LIC के IPO में लॉट साइज 15 शेयरों का है. अधिकतम 14 लॉट के लिए निवेशक बिड कर सकते कम से कम कितने शेयर खरीद सकते हैं हैं. (reuters)

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आप बस एक क्लिक में Apple के शेयर खरीद सकते हैं, जानिए कैसे?

Google, एपल, फेसबुक, माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियों के शेयरों से होने वाला मुनाफा देखकर आपने भी इनमें निवेश करने के बारे में सोचा होगा। अगर कुछ ऐसा ही खयाल आपके मन में है तो हम बता रहे हैं कि आप कैसे निवेश कर सकते हैं।

Apple का कम से कम कितने शेयर खरीद सकते हैं मार्केट कैपिटलाइजेशन करीब 2.51 लाख करोड़ डॉलर है। इसके बाद माइक्रोसॉफ्ट लगभग 2.27 लाख करोड़ करोड़ डॉलर पर है। अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड होने के बावजूद एपल के शेयर्स को भारत में खरीदा जा सकता है।

नैस्डेक स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड एपल के शेयर्स को खरीदना आपके iPhone से NSE पर ट्रेडिंग वाले स्टॉक्स को खरीदने जितना ही आसान है।

स्टॉक मार्केट के एक्सपर्ट्स ने बताया कि कुछ ऐप्स भारतीय इनवेस्टर्स को आसानी से विदेशी स्टॉक्स को खरीदने की सुविधा देती हैं।

एपल के शेयर का प्राइस अभी लगभग 152 डॉलर है और इसकी 52 सप्ताह की रेंज 103.10 डॉलर से 154.98 डॉलर के बीच है। मौजूदा मार्केट प्राइस पर एपल के शेयर का देश में प्राइस लगभग 11,000 रुपये है। हालांकि, इनवेस्टर्स एपल, एमेजॉन या माइक्रोसॉफ्ट सहित अमेरिकी स्टॉक्स का कुछ हिस्सा भी खरीद सकते हैं।

क्या है Buyback ?

Buyback का मतलब है वापस खरीदना।

यह IPO से विरुद्ध प्रक्रिया है। जैसे IPO में कंपनी अपने शेयर निवेशकों को सीधा बेचती है।

उसी तरह Buyback में कंपनी अपने शेयर धारको से अपनी कंपनी के शेयर वापस ख़रीदती है।

जब किसी कंपनी अपने व्यापार के लिए सभी खर्च करने के बाद कुछ पैसा बचता है तब वह अपने शेयरधारकों को लाभ देने के लिए अपने शेयर को तय किए गए दाम से वापस खरीदती है।

यह दाम उस कंपनी के शेयर बाजार में चल रहे दाम से कुछ प्रतिशत ज़्यादा तय किया जाता है।

यह प्रतिशत 3,4,5,10 या फिर कुछ भी हो सकता है।

कई कंपनिया तो 30 प्रतिशत ऊचे दाम पर शेयर वापस खरीदती है।

कोई कंपनी ऊँचे दाम पर शेयर क्यों खरीदती है ?

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अपने शेयर को उचे दाम पर खरीदने की वजह कुछ ऐसी हो सकती है।

उचे दाम पर खरीदने की वजह से लोग सीधा शेयर बाजार से उस कंपनी के शेयर को खरीदते है जिस से उस कंपनी के शेयर का दाम बढ़ जाता है।

और उचे दाम पर शेयर खरीद कर कंपनी अपने शेयर धारको को लाभ देती है।

इस मौके का फायदा उठाकर हम शेयर बाजार से कम जोखिम लेकर पैसा कमा सकते है वो भी कम समय में।

जोखिम कम कैसे होता है?

इस प्रक्रिया में शेयर बेचने का दाम तो तय होता है, और आप जिस दाम पर बाजार से शेयर खरीदेंगे उस से आपको मिलने वाला लाभ तय होता है।

जितने कम दाम में आपको शेयर मिलेगा उतना आपको ज़्यादा लाभ मिलेगा। खरीदने और बेचने का दोनो दाम तय हो जाने से जोखिम कम हो जाता है।

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शेयर बाजार में बिना जोखम के कुछ नहीं होता। इस में जोखिम यह है की जैसे शेयर वापस खरीदने का दाम तय होता है। उसी तरह कितने शेयर खरीदने है उसकी संख्या भी तय होती है। इस लिए अगर आपने 100 शेयर के लिए आवेदन किया हो तो कंपनी हमेशा 100 शेयर कम से कम कितने शेयर खरीद सकते हैं नहीं खरीदती। कंपनी कितने प्रतिशत शेयर खरीदेगी वो Buy Back में आवेदन करने वाले निवेशक और कुल Buy Back के लिए आए आवेदन पर आधारित है।

