावट आई है. वीरवार को फेसबुक के शेयर गिरकर 565 अरब डॉलर के मार्केट वैल्यू पर बंद हुए और अब S&P500 किसके लिए है? यह बड़ी कंपनियों की लिस्ट में खिसकर 11वें नंबर पर आ गई है. इस तरह फेसबुक के शेयरहोल्डरों की संपत्ति पिछले कुछ हफ्तों में घटकर आधी हो गई है.

जल्‍द नहीं रुकेगी गिरावट

क्रिस्टोफर वुड ने अपने न्‍यूजलेटर में कहा है कि, “मुझे आज की स्थिति सन 2000 की याद दिलाती है. मेरा मानना है कि अब ये गिरावट नहीं रुकने वाली है और धीरे-धीरे इसका असर दूसरे सेक्टर में होगा.” फिलहाल बाजार एनालिस्‍ट्स का कहना है कि निवेशकों को इस समय आय में अच्छी ग्रोथ वाली मार्केट लीडर कंपनियों के साथ बने रहने की जरूरत है.

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