Buy Back की पूरी प्रक्रिया :

1) कंपनी के शेयर के Buy Back का ऐलान :

पहले कंपनी Buy Back का ऐलान करती है जिसमे की Buyback का दाम और कितने शेयर Buy Back करेगी वो संख्या का ज़िक्र होता है।

2) Buy Back की Record Date का ऐलान :

कुछ समय के बाद कंपनी Buyback की Record Date का ऐलान करती है।
Record Date वह तारीख है जिस दिन आपके Demat Account में उस कंपनी के शेयर होने चाहिए।

3) Buyback कम से कम कितने शेयर खरीद सकते हैं के खुलने और बंद होने की तारीख का ऐलान :

Record Date का एलान करने के कुछ समय बाद कंपनी यह जानकारी देती है की कब Buyback शुरू होगा और कब ख़त्म होगा।

शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं, तो जरूरी है Demat Account होना, जानें कैसे खुलता है, क्या होता है चार्ज

शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं, तो जरूरी है Demat Account होना, जानें कैसे खुलता है, क्या होता है चार्ज

Demat Account : शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने के लिए जरूरी है डीमैट अकाउंट. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

शेयर बाजार में ट्रेडिंग (Share Market Trading) कर पैसा बहुत से लोग बनाना चाहते हैं लेकिन शेयर्स खरीदने और बेचने के लिए जिस डीमैट अकाउंट की जरूरत होती है, उसके बारे में कम ही जानकारी होती है. डीमैट अकाउंट कैसे काम करता है, इस खाते को खोलने के लिए जरूरी कागजात कौन से होते हैं और कितनी फीस डीमैट खाते को खोलने के लिए खर्च करनी पड़ती है. ऐसे बहुत सारे सवालों के जवाब हम आपको इस खबर की मदद से दे रहे हैं क्योंकि शेयर ट्रेडिंग के लिए डीमैट अकाउंट होना जरूरी है, इसके बिना ट्रेडिंग नहीं की जा सकती है.

तो आइए जानते हैं डीमैट खाते से जुड़ी हर जरूरी जानकारी.

जिस तरह से बैंक अकाउंट होता है. इसी तरह से डीमैट अकाउंट भी बैंक खाते की तरह काम करता है. शेयर बाजार को रेगुलेट करने वाली संस्था SEBI के साफ निर्देश हैं कि बिना डीमैट खाते के शेयरों को किसी भी अन्य तरीके से खरीदा और बेचा नहीं जा सकता है.

डीमैट खाते की सबसे अच्छी बात होती है ये जीरो अकाउंट बैलेंस के साथ भी खोला जा सकता है. इसमें मिनिमम बैलेंस रखने की जरूरत नहीं होती है. शेयर बाजार में निवेश के लिए निवेशक के पास बैंक अकाउंट, ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट खाता होने चाहिए क्योंकि डीमैट खाते में आप शेयरों को डिजिटल रूप से अपने पास रख सकते है. तो वहीं ट्रेडिंग अकाउंट से मदद से शेयर, म्युचुअल फंड और गोल्ड में निवेश किया जा सकता है.

कैसे खोलें डीमैट खाता

- शेयरों में ऑनलाइन निवेश करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी डीमैट खाता होता है. आप इसे HDFC सिक्योरिटीज, ICICI डायरेक्ट, Axis डायरेक्ट जैसे किसी भी ब्रोकरेज के पास खुलवा सकते हैं.

- ब्रोकरेज फर्म का फैसला लेने के बाद आप उसकी वेबसाइट पर जाकर डीमैट अकाउंट ओपन करने का फॉर्म सावधानी से भरने के बाद उसकी KYC प्रोसेस को पूरा करें.

- KYC के लिए फोटो आईडी प्रूफ, एड्रेस प्रूफ के लिए डॉक्यूमेंट की जरूरत कम से कम कितने शेयर खरीद सकते हैं पड़ेगी. जब ये प्रोसेस पूरी हो जाएगा तो उसके बाद इन-पर्सन वेरिफिकेशन होगा. संभव है जिस फर्म से आप डीमैट कम से कम कितने शेयर खरीद सकते हैं कम से कम कितने शेयर खरीद सकते हैं अकाउंट खुलवा रहे हों, वो अपने सर्विस प्रोवाइडर के दफ्तर आपको बुलवाएं.

- इस प्रोसेस को पूरा होने के बाद आप ब्रोकरेज फर्म के साथ टर्म ऑफ एग्रीमेंट साइन करते है. ऐसा करने के बाद आपका डीमैट अकाउंट खुल जाता है.

- फिर आपको डीमैट नंबर और एक क्लाइंट आईडी दी जाएगी.

कौन खोलेगा डीमैट खाता

इंडिया में डीमैट खाता खोलने का काम दो संस्थाएं करती है. जिसमें पहली है NSDL (National Securities Depository Limited) और दूसरी है CDSL (central securities depository limited). 500 से अधिक एजेंट्स इन depositories के लिए काम करते है, जिनको आम भाषा में डीपी भी कहा जाता है. इनका काम डीमैट अकाउंट खोलना होता है.

डीमैट अकाउंट खोलने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी शर्त होती है कि जो व्यक्ति शेयर ट्रेडिंग के लिए डीमैट अकाउंट खुलवा रहा हो उसकी उम्र 18 साल से ज्यादा होनी चाहिए. साथ ही इसके लिए उस व्यक्ति के पास पैन कार्ड, बैंक अकाउंट आइडेंटिटी और एड्रेस प्रूफ होना जरूरी है.

जिस ट्रेडिंग कंपनी के जरिए शेयर बाजार में पैसा लगा रहे, वही बंद हो गई तो क्‍या होगा? जानिए आपका पैसा डूबेगा या बचा रहेगा

जिस ट्रेडिंग कंपनी के जरिए शेयर बाजार में पैसा लगा रहे, वही बंद हो गई तो क्‍या होगा? जानिए आपका पैसा डूबेगा या बचा रहेगा

अब आम आदमी भी शेयर बाजार में निवेश कर ज्‍यादा रिटर्न पाने में रुचि दिखा रहा है. यही कारण है कि बीते एक साल में रिकॉर्ड संख्‍या में डीमैट अकाउंट खोले गए हैं. पिछले महीने तक के आंकड़ों के अनुसार देशभर में करीब 6.9 करोड़ डीमैट अकांउट्स हैं. हालांकि, दूसरे देशों के मुकाबले आबादी के लिहाज से यह अनुपात अभी भी बहुत कम है. भारतीय शेयर बाजार में सबसे ज्‍यादा पैसा महाराष्‍ट्र, गुजरात और उत्‍तर प्रदेश के लोग लगाते हैं. लक्षद्वीप, अंडमान एवं निकोबार से लेकर मिज़ोरम तक के लोग शेयर बाजार से अच्‍छी कमाई कर रहे हैं.

ब्रोकरेज कंपनी बंद होने पर आपके निवेश का क्‍या होगा?

आप यह जानकार राहत की सांस ले सकते हैं कि स्‍टॉक ब्रोकिंग कंपनी के डिफॉल्‍ट करने या बंद होने के बाद भी आपकी पूंजी या फंड पूरी तरह से सुरक्षित रहेगा. ऐसा नहीं होगा कि कम से कम कितने शेयर खरीद सकते हैं कम से कम कितने शेयर खरीद सकते हैं स्‍टॉक ब्रोकर आपकी पूंजी लेकर भाग जाए. उदाहरण के तौर पर देखें तो जब हर्षद मेहता स्‍कैम सामने आया था, तब उनकी ब्रोकिंग कंपनी ग्रो मोर रिसर्च एंड एसेट मैनेजमेंट को सेबी ने बैन कर दिया था. लेकिन इस कंपनी के जरिए शेयर बाजार में पैसा लगाने वाले लोगों को कोई नुकसान नहीं हुआ.

आपको सबसे पहले यह समझने की जरूरत कि ये स्‍टॉक ब्रोकिंग कंपनियां महज एक बिचौलिए के तौर पर काम करती हैं. आपके फंड पर इनकी पहुंच सीधे तौर पर नहीं होती है ताकि वे आपकी पूंजी पर अपना हम जमा सकें. लेकिन इनके पास पड़ी अपनी फंड या पूंजी को इस्‍तेमाल करने के लिए आप इन्‍हें निर्देश दे सकते हैं.

स्‍टॉक्‍स और शेयरों का क्‍या होगा?

आपका फंड डीमैट कम से कम कितने शेयर खरीद सकते हैं अकाउंट में जमा होता है. ये डीमैट अकाउंट डिपॉजिटरीज के पास खुलात है. सेबी ने दो डिपॉजिटरीज – नेशनल सिक्‍योरिटीज डिपॉजिटरीज लिमिटेड (NSDL) और सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (इंडिया) लिमिटेड (CDSL) को मंजूरी दी है. भारत सरकार के वित्‍त मंत्रालय के प्रति सेबी की जवाबदेही होती है.

किसी भी समय पर एक निवेशक का स्‍टॉक या शेयर ब्रोकरेज फर्म्‍स के पास नहीं होता है. वे बस एक प्‍लेटफॉर्म के तौर पर काम करते हैं. इनका काम बस आपके निर्देश के हिसाब से आपकी जगह ट्रेड करना है. बदले में ये आपसे फीस वसूलते हैं.

इसी प्रकार आपका म्‍यूचुअल फंड इन्‍वेस्‍टमेंट एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) के पास होता है. ऐसे में अगर ब्रोकरेज फर्म बंद भी हो जाता है तो आपका म्‍यूचुअल फंड सुरक्षित रहेगा.

LIC IPO: निवेशकों के लिए बंपर ऑफर, 2 लाख है लिमिट लेकिन 6 लाख के खरीद सकते हैं शेयर, आखिर कैसे?

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LIC के IPO में लॉट साइज 15 शेयरों का है. अधिकतम 14 लॉट के लिए निवेशक बिड कर सकते हैं. (reuters)

LIC IPO/Bumper Offer: देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) का इनिशियल पब्लिक आफरिंग यानी IPO रिटेल निवेशकों के लिए 4 मई को खुल रहा है. इसमें 9 मई तक निवेश किया जा सकता है. कंपनी ने IPO के लिए प्राइस बैंड 902-949 रुपये प्रति शेयर तय किया है. वहीं इसमें लॉट साइज 15 शेयरों का है. अधिकतम 14 लॉट के लिए निवेशक बिड कर सकते हैं. हालांकि कंपनी ने DRHP में जो प्रावधान रखे हैं, उसके तहत एक निवेशक अगर पॉलिसीहोल्डर है और कर्मचारी भी तो वह अतिरिक्त शेयरों के लिए बिड कर सकता कम से कम कितने शेयर खरीद सकते हैं है. एक तरह से ऐसे निवेशकों के लिए यह बंपर ऑफर हो सकता है.

ऐसे कर सकते हैं 3 गुना शेयरों कम से कम कितने शेयर खरीद सकते हैं के लिए बिड

LIC ने निवेश के लिए ​रिटेल कोटे के साथ पॉलिसीहोल्डर्स और कर्मचारियों की कटेगिरी भी रखी है. अगर आप रिटेल निवेशक हैं और साथ ही पॉलिसीहोल्डर्स और कंपनी के कर्मचारी भी, तो आप सभी कटेगिरी के लिए अलग अलग बिड कर सकते हैं. इस तरह से आपकी कुल लिमिट 3 गुना हो जाएगी. यानी आप करीब 6 लाख रुपये के शेयरों के लिए आवेदन कर सकते हैं.

यहां एक फायदा और भी है. पॉलिसीहोल्डर्स कटेगिरी के तहत आपको प्रति शेयर 60 रुपये और कर्मचारी कटेगिरी के तहत 40 रुपये प्रति शेयर की छूट भी मिलेगी. ऐसे में कुछ रिटेल निवेशकों के लिए यह ऑफर ही नहीं बंपर ऑफर हो सकता है. हालांकि पॉलिसीहोल्डर्स कटेगिरी में इसका लाभ तभी मिलेगा, जब 13 अर्पेल 2022 के पहले आपने पॉलिसी ली हो.

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क्या है इश्यू का साइज, लॉट साइज

LIC के आईपीओ के जरिये सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी में अपनी 3.5 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी. इससे सरकार को 21,000 करोड़ रुपये मिलेंगे.

LIC के IPO का लाॅट साइज 15 शेयरों का रखा गया है. कोई भी निवेशक अधिकतम 14 और कम से कम एक लाॅट के लिए अप्लाई कर सकता है. अपर प्राइस बैंड 949 रुपये के लिहाज से इसमें कम से कम 14235 रुपये और अधिकतम 199290 रुपये निवेश्या का प्रावधान है.

कंपनी के शेयर की लिस्टिंग NSE और BSE पर 17 मई 2022 को होगी. एंकर निवेशकों के लिए यह 2 मई को खुलेगा. LIC के IPO के लिए रजिस्ट्रार Kfin Technologies लिमिटेड है.

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